RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 14 संघीय सरकार are part of RBSE Solutions for Class 8 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 14 संघीय सरकार.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 8 |
Subject | Social Science |
Chapter | Chapter 14 |
Chapter Name | संघीय सरकार |
Number of Questions Solved | 50 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 14 संघीय सरकार
पाठगत प्रश्न
(गतिविधि – पृष्ठ संख्या 100)
प्रश्न 1.
अपने शिक्षक की सहायता से केन्द्र और राज्यों के मध्य शक्ति विभाजन के अनुसार संघ सूची, राज्य सूची एवं समवर्ती सूची में शामिल प्रमुख विषयों को लिखिए।
उत्तर:
संघ सूची में राष्ट्रीय महत्त्व के 97 विषय शामिल किये गए हैं, जैसे-
- रेलवे
- डाक-तार
- संचार
- रक्षा
- विदेशी मामले
- युद्ध और शांति
- मुद्रा
- बीमा
- बैंक
- अखिल भारतीय सेवाएँ
- आयकर
- सीमा शुल्क
- खानेखनिज आदि।
राज्य सूची में 66 विषय हैं। स्थानीय महत्त्व के विषय इस सूची में रखे गये हैं, जैसे स्थानीय स्वशासन, पुलिस, जेल, न्याय, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, सड़कें आदि।
समवर्ती सूची में 47 विषय हैं। जैसे – दीवानी और फौजदारी कानून, दण्ड विधि, विवाह, तलाक, श्रमिक संघ, कारखाने, विद्युत, सामाजिक सुरक्षा, मूल्य नियन्त्रण, समाचार पत्र, परिवार नियोजन आदि।
(गतिविधि-पृष्ठ संख्या 102)
प्रश्न 2.
अपने शिक्षक की सहायता से निम्नलिखित सारणी की पूर्ति कीजिए।
क्रम सं. | लोकसभा | राज्यसभा |
1. अधिकतम सदस्य संख्या | ||
2. वर्तमान सदस्य संख्या | ||
3. सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु | ||
4. राजस्थान से सदस्यों की संख्या | ||
5. कार्यकाल | ||
6. वर्तमान अध्यक्ष/सभापति | ||
7. वर्तमान उपाध्यक्ष/उपसभापति |
उत्तर:
क्रम सं. | लोकसभा | राज्यसभा |
1. अधिकतम सदस्य संख्या | 552 | 250 |
2. वर्तमान सदस्य संख्या | 545 | 250 |
3. सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु | 25 वर्ष | 30 वर्ष |
4. राजस्थान से सदस्यों की संख्या | 25 | 10 |
5. कार्यकाल | 5 वर् | 6 वर्ष |
6. वर्तमान अध्यक्ष/सभापति | श्रीमती सुमित्रामहाजन | श्री मो. हामिद अंसारी |
7. वर्तमान उपाध्यक्ष/उपसभापति | एम. थम्बिदुरई | पी.जे. कुरियन |
(गतिविधि – पृष्ठ संख्या 105)
प्रश्न 3.
भारत के प्रथम राष्ट्रपति से वर्तमान तक के राष्ट्रपति के चित्रों का संग्रह करके उनके कार्यकाल सहित एक चार्ट पर चिपका कर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
नोट – विद्यार्थी उक्त राष्ट्रपतियों के चित्रों का संग्रह कर उनके कार्यकाल सहित एक चार्ट में चिपकाकर कक्षा में प्रदर्शित करें।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(A) संघात्मक व्यवस्था की विशेषता है
(अ) शक्तियों का विभाजन
(ब) शक्तियों का केन्द्रीयकरण
(स) न्यायालय की स्वतन्त्रता का अभाव
(द) सर्वाधिकारवादी शासन
उत्तर:
(अ) शक्तियों का विभाजन
(B) संसद का अंग नहीं है
(अ) राज्यसभा
(ब) लोकसभा
(स) राष्ट्रपति
(द) राज्यपाल
उत्तर:
(द) राज्यपाल
प्रश्न 2.
भारत संघ में कितने राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश हैं?
उत्तर:
भारत संघ में 29 राज्य और 7 केन्द्रशासित प्रदेश हैं।
प्रश्न 3.
राष्ट्रपति लोकसभा में कितने सदस्य मनोनीत करता है?
उत्तर:
राष्ट्रपति लोकसभा में दो सदस्य मनोनीत करता
प्रश्न 4.
संघीय मन्त्रिपरिषद् किसके प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है?
