RBSE Class 10 Hindi व्याकरण लोकोक्तियाँ

Rajasthan Board RBSE Class 10 Hindi व्याकरण लोकोक्तियाँ

‘लोक + उक्ति’ से निर्मित शब्द ‘लोकोक्ति’ का सामान्य अर्थ कहावत है। ऐसी उक्ति जो लोक (समाज) में प्रचलित हो और जिसका गूढ़ अर्थ उस समाज के लोग भलीभाँति समझते हों, लोकोक्ति कहलाती है। प्रसिद्ध विद्वान् डॉ. वासुदेवशरण अग्रवाल ने लोकोक्ति के सम्बन्ध में कहा है-“लोकोक्तियाँ मानवीय ज्ञान के चोखे और चुभते हुए सूत्र हैं।”

वास्तव में लोकोक्तियाँ किसी भी समाज की अमूल्य भाषायी धरोहर होती हैं। इनमें समाज के लोगों के खरे और भोगे हुए अनुभवों का सार समाया रहता है। वस्तुत: लोकोक्तियाँ राख में दबी चिनगारियों की तरह होती हैं, जो जरा-सा कुरेदने पर आग की तरह पूर्ण ऊर्जा देने लगती हैं। हिन्दी के पाठक, श्रोता और वक्ता तीनों ही लोकोक्तियों का सम्यक् ज्ञान प्राप्त कर इनके प्रयोग में दक्षता ग्रहण कर सकते हैं।

प्रमुख लोकोक्तियाँ, अर्थ एवं वाक्य-प्रयोग
RBSE Class 10 Hindi व्याकरण लोकोक्तियाँ Q1

RBSE Class 10 Hindi व्याकरण लोकोक्तियाँ

पाठ्य-पुस्तक के पाठों में प्रयुक्त लोकोक्तियाँ

पाठ 10. एक अद्भुत अपूर्व स्वप्न

1. लोकोक्ति – कुछ जल कुछ गंगाजल।
अर्थ – मिलावट से काम चलाना।
वाक्य-प्रयोग – व्यापार में तो कुछ जल और कुछ गंगाजल से काम चलाना पड़ता है।

पाठ 11. ईदगाह

2. लोकोक्ति – हराम का माल हराम में जाये।
अर्थ – पाप की कमाई बच नहीं पाती।
वाक्य-प्रयोग – नोटबंदी में हराम की कमाई हराम में ही गई।

पाठ 12. स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्को का खंडन

3. लोकोक्ति – स्त्रियों के लिए पढ़ना कालकूट और पुरुषों के लिए पीयूष पूँट।
अर्थ – एक ही कार्य के परस्पर विरोधी परिणाम मानना।
वाक्य-प्रयोग – बेटी पढ़ाओ’ अभियान ने इस लोकोक्ति को असत्य घोषित कर दिया है कि “स्त्रियों के लिए पढ़ना कालकूट और पुरुषों के लिए पीयूष घूँट” ।

4. लोकोक्ति – शिक्षा बहुत व्यापक शब्द शब्द है।
अर्थ – शिक्षा किसी एक विषय तक सीमित नहीं।
वाक्य-प्रयोग – शिक्षा बहुत व्यापक शब्द है इसे केवल शब्द है उसे केवल साक्षरता तक सीमित करना उचित नहीं।

पाठ 13. अमर शहीद
5. लोकोक्ति- जिस थाली में खाए उसी में छेद करे।
अर्थ: उपकार को भुलाना।
वाक्य-प्रयोग- देश विरोधी नारे लगाने वाले जिस थाली में खा रहे हैं उसी में छेद कर रहे हैं।

6. लोकोक्ति-नींव के पत्थर का महत्व हर कीर्तिस्तम्भ से बढ़कर होता है।’
अर्थ: देश-धर्म पर बलिदान होने वालों का यश राजा-महाराजाओं से बढ़कर होता है।
वाक्य-प्रयोग – भारत की स्वतन्त्रता के लिए आत्म बलिदान होने वाले शहीदों का यश अतुलनीय है क्योंकि नींव के पत्थरों का यश हर कीर्तिस्तम्भ से बढ़कर होता है।

