RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 16 वन एवं वन्य जीव are part of RBSE Solutions for Class 7 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 16 वन एवं वन्य जीव.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 7 |
Subject | Science |
Chapter | Chapter 16 |
Chapter Name | वन एवं वन्य जीव |
Number of Questions Solved | 51 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 16 वन एवं वन्य जीव
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
वनों से हमें क्या लाभ हैं
(अ) भूजलस्तर बढ़ता है।
(ब) वातावरणीय तापमान को नियन्त्रित करते हैं।
(स) भूमि का उपजाऊपन बढ़ाते हैं
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
वनोन्मूलन का दुष्परिणाम है
(अ) मृदा अपरदन में वृद्धि
(ब) मृदा अपरदन में कमी
(स) वन्यजीव जन्तुओं की संख्या में वृद्धि
(द) वर्षा में वृद्धि
उत्तर:
(अ) मृदा अपरदन में वृद्धि
प्रश्न 3.
राजस्थान का राज्य पुष्प व वृक्ष है
(अ) रोहिड़ा व खेजड़ी
(ब) जाल व रोहिड़ा
(स) रोहिड़ा व नीम
(द) कमल व बरगद
उत्तर:
(अ) रोहिड़ा व खेजड़ी
प्रश्न 4.
राजस्थान का राज्य-पक्षी है
(अ) कबूतर
(ब) मोर
(स) गोडावण
(द) तोता
उत्तर:
(स) गोडावण
उत्तर:
(अ) (iv)
(ब) (iii)
(स) (i)
(द) (ii)
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. भूमि का वह बड़ा क्षेत्र, जो पेड़-पौधों से ढका हो, वन्य जीव-जन्तु पाये जाते हैं, ………… कहलाता है।
2. वन ……….. अपरदन रोकते हैं।
3. वन ……………. का आवास है।
4. वन्य जीव संरक्षण हेतु राष्ट्रीय उद्यान एवं ……………. की स्थापना की गई।
उत्तर:
1. वन
2. मृदा
3. वन्य जीवों
4. अभयारण्यों।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वनोन्मूलन के कारण लिखिए।
उत्तर:
वनोन्मूलन के कारण
- तेजी से बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण एवं औद्योगीकरण हेतु आवास, कृषि एवं कल-कारखानों के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु वनों की अनियोजित एवं अंधाधुंध कटाई करना।
- बाँध, सड़क निर्माण, खनन, नदी-घाटी परियोजनाओं आदि के लिए भी वन क्षेत्रों में पेड़-पौधों की कटाई की जा रही है।
- जलाने के लिए औद्योगिक माँग एवं इमारती लकड़ी की आपूर्ति हेतु वनों की अंधाधुंध कटाई वनोन्मूलन का प्रमुख कारण हैं।
प्रश्न 2.
वनोन्मूलन के दुष्परिणाम लिखिए।
उत्तर:
वन, सम्पदा के आवश्यकता से अधिक दोहन के प्रमुख दुष्परिणाम निम्नलिखित हैं |
- पर्यावरण का सन्तुलन बिगड़ना।
- वर्षा में कमी।
- मृदा अपरदन में वृद्धि।
- वातावरणीय तापमान में वृद्धि।
- भू-जलस्तर में कमी।
- वन्य जीव-जन्तुओं की संख्या एवं प्रजातियों में कमी से जैव विविधता क्षरण में वृद्धि।
- वनोपज में कमी।
- बाढ़, सूखा, प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि एवं रेगिस्तानी क्षेत्र में वृद्धि आदि प्रमुख हैं।
प्रश्न 3.
