RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 11 नीति के दोहे

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Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 5
Subject Hindi
Chapter Chapter 11
Chapter Name नीति के दोहे
Number of Questions 31
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 11 नीति के दोहे

पाठ का सार-प्रस्तुत पाठ ‘नीति के दोहे’ में कबीर और रहीम के नीति और जीवन से जुड़े दोहे संकलित हैं। इन दोहों के माध्यम से कबीर तथा रहीम दोनों ने ही जीवन से जुड़ी सच्चाइयों को समझाने का प्रयास किया है। इनके द्वारा कहे गए दोहे न केवल सारगर्भित हैं, वरन् आज के जीवन में भी प्रासंगिक हैं।

कबीर कठिन शब्दार्थ एवं सरलार्थ

(1)
बुरा जो देखन………. बुरा न कोय॥
कठिन-शब्दार्थ- देखन = देखने/हूँढ़ने । मिलिया = मिला। कोय = कोई भी। खोजा = खोजना। आपणा = खुद का।
सरलार्थ- कबीर कहते हैं कि मैं बुरा व्यक्ति देखने के लिए संसार में भटका, लेकिन मुझे कोई भी बुरा व्यक्ति नहीं मिला। लेकिन जब मैंने अपने अन्दर झाँक कर देखा तो पता लगा कि इस संसार में मुझसे बुरा कोई और व्यक्ति है ही नहीं।
भावार्थ यह है कि हम जीवन में हमेशा दूसरों की ही बुराइयाँ देखते हैं। स्वयं की बुराइयों को नहीं देखते हैं। यदि हम अपनी बुराइयों को ही समाप्त कर दें तो हमें कोई भी बुरा नजर नहीं आयेगा।

(2)
गुरु गोविन्द …………………….दियो बताय॥
कठिन-शब्दार्थ- गुरु = मार्गदर्शक/बड़ा। गोविन्द = ईश्वर। दोऊ = दोनों । काके = किसके। पाय = | पाँव। लागू = लगना। बलिहारी = न्योछावर कृपा आपरी = आपके/आपकी। बताय = बताना।।
सरलार्थ- कबीर कहते हैं कि यदि मेरे सामने गुरु और ईश्वर दोनों ही खड़े हों, और मैं इस दुविधा में हूँ कि किसको पहले प्रणाम करूं, तो मैं निश्चय ही गुरु को पहले प्रणाम करूंगा। क्योंकि वह गुरु ही है जिसने मुझे ईश्वर से मिलने का मार्ग दिखाया है। अर्थात् गुरु ईश्वर से भी बड़ा है। हम बिना सही गुरु अर्थात् मार्गदर्शक के गोविन्द अर्थात् अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर सकते हैं। अतः हमें अपने मार्गदर्शक गुरु के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए। |

(3)
साईं इतना…………………… न भूखा जाय॥ |
कठिन-शब्दार्थ- साई = ईश्वर। जामैं = जिसमें । कुटुम = कुटुम्ब/परिवार। समाय = पालन हो सकना। साधु = सज्जन व्यक्ति/अतिथि। जाय = जाए।
सरलार्थ- ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कबीर कहते हैं कि मुझे सिर्फ इतना ही दीजिए, जिसमें मेरे और मेरे परिवार का पालन-पोषण हो जाए और मेरे घर से कोई साधु या सज्जन व्यक्ति भी निराश होकर न लौटे। भावार्थ यह है कि व्यक्ति को अपनी आवश्यकता की पूर्ति से अधिक की कामना नहीं करनी चाहिए।

