RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 24 संसाधन एवं प्रबन्धन

Rajasthan Board RBSE Class 11 Home Science Chapter 24 संसाधन एवं प्रबन्धन

RBSE Class 11 Home Science Chapter 24 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के सही उत्तर चुनें –
(i) ज्ञान निम्न में से कौन-सा संसाधन है?
(अ) रासायनिक
(ब) भौतिक
(स) आर्थिक
(द) मानवीय
उत्तर:
(द) मानवीय।

(ii) प्रबन्धन एक प्रक्रिया है, जो निरंतर चलती रहती है –
(अ) मानसिक
(ब) शारीरिक
(स) आर्थिक
(द) सामाजिक
उत्तर:
(अ) मानसिका

(iii) आर्थिक लाभ प्राप्त करना किस प्रकार का मूल्य है?
(अ) व्यक्तिगत
(ब) सामाजिक
(स) आन्तरिक
(द) बाह्य
उत्तर:
(द) बाह्य।

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(iv) निम्न में से कौन-सा संसाधन समाप्त हो जाने पर पुनः लौटाया नहीं जा सकता?
(अ) धन
(ब) शक्ति
(स) समय
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) समय।

प्रश्न 2.
संसाधन किसे कहते हैं?
उत्तर:
संसाधन (Resources):
किसी भी स्थान या क्षेत्र में उपलब्ध भौतिक वस्तुओं को संसाधन कहा जाता है जो मनुष्य की किसी भी आवश्यकता की पूर्ति के लिए उपयोग में लायी जा सके।

प्रश्न 3.
गृह प्रबंध को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
गृह प्रबन्ध (House Management):
गृह प्रबन्ध का अर्थ है, घर का प्रबन्ध या व्यवस्था। राजमल पी. देवदास के अनुसार, “गृह व्यवस्था में पारिवारिक लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु पारिवारिक साधनों के उपयोग से संबंधित निर्णयों को सम्मिलित किया जाता है।” निकले एवं डार्सी के अनुसार, “गृह प्रबन्ध आयोजन, संगठन, नियंत्रण एवं मूल्यांकन की वह क्रिया है जिसका उद्देश्य पारिवारिक साधनों के प्रयोग से पारिवारिक लक्ष्यों की पूर्ति करना है।”

प्रश्न 4.
पारिवारिक साधन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
पारिवारिक साधन मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं।
1. मानवीय संसाधन; जैसे –

  • ज्ञान – बुद्धि – आवश्यक जानकारी होना।
  • योग्यता या कौशल; जैसे – सिलाई कला, चित्र कला।
  • रुचि – अभिरूचियाँ, किसी विशेष पाठ्यक्रम में रुचि होना; जैसे – संगीत, कम्प्यूटर।
  • अभिवृत्ति – कार्य के प्रति धारणा या दृष्टिकोण।
  • शक्ति – कार्य को करने की शक्ति।
  • समय – एक घंटा, एक दिन, एक सप्ताह, एक माह, एक वर्ष या सम्पूर्ण जीवन।

2. गैर मानवीय/भौतिक संसाधन:

  • धन – नौकरी, बचत, व्यवसाय, मजूदरी से प्राप्त आय।
  • भौतिक वस्तुएँ – भोजन उपकरण, कार, जमीन, मकान, खेत आदि।
  • सामुदायिक सुविधाएँ – यातायात, स्कूल, अस्पताल।
  • ऊर्जा – गैस, कोयला।

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प्रश्न 5.
गृह प्रबन्ध प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
गृह प्रबन्ध प्रक्रिया (House management process):
जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए गृह व्यवस्था पारिवारिक जीवन का एक महत्त्वपूर्ण पक्ष है। यह एक परिवर्तनशील एवं मानसिक प्रक्रिया है जो निरंतर चलती रहती है। गृह प्रबन्ध के चरण निम्नलिखित हैं –

1. आयोजन (Planning):
प्रबंधन प्रक्रिया में योजना ही सफलता का आधार है। हम सभी प्रतिदिन कई प्रकार के कार्यों की योजना बनाते हैं। जैसे – शिक्षक अपने छात्रों को पढ़ाने की योजना बनाता है, गृहिणी दैनिक कार्यों की योजना बनाती है। अच्छे आयोजन के परिणाम हमेशा उच्च श्रेणी के होते हैं। बिना सोचे-समझे कार्य करने के समय व शक्ति का व्यय अधिक होता हैं। योजना के द्वारा इस प्रकार का हल निकालना चाहिए कि कम से कम साधनों का प्रयोग कर अधिक – से – अधिक लक्ष्य की प्राप्ति कर सके।

