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RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 5 अनोखी सूझ

RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 5 अनोखी सूझ is part of RBSE Solutions for Class 5 Hindi .Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 अनोखी सूझ

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 5
Subject Hindi
Chapter Chapter 5
Chapter Name अनोखी सूझ
Number of Questions 34
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 अनोखी सूझ

पाठ का सार- पुराने जमाने में देवताओं और दानवों के बीच अपने को श्रेष्ठ साबित करने के लिए युद्ध होता रहता था। एक बार देवता और दानव मिलकर ब्रह्माजी के पास गए और पूछा कि हममें से बुद्धि में बड़ा कौन है ? ब्रह्माजी ने दोनों को भोजन पर बुलाया। देवता और दानवों को अलग-अलग कमरों में बैठाकर लड्डुओं के थाल भिजवा दिए और शर्त लगा दी कि बिना कोहनी मोड़े भोजन करना है। देवता आमने-सामने बैठ गए और लड्डू उठाकर एक-दूसरे के मुँह में देने लगे।
इस प्रकार उन्होंने शांतिपूर्वक भोजन किया। वहीं दानवों ने लड्डू उछाल-उछाल कर खाना शुरू किया। कुछ लड्डू उनके मुँह में गए और कुछ फैल गए। सब तरफ शोर-शराबा और गंदगी फैल गई। भोजन के बाद ब्रह्माजी ने कहा कि देवताओं ने सहयोग की भावना से काम किया है। उन्होंने खुद भी खाया और दूसरों को भी खिलाया। दूसरी तरफ दानवों ने न तो खुद तरीके से खाया और न ही दूसरे को खाने दिया। इस प्रकार देवता ही बुद्धि में श्रेष्ठ हैं।
कठिन-शब्दार्थ- युद्ध = लड़ाई । प्रजापति = ब्रह्मा । मान्यवर = सम्मानसूचक संबोधन। टेढ़ा प्रश्न होना = कठिन बात होना । श्रेष्ठ = उत्तम। शांतिपूर्वक = शांति के साथ। मिष्ठान्न = मिठाई, मीठा अन्न। आज्ञा = आदेश । उपाय = तरकीब। शोरगुल = हो-हल्ला/हंगामा । मुँह ताकना = देखते रहना। टूट पड़ना = झपटना। | चूर-चूर होना = बिखर जाना। सहकार = मिल-जुलकर। सूझ-बूझ = तरकीब।।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

सोचें और बताएँ

‘प्रश्न 1.
प्रजापति किसे कहा गया है ?
उत्तर:
प्रजापति ब्रह्माजी को कहा गया है।

प्रश्न 2.
पहले दिन प्रजापति ने देवताओं और दानवों को क्या उत्तर दिया?
उत्तर:
पहले दिन प्रजापति ने देवताओं और दानवों को उत्तर दिया कि कल भोजन के बाद बताऊँगा कि कौन बुद्धि में श्रेष्ठ है।

प्रश्न 3.
देवताओं और दानवों ने प्रजापति से क्या प्रश्न किया ?
उत्तर:
देवताओं और दानवों ने प्रजापति से पूछा कि हम दोनों में बुद्धि में कौन बड़ा है।

लिखें

प्रश्न 1.
दिए गए शब्दों में से रिक्त स्थान की पूर्ति करें

( श्रेष्ठ, दूसरों, खुद, लपकते, परीक्षा)

(क) भोजन के बाद बताऊँगा कि कौन बुद्धि में
(ख) आ ही गए हैं तो ………… देनी ही पड़ेगी।
(ग) वे उन्हें पाने के लिए …………….. रहे।
(घ) ………….. भी खाओ और ………… को भी खाने दो।
उत्तर:
(क) श्रेष्ठ
(ख) परीक्षा
(ग) लपकते
(घ) खुद, दूसरों

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्य सही होने पर (✓) व गलत होने पर (✗) का निशान लगाएँ