रहीम

(1)
रहिमन धागा ……………गाँठ पड़ जाय॥
कठिन-शब्दार्थ- मत तोड़ो = नहीं तोड़ना चाहिए। छिटकाय = झटका देकर। ना जुड़े = जुड़ता नहीं है।
सरलार्थ- रहीम कहते हैं कि प्रेम एक धागे के समान होता है। इसे कभी नहीं तोड़ना चाहिए। क्योंकि जैसे धागे को झटका देकर तोड़ देने पर या तो वह जुड़ ही नहीं पाता है और अगर जुड़ता भी है तो उसमें गाँठ अवश्य लग जाती है। ठीक उसी प्रकार प्रेम भी टूटने के बाद या तो जुड़ ही नहीं पाता है, और यदि जुड़ भी जाता है तो कुछ न कुछ कमी अवश्य रह जाती है।

(2)
बड़े बड़ाई …………………… हमारो मोल॥ 
कठिन-शब्दार्थ- बड़ाई = तारीफ़/प्रशंसा। बड़े बोल = घमंड भरी बातें । हीरा = एक प्रकार का चमकीला कीमती रत्न । मोल = मूल्य/कीमत। बड़े = महान्/ऊँचे ।।
सरलार्थ- रहीम कहते हैं कि जो बड़े या महान् लोग होते हैं वे कभी भी अपनी प्रशंसा नहीं करते हैं, वरन् उनके कामों से दूसरे लोग ही उनकी प्रशंसा करते हैं। ठीक वैसे ही जैसे हीरा कीमती होते हुए भी कभी स्वयं यह नहीं कहता कि उसका मूल्य इतना अधिक है। महान् व्यक्ति अपने गुणों का बखान स्वयं नहीं करते हैं।

(3)
तरुवर फल………………………… संचहि सुजान॥
कठिन-शब्दार्थ- तरुवर = पेड़। खात है = खाते हैं। सरवर = तालाब/सरोवर। पान = पानी। पर काज = दूसरों के हित के लिए। संचहि = एकत्रित करना । सुजान = सज्जन व्यक्ति/भले लोग।
सरलार्थ- रहीम कहते हैं कि जिस प्रकार वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते हैं, जिस प्रकार सरोवर अपना पानी स्वयं नहीं पीते हैं, ठीक उसी प्रकार सज्जन व्यक्ति भी धन का संचय स्वयं के लिए नहीं करते हैं। वे औरों की भलाई के लिए धन संचय करते हैं।

(4)
जे गरीब पर ………………… कृष्ण मिताई जोग।
कठिन-शब्दार्थ- हित करना = भलाई करना। करै = करता है। बड़ लोग = महान् व्यक्ति। बापुरौ = असहाय/बेचारा। मिताई = मित्रता/दोस्ती।।
सरलार्थ- रहीम कहते हैं कि वास्तव में महान् लोग वे ही होते हैं, जो गरीब लोगों का हित करते हैं, उनका भला करते हैं। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार असहाय गरीब सुदामा को भी भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी मित्रता के योग्य समझा और अपने बराबर दर्जा देकर उसका मान बढ़ाया था।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

सोचें और बताएँ ।

Niti Ke Dohe Class 5 प्रश्न 1.
गोविन्द से बड़ा किसको बताया गया
उत्तर:
गोविन्द से बड़ा गुरु को बताया गया है।

Niti Ke Dohe Question Answer प्रश्न 2.
बड़े लोगों की तुलना किससे की गई है?
उत्तर:
बड़े लोगों की तुलना हीरे से की गई है।

नीति के दोहे Class 5 प्रश्न 3.
कृष्ण ने किसके साथ मित्रता निभाई?
उत्तर:
कृष्ण ने सुदामा के साथ मित्रता निभाई।

लिखें

नीति के दोहे कक्षा 5 प्रश्न 1.
सही उत्तर का क्रमाक्षर छाँटकर कोष्ठक में लिखें

(अ) ‘बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय’, का आशय है-जब मैं बुरे व्यक्ति को ढूंढने चला तो मुझे
(क) बुरे ही बुरे मिले।
(ख) कोई बुरा नहीं मिला
(ग) कुछ बुरे-कुछ भले मिले
(घ) सब भले ही भले मिले।
उत्तर:
(ख) कोई बुरा नहीं मिला।