2. संगठित करना (Organizing):
संगठन का अर्थ है-हमारी योजना से जुड़े हर पहलू को संगठित करना। जैसे – कौन-कौन से मानवीय साधन और कौन-कौन से भौतिक साधन काम में आएंगे। इस प्रक्रिया में परिवार के कितने सदस्य भाग लेंगे, उनकी क्या भागीदारी होगी। उन सबको एकत्र कर सम्बन्धित व्यक्ति को उनकी जिम्मेदारी बताना, समझाना ताकि विभिन्न क्रियाओं के मध्य सम्बन्ध स्थापित हो जाएँ और वे इस योजना में अपना जुड़ाव तथा महत्त्व जानकर काम कर सकें।

उदाहरण के लिए, किसी पार्टी का आयोजन करते समय व्यक्ति विशेष को जिम्मेदारी नहीं सौंपी जाए और केवल समूह चर्चा की जाए तो हो सकता है कि पार्टी सम्बन्धी सामान बिल्कुल ही न आ पाए या दो – तीन व्यक्ति एक जैसा ही सामान ले आएँ। परन्तु संगठन से सही नेतृत्व प्राप्त होता है। योजना के कार्यों का विभाजन होने से सभी को अपनी – अपनी जिम्मेदारियों का अहसास हो जाता है। सब काम समय पर पूरा हो जाता है, व्यक्ति विशेष पर काम का बोझ नहीं पड़ता है। योजना बनाने के बाद तथा क्रियान्वयन के पहले संगठन का काम पूरा हो जाता है तो क्रियान्वयन आसान हो जाता है क्योंकि संगठन, कार्य सरलीकरण की प्रक्रिया है।

3. क्रियान्वित करना (Implementing):
योजना बनकर जब तैयार हो जाती है तब उसे क्रियान्वित किया जाता है। इस चरण में व्यक्ति योजना के अनुसार कार्य करता है अर्थात् सभी संसाधनों को एकत्रित व संगठित करता है, और सम्बन्धित सदस्यों के साथ योजनानुसार कार्य प्रारम्भ कर दिया जाता है।

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4. नियंत्रण (Controlling):
योजना को क्रियान्वित करते समय इस बात का ध्यान रखना कि योजना जिस उद्देश्य से बनाई गई है, उस उद्देश्य की पूर्ति हो रही है अथवा नहीं, और यदि पूर्ति हो रही है तो वहां पर की गई यह क्रिया नियंत्रण कहलाती है। बिना नियंत्रण के योजना सफल नहीं होती है क्योंकि काल्पनिक योजना और व्यावहारिक योजना में अन्तर आ जाता है और यदि नियंत्रण नहीं हो तो योजना अपने सीमित साधनों में पूरी नहीं हो पाती है।

यदि नियंत्रण करते समय ऐसा लगे कि योजना के अनुसार स्थिति में बदलाव आवश्यक है तो उसी समय सही निर्णय लेकर या फेरबदल करके योजना को क्रियान्वित करना चाहिए। अतः आवश्यकता पड़ने पर योजना का समायोजन करना पड़ता है, क्योंकि कभी-कभी परिस्थिति बदल सकती है या योजना दोषपूर्ण हो सकती है। ऐसी स्थिति में योजना में सुधार लाकर निर्णयों को बदलना पड़ता है।

5. मूल्यांकन (Evaluation):
यह प्रबंधन प्रक्रिया का अन्तिम चरण है। इसमें पूर्व में बनायी गई योजना एवं योजना के नियंत्रण को देखा जाता है कि कौन-सा कार्य किस प्रकार सम्पन्न हुआ। भविष्य की योजना के निर्माण का निर्णय लेने में मूल्यांकन के परिणाम सहायक होते हैं। मूल्यांकन प्रबन्धन का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण यंत्र है।