7. लोकोक्ति – ‘एक लौ जलकर ही हजारों दीप जला सकती है।
अर्थ – एक देश-भक्त के बलिदान से ही हजारों लोगों में देश के लिए बलिदान होने की भावना जागती है।
वाक्य-प्रयोग – भगतसिंह के आत्मबलिदान ने हजारों नौजवानों में देशभक्ति की ज्योति जगा दी। सच है एक लौ जलकर ही हजारों दीप जला सकती है।

8. लोकोक्ति-‘प्राण पखेरू जाने कब उड़ जाएँ’?
अर्थ – मानव जीवन बड़ा अनिश्चित होता है।
वाक्य-प्रयोग – जब भी अवसर मिले, मनुष्य को अच्छे काम अवश्य कर डालने चाहिए क्योंकि पता नहीं प्राणपखेरू कब उड़ जाएँ?

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9. लोकोक्ति-ईर्ष्या तू न गई मेरे मन से।’
अर्थ – ईर्ष्या के भाव को मन से निकाल पाना बड़ा कठिन है।।
वाक्य – प्रयोग-जिसे देखो वही किसी न किसी से ईर्ष्या करता है। धर्माचार्यों के उपदेश भी ईर्ष्या से मुक्त नहीं करा पाते। बस यही कह सकते हैं-ईष्र्या! तू न गई मेरे मन से।

पाठ 16. गौरा

10. लोकोक्ति-गाय करुणा की कविता है। अर्थ-गाय की आँखों से करुणा का भाव झलकता है।
वाक्य-प्रयोग – गाय की पूजा इसलिए होती है कि उसका सारा जीवन पर उपकार में बीतता है।
इसीलिए गाँधी जी ने कहा था कि ‘गाय करुणा की कविता है।’

पाठ 18. लोक संत दादू दयाल

11. लोकोक्ति-‘निरबैरी निहकामी साध, ता सिर देत बहुत अपराध।’
अर्थ – किसी से बैर न करने वाले और निष्काम स्वभाव वाले सज्जनों पर लोग दोष लगाया करते हैं।
प्रयोग – दुष्टों से कोई वश नहीं चलता, सज्जनों को निशाने पर लेते हो। सच कहा है- “निरबैरी, निकामी साध, ता सिर देत बहुत अपराध।”

12. लोकोक्ति – दादू निंदा ताकौं भावै, जाकै हिरदे राम न आवै।
अर्थ – ईश्वर विरोधी को निंदा करना अधिक सुहाता है।
प्रयोग – लोग आज किसी की निंदा में बड़ा रस लेते हैं। जब भगवान का डर नहीं तो यही होना है। कहते हैं न“दादू निंदा ताकौं भावै, जाकै हिरदे.राम न आवै।”

पाठ 18. लोकसंत पीपा

13. लोकोक्ति-‘जो ब्रह्माण्डे सोई पिण्डे’।
अर्थ – परमात्मा ही जीव में आत्मा रूप से विद्यमान है।
प्रयोग – भारतीय दर्शन आत्मा और परमात्मा को एक ही तत्व मानता आया है। इसीलिए यह कथन प्रसिद्ध है-‘जो ब्रह्माण्डे सोई पिण्डे’।

14. लोकोक्ति -‘एकै मारग तें सब आया।’
अर्थ – मनुष्य मात्र का जन्म एक ही प्रकार से होता है। अतः सभी बराबर हैं।
वाक्य-प्रयोग – मनुष्यों के बीच ऊँच-नीच की भावना रखना अज्ञान और अहंकार का द्योतक है, संतजन कहते हैं-‘एकै मारग ते सब आया’ इस सूक्ति का यही भाव है।

RBSE Class 10 Hindi व्याकरण परीक्षोपयोगी प्रजोत्तर

प्रश्न 1.
लोकोक्ति किसे कहते हैं?
उत्तर:
लोक में प्रचलित परम्परागत कहावतें लोकोक्ति कहलाती हैं। इसमें लोक-सत्य विद्यमान होता है। ये अपने आप में पूर्ण अर्थ वाली लाक्षणिक भाषा से सम्पन्न होती हैं।

प्रश्न 2.
‘नाच न जाने आँगन टेढ़ा।’ लोकोक्ति का अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
पराजित टीम के कप्तान ने सारा दोष पिच पर डाल दिया तो दर्शक कहने लगे, नाच न जाने आँगन टेढ़ा।