वनों से होने वाले लाभों को लिखिए।
उत्तर:
वनों से होने वाले लाभ-
- वनों से अनेक प्रकार के घरेलू, व्यावसायिक तथा उद्योगों के उपयोगों के लिए लकड़ी प्राप्त होती है।
- वनों से हमें जड़ी-बूटियों के रूप में औषधियाँ तथा महत्वपूर्ण व्यावसायिक उत्पाद; जैसे-रबड़, मोम, बाँस, घास, चारा, कत्था, रेजिन आदि ‘प्राप्त होते हैं।
- वन ध्वनि तथा अन्य प्रकार के प्रदूषण को कम करते हैं।
- पशु-पक्षियों व जीव-जन्तुओं के लिए वन श्रेष्ठतम | आवास हैं।
- ये प्राकृतिक सौन्दर्य में वृद्धि करते हैं।
- वायु की आर्द्रता बनाए रखते हैं।
- भूमि के उपजाऊपन को बढ़ाते हैं।
- भू-जल स्तर एवं मृदा-जल स्तर की वृद्धि में सहायक हैं।
- मृदा अपरदन व भूमि कटाव को रोकते हैं।
- प्राणवायु के रूप में वन हमें ऑक्सीजन देते हैं, इससे हमारा वातावरण शुद्ध होता है।
- यह वर्षा में सहायक होते हैं।
प्रश्न 4.
राजस्थान के वन्य जीवों की प्रमुख प्रजातियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(1) बाघ
(2) तेन्दुआ (बघेरा)
(3) जरख
(4) भेड़िया
(5) लोमड़ी
(6) सियार
(7) जंगली सुअर
(8) हिरण और मृग
(9) काला हिरण (कृष्णसार)
(10) नील गाय
(11) चीतल
(12) सांभर
(13) खरगोश
(14) सेही।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वन संरक्षण के लिए अपने सुझाव लिखिए।
उत्तर:
वनों के संरक्षण के लिए हमें निम्नलिखित प्रयास करने चाहिए
- अधिकाधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
- वनों की आग से सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध होने चाहिए।
- वृक्षों का विभिन्न बीमारियों से बचाव किया जाना चाहिए।
- जनजागरण कार्यक्रमों से वृक्षारोपण को प्रेरित करना चाहिए।
- अवैधानिक तरीकों से वनों की कटाई करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।
- वनों को बचाने व पर्यावरण संरक्षण हेतु हम सभी की भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
- सरकार, न्यायालयों एवं संवैधानिक संस्थाओं द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करना चाहिए।
- उत्साह व उमंग के साथ वन्य-जीव एवं वन संरक्षण सप्ताह का आयोजन करना चाहिए।
प्रश्न 2.
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान व रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान के बारे में लिखिए।
उत्तर:
(i) केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान- यह विश्वविख्यात राष्ट्रीय उद्यान भरतपुर के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह विश्व के सबसे अधिक आकर्षित करने वाले जले पक्षियों की शरणस्थली है। यह उद्यान भरतपुर जिले की गम्भीरी व बाणगंगा नदियों के संगम पर स्थित है। पूर्व में इसे ‘घना बर्ड सेंचुरी’ के नाम से जाना जाता था। यहाँ भारतीय पक्षियों की अनेक जातियाँ पायी जाती हैं तथा विशेष ऋतु में यहाँ प्रवासी पक्षी यथा-साइबेरियन सारस, जल मुर्गियाँ आदि आते हैं।
(ii) रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान- यह उद्यान सवाई माधोपुर के निकट ऐतिहासिक दुर्ग रणथम्भौर के चारों ओर कई वर्ग | किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ बाघों की गिरती संख्या रोकने हेतु बाघ परियोजना प्रारम्भ की गई। यहाँ बाघ, सियार, तेन्दुआ, नीलगाय, हिरण, जंगली सुअर, सांभर आदि बहुतायत में पाए जाते हैं। यह बाघ संरक्षण हेतु भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है।
प्रश्न 3.
आप अपनी पसन्द के वन्य जीव का चित्र बनाइए। उत्तर:विद्यार्थी स्वयं अपनी पसन्द के वन्य जीव की चित्र बनाएँ। जैसे
प्रश्न 4.
