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RBSE Class 11 Hindi व्याकरण वाक्यांश के लिए एक शब्द

Rajasthan Board RBSE Class 11 Hindi व्याकरण वाक्यांश के लिए एक शब्द

वाक्यांश के लिए एक शब्द
(स्थानापन्न शब्द) जो शब्द अनेक शब्दों, वाक्यांशों या शब्द–समूहों के स्थान पर प्रयुक्त होकर सम्पूर्ण अर्थ को सहज में ही प्रकट कर देते हैं, उन्हें स्थानापन्न या एकल शब्द कहते हैं। संक्षिप्तीकरण में इनकी परम आवश्यकता होती है। यहाँ प्रमुख स्थानापन्न शब्द दिये जा रहे हैं

स्थानापन्न शब्द – शब्द समूह या वाक्यांश

  1. अज्ञे – जो जाना न जा सके।
  2. अमर – जो कभी मरता न हो।
  3. अनन्त – जिसका कोई अन्त न हो।
  4. अदृश्ये – जो देखा न जा सके।
  5. अनाथ – जिसके माता–पिता न हों।
  6. अतिवृष्टि – मात्रा से अधिक वर्षा होना।
  7. अद्वितीय – जिसके समान कोई दूसरा न हो।
  8. अधीर – जिसमें धैर्य न हो।
  9. अविकारी – जिसमें कोई विकार न हो।
  10. अवर्णनीय – जिसका वर्णन न हो सके।
  11. अल्पज्ञ – जिसको थोड़ा ज्ञान हो
  12. अश्रव्य – जो सुना हुआ न हो या सुना न जा सके।
  13. अभेद्य – जिसको भेदा न जा सके।
  14. असाध्य – जो साधा न जा सके।
  15. अन्तर्यामी – सबके हृदय की बात जानने वाला।
  16. अपूर्व – जो पहले कभी घटित न हो।
  17. अपव्ययी – जो धन का व्यर्थ व्यय करता हो।
  18. अथाह – जिसकी गहराई नापी न जा सके।
  19. अलौकिक – जो चीज इस संसार में न हो सके।
  20. अनश्वर – जो नष्ट न होने वाला हो।
  21. अस्पृश्य – जिसका स्पर्श करना वर्जित हो।
  22. अदम्य – जिसका दमन न किया जा सके।
  23. अविश्वासी – जिसका विश्वास न किया जा सके।
  24. अनुगामी – पीछे–पीछे चलने वाला।
  25. अनुचर – पीछे–पीछे जाने वाला।
  26. अनुदार – जो उदार न हो।
  27. अनुत्तीर्ण – जो परीक्षा में उत्तीर्ण न हो।
  28. अनुपम – जिसकी उपमा न हो।
  29. अशिक्षित – जो पढ़ा–लिखा न हो।
  30. अनूदित – जो रचना किसी अन्य भाषा का अनुवाद हो।
  31. अन्तर्जातीय – सभी जातियों से सम्बन्ध रखने वाला।
  32. अजर – जो कभी बूढ़ा न हो।
  33. अजेय – जो किसी से जीता न जा सके।
  34. अनादि – जिसका आदि न हो।
  35. अजातशत्रु – जिसका कोई शत्रु पैदा न हो।
  36. अजन्मा – जिसका जन्म न हो।
  37. अत्याचारी – जो दूसरों पर अत्याचार करे।
  38. अग्रगण्य – जिसकी सबसे आगे गणना की जावे।
  39. अकिंचन – जिसके पास कुछ भी न हो, अर्थात् दरिद्र।
  40. अक्षम्य – जो क्षमा किये जाने योग्य न हो।
  41. अलंघनीय – जिसे लाँघा न जा सके।
  42. अतुलनीय – जिसकी तुलना न हो सके।
  43. अल्पाहारी – जो कम खाता हो।
  44. आशुतोष – शीघ्र प्रसन्न या सन्तुष्ट होने वाला।
  45. अवैतनिक – जो बिना वेतन काम करें।
  46. आस्तिक – जो ईश्वर में विश्वास रखता हो।
  47. आशातीत – जिसकी कोई आशा न की गई हो।
  48. आत्मघाती – स्वयं की हत्या करने वाला।
  49. आशावादी – जो कभी निराश होना न जाने।
  50. आविष्कारक – जो नई चीज की खोज करे।
  51. आगन्तुक – बाहर से आने वाला।
  52. इन्द्रियातीत – जो इन्द्रियों के द्वारा ज्ञात न होवे।
  53. उपत्यका – पर्वत की निचली समभूमि।
  54. कृतज्ञ – किये हुए उपकार को मानने वाला।
  55. कृतघ्न – किये हुए उपकार को न मानने वाला।
  56. कल्पनातीत – जिसकी कल्पना न की जा सके।
  57. कदन्न – ऐसा अन्न जो खाने योग्य न हो।
  58. कुंज – वृक्षों और बेलों से घिरा हुआ स्थान।
  59. चक्रपाणि – जिसके हाथ में चक्र हो, विष्णु।
  60. चिरस्थायी – जो बहुत समय तक रहे।
  61. जिज्ञासु – जो जानने का इच्छुक हो।
  62. दत्तक – गोद लिया हुआ पुत्र।
  63. दूरदर्शी – दूर की बात सोचने वाला।