(ब) बड़े बड़ाई न करे ……….. दोहे में हीरा अपना महत्त्व ( मूल्य) इसलिए नहीं बताता है, क्योंकिं
(क) वह बोल नहीं सकता।
(ख) उसे अपना मूल्य मालूम नहीं है।
(ग) न बताना बड़प्पन की निशानी है।
(घ) लाख रुपये का मोल कम है।
उत्तर:
(ग) न बताना बड़प्पन की निशानी है।

Niti Ke Dohe In Hindi Class 5 प्रश्न 2.
दोहे लिखकर बताएँ

(अ) किस दोहे में ‘प्रेम’ का महत्त्व बताया गया
उत्तर:
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय।
टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ पड़ जाय ॥

(ब) गुरु पर न्योछावर होने का भाव किस दोहे में
उत्तर:
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागू पाय।
बलिहारी गुरु आपरी, गोविन्द दियो बताय।

(स) “सरोवर स्वयं पानी नहीं पीता है,” अर्थ बताने वाला दोहा लिखें।
उत्तर:
तरुवर फल नहीं खात है, सरवर पिये न पान।
कह रहीम पर काज हित, संपत्ति संचहि सुजान।

नीति के दोहे प्रश्न उत्तर प्रश्न 3.
“मुझसा बुरा न कोय’ क्यों कहा गया है?
उत्तर:
क्योंकि कबीर कहते हैं कि सारी बुराइयाँ हमारे मन में ही होती हैं, इसलिए हमें सब बुरे दिखते हैं। इसलिए स्वयं को सबसे बुरा कहा है।

Niti Ke Dohe प्रश्न 4,
गुरु को गोविन्द से भी बड़ा क्यों बताया जाता है?
उत्तर:
क्योंकि गुरु ही वह मार्गदर्शक होता है, जिसके बताए मार्ग पर चलकर गोविन्द की प्राप्ति होती है।
अतः गुरु को गोविन्द से बड़ा बताया जाता है।

Hindi Dohe For Class 5 प्रश्न 5.
‘टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गाँठ पड़ जाय। का क्या आशय है?
उत्तर:
रहीम कहते हैं कि प्रेम एक धागे के समान होता है, जो यदि एक बार टूट जाता है तो फिर वह जुड़ नहीं पाता है, और यदि जुड़ भी जाता है तो उसमें गाँठ पड़ जाती है।

Niti Ke Dohe Class 5 Question Answer प्रश्न 6.
बड़े बड़ाई ना करे ……… दोहे के अनुसार बड़े आदमी अपनी प्रशंसा स्वयं क्यों नहीं करते?
उत्तर:
क्योंकि बड़े लोगों के काम महान् होते हैं और उनके कामों की प्रशंसा दूसरे लोग ही करते हैं, वे स्वयं नहीं। क्योंकि उनके स्वयं के प्रशंसा करने पर उसमें घमंड झलक सकता है।

Kabir Ke Dohe In Hindi Class 5 प्रश्न 7.
दोहे की पंक्ति को पूरा करें

(अ) बुरा जो देखन मैं चला, ………………. ।
(ब) ………………………….., साधु न भूखा जाय ॥
(स) रहिमन धागा प्रेम का,………………….
(द) …………………………………. पिए न पान।
उत्तर:
(अ) बुरा न मिलिया कोय।
(ब) मैं भी भूखा ना रहूँ
(स) मत तोड़ो छिटकाय ।
(द) तरुवर फल नहीं खाते है, सरवर

भाषा की बात

मोहन ने मीठा दूध पीया। वाक्य में ‘दूध’ शब्द से पहले मीठा शब्द आया है जो दूध के मीठा होने की विशेषता बता रहा है। विशेषता बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं। नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं। उनके आगे विशेषण जोड़े कच्चा, घना, चमकीला, गहरा, मोटी, भला जैसे-
भला     आदमी
……………. गाँठ
……………. तालाब
……….. हीरा
……………. पेड़
……………. धागा
उत्तर:
मोटी – गाँठ
गहरा – तालाब
चमकीला – हीरा
घना – पेड़
कच्चा – धागा

