Rajasthan Board RBSE Class 7 Sanskrit व्याकरण शब्द रूप प्रकरणम्
( क) संज्ञा शब्द-रूप
Bhanu Shabd Roop (1) अकारान्त पुंल्लिग ‘बालक’ शब्द
नोट- इसी प्रकार राम, सूर्य, चन्द्र, गणेश, गज, महेश, पाठ आदि अकारान्त शब्दों के भी रूप चलेंगे ।
गणेश शब्द रूप (2) इकारान्त पुंल्लिग ‘कवि’ शब्द
नोट – इसी प्रकार मुनि, ऋषि, अग्नि, विधि, असि, यति आदि इकारान्त शब्दों के भी रूप चलेंगे ।
बालक शब्द रूप (3) उकारान्त पुंल्लिग ‘भानु’ (सूर्य) शब्द
नोट – इसी प्रकार गुरु, साधु, शिशु, इन्दु, रिपु, शत्रु, शम्भु, विष्णु, शिशु इकारान्त शब्दों के रूप भी चलेंगे ।
Balak Ki Vibhakti (4) इकारान्त पुंल्लिग ‘सखि’ (मित्र) शब्द
Class 7 Sanskrit Dhatu Roop (5) ऋकारान्त पुंल्लिग ‘पितृ’ (पिता) शब्द
शब्द रूप (6) नकारान्त पुंल्लिग ‘राजन्’ (राजा) शब्द
Shabdrupani In Sanskrit Class 7 (7) आकारान्त स्त्रीलिंग ‘लता’ (बेल) शब्द
नोट – इसी प्रकार रमा, बाला, गंगा, रक्षा, कथा, क्रीडा, पाठशाला, शीला, लीला, सीता, गीता, विमला, श्रद्धा, कमला, प्रभा, विभा, सुधा, (अमृत), चेष्टा (प्रयत्न), विद्या, कक्षा, व्यथा, (कष्ट), वेदना (पीड़ा), बालिका आदि आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के भी रूप चलेंगे ।
Balak Shabd Roop (8) ऊकारान्त स्त्रीलिंग ‘धेनु’ (गाय) शब्द
नोट – इसी प्रकार तनु, रज्जु, आशु आदि, उकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के भी रूप चलेंगे ।
Class 7 Sanskrit Shabd Roop (9) ऊकारान्त स्त्रीलिंग (वधू) शब्द
Bhanu Shabd Sanskrit (10) ईकारान्त स्त्रीलिंग ‘स्त्री’ शब्द
नोट – श्री, लक्ष्मी के रूप भी इसी तरह चलेंगे प्रथमा विभक्ति एकवचन में श्रीः, लक्ष्मीः बनता है ।
Sanskrit Shabd Roop (11) अकारान्त नपुंसकलिंगे ‘जल’ शब्दों के रूप
नोट – पुस्तक, फले, पुष्प, पत्र, वन, मन्दिर, गृह, नगर, । वस्त्र आदि अन्य सभी अकारान्त नपुंसकलिंगे शब्दों के रूप इसी प्रकार चलते हैं ।
संस्कृत व्याकरण शब्द रूप (12) तकारान्त नपुंसकलिंग ‘जगत्’ (संसार) शब्द
अभ्यास 1
निर्देशानुसार शब्द-रूप लिखिए –
Sanskrit Balak Shabd Roop प्रश्न 1.
(i) राम (चतुर्थी विभक्ति एकवचन)
(ii) हरि (षष्ठी विभक्ति बहुवचन)
उत्तर :
(i) रामाय
(i) हरीणाम्
Ganesh Shabd Roop प्रश्न 2.
(i) कवि (सप्तमी विभक्ति बहुवचन)
(ii) मति (तृतीया विभक्ति एकवचन ।
उत्तर :
(i) कविषु
(ii) मत्या
Sanskrit Dhatu Roop Class 7 प्रश्न 3.
(i) नदी (सप्तमी विभक्ति एकवचन)
(ii) बालक (द्वितीया विभक्ति द्विवचन)
उत्तर :
(i) नद्याम्
(ii) बालकौ
Shabd Roop Sanskrit Mein प्रश्न 4.
(i) गुरु (षष्ठी विभक्ति एकवचन)
(ii) साधु (पंचमी विभक्ति द्विवचन)
उत्तर :
(i) गुरोः
(ii) साधुभ्याम्
बालकः शब्द रूप प्रश्न 5.