  64. दैनिक – प्रतिदिन होने वाला।
  65. दुर्लभ – जिसकी प्राप्ति कठिन हो।
  66. दुर्दमनीय – जिसका दमन करना कठिन हो।
  67. दम्पती – पति–पत्नी की जोड़ी।
  68. निरक्षर – जो पढ़ा लिखा न हो।
  69. निरर्थक – जिसका कोई अर्थ न हो।
  70. नास्तिक – जो ईश्वर में विश्वास न रखता हो।
  71. निराकार – जिसका कोई आकार न हो।
  72. निष्काम – जिसे किसी चीज की लालसा न हो।
  73. निर्विवाद – जिसमें किसी बात का विवाद न हो।
  74. निन्दनीय – जो निन्दा करने योग्य हो।
  75. निर्विकार – जिसमें किसी प्रकार का विकार उत्पन्न न हो।
  76. नैयायिक – जो न्यायशास्त्र की बात जानता हो।
  77. निस्संतान – जिसकी कोई सन्तान न हो।
  78. निर्लज्ज – जो लज्जा से रहित हो।
  79. निरामिष – जो माँस न खाता हो।
  80. निरुत्तर – जो उत्तर न दे सके।
  81. नभचर – जो आकाश में घूमता या उड़ता हो।
  82. निशाचर – जो रात में चलता–फिरता हो।
  83. पैतृक – जो सम्पत्ति पिता से प्राप्त हो।
  84. परिवर्तनशील – जो सदा बदलता रहे।
  85. परोपकारी – दूसरों का भला करने वाला।
  86. पारंगत – किसी विषय का पूर्ण ज्ञाता।
  87. प्रतिनिधि – जो किसी संस्था का सदस्य हो।
  88. परोक्ष – जो आँखों के सामने न हो।
  89. पाण्डुलिपि – जो पुस्तक हाथ से लिखी गई हो।
  90. विश्वस्त – जिस पर विश्वास किया जा सके।
  91. विवादास्पद – जिस विषय में निश्चित मत न हो।
  92. विधुर – जिसकी पत्नी मर चुकी हो।
  93. विधवा – जिसका पति मर चुका हो।
  94. विषाक्त – जिसमें विष मिला हुआ हो।
  95. मुमुक्षु – जिसे मोक्ष प्राप्त करने की इच्छा हो।
  96. मितव्ययी – जो धन का कम से कम व्यय करता हो।
  97. यथाशक्ति – शक्ति के अनुसार।
  98. रेखांकित – जिसके नीचे रेखा लगी हो।
  99. वेदज्ञ – वेदों को जानने वाला।
  100. सर्वज्ञ – सब कुछ जानने वाला।
  101. सजातीय – एक ही जाति वाले।
  102. समवयस्क – जो समान आयु के हों।
  103. सनातन – जो सदा से चलता आ रहा हो।
  104. सहिष्णु – सब कुछ सहन करने वाला।
  105. संयमी – मन एवं इन्द्रियों को वश में रखने वाला।
  106. सुग्रीव – जिसकी सुन्दर ग्रीवा (गर्दन) हो।
  107. सराहनीय – जो सराहना के योग्य हो।
  108. शरणागत – जो शरण में आ गया हो।
  109. सधवा – जिसका पति जीवित हो।
  110. शतक – सौ वस्तुओं का संग्रह।
  111. शिक्षित – जो पढ़ा लिखा हो।
  112. सदाचारी – जिसका आचरण अच्छा हो।
  113. सर्वप्रिय – जो सबका प्रिय हो।
  114. स्वार्थी – जो मात्र अपना ही भला चाहता हो।
  115. सार्वजनिक – जिसमें जनसामान्य लोगों का योगदान हो।
  116. स्वतःसिद्ध – जिसे सिद्ध करने के लिए किसी प्रमाण की आवश्यकता न हो।
  117. स्वाधीन – जो दूसरों के अधीन न हो।
  118. शासित – जिसके ऊपर शासन किया गया हो।
  119. शत्रुघ्न – जिसके स्मरण मात्र से शत्रुओं का नाश हो।
  120. शैव – जो शिवजी की भक्ति करता हो।
  121. शिवालय – शिवजी का निवास स्थान।
  122. संक्रामक – छूत या संसर्ग से फैलने वाला रोग।
  123. समदर्शी – जो सभी को समान दृष्टि स देखता हो।
  124. सहोदर – एक ही माँ से जन्म लेने वाला भाई।
  125. सार्वदेशिक – समस्त देश से सम्बन्धित।
  126. स्वयम्भू – जिसकी उत्पत्ति अपने आप हुई हो।
  127. सापेक्षिक – जो अन्य वस्तु के आश्रित रहता हो।
  128. संश्लेषण – जब एक से अधिक चीजें आपस में मिली हुई हों।
  129. हास्यास्पद – जो उपहास का पात्र हो।
  130. हितैषी – दूसरों का हित चाहने वाला।
  131. दशाब्दी – दस वर्षों का समय।
  132. शताब्दी – सौ वर्षों की अवधि।
  133. हस्तलिखित – हाथ से लिखा गया।
  134. हस्तलाघव – हाथ से कार्य करने का कौशल।