यह भी करें

दोहे याद कर अपनी प्रार्थना सभा में व शनिवारीय बाल सभा में गाएँ।
अपने से बड़ों से दोहे सुने और समझें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

Rahim Ke Dohe Class 5th प्रश्न 1.
‘बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय’ दोहे के रचयिता हैं-

(अ) रहीम
(ब) कबीर
(स) रसखान
(द) तुलसी
उत्तर:
(ब) कबीर

Niti Ke Dohe In Hindi प्रश्न 2.
कबीर ने गोविन्द से बड़ा किसे बताया है?
(अ) ईश्वर को
(ब) गुरु को ।
(स) भगवान को
(द) राजा को
उत्तर:
(ब) गुरु को ।

Kabir Ke Dohe Class 5 प्रश्न 3.
”बड़े बड़ाई ना करें, बड़े न बोलें बोल” दोहे के रचयिता हैं?
(अ) कबीर
(ब) रसखान
(स) रहीम
(द) सूरदास
उत्तर:
(स) रहीम

रहीम के दोहे Class 5 प्रश्न 4.
सरवर क्या नहीं करता है?
(अ) पानी नहीं पीता है।
(ब) फल नहीं खाता है।
(स) पानी नहीं देता है।
(द) संपत्ति संचित नहीं करता है।
उत्तर:
(अ) पानी नहीं पीता है।

Dohe In Hindi For Class 5 प्रश्न 5.
कृष्ण का मित्र सुदामा कैसा था?
(अ) धनवान
(स) निर्धन
(द) अमीर
उत्तर:
(स) निर्धन

Rahim Ke Dohe In Hindi Class 5 प्रश्न 6.
कबीर को सबसे बुरा व्यक्ति कौन मिला?
(अ) राजा
(ब) पंडित
(स) संत
(द) वह स्वयं
उत्तर:
(द) वह स्वयं

रिक्त स्थान भरो

(सुनाई, तरुवर, मिताई, कुटुम, राजा, गोविन्द) |

Dohe For Class 5 प्रश्न 1.
साईं इतना दीजिए, जामैं ……………… समाय।
Niti Ke Dohe Kabir Das प्रश्न 2.
बलिहारी गुरु आपरी, …….. दियो बताय।।
Niti Ke Dohe Rahim प्रश्न 3.
……….. फल नहीं खात है,
Rahim Ke Dohe Class 5 प्रश्न 4.
कहा सुदामा बापुरौ, कृष्ण ……….. जोग।

उत्तर:
1. कुटुम
2. गोविन्द
3. तरुवर
4. मिताई।

नीचे दिए गए वाक्यों में सही होने पर (✓) तथा गलत होने पर (✗) का निशान लगाएँ

नीति के दोहे प्रश्न 1.
कबीर ने सारे संसार को खुद से बुरा बताया है।
उत्तर:
(✗)

Hindi Dohe Class 5 प्रश्न 2.
गुरु को ईश्वर से ऊँचा दर्जा दिया गया है।
उत्तर:
(✓)

Niti Ke Dohe In Hindi With Meaning प्रश्न 3.
रहीम के अनुसार हीरा अपना मूल्य लाख रुपये बताता है।
उत्तर:
(✗)

Kabir Ke Dohe Class 5th प्रश्न 4.
गरीब की भलाई करने वाला बड़ा होता है।
उत्तर:
(✓)

नीति के दोहे रहीम प्रश्न 5.
सुदामा और श्रीकृष्ण मित्र नहीं थे।
उत्तर:
(✗)