(क) देवताओं और दानवों में युद्ध होता रहता था।
उत्तर:
(✓)

(ख) देवता और दानव दोनों को एक ही कमरे में बैठाया गया।
उत्तर:
(✗)

(ग) प्रजापति ने बिना शर्त भोजन करवाया।
उत्तर:
(✗)

(घ) देवता परीक्षा में श्रेष्ठ निकले।
उत्तर:
(✓)

प्रश्न 3.
प्रजापति ने भोजन करने के लिए किनको आमंत्रित किया ?
उत्तर:
प्रजापति ने देवताओं और दानवों को भोजन करने के लिए आमंत्रित किया।

प्रश्न 4.
प्रजापति ने भोजन करने की क्या शर्त रखी ?
उत्तर:
प्रजापति ने शर्त रखी कि भोजन बिना कोहनी मोड़े करना है।

प्रश्न 5.
देवताओं ने अपनी सूझ-बूझ कैसे दिखाई?
उत्तर:
देवताओं ने एक-दूसरे के मुँह में लड्डू देकर भोजन किया। इस तरह उन्होंने अपनी सूझ-बूझ दिखाई।

प्रश्न 6.
शोरगुल कौन कर रहे थे और क्यों?
उत्तर:
शोरगुल दानव कर रहे थे, क्योंकि वे लड्डू उछाल-उछाल कर खा रहे थे। लड्डुओं को लपकने के लिए वे शोरगुल कर रहे थे।

प्रश्न 7.
प्रजापति ने किसको श्रेष्ठ बताया और क्यों?
उत्तर:
प्रजापति ने देवताओं को श्रेष्ठ बताया, क्योंकि उन्होंने सहकार की भावना से काम किया। उन्होंने खुद भी खाना खाया और दूसरों को भी खिलाया।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
‘टूट पड़ना’ एक मुहावरा है, जिसका अर्थ है झपटना। इसी प्रकार नीचे लिखे मुहावरों का अर्थ बताएँ

  1. चूर-चूर होना
  2. सूझ-बूझ दिखाना।

उत्तर:

  1. चूर-चूर होना = बिखर जाना।
  2. सूझ-बूझ दिखाना = समझ से काम लेना।

प्रश्न 2.
प्रजापति दानवों के कमरे में गए। इस वाक्य में ‘के’ दानवों और कमरे का संबंध बता रहा है। का, के, की ये तीनों संबंध बताने के काम आते हैं। अब तुम पाठ में से वे पाँच वाक्य फॅटो, जिनमें का/के/की का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर:

  1. दूसरे दिन दोनों पक्ष भोजन के लिए पहुँचे।
  2. वे एक-दूसरे का मुँह ताकने लगे।
  3. प्रजापति की आज्ञा का पालन होना चाहिए।
  4. वे लड्डू एक-दूसरे के मुँह में देने लगे।
  5. कमरे में से हा-ही-हो की आवाजें आती रहीं।

जहाँ एक संज्ञा शब्द का दूसरे शब्द के साथ संबंध बताया जाये उसे ‘संबंध कारक’ कहते हैं। इस संबंध को बताने वाले का/के/की को संबंध कारंक चिन्ह कहते हैं।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर वस्तुनिष्ठ

प्रश्न 1.
प्रजापति किसे कहा जाता है?
(अ) ब्रह्मा को
(ब) शिव को
(स) इन्द्र को
(द) विष्णु को
उत्तर:
(अ) ब्रह्मा को

प्रश्न 2.
देवता और दानव किस चीज की श्रेष्ठता जानने के लिए ब्रह्माजी के पास गए थे?
(अ) शक्ति की
(ब) बल की
(स) बुद्धि की
(द) धन की
उत्तर:
(स) बुद्धि की

प्रश्न 3.
प्रजापति ने देव-दानवों को क्यों आमंत्रित किया?
(अ) घूमने के लिए
(ब) भोजन के लिए
(स) युद्ध के लिए
(द) नृत्य के लिए
उत्तर:
(ब) भोजन के लिए