यदि वन नहीं होते तो क्या प्रभाव पड़ता है ? विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
वनों के न होने पर निम्न दुष्प्रभाव पड़ते हैं
(i) हमें घरेलू, व्यावसायिक तथा उद्योगों के लिए लकड़ी प्राप्त नहीं होती। साथ ही हमें विभिन्न जड़ी-बूटियाँ, औषधियाँ तथा महत्वपूर्ण व्यावसायिक उत्पाद; जैसे-रबड़, मोम, बाँस, घास, चारा, कत्था, रेजिन आदि प्राप्त नहीं हो पाते।
(ii) वन प्राकृतिक सौन्दर्य में वृद्धि करते हैं तथा पशु-पक्षियों तथा वन्य जीवों के लिए श्रेष्ठतम आवास हैं। अतः वन न होने पर जीव-जन्तुओं के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
(iii) वन जलवायु नियन्त्रक के रूप में कार्य करते हैं तथा वनों से तापमान में कमी आती है। वृक्षों के रन्ध्रों से वाष्पित जल वायु की आर्द्रता (humidity) बनाए रखता है। वनों के न होने पर वायु की आर्द्रता कम हो जाती है तथा तापमान में वृद्धि होती है।
(iv) वन में पेड़ पानी के तेज बहाव को कम करते हैं जिससे पानी रिस-रिस कर भूमि में पहुँचता रहता है, जिससे भू-जलस्तर में वृद्धि होती है। वनों के न होने पर भू-जलस्तर में कमी आ जाती है।
(v) वनों के न होने पर मृदा अपरदन बढ़ जाता है।
पाठात प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
अपने आस-पास के पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं के नाम निम्नलिखित सारणी में भरिए। (पृष्ठ 158)
उत्तर:
अपने आस-पास के पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं के नाम क्र. सं. पेड़-पौधों के नाम
क्र. सं. | पेड़-पौधों के नाम | जीव-जन्तुओं के नाम |
1. | रोहिड़ा | हिरन
|
2. | खेजड़ी | सियार |
3. | पीलू | नील गाय |
4. | बबूल | चिंकारा |
5. | कैर | चीतल |
6. | आकड़ा | खरगोश |
7. | नीम | बंदर |
प्रश्न 2.
आप खेतों, पहाड़ों व अन्य प्राकृतिक स्थानों पर घूमने गए होंगे। आपके द्वारा वहाँ पर देखे गए जीव-जन्तुओं व पेड़-पौधों के नामों की सूची बनाइए। (पृष्ठ 162)
उत्तर:
क्रियात्मक कार्य
प्रश्न 1.
स्थानीय वैद्य, हकीम, गुणी जनों आदि से साक्षात्कार एवं सर्वेक्षण के आधार पर स्थानीय वन क्षेत्र में पाए जाने वाले कुछ खास औषधीय पौधों का पता लगाकर इनके प्रभावों का प्रलेखन कीजिए एवं स्थानीय पारंपरिक ज्ञान की वैज्ञानिक परख कीजिए। केन्द्रीय औषधि प्रयोगशाला से सम्पर्क करके पारम्परिक ज्ञान की वैज्ञानिकता खोज कीजिए।
संकेत-
अपने अध्यापक के संरक्षण में औषधीय महत्व के पौधों के उपयोगों का सर्वेक्षण कीजिए तथा स्थानीय वैद्य, हकीम, गुणीजनों का साक्षात्कार लेकर इनके औषधीय महत्व जानिए। प्राप्त ज्ञान की वैज्ञानिक परख कीजिए। संकेत अपने इस कार्य में केन्द्रीय औषधि प्रयोगशाला से सम्पर्क कर सकते हैं। आपकी सहायता के लिए राजस्थान के वन क्षेत्रों में पाए जाने वाले कुछ औषधीय गुणों वाले पौधों की सूची संलग्न है
- चिरमी (Chirmi)
- पीली कटेली (Pili Kateli/Satyanasi)
- नीम (Neem)
- आक (Akara)
- धतूरा (Dhatura)
- सरफंको (Sarphanko)
- रूखरी (Rukhari)
- आधा शीशी (Aadha Shishi)
प्रश्न 2.