(i) पति (प्रथमा विभक्ति द्विवचन)
(ii) भूपति (तृतीया विभक्ति एकवचन)
उत्तर :
(i) पती
(ii) भूपतिना ।
अभ्यास 2
सही उत्तरे का क्रमाक्षर कोष्ठक में लिखिए –
संस्कृत शब्द रूप Pdf प्रश्न 1.
‘वने’ पदे विभक्तिः अस्ति ?
(क) सप्तमी
(ख) द्वितीया
(ग) चतुर्थी
(घ) पञ्चमी
उत्तर :
(क)
Bhanu Table In Sanskrit प्रश्न 2.
‘पल्या’ पदे विभक्तिः अस्ति?
(क) सप्तमी
(ख) तृतीया
(ग) द्वितीया
(घ) चतुर्थी।
उत्तर :
(ख)
Bhanu Shabd Roop In Sanskrit प्रश्न 3.
जलक्रीडायों’ पदे का विभक्तिः अस्ति ?
(क) द्वितीया
(ख) तृतीया
(ग) सप्तमी
(घ) पञ्चमी।
उत्तर :
(ग)
Bhanu Sanskrit Table प्रश्न 4.
‘सोपानेषु’ पदे का विभक्तिः अस्ति ?
(क) प्रथमा
(ख) द्वितीया
(ग) तृतीया
(घ) सप्तमी।
उत्तर :
(घ)
Ganesh Shabd Roop In Sanskrit प्रश्न 5.
‘दण्डप्रहारेण’ पदे का विभक्तिः अस्ति ?
(क) तृतीया
(ख) चतुर्थी
(ग) पञ्चमी
(घ) षष्ठी।
उत्तर :
(क)
(ख) सर्वनाम शब्द-रूप
(1) ‘सर्व’ (सब) पुँल्लिग
नोट – इसी प्रकार ‘पूर्व’ (पहले) शब्द के भी रूप चलते हैं ।
(2) ‘सर्व’ (सब) स्त्रीलिंग
(3) ‘सर्व’ (सब) नपुंसकलिंग
(4) ‘इदम्’ (यह ) पुँल्लिग
(5) ‘इदम्’ (यह) स्त्रीलिंग
(6) ‘इदम्’ (यह) नपुंसकलिंग
नोट – शेष विभक्तियों के रूप पुल्लिग के समान
(7) ‘तद्’ (वह) पुँल्लिग
(8) ‘तद्’ (वह) स्त्रीलिंग
(9) “युष्मद्’ (तुम )
(10) ‘अस्मद्’ (मैं)
नोट – अस्मद् के रूप तीनों लिंगों में एक समान ही चलते हैं।
अभ्यास 1
निर्देशानुसार शब्दों के रूप लिखिए-
रक्षा शब्द रूप प्रश्न 1.
(i) अस्मद् (षष्ठी विभक्ति एकवचन)
(ii) युष्मद् (द्वितीया विभक्ति बहुवचन)
उत्तर :
(i) मम् / में
(ii) युष्मान् / वः
भानु का शब्द रूप प्रश्न 2.
(i) युष्मद् (चतुर्थी विभक्ति एकवचन)
(ii) भवती (षष्ठी विभक्ति द्विवचन)
उत्तर :
(i) तुभ्यम् ते
(ii) भवत्योः
Bahuvachan In Sanskrit प्रश्न 3.
(i) भवान् (पंचमी विभक्ति एकवचन)
(ii) किम् (नपुंसकलिंग प्रथमा विभक्ति एकवचन)
उत्तर :
(i) भवतः
(ii) किम्
शब्द रूप बालक प्रश्न 4.
(i) किम् (पुल्लिग षष्ठी विभक्ति बहुवचन)
(ii) किम् (स्त्रीलिंग प्रथमा विभक्ति बहुवचन)
उत्तर :
(i) केषाम्
(ii) काः
संस्कृत शब्द रूप प्रश्न 5.
(i) अस्मद् (सप्तमी विभक्ति एकवचन)
(ii) यद् (पुल्लिंग चतुर्थी विभक्ति एकवचन)
उत्तर :
(i) मयि
(ii) यस्मै ।
अभ्यास 2
सही उत्तर का क्रमाक्षर कोष्ठक में लिखिए –
Yuvam Shabd Roop प्रश्न 1.
‘भवत्’ पुल्लिंग शब्दस्य द्वितीया विभक्तेः बहुवचने कि रूपमस्ति?
