RBSE Class 6 Hindi व्याकरण लोकोक्तियाँ या कहावतें

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Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi व्याकरण लोकोक्तियाँ या कहावतें

‘लोकोक्ति’ का अर्थ है- लोक। उक्ति. अर्थात् लोक की उक्ति। प्रयोग करने के लिए वाक्य के अंतर्गत इन्हें ज्यों-का-त्यों रखा जाता है।

कुछ प्रमुख लोकोक्तियाँ. उनका
अर्थ एवं वाक्य प्रयोग

1. अक्ल बड़ी या भैंस (शारीरिक बल से बुद्धि बल श्रेष्ठ है)-मरियल से लड़के ने बुद्धिबल से बड़े-बड़ों को झुका दिया है. इसीलिए कहते हैं कि अक्ल बड़ी या भैंस।

2. अंथी पीसे कुत्ते खायें (कुप्रबंध से वस्तु का नष्ट होना)-मामा के विवाह में अंधी पीसे कने खायें वाली बात हो रही थी।

3. अधजल गगरी छलकत जाय (ओछा व्यक्ति अधिक उछल-कूद करता है)-भाईसाहब पर देने को कुछ नहीं है और बातें बड़ी बड़ी करते हैं। ठीक ही है. अधजल गगरी छलकत जाय।

4. आम खाने या पेड़ गिनने (अनावश्यक बातों में रुचि न लेना)-कार्य कैसे हुआ. तुम्हें इससे क्या मतलब? तुम्हें आम खाने या पेड़ गिनने।

5. आम के आम गुठलियों के दाम (दुहरा लाभ)-हुजारी प्रसाद ने सौ रुपये में महीने भर तक अखबार पढ़ा और आधी रकम की रद्द भी बेच ली। उसके तो आम के आम गुठलियों के दाम हो गए।

6. इधर जाएँ तो खाई उधर जाएँ तो कुआँ (सभी और परेशानी होना)-चुनाव में भाग ले रहे दोनों उम्मीदवारों में से एक तो तस्करी करता है और दूसरे पर भ्रष्टाचार के कई मुकदमें चल रहे हैं। जनता किसे वोट दे. इधर जाएँ तो कुआँ उधर जाएँ तो खाई।।

7. उल्टा चोर कोतवाल को बाँटे (अपना अपराध औरों पर मना)-चोरी करके भी सौदान साहूकार बना घूमता है। और दूसरों को चोर कहता हैं। इसे कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।

8. ऊँची दुकान फीके पकवान (दिखावा अधिक वास्तविकता कम)-आदमी तो बहुत तगड़ा है. पर दिल चूहे जैसा है। वाह. ऊँची दुकान फीके पकवान।

9. अंत भला तो सब भला (कार्य को “त्तम चरण महत्त्वपूर्ण होता है)-यदि अब भी भगवान का नाम ले लो तो जीवन सुधर जायेगा. अंत भला तो सब भला।।

10. एक पंथ दो काज (दोहरा लाभ उठाना)-वे दोनों आगरा परीक्षा देने गये थे। परीक्षा देने के साथ ही वे लालकिला और ताजमहल भी देख आर्य। इसे कहते हैं। एक पंथ दो काज।।

11. का वर्षा जब कृषी सुखाने (समयोपरांत मिली सहायता से क्या लाभ)-जब डाकू लूटपाट करके चले गये. तब पुलिस गाँव में पहुँची। दु:खी ग्रामीण ने कहा. का वषाँ जब कृर्षी सुखाने।

12. कोयले की दलाली में काले हाय (गलत संगति का बुरा परिणाम)-मैंने कुछ भी नहीं किया। मैं तो केवल उनके साथ गया था. मुझे भी सजा दे दी। कोयले की दलाली में हाथ काले हीं हुए।

13. खिसियान बिल्ली खंभा नोंचे (दुर्बलता में शक्तिप्रदर्शन)-जब कुछ नहीं कर पाये तो अपने हाथों को दीवार पर मारने लगे। यही हुआ खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे।

14. घर की मुर्गी दाल बराबर (सरलता से मिली वस्तु का महत्व नहीं होता)-उसके बड़े भाई विद्वान हैं. फिर भी वह उन्हें मूर्ख समझता है। सच कहा है-घर की मुर्गी दाल बराबर।।

15. घर का भेदी लंका जाये (पक्ष वाले दुवारा विपक्ष के साथ मिलकर नुकसान कर देना)-विभीषण ने रावण की मृत्यु का भेद बताकर लंका के सर्वनाश का मार्ग प्रशस्त किया था। तभी तो कहते हैं – घर का भेदी लंका ढाये।