मूल्यांकन समय – समय पर करते रहना चाहिए जिससे हमें पूर्ण प्रक्रिया की कमियां एवं अच्छाइयों को समझने में मदद मिल सके ताकि भविष्य की योजना बनाते समय इनमें वांछित सुधार लाया जा सके। मूल्यांकन की क्रिया हमें सफलताओं-असफलताओं से परिचित कराती है जिससे हमारे सोचने-विचारने के पुराने ढंगों में अन्तर आता है। मूल्यांकन द्वारा यह स्पष्ट होता है कि हम अपने लक्ष्यों व मूल्यों को प्राप्त करने की दिशा में जा रहे हैं या उनसे अलग हो गए हैं।

RBSE Class 11 Home Science Chapter 24 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 11 Home Science Chapter 24 बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए –
प्रश्न 1.
वे भावनाएँ जो किसी कार्य को करने के लिए प्रेरित या निरुत्साहित करती हैं, कहलाती है –
(अ) रुचियाँ
(ब) सुविधाएँ
(स) अभिवृनि
(द) आत्मीयता
उत्तर:
(स) अभिवृनि

प्रश्न 2.
भौतिक संसाधन है –
(अ) धन
(ब) मकान
(स) जमीन
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

प्रश्न 3.
गृह व्यवस्था श्रृंखला है –
(अ) तत्वों की
(ब) साधनों की
(स) निर्णयों की
(द) लक्ष्यों की
उत्तर:
(स) निर्णयों की

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प्रश्न 4.
आर्थिक लाभ प्राप्त करना किस प्रकार का मूल्य है?
(अ) आन्तरिक
(ब) बाह्य
(स) व्यक्तिगत
(द) सामाजिक
उत्तर:
(ब) बाह्य

प्रश्न 5.
गृह प्रबंधन प्रक्रिया का चरण नहीं है –
(अ) आयोजन
(ब) नियंत्रण
(स) प्रसारण
(द) मूल्यांकन
उत्तर:
(स) प्रसारण

रिक्त स्थान भरिए
निम्नलिखित वाक्यों में खाली स्थान भरिए –
1. प्रत्येक क्रिया को करने हेतु हमें ……… की आवश्यकता होती है।
2. ……… किसी कार्य को करने के लिए उत्प्रेरित या निरुत्साहित करती है।
3. कार्य की कुशलता बढ़ने के फलस्वरूप कार्य की ……….. एवं ………… में बढ़ोत्तरी होती है।
4. मूल्यों की तुलना में लक्ष्य अधिक ………… होते हैं।
5. मूल्यांकन प्रबंधन का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण ………… है।
उत्तर:
1. समय / धन / शक्ति
2. अभिवृत्ति
3. गुणवत्ता, मात्रा
4. निश्चित
5. यंत्र।

सुमेलन
स्तम्भ A तथा स्तम्भ B का मिलान कीजिए –
स्तम्भ A                                     स्तम्भ B
1. आयोजन                           (a) प्रबंधन का यंत्र
2. मूल्यांकन                          (b) भौतिक संसाधन
3. कौशल                             (c) अर्थव्यवस्था
4. सामुदायिक सुविधा             (d) फलता का आधार
5. धन                                  (e) मानवीय संसाधन
उत्तर:
1. (d) फलता का आधार
2. (a) प्रबंधन का यंत्र
3. (e) मानवीय संसाधन
4. (b) भौतिक संसाधन
5. (c) अर्थव्यवस्था

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RBSE Class 11 Home Science Chapter 24 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पारिवारिक साधनों को कितने वर्गों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
पारिवारिक साधनों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है।

प्रश्न 2.
मानवीय साधन कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
समय, शक्ति, ज्ञान, अभिवृत्ति, कौशल इत्यादि मानवीय साधन हैं।

प्रश्न 3.
गैर मानवीय साधन कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
धन, जमीन, सम्पत्ति, जायदाद, सामुदायिक सुविधाएँ भौतिक साधन हैं।

प्रश्न 4.
मानवीय साधनों की सीमा को कैसे बढ़ाया जा सकता है?
उत्तर:
अभ्यास एवं ज्ञान वृद्धि द्वारा मानवीय साधनों की सीमा को बढ़ाया जा सकता है।

प्रश्न 5.
सीमित साधनों का विवेकशीलता से उपयोग करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
सीमित साधनों का विवेकशीलता से अधिकतम उपयोग करने से जीवन – स्तर को उन्नत बनाया जा सकता है।

