RBSE Solutions for Class 10 Social Science Chapter 18 उपभोक्ता एवं विधिक जागरूकता तथा सूचना का अधिकार

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Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 10
Subject Social Science
Chapter Chapter 18
Chapter Name उपभोक्ता एवं विधिक जागरूकता तथा सूचना का अधिकार
Number of Questions Solved 39
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 10 Social Science Solutions Chapter 18 उपभोक्ता एवं विधिक जागरूकता तथा सूचना का अधिकार

पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न [Textbook Questions Solved]

उपभोक्ता एवं विधिक जागरूकता तथा सूचना का अधिकार लघूत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
उपभोक्ता वस्तु या सेवा किस प्रकार प्राप्त करता है?
उत्तर:
उपभोक्ता वस्तु या सेवा मूल्य देकर प्राप्त करता है।

प्रश्न 2.
वस्तुओं के आदान-प्रदान की आवश्यकता क्यों हुई?
उत्तर:
मानव को आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वस्तुओं के आदान-प्रदान की आवश्यकता हुई। इस प्रकार धीरे-धीरे वस्तु विनिमय होने लगा।

प्रश्न 3.
व्यक्ति किसे कहा गया है?
उत्तर:
वस्तु, सेवा प्राप्त करके उपभोग करने वाले को व्यक्ति कहा गया है।

प्रश्न 4.
विधिक जागरूकता में कौन-सी योजनाओं की जानकारी की जाती है?
उत्तर:
विधिक जागरूकता में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले लोग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आदिवासी, दिव्यांग, श्रमिक, वृद्धजन, महिलाओं, बालकों तथा कमजोर वर्गों के लोगों को लाभ देने वाली योजनाओं की जानकारी की जाती है।

प्रश्न 5.
विधिक सेवा प्राधिकरण के कितने स्तर हैं?
उत्तर:
विधिक सेवा प्राधिकरण के निम्न स्तर है

  1. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण
  2. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
  3. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
  4. तहसील विधिक सेवा समितियाँ

प्रश्न 6.
‘कानून की बात’ किस दिन और कितने बजे प्रसारित होता है?
उत्तर:
‘कानून की बात’ शनिवार को सायं 7.00 बजे से 7.30 बजे दूरदर्शन राजस्थान पर तथा आकाशवाणी (राजस्थान) के केंद्रों पर प्रत्येक रविवार सायं 5.45 से 6 बजे तक प्रसारित किया जाता है।

प्रश्न 7.
सूचना का अधिकार कानून देश में कब लागू हुआ था?
उत्तर:
सूचना का अधिकार पूरे देश में 13 अक्टूबर, 2005 को लागू हुआ जबकि संसद ने 15 जून, 2005 को इसे पारित किया था। 8. 30 दिवस के अंदर सूचना नहीं मिलने पर क्या करना चाहिए? उत्तर: सूचना न मिलने की स्थिति में उच्च अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील करनी चाहिए।

उपभोक्ता एवं विधिक जागरूकता तथा सूचना का अधिकार निबंधात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
उपभोक्ता अधिनियम 1986 के अनुसार उपभोक्ता कौन है? ।
उत्तर:
उपभोक्ता अधिनियम 1986 के अनुसार उपभोक्ता वह व्यक्ति है जो

  1. किसी वस्तु या सेवा के प्रतिफल (मूल्य) का भुगतान कर दिया हो या भुगतान करने का वचन दिया हो।
  2. मूल्य का आंशिक भुगतान कर दिया हो या आंशिक भुगतान करने का वचन दिया हो।
  3. मूल्य का भुगतान विलंबित भुगतान विधि के अनुसार करने का वचन दिया हो।
  4. खरीदी गई वस्तु या सेवा से लाभ/सुविधा प्राप्त करने वाला अंतिम व्यक्ति उपभोक्ता होता है।

प्रश्न 2.
उपभोक्ता शोषण किस प्रकार रोका जा सकता है?
उत्तर:

(i) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 6 में उपभोक्ताओं के अधिकारों का समावेश किया गया है, जिनके द्वारा उपभोक्ता शोषण रोका जा सकता है।