उत्तर:
लोकसभा के प्रति
प्रश्न 5.
राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
उत्तर:
राष्ट्रपति का चुनाव-राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मण्डल के सदस्यों द्वारा किया जाता है। इस निर्वाचक मण्डल में संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य तथा राज्यों व संघ-शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। राष्ट्रपति का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार एकल संक्रमणीय मत से गुप्त मतदान द्वारा होता है।
प्रश्न 6.
लोकसभा के गठन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
लोकसभा का गठन
- लोकसभा संसद का निम्न एवं जनप्रतिनिधि सदन है, जहाँ भारतीय मतदाता वयस्क मताधिकार के आधार पर अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं।
- लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है। वर्तमान में इसमें 545 सदस्य हैं। 530 राज्यों से, 13 केन्द्र-शासित प्रदेशों से एवं 2 आंग्ल-भारतीय समुदाय से राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य हैं।
- लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष रखा गया है। लेकिन मन्त्रिपरिषद् उसे समय से पहले भंग करने की सिफारिश राष्ट्रपति को कर सकती है। इसीलिए इसे अस्थायी सदन भी कहा जाता है।
(4) लोकसभा के सदस्य अपने में से किसी एक सदस्य को अध्यक्ष व एक को उपाध्यक्ष चुनते हैं अध्यक्ष लोकसभा की बैठकों का संचालन करता है
प्रश्न 7.
भारत में संसदीय प्रणाली अपनाने के दो कारंण लिखिए।
अथवा
हमारे देश में संसदीय प्रणाली को क्यों अपनाया गया है?
उत्तर:
भारत में संसदीय प्रणाली अपनाने के दो प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
- संघीय शासन व्यवस्था के अन्तर्गत हमारे देश में संसदीय शासन प्रणाली को अपनाया गया है, क्योंकि उत्तरदायित्व के मामले में संसदीय शासन प्रणाली अन्य शासन प्रणालियों से बेहतर है। इसमें कार्यपालिका संसद के प्रति उत्तरदायी होती है।
- इस व्यवस्था में शासन का संवैधानिक अध्यक्ष राष्ट्रपति। होता है, किन्तु वास्तव में राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग। कार्यपालिका अर्थात् मन्त्रिपरिषद् के द्वारा किया जाता है। इसमें कार्यपालिका एवं व्यवस्थापिका के बीच में समन्वय बना रहता है।
प्रश्न 8.
राष्ट्रपति की शक्तियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
भारत के राष्ट्रपति की शक्तियों का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर:
राष्ट्रपति की शक्तियाँ राष्ट्रपति की शक्तियों को मोटे रूप से दो भागों में बाँटा जा सकता है-
- सामान्य परिस्थितियों में प्रयोग में लाई जाने वाली सामान्यकालीन शक्तियाँ और
- विशेष परिस्थितियों में प्रयोग में लाई जाने वाली आपातकालीन शक्तियाँ। यथा
सामान्यकालीन शक्तियाँ | आपातकालीन शक्तियाँ |
1. संसद के सत्र को बुलाना और उसके प्रथम अधिवेशन को सम्बोधित करना। | 1. अनुच्छे द 352 के अनुसार युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में आपातकाल लगाना। |
2. संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर हस्ताक्षर करना। | 2. अनुच्छेद 356 के अनु-सार किसी राज्य मेंंवैधानिक संकट उत्पन्न होने पर वहाँ आपात काल लगाना। |
3. अध्यादेश जारी करना। | 3. अनुच्छेद 360 के अन्तर्गत वित्तीय संकट आने पर वित्तीय आपातकाल लगाना। |
4. प्रधानमन्त्री, मन्त्रिपरिषद् के सदस्यों, राज्यपालों सहित कई महत्त्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियाँ करना। | |
5. विभिन्न देशों के साथ समझौते या संधि करना। | |
6. राष्ट्रपति अपनी मंजूरी देकर बजट को संसद में प्रस्तुत कराता है। | |
7. अपराधियों की सजा को माफ, कम या स्थगित करना। मृत्यु-दण्ड के मामले में क्षमादान करने का अधिकार केवल राष्ट्रपति को है। | |
8. राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का प्रधान सेनापति होता है। वह थल, जल एवं वायुसेना के प्रमुखों की नियुक्ति करता है तथा युद्ध व उसकी समाप्ति की घोषणा करता |
प्रश्न 9.