प्रश्न 4.
प्रजापति ने भोजन में कौनसा मिष्ठान्न खिलाया?
(अ) बरफी
(ब) जलेबी
(स) पेड़ा।
(द) लड्डू
उत्तर:
(द) लड्डू

रिक्त स्थान भरो
दिए गये शब्दों से रिक्त स्थान की पूर्ति करो

(बदले, टेढ़ा, सहकार, भोजन, परेशान, मुँह, बगलें)

1. दूसरे दिन दोनों पक्ष …………. के लिए पहुँचे।
2. प्रजापति की बात सुन दोनों ……………… हुए।
3. वे एक-दूसरे का …………… ताकने लगे।
4. बड़ा …………… प्रश्न था।
5. देवताओं ने …………… की भावना से काम किया।

उत्तर:
1. भोजन
2. परेशान
3. मुँह
4. टेढ़ा
5. सहकार

निम्न में से सत्य/असत्य कथन बतलाइये

प्रश्न 1.
देवता और दानव प्रेम से रहते थे।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 2.
प्रजापति ने दोनों को भोजन के लिए बुलाया।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 3.
दानवों ने शांति से भोजन समाप्त किया।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 4.
देवताओं ने सहकार की भावना से कार्य किया।
उत्तर:
सत्य

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
देव और दानवों की बात सुनकर प्रजापति ने क्या सोचा ?
उत्तर:
उनकी बातें सुनकर प्रजापति ने सोचा कि किसे बड़ा बताऊँ।

प्रश्न 2.
देवताओं ने भोजन किस प्रकार किया ?
उत्तर:
देवताओं ने शांति और सहयोग की भावना से भोजन किया।

प्रश्न 3.
शर्त के अनुसार भोजन करने में किसने बुद्धिमत्ता दिखाई?
उत्तर:
शर्त के अनुसार भोजन करने में देवताओं ने बुद्धिमत्ता दिखाई।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
देव-दानव जब भोजन के लिए पहुँचे तो प्रजापति ने क्या किया ?
उत्तर:
उन्होंने देवताओं और दानवों को अलग-अलग कमरे में बैठाया। वहाँ मिष्ठान्न से भरे थाल भिजवा दिए। फिर उन्होंने कहा कि आपको बिना कोहनी मोड़े | भोजन करना है।

प्रश्न 2.
प्रजापति ने देवताओं व दानवों को लेकर क्या सोचा?
उत्तर:
प्रजापति ने सोचा कि यदि देवताओं को बड़ा बताता हूँ तो दानव नाराज हो जायेंगे। दानवों को बड़ी बताता हूँ तो देवता नाराज हो जायेंगे। तब हो सकता है, दोनों ही आपस में लड़ाई करने लगे। यह प्रश्न बड़ा टेढ़ा है। कोई उपाय करना पड़ेगा।

प्रश्न 3.
दानवों ने प्रजापति की शर्त का पालन कैसे किया?
उत्तर:
दानवों ने भोजन करने में अपनी कोहनी नहीं मोड़ी। वे लड्डू उछालते रहे और उसे खाने के लिए मुँह फैलाकर लपकते रहे। इससे न तो खुद खा सके और न दूसरों को खाने दिया। भोजन शर्त के अनुसार करने से वे भूखे ही रहे और लड्डू बिखरकर टूट भी गये।

प्रश्न 4.
प्रजापति ने देवताओं को बुद्धि में श्रेष्ठ क्यों बताया ?
उत्तर:
उन्होंने देवताओं को बुद्धि में दानवों से श्रेष्ठ इसलिए बताया, क्योंकि उन्होंने एक-दूसरे को भोजन खिलाकर न केवल प्रजापति की शर्त का पालन किया, बल्कि सहकार और सहयोग की भावना का परिचय भी दिया।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘अनोखी सूझ’ कहानी में क्या संदेश दिया गया है ?
उत्तर:
‘अनोखी सूझ’ कहानी के माध्यम से यह बताया गया है कि जिसके पास बुद्धि है, उसी के पास बल है। सहयोग और सहकार की भावना के साथ बुद्धि से काम लेने पर किसी भी बलशाली को परास्त किया जा | सकता है। पाठ में यह भी संदेश है कि केवल अपने ही स्वार्थ के लिए कार्य नहीं करना चाहिए, वरन् ‘जियो और जीने दो’ की भावना के साथ कार्य करना चाहिए।