(क) भवतः
(ख) भवतौ:
(ग) भवन्तौ
(घ) भवत्सु।
उत्तर:
(क)
गीता शब्द रूप प्रश्न 2.
भवती शब्दस्य तृतीया विभक्तेः बहुवचनस्य रूपं किमस्ति?
(क) भवती
(ख) भवतीभिः
(ग) भवत्यः
(घ) भवत्याम्।
उत्तर:
(ख)
Ganesh Ka Shabd Roop प्रश्न 3.
‘एतत्’ शब्दस्य पुल्लिंग चतुर्थी विभक्तेः एकवचनस्य रूपं किमस्ति?
(क) एतम्
(ख) एतौ
(ग) एतस्मै
(घ) एतस्य।
उत्तर:
(ग)
क्रीडा शब्द रूप प्रश्न 4.
‘यत्’ शब्दस्य पुल्लिंग सप्तमी विभक्तेः बहुवचनस्य रूपं किमस्ति?
(क) येषाम्
(ख) येभ्यः
(ग) यान्
(घ) येषु ।
उत्तर:
(घ)
Panch Shabd Roop प्रश्न 5.
‘अस्मद् शब्दस्य पञ्चमी विभक्तेः बहुवचनस्य रूपं किमस्ति?
(क) अस्मत्
(ख) अहम्
(ग) आवाम्
(घ) वयम् ।
उत्तर:
(क) ।
(ग) संख्यावाची शब्द रूप
संस्कृत में 1 से 100 तक के संख्यावाचक शब्द इस प्रकार हैं –
एकः, एका, एकम्; 2. द्वौ, द्वे, द्वे; 3. त्रयः, तिस्रः, त्रीणि; 4. चत्वारः, चतस्रः, चत्वारि; 5. पञ्च, 6. षट्, 7. सप्त, 8. अष्ट, अष्टौ, 9. नव, 10. दश, 11. एकादश, 12. द्वादश, 13. त्रयोदश, 14. चतुर्दश, 15. पञ्चदश, 16. षोडश, 17. सप्तदश, 18. अष्टादश, 19. नवदश, एकोनविंशतिः, 20. विंशतिः, 21. एकविंशतिः, 22.द्वाविंशतिः, 23. त्रयोविंशतिः, 24. चतुर्विंशतिः, 25. पञ्चविंशतिः, 26. षड्विंशतिः, 27. सप्तविंशतिः, 28. अष्टाविंशतिः, 29. नवविंशतिः, एकोनत्रिंशत्, 30. त्रिंशत्, 31. एकत्रिंशत्, 32. द्वात्रिंशत्, 33. त्रयस्त्रिंशत् , 34. चतुस्त्रिंशत्, 35. पञ्चत्रिंशत्, 36. षट्त्रिंशत्, 37. सप्तत्रिंशत्, 38. अष्टत्रिंशत्, 39. नवत्रिंशत्, एकोनचत्वारिंशत्, 40. चत्वारिंशत्, 41. एकचत्वारिंशत्, 42. द्विचत्वारिंशत्, द्वाचत्वारिंशत्, 43. त्रिचत्वारिंशत्, त्रयश्चत्वारिंशत्, 44. चतुश्चत्वारिंशत्, 45. पञ्चचत्वारिंशत्, 46. षट्चत्वारिंशत्, 47. सप्तचत्वारिंशत्, 48. अष्टचत्वारिंशत्, 49. नवचत्वारिंशत्, एकोनपञ्चाशत्, 50. पञ्चाशत्, 51. एकपञ्चाशत्, 52. द्विपञ्चाशत्, द्वापञ्चाशत्, 53. त्रिपञ्चाशत्, त्रय:पञ्चाशत्, 54. चतुःपञ्चाशत्, 55. पञ्चपञ्चाशत्, 56. षट्पञ्चाशत्, 57. सप्तपञ्चाशत्, 58. अष्टपञ्चाशत्, अष्टापञ्चाशत्, 59. नवपञ्चाशत्, एकोनषष्टिः, 60. षष्टिः, 61. एकषष्टिः, 62. द्विषष्टिः, द्वाषष्टिः, 63. त्रिषष्टिः, त्रयःषष्टिः, 64. चतुष्पष्टिः,65. पञ्चषष्टिः, 66. षट्षष्टिः, 67. सप्तषष्टिः, 68. अष्टषष्टिः, अष्टषष्टिः, 69. नवषष्टिः, एकोनसप्ततिः, 70. सप्ततिः, 71. एकसप्ततिः, 72. द्विसप्ततिः, द्वासप्ततिः, त्रिसप्ततिः, त्रयस्सप्ततिः, 74. चतु:सप्ततिः, 75. पंचसप्ततिः, 76. षट्सप्ततिः, 77. सप्तसप्ततिः, 78. अष्टसप्ततिः, अष्टासप्ततिः, 79. नवसप्ततिः, एकोनाशीतिः, 80. अशीति, 81. एकाशीति, 82. द्वयशीति, 83. त्रयशीति, 84. चतुरशीति, 85. पञ्चाशीति,86. षडशीति, 87. सप्ताशीति, 88. अष्टाशीति, 89. नवाशीति, एकोननवति, 90. नवति, 91. एकनवति, 92. द्विनवति, द्वानवति, 93. त्रिनवति, त्रयोनवति, 94. चतुर्नवति, 95. पञ्चनवति, 96. षण्णवति, 97. सप्तनवति, 98. अष्टनवति, अष्टानवति, 99. नवनवति, एकोनशतम्, 100. शतम् ।