प्रधानमन्त्री की शक्तियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
संसदीय व्यवस्था में राष्ट्रपति केवल नाम मात्र का कार्यपालिका प्रमुख होता है तथा वास्तविक कार्यपालिका शक्तियाँ प्रधानमंत्री में निहित होती हैं ? इस कथन के आधार पर प्रधानमंत्री को प्राप्त किन्हीं चार शक्तियों को लिखिये।
उत्तर:
प्रधानमन्त्री की शक्तियाँ राष्ट्रपति की सभी शक्तियों का प्रयोग वास्तव में प्रधानमन्त्री द्वारा किया जाता है। केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद् के प्रमुख के रूप में प्रधानमन्त्री की शक्तियाँ निम्नलिखित हैं
- वह मन्त्रियों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति को परामर्श देता है।
- वह मन्त्रियों को विभिन्न मन्त्रालय आवण्टित करता है। एवं उनमें फेरबदल करता है।
- वह मन्त्रिपरिषद् की बैठकों की अध्यक्षता करता है। तथा सभी मन्त्रियों के कार्यों को नियन्त्रित, निर्देशित एवं उनमें समन्वय स्थापित करता है।
- वह बहुमत दल का नेता होने के कारण सदन के नेता के रूप में कार्य करता है।
- वह राष्ट्रपति और मन्त्रिपरिषद् के बीच सम्पर्क कड़ी के रूप में कार्य करता है।
- वह समय-समय पर राष्ट्रपति को महत्त्वपूर्ण वैधानिक मामलों और कार्यपालिका के निर्णयों के बारे में जानकारी देता है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
बहुविकल्पात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से कौनसा संघात्मक व्यवस्था का लक्षण नहीं है
(अ) शासन की शक्तियों का विभाजन
(ब) शासन की शक्तियों का केन्द्रीयकरण
(स) द्विस्तरीय शासन
(द) स्वतन्त्र व निष्पक्ष न्यायपालिका
उत्तर:
(ब) शासन की शक्तियों का केन्द्रीयकरण
प्रश्न 2.
निम्न में से किस देश में एकात्मक शासन व्यवस्था है
(अ) भारत
(ब) संयुक्त राज्य अमेरिका
(स) ग्रेट ब्रिटेन
(द) स्विट्जरलैण्ड
उत्तर:
(स) ग्रेट ब्रिटेन
प्रश्न 3.
भारतीय संविधान में निम्न में से कौनसा लक्षण एकात्मक व्यवस्था का है-
(अ) संविधान की सर्वोच्चता
(ब) शक्तियों का विभाजन
(स) स्वतन्त्र सर्वोच्च न्यायालय
(द) इकहरी नागरिकता।
उत्तर:
(द) इकहरी नागरिकता।
प्रश्न 4.
भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचक मण्डल है
(अ) भारत के समस्त वयस्क नागरिक
(ब) संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य तथा राज्यों व संघशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
(स) संसद के दोनों सदनों के समस्त सदस्य
(द) राज्यों की विधानसभाओं के समस्त सदस्य
उत्तर:
(ब) संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य तथा राज्यों व संघशासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य
प्रश्न 5.
वर्तमान में लोकसभा के सदस्यों की संख्या है।
(अ) 545
(ब) 552
(स) 250
(द) 530
उत्तर:
(अ) 545
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :
1. संसद का गठन राष्ट्रपति, लोकसभा और ………….. से मिलकर होता है। (विधानसभा/राज्यसभा)
2. ………… राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री तथा मन्त्रिपरिषद् से मिलकर बनती है। (संघीय कार्यपालिका/प्रान्तीय कार्यपालिका)
3. भारत में राष्ट्रपति ………….. अध्यक्ष होता है। (संवैधानिक/वास्तविक)
4. भारत संघ मे ……….. राज्य और 7 केन्द्र-शासित प्रदेश हैं। (29/28)
5. संघीय मन्त्रिपरिषद् ………….के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है। (लोकसभा/राज्यसभा)
उत्तर:
1. राज्यसभा