प्रश्न 3.
‘कोयले की दलाली में हाथ काले।’ कहावत को वाक्य-प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शंकरलाल ने मिट्टी के तेल का काम प्रारम्भ किया, फिर शिकायत करने लगे कि हाथ, पैर, कपड़े सबसे तेल की दुर्गन्ध आती है। हमने कहा-“भाई कोयले की दलाली में हाथ काले तो होंगे ही।”

प्रश्न 4.
‘मान न मान, मैं तेरा मेहमान।’ इस लोकोक्ति का स्वनिर्मित वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
कुछ सहपाठी अक्सर मेरे घर आकर बैठ जाते हैं न स्वयं पढ़ते हैं, न मुझे पढ़ने देते हैं। निर्लज्जता की भी सीमा होती है बिना कहे जाते ही नहीं हैं। सही है-मान ने मान मैं तेरा मेहमान।

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प्रश्न 5.
‘अधजल गगरी छलकत जाय।’ इस लोकोक्ति का अर्थ वाक्य-प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सिद्धार्थ दो विषयों में एम. ए. है, लेकिन कितना विनम्र है, जबकि उसका भाई अभी ग्रेजुएट भी नहीं हो पाया है, लेकिन अपनी योग्यता का बखान करते नहीं थकता। सच है अधजल गगरी छलकत जाय।

प्रश्न 6.
जिसकी लाठी उसकी भैंस।’ वाक्य में प्रयोग करके इस लोकोक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बन्दूकधारियों ने मतदान केन्द्र पर कब्जा कर लिया और मतदाताओं से बोले-“जाओ तुम्हारे वोट पड़ गये।” एक वृद्ध मतदाता बोला-“हाँ भाई, जिसकी लाठी उसकी भैंस का जमाना है।”

प्रश्न 7.
‘दूध का जला छाछ भी फेंक-फेंक कर पीता है।’ इस लोकोक्ति का अर्थ वाक्य में प्रयोग करके स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
रमेश सदा बिना टिकिट चलता था। कुछ दिन पहले पकड़ा गया था। छह सौ रुपये देने पड़े। अब तो प्लेटफार्म टिकिट लिये बिना वह स्टेशन पर भी नहीं जाता। सच है, दूध का जला छाछ भी फेंक-फेंक कर पीता है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित लोकोक्ति का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिएचोर-चोर मौसेरे भाई।
उत्तर:
चोर-चोर मौसेरे भाई-समान प्रकृति के लोग शीघ्र ही निकट आ जाते हैं। आयुष और अक्षत् दोनों ही वाद-विवाद प्रतियोगिता में सदैव भाग लेते हैं, तभी तो मित्र हैं। चोर-चोर मौसेरे भाई होते हैं।

प्रश्न 9.
‘एक तो करेला, ऊपर से नीम चढ़ा’ लोकोक्ति का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
एक तो करेला, ऊपर से नीम चढ़ा-दुष्ट व्यक्ति का कुसंगति में रहना।
उनके दोनों पुत्र पहले से ही झूठे और मक्कार थे। अब वे भ्रष्टाचारियों के साथ रहने लगे। उन पर एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा वाली कहावत चरितार्थ होती है।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित लोकोक्ति का अर्थ बताते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिएउतर गयी लोई तो क्या करेगा कोई।
उत्तर:
उतर गयी लोई तो क्या करेगा कोई-निर्लज्ज व्यक्ति का कोई क्या बिगाड़ सकता।
सेठ शंकरलाल चाँदी की तस्करी में कई बार सजा काट चुके हैं, फिर भी उसी धन्धे में लगे हैं। सच है, उतर गयी लोई तो क्या करेगा कोई

प्रश्न 11.
निम्नलिखित लोकोक्ति का अर्थ बताते हुए वाक्य-प्रयोग कीजिए
‘दूध का दूध, पानी का पानी।’
उत्तर:
दूध का दूध, पानी का पानी-सही निर्णय किया जाना। पंचों ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया।

प्रश्न 12.
दाल-भात में मूसलचन्द’ लोकोक्ति का आशय लिखिए।
उत्तर:
किन्हीं दो के बीच में बाधक तीसरा व्यक्ति।