अभ्यास प्रश्न
अतिलघूत्तरात्मक एवं लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यांशों के सम्मुख उनका समानार्थी एक शब्द लिखिए।
उत्तर:

  1. मात्रा से अधिक वर्षा होना–अतिवृष्टि।
  2. जिसके जैसा दूसरा न हो–अद्वितीय।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यांशों के सम्मुख उनका समानार्थी एक शब्द लिखिए।
उत्तर:

  1. जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो–सुग्रीव।
  2. बहुत छोटे कद का अदमी–वामन।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यांशों के सम्मुख उनका समानार्थी एक शब्द लिखिए।
उत्तर:

  1. जिसमें जानने की इच्छा हो—जिज्ञासु।
  2. जो माँस न खाता हो–निरामिष।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यांशों के सम्मुख उनका समानार्थी एक शब्द लिखिए।
उत्तर:

  1. दस वर्षों की समयावधि–दशाब्दी।
  2. किसी बात को अत्यधिक बढ़ाकर कहना––अतिशयोक्ति।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित प्रत्येक शब्द–समूह के लिए एक सार्थक शब्द लिखिए।
उत्तर:

  1. शीघ्र प्रसन्न होने वाला––आशुतोष।
  2. सब कुछ जानने वाला—सर्वज्ञ।।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यांशों के सम्मुख उनका समानार्थी एक शब्द लिखिए।
उत्तर:

  1. जो किये हुए को उपकार न माने–कृतघ्न।
  2. जो मोक्ष पाने की इच्छा रखे-मुमुक्षु।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित एकल शब्द किस वाक्यांश के वाचक हैं?

  1. अपव्ययी,
  2. अग्रगण्य,
  3. शतक,
  4. निश्काम।

उत्तर:

  1. अपव्ययी–जो धन का व्यर्थ खर्च करता हो।
  2. अग्रगण्य–जिसकी सबसे आगे गणना की जावे।
  3. शतक–सौ वस्तुओं का समूह या संग्रह ।
  4. निष्काम–जिसे किसी चीज की लालसा न हो।

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