2. संघीय कार्यपालिका
3. संवैधानिक
4. 29
5. लोकसभा
निम्न कथनों के आगे (✓) अथवा गलत (✘) का चिह्न लगाएँ।
1. भारतीय संघ में दोहरी नागरिकता को माना जाता है।
2. लोकस’ ग एक स्थायी सदन है।
3. राज्यसभा के सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष है।
4. उपराष्ट्रपति को महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है।
5. राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत दल के नेता को प्रधानमन्त्री नियुक्त करता है।
उत्तर:
1. ✘
2. ✘
3. ✓
4.✓
5. ✓
निम्नलिखित में स्तम्भ’अ’ को स्तम्भ ‘ब’ से सुमेलित कीजिए।
स्तम्भ ‘अ’ | स्तम्भ ‘ब’ |
(i) 6 वर्ष को कार्यकाल | लोकसभा का सदस्य |
(ii) राज्यसभा का पदेन सभापति | प्रधानमन्त्री |
(iii) 5 वर्ष का कार्यकाल | राज्यसभा का सदस्य |
(iv) लोकसभा में बहुमत ‘दल का नेता | उपराष्ट्रपति |
उत्तर:
स्तम्भ ‘अ’ | स्तम्भ ‘ब’ |
(i) 6 वर्ष को कार्यकाल | राज्यसभा का सदस्य |
(ii) राज्यसभा का पदेन सभापति | उपराष्ट्रपति |
(iii) 5 वर्ष का कार्यकाल | लोकसभा का सदस्य |
(iv) लोकसभा में बहुमत ‘दल का नेता | प्रधानमन्त्री |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आपको लोकसभा चुनाव हेतु निम्नलिखित उम्मीदवारों के आवेदन प्राप्त हुए हैं
1. अमेरिकी नागरिक आयु 32 वर्ष
2. भारतीय नागरिक आयु 25 वर्ष
3. राजस्थानी नागरिक आयु 21 वर्ष
इनमें से किस उम्मीदवार का चयन करेंगे?
उत्तर:
2. भारतीय नागरिक आयु 25 वर्ष
प्रश्न 2.
आपको राज्यसभा चुनाव हेतु निम्नलिखित उम्मीदवारों के आवेदन प्राप्त हुए हैं
1. ब्रिटिश नागरिक आयु 35 वर्ष
2. राजस्थानी नागरिक आयु 26 वर्ष
3. भारतीय नागरिक आयु 32 वर्ष
आप इनमें से किस उम्मीदवार का चयन करेंगे?
उत्तर:
3. भारतीय नागरिक आयु 32 वर्ष।
प्रश्न 3.
आपको राष्ट्रपति पद हेतु निम्नलिखित उम्मीदवारों के आवेदन प्राप्त हुए हैं
1. नेपाली नागरिक आयु 40 वर्ष
2. भारतीय नागरिक आयु 38 वर्ष
3. राजस्थानी नागरिक आयु 32 वर्ष
आप इनमें से किस उम्मीदवार का चयन करेंगे?
उत्तर:
2. भारतीय नागरिक आयु 38 वर्ष
प्रश्न 4.
संघीय शासन व्यवस्था में राष्ट्रीय सरकार को किन नामों से जाना जाता है?
उत्तर:
संघीय शासन व्यवस्था में राष्ट्रीय सरकार को संघ सरकार (संघीय सरकार) तथा केन्द्रीय सरकार के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 5.
भारतीय संविधान में संघात्मक व्यवस्था के कोई दो लक्षण लिखिए।
उत्तर:
- संविधान की सर्वोच्चता
- शक्तियों का केन्द्र और राज्यों के बीच स्पष्ट विभाजन
प्रश्न 6.
भारतीय संविधान में एकात्मक व्यवस्था के कोई दो लक्षण लिखिए।
उत्तर:
- इकहरी नागरिकता
- संघीय सरकार को राज्य सरकारों से अधिक अधिकार।
प्रश्न 7.
भारत में संघीय व्यवस्थापिका से क्या आशय है?
उत्तर:
भारत में संघीय व्यवस्थापिका से आशय है–संसद के दोनों सदन और राष्ट्रपति।
प्रश्न 8.
राजस्थान राज्य से लोकसभा के लिए कितने सांसद निर्वाचित होते हैं?
उत्तर:
राजस्थान राज्य से लोकसभा के लिए 25 सांसद निर्वाचित होते हैं।
प्रश्न 9.
राज्यसभा के लिए राष्ट्रपति द्वारा कौनसे व कितने सदस्य मनोनीत किये जाते हैं?
उत्तर:
12 सदस्य मनोनीत किये जाते हैं। ये सदस्य कला, साहित्य, विज्ञान और समाज-सेवा के क्षेत्र में विशेषज्ञ व अनुभवी होते हैं।
प्रश्न 10.
राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल कितना है?
उत्तर:
राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष है।
प्रश्न 11.
राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए किसी व्यक्ति को कम-से-कम कितने वर्ष का होना आवश्यक है?
उत्तर:
30 वर्ष का।
प्रश्न 12.
भारत में राज्यसभा का पदेन सभापति कौन होता है?
उत्तर:
भारत में उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
प्रश्न 13.
महाभियोग से क्या आशय है?
उत्तर:
संसद द्वारा राष्ट्रपति तथा सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को पद से हटाने की विधि महाभियोग कहलाती
प्रश्न 14.
मन्त्रिपरिषद् किसे कहते हैं?
उत्तर:
केबिनेट मन्त्री, राज्यमन्त्री एवं उप-मन्त्रियों को सम्मिलित रूप से मन्त्रिपरिषद् कहा जाता है।
प्रश्न 15.
भारत में राष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है?
उत्तर:
भारत में राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
प्रश्न 16.
दिये गये पदों में से संघीय कार्यपालिका में सम्मिलित दो सही पदों को चुनिये– राष्ट्रपति, वार्ड पंच, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद्, अध्यापक।
उत्तर:
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत के राष्ट्रपति संसद और कार्यपालिका दोनों के भाग हैं, स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
भारत के राष्ट्रपति संसद और कार्यपालिका दोनों के सदस्य हैं क्योंकि संसद जो भी विधेयक पारित करती है, वह राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ही कानून बनता है एवं राष्ट्रपति पद को ही संविधान ने कार्यपालिका की शक्तियाँ सौंपी हैं। राष्ट्रपति ही संसद की बैठक बुलाता है तथा प्रथम बैठक को सम्बोधित भी करता है। इसलिए राष्ट्रपति व्यवस्थापिका और कार्यपालिका दोनों के भाग हैं।
प्रश्न 2.
लोकसभा के सदस्य की अर्हताएँ क्या हैं?
उत्तर:
लोकसभा के सदस्य की अर्हताएँ-लोकसभा का सदस्य बनने के लिए व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताएँ होना आवश्यक हैं-
- वह भारत को नागरिक हो।
- वह कम-से-कम 25 वर्ष की आयु का हो।
- वह किसी लाभ के पद पर कार्यरत न हो।
- वह विकृत मस्तिष्क को या दिवालिया न हो।
प्रश्न 3.
क्या आप जानते हैं कि राजस्थान राज्य से कितने सदस्य लोकसभा व राज्यसभा के लिए भेजे जाते हैं?
उत्तर:
राजस्थान राज्य से 25 सांसद लोकसभा के लिए निर्वाचित होते हैं और 10 सांसद राज्यसभा के लिए निर्वाचित होते हैं।
प्रश्न 4.
राष्ट्रपति पद की योग्यताएँ लिखिए।
अथवा
राष्ट्रपति बनने के लिए क्या-क्या योग्यताएँ आवश्यक हैं?
उत्तर:
राष्ट्रपति पद की योग्यताएँ – संविधान के अनुसार देश का राष्ट्रपति बनने के लिए व्यक्ति को निम्नलिखित अर्हताएँ या योग्यताएँ पूरी करनी आवश्यक हैं
- वह भारत का नागरिक हो।
- वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
- वह लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता रखता हो।
- वह किसी लाभ के पद पर आसीन न हो।
प्रश्न 5.
मन्त्रिपरिषद् और मन्त्रिमण्डल में क्या अन्तर है?
उत्तर:
मन्त्रिपरिषद् और मन्त्रिमण्डल में अन्तर – मन्त्रिपरिषद् में सभी प्रकार के मन्त्री; जैसे-कैबिनेट मन्त्री, राज्यमन्त्री, उपमन्त्री आदि शामिल होते हैं जबकि मन्त्रिमण्डल में केवल महत्त्वपूर्ण विभागों के मन्त्री अर्थात् कैबिनेट स्तर के मन्त्री ही। होते हैं। अतः मन्त्रिमण्डल, मन्त्रिपरिषद् का ही एक भाग है।
प्रश्न 6.
मन्त्रिपरिषद् का गठन किस प्रकार रोता है?
उत्तर:
मन्त्रिपरिषद् का गठन – आम चुनावों के बाद लोकसभा में जिस दल या दलों के गठबन्धन के सदस्यों के द्वारा अपना एक नेता चुना जाता है, बहुमत दल के इसी नेता को राष्ट्रपति प्रधानमन्त्री के पद पर नियुक्त करता है प्रधानमन्त्री के परामर्श से राष्ट्रपति मन्त्रिपरिषद् के मन्त्रियों को नियुक्त करता है। जब तक लोकसभा में मन्त्रिपरिषद् को बहुमत प्राप्त रहता है, तब तक वह अपने पद पर बनी रहती है।
प्रश्न 7.