(ii) माल के विपणन के विरुद्ध संरक्षण-जो माल या सेवा उनके जीवन व सम्पत्ति के लिए संकट हो। जो भी माल या वस्तु उपभोक्ता खरीदता है उसके गुण, मात्रा, शुद्धता और मूल्यों के बारे में उत्पादक/विक्रेता से सूचना एकत्र करने का अधिकार है।

(iii) सभी उपभोक्ताओं के लाभ के लिए सरकार तथा प्राधिकारियों द्वारा अनेक प्रकार के सामान, वस्तुओं की आपूर्ति अनेक प्रकार के मूल्यों पर बाजार में उपलब्ध करायी जाएँ, ताकि अनेक विकल्पों के साथ उपभोक्ता की पसंद व हित बना रहे व एकाधिकार समाप्त हो सके।

(iv) यदि किसी के भी हाथ उपभोक्ता अधिकार हनन हुआ तब उचित फोरमों के समक्ष सुनवाई का अधिकार होगा। तथा वहाँ से उपभोक्ता को पूरी सहायता, सहयोग तथा न्याय मिलेगा।

(v) अधिनियम की धारा 36 में उपभोक्ताओं को अवरोध या अनुचित व्यापारिक व्यवहारों या अनैतिक शोषण के विरुद्ध परितोष प्राप्त करने का अधिकार दिया है। साथ ही राष्ट्रीय उपभोक्ता परिषद, उपभोक्ताओं को उनके उपचारों के प्रति उचित शिक्षा उपलब्ध करा देगा ताकि वे विनिर्माता और व्यापारियों द्वारा किए जाने वाले शोषण के खिलाफ
मजबूत रहे।

प्रश्न 3.
विधिक जागरूकता किसे कहा जाता है?
उत्तर:
विधिक जागरूकताः

(i) गरीब, निर्धन, आदि लोगों को कानूनी सहायता के लिए नियम बनाने हेतु पी०एन० भगवती कमेटी बनाई गई।

(ii) विधिक सेवा सहायता कार्यक्रम को समस्त भारत में एकरूपता से लागू करने के लिए भारत सरकार ने 1987 में विधिक सेवा अधिनियम को पारित किया।

(ii) इसके द्वारा नागरिकों को समानता का अवसर देते हुए न्याय व्यवस्था को उन्नत करने एवं आर्थिक विषमता को कम करने के लिए बहुत सी योजनाएँ लागू की गई हैं।

(iv) केंद्र सरकार, राज्य सरकारों द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, दिव्यांग (विकलांग), श्रमिक, वृद्धजन, महिलाओं के लिए बनायी गई योजनाओं की जानकारी न होने के कारण लाभ उचित अनुपात में नहीं पहुँच पाता जो विधिक सेवा द्वारा संभव हुआ है।

(v) अधिनियम 1987 के तहत सेवा संस्थानों द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं एवं संशोधित नियम-कानूनों की जानकारी समाज के सभी तबके के लोगों तक पहुँचाने का कार्य विधिक जागरूकता है।

प्रश्न 4.
सरकार ने विधिक जागरूकता के कौन से उपाय किए हैं?
उत्तर:
विधिक जागरूकता के उपाय :

  • न्यायिक अधिकारीगण व विधिक जागरूकता टीम द्वारा विद्यालय, महाविद्यालय एवं सार्वजनिक स्थानों पर विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाता है।
  •  मोबाइल वाहनों के द्वारा गाँवों में सचल लोक अदालत तथा विधिक जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
  • दूरदर्शन, आकाशवाणी तथा कम्यूनिटी रेडियो पर नियमित ‘कानून की बात’ साप्ताहिक कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है। राजस्थान में दूरदर्शन तथा ओकाशवाणी केंद्रों पर भी कानून की बातें कार्यक्रम प्रसारित किया जाता है।
  • कानून की बात को विधिक जागरूकता हेतु जनहित में प्रासरण किया जा रहा है।
  •  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पत्रों व लघु-पुस्तिकाएँ छपवाकर वितरित करवायी जाती है।