समुदाय से बातचीत एवं सर्वेक्षण के आधार पर स्थानीय कीटनाशक या कीट नियंत्रण के तरीके; जैसे-नीम के पत्ते, गुग्गल का हवन, आक आदि का घरेलू मच्छरों या अन्य कीटों पर प्रभाव का अध्ययन कीजिए तथा कीटनाशक से इनकी तुलना कीजिए।
संकेत-
समुदाय से बातचीत तथा सर्वेक्षण के आधार पर स्थानीय कीटनाशकों या कीट नियंत्रण के तरीकों तथा कीटों पर इनके प्रभाव का अध्ययन कीजिए। इन परम्परागत कीटनाशकों तथा आधुनिक कीटनाशकों से तुलना करने पर आप पायेंगे कि स्थानीय कीटनाशक हमें आसानी से अपने परिवेश में प्राप्त हो जाते हैं
तथा अल्प व्यय साध्य हैं तथा आधुनिक कीटनाशकों की तुलना में मनुष्य, जीव-जन्तुओं तथा पर्यावरण को कम हानि पहुँचाते हैं। दूसरी ओर आधुनिक (कृत्रिम) कीटनाशक खर्चीले हैं एवं मनुष्य, जीव-जन्तुओं तथा पर्यावरण को अत्यधिक हानि पहुँचाते हैं तथा पर्यावरणीय प्रदूषण के लिए मुख्यतः उत्तरदायी हैं।
प्रश्न 3.
राजस्थान में स्थित अभयारण्यों, उनके जिलों के नाम तथा संरक्षित जन्तुओं के नामों की सारणी चार्ट पर बनाइए।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्न में से कौन वनों का कार्य नहीं है ?
(अ) ध्वनि प्रदूषण कम करना
(ब) वायु की आर्द्रता बनाए रखना
(स) मृदा अपरदन कम करना
(द) पर्यावरणीय प्रदूषण
उत्तर:
(द) पर्यावरणीय प्रदूषण
प्रश्न 2.
ह्यूमस का प्रमुख कार्य है
(अ) मृदा की उर्वरता बढ़ाना
(ब) मृदा अपरदन करना
(स) वायु प्रदूषित करना
(द) जल प्रदूषित करना
उत्तर:
(अ) मृदा की उर्वरता बढ़ाना
प्रश्न 3.
वनोन्मूलन का दुष्परिणाम नहीं है
(अ) पर्यावरण सन्तुलन बिगड़ना
(ब) मृदा अपरदन में वृद्धि
(स) वर्षा में कमी
(द) ओजोन परत अपक्षय
उत्तर:
(द) ओजोन परत अपक्षय
प्रश्न 4.
माउण्ट आबू अभयारण्य किस जिले में स्थित है
(अ) भरतपुर में
(ब) जयपुर में
(स) जालोर में
(द) सिरोही में
उत्तर:
(द) सिरोही में
प्रश्न 5.
प्रसिद्ध भारतीय पक्षी वैज्ञानिक हैं|
(अ) डॉ. सलीम अली
(ब) हरगोविन्द खुराना
(स) जगदीश चन्द्र बसु
(द) होमी जहाँगीर भाभा
उत्तर:
(अ) डॉ. सलीम अली
रिक्त स्थान
1. भूमि की ऊपरी सतह का हटना मृदा ………. कहलाता है।
2. अधिकाधिक ………… वन संरक्षण के लिए अति आवश्यक है।
3. केवला देव राष्ट्रीय उद्यान ……….. में स्थित है।
4. राजस्थान सरकार ने ऊँट को ………….. में राज्य पशु घोषित किया था।
उत्तर:
1. अपरदन
2. वृक्षारोपण
3. भरतपुर
4. 1 जुलाई 2014
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
भूमि का वह बड़ा क्षेत्र, जो पेड़-पौधों से ढका हो। तथा वहाँ वन्य जीव जन्तु पाए जाते हैं, वन (forest) कहलाता है।
प्रश्न 2.