भारत के उपराष्ट्रपति के पद के लिए क्या योग्यताएँ होनी चाहिए?
उत्तर:
भारत के उपराष्ट्रपति के पद के लिए निम्नलिखित योग्यताएँ होनी चाहिए।
- वह भारत का नागरिक हो
- वह 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।
- वह राज्यसभा सदस्य बनने के लिए योग्य हो।
प्रश्न 8.
भारत के उपराष्ट्रपति की निर्वाचन विधि को समझाइये।
उत्तर:
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के निर्वाचक मण्डल द्वारा किया जाता है। राष्ट्रपति के निर्वाचन की तरह उपराष्ट्रपति का निर्वाचन भी एकल संक्रमणीय मत प्रणाली एवं आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के द्वारा गुप्त मतदान से होता है।
प्रश्न 9.
‘कानून बनाने के मामले में भारतीय संसद को राज्य विधायिका से अधिक शक्ति प्राप्त है।’ इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कानून बनाने के मामले में भारतीय संसद को राज्य विधायिका से अधिक शक्ति प्राप्त है क्योंकि देश में संघ सूची और समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने की शक्ति संसद के पास है यद्यपि समवर्ती सूची के विषयों पर राज्य विधायिका भी कानून बना सकती है लेकिन एक समय में एक ही विषय पर दोनों ने कानून बना लिया है, तो संसद का कानून मान्य रहेगा। तीसरे, विशेष अवसरों पर संसद राज्य सूची के विषयों पर भी कानून बना सकती है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारतीय संविधान में संसदीय प्रणाली को अपनाया गया है। इसकी विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संसदीय शासन प्रणाली की विशेषताएँ भारतीय संविधान द्वारा संसदीय प्रणाली को अपनाया गया है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ अग्रलिखित हैं
- संसदीय शासन में कार्यपालिका और व्यवस्थापिका में समन्वय रहता है।
- इसमें प्रधानमन्त्री और उनकी मन्त्रिपरिषद् लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होते हैं।
- इसमें मन्त्रिपरिषद् के सदस्य व्यवस्थापिका के सदस्य होते हैं और वे अपने पद पर तब तक आसीन रहते हैं जब तक व्यवस्थापिका का उनमें विश्वास रहे।
- इसमें व्यवस्थापिका एक निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित होती है।
- इसमें राष्ट्रपति शासन के संवैधानिक अध्यक्ष होते हैं। उनकी शक्तियों का प्रयोग वास्तव में मन्त्रिपरिषद् के द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 2.
भारत में संघीय व्यवस्थापिका से क्या आशय है? राज्यसभा के गठन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में संघीय व्यवस्थापिका-भारत में संघीय व्यवस्थापिका से आशय है-संसद के दोनों सदन (लोकसभा एवं राज्यसभा) तथा राष्ट्रपति राज्यसभा का गठन संसद के दूसरे सदन अर्थात् राज्यसभा को उच्च एवं राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाला सदन कहा गया है। इसके गठन को निम्न प्रकार स्पष्ट किया गया है
- सदस्य संख्या – राज्यसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 है। इसमें 238 सदस्यों का निर्वाचन होता है। इस सदन के सदस्यों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रूप से जनता के द्वारा किया जाता है। इसके 12 सदस्यों को राष्ट्रपति के द्वारा मनोनीत किया जाता है। मनोनीत सदस्य कला, साहित्य, विज्ञान और समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष ज्ञान प्राप्त और अनुभवी व्यक्ति होते
- स्थायी सदन – राज्यसभा एक स्थायी सदन है। इसे लोकसभा की भाँति भंग नहीं किया जा सकता। प्रत्येक दो वर्ष बाद इसके एक-तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं एवं उनके स्थान पर पुनः एक-तिहाई सदस्यों को चुना जाता है।
- सदस्यों का कार्यकाल – राज्यसभा के सदस्यों (सांसदों) का कार्यकाल 6 वर्ष होता है।
- सदस्यों की अर्हताएँ – राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए किसी व्यक्ति का भारत का नागरिक एवं कम-से-कम 30 वर्ष का होना आवश्यक है। साथ ही ऐसा व्यक्ति किसी भी लाभ के सरकारी पद पर न हो तथा विकृत मस्तिष्क का और दिवालिया न हो।
- अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष – भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं तथा राज्यसभा अपने में से किसी एक सदस्य को उपसभापति निर्वाचित करती है।
प्रश्न 3.