Kabir Ke Dohe For Class 5 प्रश्न 6.
वृक्ष कभी अपना फल नहीं खाते हैं।
उत्तर:
(✓)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

Niti Ke Dohe Ka Arth प्रश्न 1.
कबीर किसकी बलिहारी होना चाहते हैं?
उत्तर:
कबीर गुरु की बलिहारी होना चाहते हैं।

Niti Ke Dohe Hindi प्रश्न 2.
रहीम ने किसे नहीं तोड़ने की बात कही है?
उत्तर:
रहीम ने प्रेम रूपी धागे को नहीं तोड़ने की बात कही है।

Niti Ke Dohe Meaning In Hindi प्रश्न 3.
कौन से लोग अपनी बड़ाई खुद नहीं करते हैं?
उत्तर:
बड़े और महान् लोग अपनी बड़ाई खुद नहीं करते हैं।

Dohe Class 5 प्रश्न 4.
कृष्ण के बचपन के मित्र का क्या नाम था?
उत्तर:
कृष्ण के बचपन के मित्र का नाम सुदामा था।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
“साईं इतना दीजिए ……..।” कबीर ईश्वर से क्या देने की विनती करता है?
उत्तर:
कबीर ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें इतना ही चाहिए जिसमें स्वयं का, उनके परिवार और अतिथि या साधु का पोषण हो जाए। कोई भी व्यक्ति उनके द्वार से निराश नहीं लौट पाए।

प्रश्न 2.
“तरुवर फल नहीं खात है………।” इस दोहे से रहीम क्या संदेश देना चाहते हैं?
उत्तर:
इस दोहे से रहीम यह संदेश देना चाहते हैं कि जिस प्रकार पेड़ अपने फल और सरोवर अपना पानी दूसरों के लिए दे देते हैं, ठीक उसी प्रकार अच्छे लोग भी अपनी संपत्ति समाज हित के कार्यों में खर्च करते हैं, न कि केवल खुद के लिए।

प्रश्न 3.
रहीम ने बड़े लोगों की क्या विशेषता बताई है?
उत्तर:
रहीम ने कहा है कि जो असहाय, दुर्बल और गरीब लोगों की सहायता करते हैं, वास्तव में वे ही बड़े और महान् लोग होते हैं। इसके लिए रहीम ने कृष्ण द्वारा सुदामा की मित्रता और सहायता का उदाहरण भी दिया है।

प्रश्न 4.
बड़े आदमी की तुलना किससे और क्यों की गई है? लिखिए।
उत्तर:
बड़े आदमी की तुलना हीरे से की गई है। क्योंकि हीरा कभी अपना मूल्य नहीं बताता है। उसी प्रकार बड़े आदमी अपनी प्रशंसा स्वयं नहीं करते हैं। वे तो विनम्रता दिखाते हैं और अन्य लोग उनकी | महानता की प्रशंसा करते हैं।

प्रश्न 5.
‘बड़े बड़ाई ना करें, बड़े न बोलें बोल दोहे के माध्यम से रहीम क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर:
उक्त दोहे के माध्यम से रहीम कहना चाहते हैं कि बड़े और सज्जन लोग अपने किए कार्यों का अथवा अपनी महानता का घमण्ड नहीं करते और न ही उसका बखान करते हैं। बड़े लोग हीरे की तरह होते हैं जो कभी अपना मूल्य स्वयं नहीं बताता है ।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कबीर के दोहों में निहित भाव को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कबीर के दोहों में यह भाव निहित है

  1. दूसरों में बुराई या दोष खोजने की जरूरत नहीं है, बल्कि स्वयं की बुराई को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
  2. गुरु सदैव पूज्य व महान् होता है, वह ईश्वर से भी बड़ा होता है।
  3. उतने ही धन की लालसा रखनी चाहिए, जितने से परिवार का भरण-पोषण हो जाये, अपनी भूख भी मिटे और अतिथि का सत्कार भी हो जावे। नेदार कलददी ।

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