ह्यूमस किसे कहते हैं ?
उत्तर:
मृदा की ऊपरी परत में उपस्थित मृत तथा सड़े-गले कार्बनिक पदार्थों को ह्युमस कहते हैं।
प्रश्न 3.
वनोन्मूलन का प्रमुख कारण क्या है ?
उत्तर:
जलाने के लिए, औद्योगिक माँग एवं इमारती लकड़ी की आपूर्ति हेतु वनों की अंधाधुंध कटाई वनोन्मूलन का । प्रमुख कारण है।
प्रश्न 4.
वन संरक्षण के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपाय क्या
उत्तर:
अत्यधिक वृक्षारोपण वन संरक्षण के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपाय है।
प्रश्न 5.
राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्यों की स्थापना क्यों की गयी है ?
उत्तर:
वन्य जीवन के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबन्धन के लिए राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्यों की स्थापना की गयी है।
प्रश्न 6.
राजस्थान में बाघ परियोजना कहाँ प्रारम्भ की गयी है ?
उत्तर:
रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान, सवाई माधोपुर में बाघ परियोजना प्रारम्भ की गयी है।
प्रश्न 7.
सीता, माता अभयारण्य, प्रतापगढ़ में मुख्यतः कौन से वन्य जीव पाए जाते हैं ?
उत्तर:
नीलगाय, सांभर, चीतल, जंगली बिल्ली, लोमड़ी आदि।
प्रश्न 8.
राजस्थान में पाए जाने वाले चार प्रमुख वन्य जन्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
1, बाघ
2. बघेरा (तेन्दुआ)
3. जरख
4. भेड़िया।
प्रश्न 9.
काला हिरण (कृष्ण सार) के लिए कौन-सा अभयारण्य प्रसिद्ध है ?
उत्तर:
तालछापर अभयारण्य, चुरू।
प्रश्न 10.
राज्य पशु चिंकारा व ऊँट किस श्रेणी के राज्य पशु हैं ?
उत्तर:
चिंकारा वन्य जीव श्रेणी का पशु है जबकि ऊँट पशुधन श्रेणी का राज्य पशु है।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वनों से हमें ठण्डक का अनुभव क्यों होता है ?
उत्तर:
पेड़-पौधों की पत्तियों में अनेकों छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिन्हें रन्ध्र कहते हैं। इन रन्ध्रों से जल, जलवाष्प के रूप में निकलती है जिससे वायु की नमी बढ़ जाती है जिसे आर्द्रता कहते हैं। वनों में वृक्षों के कारण आर्द्रता अधिक होती है जिससे हम ठण्डक महसूस करते हैं।
प्रश्न 2.
वन भूमि का उपजाऊपन बढ़ाने में किस प्रकार सहायक हैं ?
उत्तर:
वनों के पेड़-पौधों की पुरानी पत्तियाँ, टहनियाँ इत्यादि गिरती रहती हैं। इन्हें मिट्टी में उपस्थित जीव अपघटित करते रहते हैं जिससे मिट्टी पर कार्बनिक पदार्थों की एक परत जमा हो जाती है जिसे ह्यूमस कहते हैं। इस ह्यूमस के कारण भूमि का उपजाऊपन बढ़ जाता है।
प्रश्न 3.