(i) संख्यावाचक शब्द
एक (एक) संख्यावाची शब्द
नोट – ‘एक’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में केवल एकवचन में ही चलते हैं ।
द्वि (दो) संख्यावाची शब्द
नोट – द्वि (दो) शब्द के रूप तीनों लिंगों में केवल द्विवचन में ही चलते हैं ।
त्रि (तीन) संख्यावाची शब्द
नोट – 3 से 18 तक की संख्याओं के रूप केवल बहुवचन में ही चलते हैं ।
चतुर् (चार) संख्यावाची शब्द
पञ्च (पाँच), षष्ट् ( छः ) , सप्तम् (सात)
संख्यावाची शब्द
नोट – पञ्चन से लेकर दशन् तक के सभी संख्यावाची शब्दों के रूप तीनों लिंगों में समान चलते हैं । ये केवल बहुवचन में ही होते हैं।
अष्टन् (आठ), नवन् (नौ), दशन्
(दस) संख्यावाची शब्द
(ii) क्रमवाचक शब्द
जिस संख्यावाचक शब्द से किसी क्रम का बोध होता है, वह क्रमवाचक कहलाता है । सामान्यतः एकोनविंशति (उन्नीस) से बड़ी संख्या के संस्कृत शब्द में तम | (नपुंसकलिंग व पुँल्लिग में) तथा तमी (स्त्रीलिंग में) जोड़कर क्रमवाचक शब्द बनाये जा सकते हैं ।
अभ्यास 1
निम्नलिखित संख्याओं को संस्कृत में लिखिए-
1. ग्यारह
2. बाईस
3. अठारह
4. सोलह
5. इक्यासी
6. सत्तर
7. छियासठ
8. सतासी
9. नवासी
10. छियालीस।
उत्तर :
1. एकादश
2. द्वाविंशति
3. अष्टादश
4. षोडश
5. एकाशीति
6. सप्तति
7. पट्षष्टि
8. सप्ताशीति
9.नवाशीति, एकोननवति
10. षट्चत्वारिंशत् ।
अभ्यास 2
निम्नलिखित क्रमवाचक शब्दों को संस्कृत में लिखिए-
1. बत्तीसवाँ
2. छियालीसवाँ
3. इक्कीसवाँ
4. इकत्तीसवाँ
5. इकतालीसवाँ
6. ग्यारहवाँ
7. बियालीसवाँ
8. आठवाँ
9. पाँचवाँ
10. पन्द्रहवाँ ।
उत्तर:
1. द्वात्रिंशत्तम
2. षट्चत्वारिंशत्तम
3. एकविंशतितम
4. एकत्रिंशत्तम
|5. एकचत्वारिंशत्तम
6. एकादश
7. द्वाचत्वारिंशत्तम
8. अष्टम
9. पञ्चम
10. पंचदश ।
(घ) धातु-रूप
(क) परस्मैपद धातु-रूप
(1) भू-भव (होना) धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
‘भू’ धातु लङ् लकार ( भूतकाल )
‘भू’ धातु लृट् लकार ( भविष्यत् काल )
नोट – इस लकार में ‘इषि’ में लट्लकार के प्रत्यय की सन्धि की जाती है । जैसे – इषि + अति = इष्यति (यण् सन्धि से)।
‘भू’ धातु लोट् लकार ( आज्ञार्थक)
भवाम ‘भू’ धातु विधिलिङ् लकार
( प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में)
(2) गम्-गच्छ् (जाना ) धातु लट् लकार
( वर्तमान काल )
लङ् लकार ( भूतकाल )
लट् लकार ( भविष्यत् काल)
लोट् लकार ( आज्ञार्थक)
विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में)
(3) दृश् – पश्य् (देखना ) धातु लट् लकार
( वर्तमान काल )
