RBSE Class 7 Sanskrit व्याकरण वर्ण-विचार

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Rajasthan Board RBSE Class 7 Sanskrit व्याकरण वर्ण-विचार

वर्णाः-
संस्कृत-वर्णमाला को ‘अल्’ भी कहते हैं। विभिन्न ध्वनियों को ‘वर्ण’ कहा जाता है। ध्वनियों के संयोग से शब्द बनते हैं। संस्कृत में इन 48 वर्गों का प्रयोग होता है। ये मुख्य रूप से तीन भागों में विभक्त हैं-1. स्वर 2. व्यञ्जन 3. अयोगवाह।

Varn Vichar In Sanskrit Class 7 1. स्वराः (स्वर)-
संस्कृत में 13 स्वर हैं। स्वरों का उच्चारण स्वतन्त्र रूप से होता है।
ह्रस्वाः स्वराः (ह्रस्व स्वर) – अ, इ, उ, ऋ, लु

  • ये पाँच ह्रस्व स्वर हैं। इन्हें मूल स्वर भी कहा जाता है।)
  • इनके उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है।

दीर्घाः स्वराः (दीर्घ स्वर)- आ, ई, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ (i) ये आठ दीर्घ स्वर हैं। ii) इनके उच्चारण में दो मात्रा का समय लगता है।
प्लुताः स्वराः (प्लुत स्वर) अ ३, इ ३, उ ३, ऋ ३, लु ३, ए ३, ऐ ३, ओ ३, औ ३,

  • ये प्लुत स्वर हैं।
  • इनके उच्चारण में दो मात्रा से अधिक समय लगता है।
  • जब हम किसी को दूर से बुलाते हैं तब प्लुत स्वर का प्रयोग होता है। यथा-ओ३म् इति
  • तीन मात्राओं का सूचक (३) है।

वर्ण विचार Class 7 2. व्यञ्जनानि (व्यञ्जन):- संस्कृत में (33) तेतीस व्यञ्जन हैं। व्यञ्जनों का उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है। व्यञ्जन के उच्चारण में अर्ध मात्रा का समय लगता है, जिस व्यञ्जन में स्वर का योग नहीं होता उसमें हलन्त का चिह्न लगता है।

स्पर्श वर्णाः (स्पर्श वर्ण) –
क्, ख्, ग, घ, ङ, = क वर्ग: च्, छ्, ज्, झ, ञ् = च वर्ग: ट्, , , , ण, = ट वर्गः त्, थ, द्, ध्, न्, = त वर्ग: प्, फ्, ब्, भ्, म्, = प वर्गः
अन्तःस्थ वर्णाः (अन्तःस्थ वर्ण)- य्, र, ल, व्
ऊष्म वर्णाः (ऊष्म वर्ण) – श्, ५, स्, ह ।
संयुक्त-व्यञ्जनानिः- संस्कृत में संयुक्त व्यञ्जन हैं- क्ष, त्र, जु, श्र। ये संयुक्त होने के कारण वर्ण नहीं कहे जाते।

  • क् + ष् = क्ष्
  • त् + र् = न्।
  • ज् + ञ् = ञ्
  • श् + र् = श्रु

नोट- ‘र’ अन्य वर्गों के साथ 3 प्रकार से संयुक्त होता है।
1. ‘, ‘ अर्थात् दूसरे वर्ण के बाद उच्चरित होने पर जैसेप्र, त्र, स्र, क्र आदि।
2. ‘ ‘ ट वर्ग के साथ ‘र्’ का संयोग होने पर जैसे:- ट्र, डू, तू आदि।
3. ‘ ‘ जिस वर्ण के साथ संयुक्त होता है उससे पहले उच्चरित होता है। जैसे- शर्म, गर्म, कर्म, सर्प आदि।