पठित गद्यांश निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए

(1)
उनकी बात सुनकर प्रजापति मुस्कुराए। मन में सोचने लगे’ किसे बड़ा बताऊँ! देवताओं को या दानवों को? देवताओं को बड़ा बताता हूँ तो दानव नाराज होते हैं। दानवों को बड़ा बताता हूँ तो देवता नाराज होते हैं। हो सकता है तब दोनों आपस में लड़ने लगें।” बड़ा टेढ़ा प्रश्न था। बड़ा बताएँ तो किसे बताएँ। कुछ सोच कर वे बोले-”इसका उत्तर कल दूंगा। आप दोनों ही कल मेरे यहाँ भोजन पर आमंत्रित हो । भोजन के बाद बताऊँगा कि कौन बुद्धि में श्रेष्ठ है।”

प्रश्न 1.
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर:
‘बुद्धि में श्रेष्ठ कौन’।

प्रश्न 2.
प्रजापति के सामने क्या प्रश्न था?
उत्तर:
प्रजापति के सामने प्रश्न था कि देवताओं तथा दानवों में से किसे बड़ा बताया जाए?

प्रश्न 3.
प्रजापति को क्या डर था?
उत्तर:
प्रजापति को डर था कि दोनों में से किसी एक को बड़ा बताने पर वे आपस में लड़ने न लग जायें।

प्रश्न 4.
‘प्रसन्न’ शब्द का विलोम शब्द गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
‘नाराज

(2)
सारी स्थिति स्पष्ट थी। प्रजापति ने कहा-‘देवता ही श्रेष्ठ हैं। जानते हो क्यों? इसलिए कि इन्होंने सहकार की भावना से काम किया है। खुद भी खाओ और दूसरों को भी खिलाओ। जिओ और जीने दो। यह थी इनकी विशेषता। इन्होंने बुद्धि से काम लिया। सूझबूझ दिखाई। ये आमने-सामने बैठ गए। एक-दूसरे के | मुँह में लड्डू देते रहे। थोड़ी देर में थाल साफ कर दिए। दूसरी तरफ दानवों ने शर्त का पालन किया। लड्डू | उछालते रहे। उन्हें पाने के लिए लपकते रहे। न खुद खाए न दूसरों को खाने दिए। लड्डू तो बिगड़े ही, पेट भी न भरा।।

प्रश्न 1.
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर:
‘अनोखी सुझ’।

प्रश्न 2.
प्रजापति ने देवताओं को श्रेष्ठ क्यों बताया?
उत्तर:
प्रजापति ने देवताओं को श्रेष्ठ बताया, क्योंकि उन्होंने सहकार की भावना से काम लिया था। जिओ और जीने दो की भावना के अनुरूप कार्य करते हुए उन्होंने एक-दूसरे को भोजन कराया था।

प्रश्न 3.
दानव शर्त का पालन करने के बाद भी श्रेष्ठ नहीं हो सके। क्यों?
उत्तर:
दानवों ने शर्त का पालन किया फिर भी वे श्रेष्ठ साबित नहीं हो सके, क्योंकि उन्होंने सिर्फ अपने बारे में ही सोचा। वे लड्डू उछालते रहे और उन्हें पाने के | लिए लपकते रहे। सब तरफ लड्डू फैल गए। न वो खुद खा पाए और न दूसरे को खाने दिया।

प्रश्न 4.
‘मरने’ शब्द का विलोम शब्द गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
जीले

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