लङ् लकार ( भूतकाल )
लृट् लकार ( भविष्यत् काल )
लोट् लकार ( आज्ञार्थक)
विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में )
(4) स्था – तिष्ट् (ठहरना) धातु लट् लकार
( वर्तमान काल )
लङ् लकार ( भूतकाल )
लृट् लकार ( भविष्यत् काल)
लोट् लकार (आज्ञार्थक)
विधिलिङ् लकार ( प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में)
(5) पा-पिब् ( पीना) धातु लट् लकार
(वर्तमान काल)
लङ् लकार ( भूतकाल)
लृट् लकार ( भविष्यत् काल )
लोट् लकार (आज्ञार्थक)
विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में)
(6) पद् ( पढ़ना) धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
लङ् लकार ( भूत काले )
लृट् लकार ( भविष्यत् काल)
लोट् लकार (आज्ञार्थक)
विधिलिङ् लकार ( प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में)
(7) श्रु ( सुनना) धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
लङ् लकार ( भूतकाल)
लृट् लकार ( भविष्यत् काल )
लोट् लकार ( आज्ञार्थक)
विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में)
(ख) आत्मनेपद धातु रूप
(1) लभ् (पाना) धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
लङ् लकार ( भूत काल)
लृट् लकार ( भविष्यत् काल)
लोट् लकार (आज्ञार्थक)
विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में)
(2) रुच् ( अच्छा लगना) धातु लट् लकार
( वर्तमान काल)
लङ् लकार ( भूतकाल)
लृट् लकार ( भविष्यत् काल)
नोट : यहाँ रुच् का रोचि हो जाता है । अतः रोचि + स्यते = रोचिष्यते ।
लोट् लकार (आज्ञार्थक)
विधिलिङ् लकार ( प्रेरणार्थक, चाहिए अर्थ में)
अभ्यास 1
प्रश्न 1.
‘अवलोक’ धातोः लुट्लकारः प्रथम पुरुषएकवचनस्य रूपं किमस्ति?
(अ) अवलोकयिष्यति
(ब) अवलोकयिष्यसि
(स) अवलोकयिष्यामि
(द) अवलोकयति
उत्तर:
अ
प्रश्न 2.
‘पाल्’ धातोः लट्लकारः उत्तम पुरुष एकवचनस्य रूपं किमस्ति?
(अ) पालयति
(ब) पालयामि
(स) पालयसि
(द) पालयामः
उत्तर:
ब
प्रश्न 3.
‘आकर्ण’ धातोः लङ् लकार: मध्यम पुरुष द्विवचनस्य रूपं किमस्ति?
(अ) आकर्णयत्
(ब) आकर्णयः
(स) आकर्णयतम्
(द) आकर्णयताम्।
उत्तर:
स
प्रश्न 4.
‘प्रविश्’ धातोः लोट् लकारः उत्तम पुरुष एकवचनस्य रूपं किमस्ति?
(अ) प्रविशतु
(ब) प्रविश
(स) प्रविशन्तु
(द) प्रविशानि
उत्तर:
द
प्रश्न 5.
‘स्मृ’ धातोः विधिलिङ्लकारः प्रथम पुरुष एकवचनस्य रूपं किमस्ति?
(अ) स्मरेत्
(ब) स्मरेः
(स) स्मरेव
(द) स्मरेम
उत्तर:
अ।
अभ्यास 2
निर्देशानुसारं धातु-रूपं लिखत –
1. भू (लोट् लकार मध्यम पुरुष बहुवचन)
2. अस् (लङ् लकार प्रथम पुरुष द्विवचन)
3. कथ् (लृट् लकार उत्तम पुरुष बहुवचन)
4. दृश् (लट् लकार मध्यम पुरुष एकवचन)
5. पॅत् (लोट् लकार प्रथम पुरैष द्विवचन)
उत्तराणि:
1. भवत
2. आस्ताम
3. कथयिष्यामः
4. पश्यसि
5. पतताम् ।