भारत में संसदीय प्रणाली अपनाने के दो कारण लिखिए। संसद के कार्य और शक्तियों का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर:
भारत में संसदीय प्रणाली अपनाने के दो कारण-
[नोट-इसके लिए पाठ्यपुस्तक के प्रश्नों में प्रश्न संख्या 7 का उत्तर देखें ।]
भारतीय संसद के कार्य एवं शक्तियाँ
भारत में संसद द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं-
- कानून का निर्माण – संसद संघ सूची एवं समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाती है। आवश्यकता पड़ने पर वह राज्य सूची के विषयों पर भी कानून निर्माण कर सकती है।
- सरकार पर नियन्त्रण – संसद अपने अधिवेशनों में प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, काम रोको प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव आदि के माध्यम से सरकार पर नियन्त्रण रखती है।
- वित्त पर नियन्त्रण – संसद द्वारा देश के वित्त पर नियन्त्रण रखा जाता है। वह बजट पारित करती है तथा कर लगाने एवं एकत्र करने की अनुमति देती है।
- संविधान संशोधन – संसद संविधान में संशोधन करने की शक्ति रखती है।
- चुनावी कार्य – संसद, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एवं अपने पदाधिकारियों के चुनाव सम्बन्धी कार्य भी करती है।
- न्यायिक कार्य (महाभियोग) – संसद महाभियोग के माध्यम से राष्ट्रपति, उच्चतम व उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के विरुद्ध कार्यवाही कर सकती है।
प्रश्न 4.
आपकी दृष्टि में संविधान निर्माताओं ने भारत के राष्ट्रपति के अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होने की व्यवस्था क्यों की होगी?
उत्तर:
हमारी दृष्टि से संविधान निर्माताओं ने भारत के राष्ट्रपति के अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित होने की व्यवस्था निम्न कारणों से की होगी-
1. लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना – भारतीय संविधान निर्माता भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य’ बनाना चाहते थे लोकतांत्रिक गणराज्य के लिए यह आवश्यक था कि राष्ट्र का प्रमुख राष्ट्रपति-जनता द्वारा निर्वाचित व्यक्ति हो, न कि मनोनीत या वंश परम्परागत।
2. संसदात्मक शासन व्यवस्था – भारतीय संविधान निर्माताओं ने संसदात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया था, न कि अध्यक्षात्मक शासन व्यवस्था को संसदात्मक शासन व्यवस्था में कार्यपालिका के दो अध्यक्ष होते हैं-
- वास्तविक अध्यक्ष और
- नाममात्र का अध्यक्ष
इसमें प्रधानमंत्री वास्तविक अध्यक्ष होता है जो अपने कार्यों के लिए संसद के प्रति उत्तरदायी होता है। नाममात्र का अध्यक्ष संसद के प्रति उत्तरदायी नहीं होता। ऐसी स्थिति में यदि राष्ट्रपति प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा निर्वाचित होता तो वह नाम-मात्र का अध्यक्ष बन कर नहीं रह सकता था।
3. संसदात्मक शासन व्यवस्था और लोकतांत्रिक गणराज्य में संतुलन स्थापित करना – लोकतांत्रिक गणराज्य और संसदात्मक शासन व्यवस्था में संतुलन स्थापित करने के उद्देश्य से ही राष्ट्रपति के अप्रत्यक्ष निर्वाचन की व्यवस्था की गई है। यदि संविधान निर्माता अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली को अपनाते तो। राष्ट्रपति के निर्वाचन की व्यवस्था जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से की
जा सकती थी क्योंकि अध्यक्षात्मक व्यवस्था में शासक का प्रमुख और राष्ट्र का प्रमुख एक ही व्यक्ति होता है।
प्रश्न 5.