प्रश्न 5.
नकल रोकने का कानून क्या है?
उत्तर:
नकल रोकने का कानूनः

  1. राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1992 के प्रावधानों के अनुसार परीक्षाओं में नकल रोकने के उपाय किए। गए हैं।
  2. नकल एवं अनुचित साधनों के प्रयोग करने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
  3. नकल करने वाले छात्र के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाता है।
  4. ऐसे छात्र जो इस प्रकार के कार्यों में लिप्त पाए जाएँगे उनको स्कूल से भी निकाल दिया जाता है।

प्रश्न 6.
सूचना का अधिकार 2005 द्वारा नागरिकों को कौन-से अधिकार दिए गए हैं?
उत्तर:
सूचना का अधिकार 2005 द्वारा नागरिकों को प्रदत्त अधिकार

  1.  प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार के किसी भी विभाग द्वारा अथवा कार्यालय | से सूचना प्राप्त कर सकता है।
  2.  वह दस्तावेज/रिकार्ड देख सकता है तथा दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियाँ ले सकता है। कार्यों को भी देख (निरीक्षण) सकता है।
  3. काम में आने वाली सामग्री के नमूने ले सकेगा। कंप्यूटर सी०डी० या फ्लॉपी में सूचना ले सकेगा।
  4. मजदूरी के मस्ट्रॉल, लॉग बुक, टेंडर के दस्तावेज, कैश बुक, विभाग की योजनाएँ आदि की जानकारी लेने का अधिकार है।
  5. इसके अलावा भी नागरिक अपनी आवश्यकतानुसार जानकारी माँग सकते हैं।

प्रश्न 7.
सूचना किस प्रकार प्राप्त की जाती है?
उत्तर:
सूचना प्राप्त करने का तरीकाः

(i) वह नागरिक जो सूचना प्राप्त करना चाहता है, उसे एक निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन पत्र देना होगा। इसके साथ 10/- की राशि नकद या पोस्टल ऑर्डर के रूप में जमा करने पड़ेंगे।
होंगे। फोटो कॉपी 2/- प्रति पृष्ठ की दर से जमा करने होंगे।

(iv) दस्तावेज देखने के लिए 10/- जमा कराने के बाद एक घंटा नि:शुल्क तथा हर 15 मिनट या उससे कम समय के लिए 5/- देने होंगे। आवेदन के 30 दिवस के अंदर सूचना प्राप्त कर सकेगा।

(1) व्यक्ति के जीवन अथवा स्वतंत्रता के बारे में 48 घंटे में सूचना प्राप्त कर सकेगा। सहायक सूचना अधिकारी 35 दिन में सूचना मँगवाकर देगा। यदि समय सीमा में जानकारी उपलब्ध नहीं होती, तो इसे सूचना देने से इनकार माना जाएगा।

प्रश्न 8.
सूचना अधिकारियों का प्रावधान किस प्रकार किया गया है?
उत्तर:
सूचना अधिकारियों का प्रावधानः

  1. ग्राम पंचायत में – सचिव या ग्राम सेवक
  2. पंचायत समिति में – विकास अधिकारी
  3. जिला परिषद में – मुख्य कार्यकारी अधिकारी
  4.  नगर पालिका में – अधिशासी अधिकारी
  5. राज्य सरकार द्वारा सहयता प्राप्त संस्था में – मुख्य कार्यकारी अधिकारी
  6. विश्वविद्यालय में – कुलसचिव
  7.  सरकारी विभाग में विभागाध्यक्ष के अधीन वरिष्ठतम अधिकारी
  8. शासन सचिवालय में – सचिव प्रशासन सुधार विभाग आदि होंगे।

उपभोक्ता एवं विधिक जागरूकता तथा सूचना का अधिकार अतिरिक्त प्रश्नोत्तर (MORE QUESTIONS SOLVED)

उपभोक्ता एवं विधिक जागरूकता तथा सूचना का अधिकार बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

प्रश्न 1.
उपभोक्ता जिला स्तर न्यायालय किस राशि तक का मुकदमा सुनता है?
(अ) 10 लाख
(ब) 25 लाख
(स) 20 लाख
(द) 5 लाख

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता अदालत किस राशि तक का मुकदमा सुनती है?
(अ) 9 करोड़ से अधिक
(ब) 70 लाख
(स) 80 लाख
(द) 50 लाख

प्रश्न 3.
कौन-सा दिन राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है?
(अ) 10 दिसम्बर
(ब) 15 दिसम्बर
(स) 20 दिसम्बर
(द) 24 दिसम्बर