प्रश्न 13.
‘मान न मान, मैं तेरा मेहमानं लोकोक्ति का आशय लिखिए।
उत्तर:
न चाहने पर भी गले पड़ना।

प्रश्न 14.
‘थोथा चना बाजै घना’ लोकोक्ति का आशय लिखिए।
उत्तर:
थोथा चना बाजै घना-थोड़ी सम्पत्ति (ऐश्वर्य या ज्ञान) वाला व्यक्ति अधिक घमण्ड करता है।

प्रश्न 15.
छछूदर के सिर में चमेली का तेल’ लोकोक्ति का आशय लिखिए।
उत्तर:
अयोग्य व्यक्ति द्वारा उच्चकोटि की वस्तु का उपयोग ।

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प्रश्न 16.
‘चुपड़ी और दो-दो’ लोकोक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इस लोकोक्ति का अर्थ है-इच्छित वस्तु दो गुनी मात्रा में प्राप्त होना।

प्रश्न 17.
‘सूर समर करनी करहिं कहि न जनावहिं आपु’-लोकोक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘सूर……आपु’ लोकोक्त का अर्थ है-सुयोग्य व्यक्ति अपनी सामर्थ्य को काम करके और उसमें सफल होकर प्रकट करते हैं, अपनी योग्यता का वर्णन अथवा आत्म-प्रशंसा करके नहीं।

प्रश्न 18.
‘नौ दिन चले अढाई कोस’-लोकोक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नौ दिन चले अढ़ाई कोस लोकोक्ति का अर्थ है-बहुत धीमी गति से चलनी अथवा काम करना।

प्रश्न 19.
‘पराधीन सपनेह सुख नाहीं’ लोकोक्ति को इस प्रकार वाक्य में प्रयोग करें कि अर्थ स्पष्ट हो जाये।
उत्तर:
अर्थ-दूसरे के अधीन रहकर सुख की प्राप्ति नहीं होती।
वाक्य-परतन्त्र भारत में भारतीय अंग्रेजों के अधीन रहकर अनेकों कष्ट उठाते थे। इसलिए तो कहा गया है कि पराधीन सपनेहु सुख नहीं।

प्रश्न 20.
निम्नलिखित भाव को व्यक्त करने वाली लोकोक्ति लिखिए
(क) अपने दोष को छिपाने के लिए साधनों की कमी बताना।
(ख) दुष्ट लोग प्रेम की भाषा नहीं समझते।
(ग) शरीर के बल से बुद्धिबल श्रेष्ठ होता है।
(घ) अपराधी का संशकित होना।
(ङ) शक्तिशाली की पूजा सभी करते हैं।
उत्तर:
(क) नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
(ख) लातों के भूत बातों से नहीं मानते।
(ग) अक्ल बड़ी या भैंस।
(घ) चोर की दाढ़ी में तिनका।
(ङ) जिसकी लाठी उसकी भैंस।

RBSE Class 10 Hindi व्याकरण अभ्यास प्रश्न

1. निम्नलिखित लोकोक्तियों को इस प्रकार वाक्य में प्रयुक्त कीजिये कि उनके अर्थ स्पष्ट हो जायें
(क) नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
(ख) बद अच्छा बदनाम बुरा।
(ग) चोर की दाढ़ी में तिनका।
(घ) टके का सारा खेल।

2. लोकोक्ति को अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए-‘नाचे कूदे तोड़े तान, उसका दुनिया रखती मान’।

3. निम्नलिखित अर्थ वाली लोकोक्तियों को लिखिए
(क) प्रत्यक्ष वस्तु के लिए प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती।
(ख) अपनी कमी भी दूसरों पर थोपना।
(ग) अच्छे व्यक्ति के लिए सभी अच्छे होते हैं।
(घ) साधारण-सी वस्तु की असाधारण सुरक्षा करना।

4. निम्नलिखित लोकोक्तियों के अर्थ लिखिए
(क) अंधों. में काना राजा।
(ख) ऊँची दुकान फीका पकवान।
(ग) करेला और नीम चढ़ा।
(घ) आँख के अंधे नाम नैन सुख।

5. निम्नलिखित लोकोक्तियों का अर्थ बताते हुए अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए
(क) कोयले की दलाली में काले हाथ।
(ख) जल में रहकर मगर में बैर।

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