16. चमड़ी ज्ञाय पर दमड़ी न जाय (अत्यधिक कंजूसी) आर्थिक मामलों में रामदीन का सिद्धांत है. चमड़ी जाय पर दमड़ी न जाय।

17. जल में रहकर मगर से बैर (बलवान से शत्रुता रखना)- तुम्हें अधिकारियों की बात मान लेनी चाहिए। जल में रहकर मगर से बैर नहीं किया करते।

18. तीन लोक से मथुरा न्यारी (सबसे अलग विचार होना)अपने हरिशंकर की तीन लोक से मथुरा न्यारी रहती हैं।

19. दूध का जला छाछ फेंक-फूककर पीता है (एक बार धोखा खाने वाला व्यक्ति हर कदम सावधानी से रखता। है)-जब से मोटर साइकिल दुर्घटना में विजय को चोट लगी है. तब से वह साइकिल को भी धीरे धीरे चलाता है. क्योंकि दूध का जला छाछ को भी फेंक-फेंककर पीता

20. नाच न जाने आँगन टेढा (अपनी कमी दूसरों पर थोपना)-जब यह प्रश्न हल नहीं कर सकते थे तो यह क्यों कहते रहे कि प्रश्न गलत है। यह तो नाच न जाने आँगन टेढ़ा वाली बात हुई।

21. बिल्ली के भाग से छींका टूटा (कार्य में संयोगवश मिली सफलता)-प्रतिपक्ष के लोग कुछ देर पहले ही गये थे. वरना आज भयंकर रक्तपात होता। बिल्ली के भाग से छींका टूट गया और उन्हें स्वयं को बहादुर साबित करने का मौका मिल गया।

22. रस्सी जल गई. पर ऐठ न गई (शक्ति समाप्त होने पर भी व्यर्थ का दिखावा)-हरप्रसाद के पिता अब भी उसी तुनक में रहते हैं. जबकि सब कुछ लुट चुका है। सच हैं-रस्सी जल गई. पर ऐंठ न गई।

23. होनहार बिरवान के होत चीकने पात (महान व्यक्ति की पहचान बचपन में ही होने लगती है)-देखो तो सही किस तरह चीनी के एक-एक दाने को बीन रहा है तुम्हारा छुटकू। बड़ा होकर बड़ा किफायत वाला बनेगा। होनहार बिरवान के होत चीकने पात।।

परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
ऊँची दुकान फीके पकवान’ लोकोक्ति का अर्थ है
(क) ऊँचा व्यापार
(ख) पकवान सेकना
(ग) सामान्य बनना
(घ) कोरा बाहरी दिखाया।
उत्तर:
(घ) कोरा वाहुरी दिखावा।।

प्रश्न 2.
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता’ कहावत का अर्थ हैं
(क) अकेलापन
(ख) अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता।
(ग) भड़भूजे का व्यवसाय
(घ) कर्मठता
उत्तर:
(ख) अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता

प्रश्न 3.
‘अक्ल बड़ी या भैंस’ लोकोक्ति का अर्थ है
(क) बेअली
(ख) अधिक अक्लमंदी
(ग) शारीरिक बल से बुद्धि बल श्रेष्ठ होता है
(घ) मूर्खता।
उत्तर:
(ग) शारीरिक बल से बुद्धि बल श्रेष्ठ होता है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित लोकोक्तियों का अर्थ लिखते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए
उत्तर:
(क) हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और = कपटपूर्ण व्यवहार। वाक्य प्रयोग – आजकल कुछ समाजसेवी हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और जैसा व्यवहार करते हैं।
(ख) मुँह में राम बगल में छुरी = कपटपूर्ण आचरण वाला व्यक्ति। वाक्य प्रयोग – सीता की पड़ोसिन तो मुँह में राम बगल में छुरी वाली औरत है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित लोकोक्तियों का अर्थ एवं वाक्य प्रयोग कीजिए –
उत्तर:
(क) घर का जोगी जोगना आन गाँव का सिद्ध: निकट का गुणी व्यक्ति कम सम्मान पाता है. पर दुर का गुणी ज्यादा सम्मान पाता है। वाक्य प्रयोग – रामदेव का। अपने गाँव में कोई सम्मान नहीं था. पर बाहर जाकर वे भारत के प्रसिद्ध योगी बन गए। किसी ने सच ही कहा है कि घर को जोगी जोगना आन गाँव का सिद्ध।
(ख) जिसकी लाठी उसकी भैंस = शक्तिवान की विजय होती है। वाक्य प्रयोग – कैसा समय आ गया है. चारों ओर जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।

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