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प्रश्न 6.
ऊर्जा के स्रोत बताइए।
उत्तर:
ऊर्जा के स्रोत हैं-बिजली, गैस, कोयला आदि।

प्रश्न 7.
राजमल पी. देवदास द्वारा दी गई गृह प्रबंधन की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
“गृह व्यवस्था में पारिवारिक लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु पारिवारिक साधनों के उपयोग से संबंधित निर्णयों को गृह प्रबन्धन में सम्मिलित किया गया है।”

प्रश्न 8.
मानव के लक्ष्य किस प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
मानव के लक्ष्य असीमित होते हैं।

प्रश्न 9.
गृह प्रबन्धन प्रक्रिया का प्रथम चरण क्या है?
उत्तर:
गृह प्रबन्ध प्रक्रिया का प्रथम चरण आयोजन है।

प्रश्न 10.
गृह व्यवस्था के कौन-कौन से उत्प्रेरक हैं?
उत्तर:
मूल्य, लक्ष्य तथा स्तर।

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RBSE Class 11 Home Science Chapter 24 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मानवीय संसाधन के रूप में ज्ञान की आवश्यकता बताइए।
उत्तर:
ज्ञान (Knowledge):
“को शक्ति माना जाता है। ज्ञान तथ्यात्मक तथा सम्बन्ध विषयक दोनों ही प्रकार का हो सकता है। वर्तमान समय में बाजार में विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ एवं उपकरण उपलब्ध हैं। गृहिणी को इन समस्त वस्तुओं का ज्ञान होना चाहिए और इन्हें उपयोग में लाने की कार्य विधि की जानकारी होनी चाहिए।

प्रश्न 2.
“धन एक अति आवश्यक संसाधन है।”समझाइए।
उत्तर:
धन एक अतिआवश्यक भौतिक संसाधन है। विनिमय अर्थव्यवस्था में धन या मुद्रा के बदले विभिन्न वस्तुओं या सेवाओं को प्राप्त किया जा सकता है। जैसे – हम किसी वस्तु को प्राप्त करने के बदले देने वाले को धन अदा करते हैं या चिकित्सक की सेवा लेने के बदले में धन अदा करते हैं। यह साधन सभी के पास समान मात्रा में नहीं पाया जाता है।

प्रश्न 3.
पारिवारिक संसाधनों का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
पारिवारिक संसाधनों का महत्त्व:
गृह प्रबन्धन हेतु पारिवारिक संसाधनों का काफी महत्त्व होता है। परिवार के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए विभिन्न पारिवारिक साधनों की जानकारी व उनके उपयोग का ज्ञान होना चाहिए। साधनों के उचित उपयोग से हम अधिकाधिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं। गृह प्रबन्धक को परिवार के प्रत्येक सदस्य की योग्यता एवं रुचि का आकलन कर अपने लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु उपयोग करना चाहिए। साधन चाहे मानवीय या भौतिक सभी उपयोगी होते हैं। पारिवारिक साधनों के प्रयोग से लक्ष्य की प्राप्ति तो होती है, साथ ही इनसे, लाभ, संतुष्टि एवं आनन्द भी मिलता है।

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प्रश्न 4.
गृह प्रबन्ध की प्रक्रिया क्या है? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
गृह प्रबन्ध की प्रक्रिया:
गृह प्रबन्ध की प्रक्रिया में किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रबंध किया जाता है और उसके योजना एवं क्रियान्वयन पर नियंत्रण रखा जाता है। अन्त में उसकी सफलता या कमी का मूल्यांकन किया जाता उदाहरण के लिए गृहिणी कपड़े धोने का निर्णय लेती है तो विभिन्न क्रियाएँ जैसे-सामान इकट्ठा करना, कपड़े भिगोना, रगड़ना, निचोड़ना आदि कार्य करने होंगे, फलस्वरूप उसका लक्ष्य पूर्ण हो जाएगा।

प्रश्न 5.
गृह प्रबंध प्रक्रिया के चरणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
गृह प्रबंध प्रक्रिया के चरण –

  • आयोजन (Planning)
  • संगठित करना (Organizing
  • क्रियान्वित करना (Implementing)
  • नियंत्रण (Controlling)
  • मूल्यांकन (Evaluation)