प्रश्न 4.
विधिक सेवा अधिनियम 1987 देश में कब लागू हुआ? ।
(अ) 5 अक्टूबर 1995
(ब) 5 नवम्बर 1995
(स) 5 जनवरी 1995
(द) 5 फरवरी 1995

प्रश्न 5.
राजस्थान में दो प्रसव के लिए प्रति प्रसव कितनी राशि प्रसूति सहायता दी जाती है?
(अ) 5000
(ब) 4000
(स) 6000
(द) 10000

प्रश्न 6.
उपभोक्ता वस्तु या सेवा प्राप्त करता है
(अ) जबरन
(ब) प्रतिफल देकर
(स) चोरी से (द) बिना प्रतिफल देकर

प्रश्न 7.
वस्तु या सेवा का उपभोक्ता कहा जाता है
(अ) खरीददार
(ब) पुनः विक्रेता
(स) भण्डार कर्ता
(द) अन्तिम उपयोगकर्ता

प्रश्न 8.
उपभोक्ता अधिनियम लागू हुआ
(अ) 1990
(ब) 1988
(स) 1986
(द) 2001

प्रश्न 9.
किसको विधिक जागरूकता रखना आवश्यक है?
(अ) केवल गरीबों को
(ब) कर्मचारियों को
(स) सभी नागरिकों को
(द) किसी को नहीं

प्रश्न 10.
विधिक जागरूकता राज्य आयोग का अध्यक्ष होता है|
(अ) उच्च न्यायालय का वरिष्ठ न्यायाधीश ।
(ब) मुख्यमंत्री
(स) राज्यपाल
(द) कोई नहीं

प्रश्न 11.
सूचना का अधिकार अधिनियम पारित हुआ।
(अ) 2001
(ब) 2005
(स) 2007
(द) 2002

प्रश्न 12.
सूचना प्राप्त करने का समय है।
(अ) 45 दिवस
(ब) 30 दिवस
(स) 25 दिवस
(द) 50 दिवस

प्रश्न 13.
ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना अधिकारी कौन होता है?
(अ) सरपंच
(ब) वार्ड पंच सचिव
(स) ग्राम सेवक
(द) प्रधान

उत्तर:
1. (स) 20 लाख
2. (अ) 9 करोड़ से अधिक
3. (द) 24 दिसम्बर
4. (ब) 5 नवम्बर 1995
5. (स) 6000
6. (ब) प्रतिफल देकर
7. (द) अंतिम उपयोगकर्ता
8. (स) 1986
9. (स) सभी नागरिकों को
10. (अ) उच्च न्यायालय का वरिष्ठ न्यायाधीश
11. (ब) 2005
12. (ब) 30 दिन
13. (स) ग्राम सेवक

उपभोक्ता एवं विधिक जागरूकता तथा सूचना का अधिकार अति लघूत्तरात्मक प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
वस्तुओं के श्रेणीकरण तथा गुणवत्ता के चिह्नों का वर्णन करें।
उत्तर:
ISI, AG, ISO, FPO, ECO चिह्न वस्तुओं के श्रेणीकरण तथा गुणवत्ता आदि के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

प्रश्न 2.
स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व माल विक्रय अधिनियम कब बनाया गया था?
उत्तर:
उपभोक्ता विवादों के लिए स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व माल विक्रय अधिनियम 1930 में बनाया गया था।

प्रश्न 3.
राजस्थान उपभोक्ता संरक्षण नियमावली 1987 के नियम 7 के अनुसार राज्य आयोग का कार्यालय कहाँ होगा?
उत्तर:
राजस्थान उपभोक्ता संरक्षण नियमावली 1987 के नियम 7 के अनुसार राज्य आयोग का कार्यालय राज्य की राजधानी में स्थित होगा।

प्रश्न 4.
जिला फोरम का कार्यालय कहाँ स्थापित किया जाएगा?
उत्तर:
जिला फोरम का कार्यालय जिला मुख्यालय पर स्थापित किया जाएगा।

प्रश्न 5.
जिला फोरम द्वारा 90 दिन की समय सीमा में फैसले न आने पर उपभोक्ता को क्या करना चाहिए?
उत्तर:
उपभोक्ता जिला फोरम के खिलाफ राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग में अपील अथवा शिकायत कर सकता है।