एकात्मक एवं संघीय शासन व्यवस्था से आपका क्या आशय है? संघात्मक शासन व्यवस्था के लक्षण बतलाते हुए स्पष्ट कीजिए कि भारत में एक संघीय शासन व्यवस्था है।
उत्तर:
एकात्मक शासन व्यवस्था – जब किसी देश में शासन की सारी शक्तियाँ एक ही जगह केन्द्रित रहती हैं। अर्थात् शक्तियों का केन्द्रीयकरण होता है, तो उसे एकात्मक शासन व्यवस्था कहते हैं। संघीय शासन व्यवस्थी-जब किसी देश में शासन की शक्तियाँ केन्द्रीय सरकार के साथ-साथ इकाइयों या राज्यों की सरकारों में स्पष्ट रूप से बंटी होती हैं अर्थात् विकेन्द्रित होती हैं, तो उसे संघीय शासन व्यवस्था कहा जाता है। संघात्मक शासन व्यवस्था के लक्षण-संघात्मक शासन व्यवस्था के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं
- संविधान की सर्वोच्चता
- द्विसदनात्मक विधायिका
- लिखित संविधान
- शासन की शक्तियों का केन्द्र और राज्यों के मध्य स्पष्ट विभाजन
- द्विस्तरीय शासन व्यवस्था अर्थात् केन्द्र और राज्य में दोनों जगह अलग-अलग सरकारें होना।
- स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका की मौजूदगी।
उपर्युक्त लक्षणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि हमारे देश में एक संघीय शासन व्यवस्था है। हमारे संविधान द्वारा संघ, राज्य तथा समवर्ती सूची के अन्तर्गत केन्द्र और राज्यों के बीच उनके कार्यों के विषयों का स्पष्ट विभाजन कर दिया गया है। संघीय सरकार को शक्तियों के मामले में राज्य सरकारों से ज्यादा अधिकार प्राप्त हैं। लेकिन भारत में संघीय शासन व्यवस्था होने के बावजूद भी इकहरी नागरिकता का प्रावधान है।
प्रश्न 6.
भारतीय संघीय शासन व्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत एक विशाल देश है। यहाँ संघीय शासन व्यवस्था को अपनाया गया है। भारत की संघीय शासन व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-
1. संविधान की सर्वोच्चता – भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। भारत की संसद तथा विधानमण्डल अपनी शक्तियाँ, संविधान से प्राप्त करते हैं। वे कानून जो संविधान के अनुरूप नहीं होते उन्हें सर्वोच्च न्यायालय अवैध घोषित कर सकता है।
2. द्विसदनात्मक व्यवस्थापिका – संघात्मक शासन व्यवस्था में देश की व्यवस्थापिका के दो सदन होते हैं। भारत में भी संसद के दो सदन-
- लोकसभा और
- राज्यसभा – हैं। लोकसभा में जनता को प्रतिनिधित्व दिया गया है तथा राज्य सभा में राज्यों को ।
3. लिखित संविधान – भारत के संविधान का अधिकांश भाग लिखित है। इसमें संघ व राज्यों के क्षेत्राधिकार निश्चित किये गये हैं।
4. शासन की शक्तियों का विभाजन – भारत के संविधान द्वारा शक्तियों का विभाजन तीन सूचियों के द्वारा किया गया है। संविधान द्वारा महत्त्वपूर्ण विषय केन्द्र को, स्थानीय महत्त्व के विषय राज्यों को तथा दोनों सरकारों के महत्त्व के विषय दोनों सरकारों को क्रमशः संघ सूची, राज्य सूची तथा समवर्ती सूची के माध्यम से प्रदान किये गये हैं।
5. केन्द्र और राज्यों में अलग – अलग सरकारें होनाअन्य संघीय राज्यों की भांति भारतीय संघ राज्य में दो प्रकार की सरकारें हैं-
- केन्द्रीय सरकार
- प्रान्तों की सरकारें।
दोनों ही स्तरों पर पृथक्-पृथक् कानून बनाने वाली विधायिकाएँ हैं-संसद और राज्य विधानमण्डल। दोनों की कर लगाने की पृथक्-पृथक् शक्तियाँ हैं तथा दोनों का प्रशासनिक ढाँचा और कर्मचारी भी अलग-अलग हैं।
6. स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका – भारत के संविधान में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष उच्चतम न्यायालय की व्यस्था की गई है। सर्वोच्च न्यायालय संविधाने की व्याख्या कर विधियों की सांविधानिकता की जांच कर संविधान की रक्षा करता है।
7. इकहरी नागरिकता – भारत में संघीय शासन व्यवस्था होने के बावजूद भी इकहरी नागरिकता का प्रावधान किया गया है। इसमें संघ तथा राज्यों की पृथक्-पृथक् नागरिकता नहीं है। यह व्यवस्था राज्यों की तुलना में केन्द्र को शक्तिशाली बनाती है।
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