RBSE Class 11 Home Science Chapter 24 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मानवीय संसाधनों का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर:
मानवीय संसाधन:
मानवीय साधनों को व्यक्तिगत साधन भी कहा जाता है, क्योकि ये आंतरिक साधन होते हैं। मानवीय साधन सीमित होते हैं परन्तु निरंतर अभ्यास और ज्ञान में वृद्धि करके कुछ सीमा तक बढ़ाए जा सकते हैं।

1. ज्ञान – ज्ञान को शक्ति भी कहते हैं। आजकल बाजार में कई प्रकार के उपकरण उपलब्ध हैं। गृहिणी को इन सभी वस्तुओं का ज्ञान होना व उपयोग में लाने की जानकारी होनी चाहिए। ज्ञान होने पर ही विभिन्न विकल्पों में से उचित का चयन कर सकती है और किसी साधन के व्यर्थ उपयोग से बच सकती है।

2. योग्यता या कौशल योग्य व्यक्ति ही किसी कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न कर सकता है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी काम में कुशल होता है। जैसे – कपड़े सिलने, कढ़ाई करने, भोजन बनाने आदि में।

3. रुचि लक्ष्य प्राप्ति हेतु रुचि एक महत्त्वपूर्ण साधन है। इसके होने से कार्य कुशलता बढ़ जाती है। क्योंकि कार्य में मन लगता है तो कार्य अच्छी तरह सम्पन्न होता है। रुचि कम होने पर कार्य नीरस लगने लगता है और थकान जल्दी होती है।

4. अभिवृत्ति – वे भावनाएँ जो किसी कार्य को करने के लिए प्रेरित या निरूत्साहित करती हैं, अभिवृत्ति कहलाती हैं। कुछ व्यक्ति आशावादी होते हैं और कुछ निराशावादी; जैसे-यदि आप कोई नया कार्य शुरू करना चाहते हैं और पहले ही मन में असफलता का डर लगता है तो आपका कार्य पूर्णतया सफल नहीं होगा इसके विपरीत आशावादी व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी हंसते हुए सामना करता है।

5. शक्ति – घरों में होने वाले विभिन्न शारीरिक व मानसिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए सदस्यों की शक्ति व्यय होती है। शक्ति भी एक सीमित साधन है। अत: किसी भी कार्य को करने का सही तरीका आना चाहिए ताकि कम शक्ति में अधिक कार्य किया जा सके।

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6. समय – समय भी एक महत्त्वपूर्ण मानवीय साधन है। यह गुजर जाने पर पुनः वापस नहीं लाया जा सकता। प्रत्येक व्यक्ति को सीमित एवं बराबर समय प्राप्त होता है। अत: समय का सदुपयोग करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है।

प्रश्न 2.
गैर-मानवीय या भौतिक संसाधनों का परिचय दीजिए।
उत्तर:
गैर-मानवीय या भौतिक संसाधन:
भौतिक संसाधनों को प्राप्त किया जा सकता है, क्योंकि ये आंतरिक नहीं होते हैं। इन्हें देखा और महसूस किया जा सकता है। ये संसाधन निम्न प्रकार हैं –

1. धन-विनिमय अर्थ – व्यवस्था में धन या मुद्रा के बदले, वस्तुओं या सेवाओं को प्राप्त किया जा सकता है। जैसे—हमचिकित्सक की सेवा लेने पर बदले में धन अदा करते हैं। यह साधन सबके पास समान मात्रा में नहीं होता है।

2. भौतिक वस्तुएँ – धन के द्वारा हम भौतिक वस्तुएँ एवं सम्पत्ति प्राप्त करते हैं। जैसे – भोजन, कपड़ा, मकान, जमीन, खेत आदि। इन सभी भौतिक वस्तुओं का उपयोग लक्ष्य प्राप्ति हेतु किया जाता है।

3. सामुदायिक सुविधाएँ – परिवार समाज की इकाई होता है। समाज के द्वारा ही परिवार को कुछ सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं जिनके लिए प्रत्यक्ष रूप से भुगतान नहीं किया जाता। सभी व्यक्ति अपनी आवश्यकता और सामर्थ्य के अनुसार इनका उपयोग करते हैं। जैसे – विद्यालय, चिकित्सालय, पुस्तकालय, पार्क, सड़क, पुलिस संरक्षण, परिवहन, जल, बिजली वितरण आदि।