Varn Vinyas In Sanskrit Class 7 3. अयोगवाहाः (अयोगवाहो- जिस वर्ण का उच्चारण स्वर के पश्चात् होता है। वह अयोगवाह कहा जाता है। जैसे-अं, अः।
वर्णमालाः – वर्णानां समूहः एव वर्णमाला भवति ।(वर्गों का समूह ही वर्णमाला होता है ।)
वर्ण संयोजनम् – यदा वर्णानां मेलनं भवति तदा वर्ण संयोजनं भवति । (जब वर्गों का मेल होता है तब वर्ण संयोजन होता है ।)
यथा- प् + अ + त् + र् + अ + म् = पत्रम्
वर्ण विन्यासः – यदा पदानां वर्णान् पृथक-पृथक कृत्वा लिख्यते तत् वर्ण विन्यासः कथ्यते । (जब पदों के वर्षों को अलग-अलग करके लिखा जाता है वह वर्ण विन्यास कहा जाता है ।)
यथा- वृक्षात् पदे व् + ऋ + क् + ष् + आ + त् वर्णाः सन्ति ।
वाक्यः – पदानां समूहः एव वाक्यं भवति । (पदों का समूह ही वाक्य होता है ।)
पदः – वर्णानां संयोगेन पदस्य निर्माणं भवति । (वर्षों के संयोग से (मिलने से) पद का निर्माण होता है ।)

अभ्यासः

Varn Vichar Class 7 प्रश्न 1.
अधोलिखितान्वर्णान्च त शीर्षकस्य अधः लिखत – (निम्नलिखित वर्गों को उचित शीर्षक के नीचे लिखिए-) ह, व्, ७, ९, स्, लु, श्, म्, भु, औ, धू, ब्, दू, थ्, ओ, झू, | ऐ, त्, ड्, च्, ज्, घ, ङ, ३, छु, अः, न, ग, लु, ऋ, इ, ए, द्, द्, ख्, ऊ, अं, अ, य्, फ्, पू, टु, ण, क्, ऋ, इ, ई, आ। ह्रस्व स्वर, दीर्घ स्वर, संयुक्त स्वर, क वर्ग, च वर्ग, ट वर्ग, त | वर्ग, प वर्ग, अन्त:स्थ व्यञ्जन, ऊष्म व्यञ्जन, अयोगवाह।
उत्तर:
ह्रस्व स्वर = अ, इ, उ, ऋ, लु
दीर्घ स्वर = आ, ई, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
संयुक्त स्वर = ए, ऐ, ओ, औ,
क वर्ग = क्, ख्, ग, घ, ङ्
च वर्ग = च्, छ्, ज, झ, ञ्
ट वर्ग = ट्, ठ्, ड्, ढ्, ण्
त वर्ग = त्, थ्, द्, ध्, न्।
प वर्ग = प्, फ्, ब्, भ्. म्।
अन्त:स्थ व्य ञ्जन = य्, र, ल, व् ।
ऊष्मे व्य ञ्जन = श्, ७, स्, ह
अयोगवाह = अं, अः

वर्ण विचार संस्कृत Pdf प्रश्न 2.
अधोलिखित वर्णानाम् उच्चारणस्थानानि लिखत-(निम्नलिखित वर्गों का उच्चारण स्थान लिखिए-)
(1) ब्’
(2) ओ’
(3) ‘ऐ’
(4) ‘ऋ’
(5) ‘व’
(6) ‘न्’
(7) ‘आ’
(8) ‘ई’
(9) ‘र’
(10) ‘ल’
उत्तर:
(1) ओष्ठौ
(2) कण्ठोष्ठौ
(3) कण्ठतालु
(4) मूर्धा
(5) दन्तोष्ठौ
(6) नासिका
(7) कण्ठः
(8) तालु
(9) मूर्धा
(10) दन्ताः

संस्कृत में वर्ण विचार प्रश्न 3.
अधोलिखितानि रिक्तस्थानानि उचितपदेन पूरयन्तु(नीचे लिखे रिक्तस्थानों की पूर्ति उचित पद से कीजिए ।)
(i) ………. वर्णानाम् उच्चारणस्थानं कण्ठः अस्ति ।
(ii) ………. वर्णानाम् उच्चारणस्थानं तालुः अस्ति ।
(iii) ………. वर्णानाम् उच्चारणस्थानं मूर्धा अस्ति ।
(iv) ………. वर्णानाम् उच्चारणस्थानं ओष्ठौ अस्ति ।
(v) ………. वर्णानाम् उच्चारणस्थानं दन्तः अस्ति ।
(vi) ………. वर्णानाम् उच्चारणस्थानं नासिका अस्ति ।
(vii) ……..वर्णयोः उच्चारणस्थानं कण्ठतालुः अस्ति ।
(viii) …….. वर्णयोः उच्चारणस्थानं कण्ठोष्ठौ स्तः ।
(ix) ………. वर्णस्य उच्चारणस्थानं दन्तोष्ठम् अस्ति ।
(x) …….. वर्णयोः उच्चारणस्थानं जिह्वामूलः अस्ति ।
उत्तर:
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