उपभोक्ता एवं विधिक जागरूकता तथा सूचना का अधिकार लघूत्तरात्मक प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
राज्य आयोग में उपभोक्ता अपनी शिकायत कब कर सकता है?
उत्तर:
उपभोक्ता ऐसे विवादों का निस्तारण कराने के लिए जिनका वस्तु या सेवा का मूल्य तथा हर्जाने के रूप में चाही गई राशि 20 लाख से अधिक और एक करोड़ रूप तक हो, उनका वाद या शिकायत राज्य आयोग में कर सकता है।

प्रश्न 2.
राज्य आयोग तथा राष्ट्रीय आयोग के निर्णयों के खिलाफ अपील कहाँ की जा सकती है?
उत्तर:
राज्य आयोग के निर्णय के विरुद्ध राष्ट्रीय आयोग में अपील की जा सकती है जबकि राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण आयोग के निर्माण के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकते हैं।

प्रश्न 3.
मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के अनुसार पंजीकृत महिला श्रमिकों को किस प्रकार की सुविधाएँ दी गई हैं?
उत्तर:
इस अधिनियम के द्वारा पंजीकृत महिला श्रमिकों को बच्चे के जन्म से पूर्व 6 सप्ताह और जन्म के बाद 6 सप्ताह का मजदूरी सहित अवकाश पाने का अधिकार है।

प्रश्न 4.
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इस अधिनियम द्वारा 21 वर्ष से कम आयु का लड़का तथा 18 वर्ष से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह है। यह एक दंडनीय अपराध है। बाल विवाह करने पर माता व पिता दोनों को दो साल तक की कड़ी सजा या एक लाख रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

प्रश्न 5.
सूचना न देने या गलत देने पर किस प्रकार से संबंधित अधिकारी पर जुर्माना होगा?
उत्तर:
सूचना देने वाला अधिकारी किसी भी कारण से गलत सूचना देता है तो उस पर है 250/- रोजाना कुल १ 25000/ तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

उपभोक्ता एवं विधिक जागरूकता तथा सूचना का अधिकार निबंधात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
उपभोक्ता को हानि से बचने के लिए किन कर्तव्यों का पालन करना चाहिए?
उत्तर:

  • प्रत्येक उपभोक्ता को खरीदी गई वस्तु या सेवा के मूल्यों के भुगतान की रसीद, बिल आदि अवश्य प्राप्त करनी चाहिए। वस्तु से संबंधित लिखित या अलिखित जानकारी प्राप्त करनी होगी।
  • वस्तुओं की गुणवत्ता का प्रदर्शन करने वाले चिह्नों जैसे- ISI, AG, ISO, FPO, ECO, आदि पर आवश्यक नजर रखें।
  • वस्तु व सेवा में कमी या दोष पाए जाने पर विक्रेता को तुरंत सूचित कर हानि की क्षतिपूर्ति की माँग कर सकते
  • उपभोक्ता को अपनी शिकायत की पुष्टि में आवश्यक दस्तावेज व प्रमाण प्राप्त करने चाहिए।
  • विनिर्माता, या विक्रेता द्वारा अनदेखी करने पर बिना देर किए उपभोक्ता न्यायालय में शिकायत करनी चाहिए।

प्रश्न 2.
राजस्थान राज्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  • केंद्रीय सरकार की नीति और निर्देशों को कार्यान्वित करना होगा तथा ऐसे व्यक्तियों को विधिक सेवा देना, जो इस अधिनियम के अंतर्गत मानदंडों की पूर्ति करते हैं।
  • लोक अदालतों का, जिनके अंतर्गत न्यायालय के मामलों के लिए लोक अदालते भी हैं, का संचालन करना।
  •  निवारक और अनुकूल विधिक सहायता कार्यक्रमों का जिम्मा लेना तथा स्थायी लोक अदालतों का संचालन करना।
  •  वैकल्पिक विवाद निराकरण व्यवस्था करना तथा विधिक चेतना का प्रचार एवं प्रसार करना।
  • ऐसे कृत्यों का पालन करना जो कि केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा निर्देशित किया जाए।

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