4. ऊर्जा – ऊर्जा हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। ऊर्जा के विभिन्न स्रोत हैं। जैसे – बिजली, गैस, कोयला आदि। यह कई कार्यों हेतु उपयोग में लाई जाती है। जैसे-रोशनी, खाना बनाना, पंखे चलाना, पानी व स्थान को गर्म करना।

प्रश्न 3.
प्रबंधन की आवश्यकता समझाइए।
उत्तर:
प्रबंधन की आवश्यकता:
मनुष्य अपने सभी कार्यों को कुशलतापूर्वक करना चाहता है। वह अपने लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु विभिन्न उपलब्ध मानवीय एवं गैर-मानवीय साधनों का उपयोग करता है। चूँकि मानव के लक्ष्य असीमित होते हैं एवं साधन सीमित, अत: इनके बीच समायोजन करने हेतु प्रबंध की आवश्यकता महसूस होती है। प्रबंध की अनुपस्थिति में लक्ष्यों की पूर्ति व साधनों का अधिकतम उपयोग कर पाना मुश्किल होता है। सीमित साधन होने के कारण प्रबंधन का महत्त्व अत्यधिक विस्तृत होता जा रहा है।

उदाहरणार्थ- पेट्रोल का भण्डार दिन – प्रतिदिन घटता जा रहा है और इसकी आवश्यकता बढ़ती जा रही है। अतः हम सभी को इसका उपयोग इस प्रकार व्यवस्थित ढंग से करना चाहिए कि कम पेट्रोल द्वारा अधिक दूरी तय की जा सके। जैसे एक ही ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी अलग-अलग वाहनों से न जाकर एक ही वाहन से ऑफिस में जाएँ तो इससे पेट्रोल कम खर्च होगा। इसके अलावा आधुनिक पारिवारिक जीवन में परिवर्तन होने से घर की व्यवस्था प्रभावित हुई है।

जैसे – एकांकी परिवार की महिला यदि कामकाजी है तो बच्चों की देखभाल में समस्या आती है। ऐसे में संतोषप्रद तरीके से हल निकालने हेतु प्रबंध के ज्ञान की आवश्यकता होती है। आधुनिक घरों की सफल व्यवस्था के लिए साधनों के संबंधन में निर्णय लेने हेतु परिवार का सहयोग आवश्यक है। किसी भी कार्य की सफलता अच्छे प्रबन्ध पर निर्भर करती है। अत: जीवन में प्रत्येक लक्ष्य की प्राप्ति में प्रबन्ध का महत्त्व है।

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प्रश्न 4.
आयोजन को समझाते हुए इसकी विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
आयोजन (Planning):
निकले एवं डार्सी के अनुसार “एक वांछित लक्ष्य तक पहुँचने के विभिन्न सम्भावित मार्गों के सम्बंध में सोचना, कल्पना करना, प्रत्येक योजना की समाप्ति तक अनुगम करना, और व्यापक योजना का चुनाव करना ही आयोजन है।”आयोजन बनाना अर्थात् सरल शब्दों में, हम कह सकते हैं कि हम यह निर्णय लें कि हमें क्या करना है, कब करना है, कैसे करना है, तथा उस काम को करने के लिए हमें किस प्रकार का साधन मिलेगा। योजना एक मानसिक प्रक्रिया कहीं गई है क्योंकि इसके लिए बुद्धिमता का होना आवश्यक है; योजना में हर कार्य क्रमबद्धता से होना आवश्यक है, इसीलिए यह विज्ञान से जुड़ गया है।

योजना हमेशा कार्य शुरू करने से पहले बुनाई जाती है। आयोजन या योजना की विशेषताएँ –

  • योजना एक लगातार और स्वतः होने वाली मानसिक प्रक्रिया है।
  • योजना उपलब्ध साधनों के उपयोग की दृष्टि से वास्तविक होती है।
  • योजना इस प्रकार बनाई जानी चाहिए कि वह व्यक्ति या समूह की आवश्यकता को पूरा कर सके।
  • योजना में परिवार के सदस्य अपनी योग्यतानुसार कार्य कर सकें।
  • योजना में लचीलापन हो ताकि आवश्यक परिवर्तन किया जा सके।

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