मृदा अपरदन क्या है ? वन मृदा अपरदन कैसे रोकते
उत्तर:
वर्षा व आँधी के कारण भूमि की ऊपरी सतह का अपने स्थान से हटना (बहकर या उड़कर अन्य स्थान पर चले जाना) मृदा अपरदन कहलाता है। वनों में पेड़-पौधों की जड़े आस-पास की मिट्टी को अपने साथ बाँधे रखती हैं। जिससे आँधी, बाढ़ में उपजाऊ मिट्टी बहकर या उड़कर नहीं जाती है।
प्रश्न 4.
भूमि की नमी बनाए रखने तथा भू-जलस्तर में वृद्धि में वन किस प्रकार अपना योगदान देते हैं ?
उत्तर:
वनों में पेड़-पौधों से प्राप्त ह्यूमस के कारण वर्षा का जल धीरे-धीरे भूमि में रिसता रहता है। जिससे भूमि में पर्याप्त नमी बनी रहती है तथा पेड़ों को जल पर्याप्त मात्रा में मिलता रहता है। वन में पेड़ पानी के तेज प्रवाह को कम कर देते हैं जिससे पानी रिस-रिसकर भूमि में पहुँचता रहता है जिससे भू-जल स्तर में वृद्धि होती है।
प्रश्न 5.
वर्तमान में वन संरक्षण की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर:
वन हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। वनों के निरन्तर अतिदोहन एवं उन्मूलन से इनका कम एवं नष्ट होना चिन्ता का विषय है। पर्यावरण को सन्तुलित रखने में वनों का महत्वपूर्ण योगदान है। अतः वर्तमान समय में वनों के संरक्षण एवं पुनुर्तेपण की अत्यन्त आवश्यकता है।
प्रश्न 6.
राजस्थान के प्रमुख वन्य जीव अभयारण्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य, बूंदी
(ii) नाहरगढ़ वन्य जीव अभयारण्य, जयपुर
(iii) सीतामाता वन्य जीव अभयारण्य, प्रतापगढ़
(iv) तालछापर वन्य जीव अभयारण्य, चुरू
(v) माउण्टआबू अभयारण्य, सिरोही
प्रश्न 7.
राजस्थान में पायी जाने वाली हिरण की प्रजातियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान में पाई जाने वाली हिरण की प्रजातियों में चिंकारा, काला हिरण, चौसिंगा, नीलगाय आदि प्रमुख हैं। मृग वंश की मुख्यतः सांभर और चीतल दो प्रजातियाँ राजस्थान में पाई जाती हैं।
प्रश्न 8.
नीलगाय के उपनाम लिखिए। इनसे क्या नुकसान है ?
उत्तर:
नीलगाय को ‘रोझ तथा रोजड़ा’ भी कहते हैं। यह एक घोड़े जैसा भारी, मजबूत, भूरे नीले रंग का वन्य पशु है। यह जंगलों के अलावा मैदानों और खेतों में घूमते रहते हैं। इनसे कृषि को बहुत नुकसान पहुँचता है।
प्रश्न 9.
राजस्थान में कौन-कौन से पक्षी पाए जाते हैं ?
उत्तर:
राजस्थान में अन्तर्राष्ट्रीय पक्षी सफेद सारस (साइबेरियन सारस), राष्ट्रीय पक्षी मयूर तथा राज्य पक्षी गोडावण विचरण करते हैं। इनके अतिरिक्त कोयल, गोरैया, नीलकंठ, भारतीय सारस आदि पाए जाते हैं।
प्रश्न 10.
प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी डॉ. सलीम अली द्वारा रचित प्रमुख पुस्तकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) बुक ऑफ इण्डियन बस
(ii) हैण्डबुक ऑफ द बस ऑफ इण्डिया एण्ड पाकिस्तान
(iii) द फॉल ऑफ ए स्पैरो
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजस्थान में पाए जाने वाले वन्य जीवों को वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान में पाए जाने वाले वन्य जीवों को निम्न वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है
- माँसाहारी जीव-बाघ, सियार, भेड़िया, तेंदुआ, जरख, लोमड़ी, जंगली कुत्ता, नेवला, रेगिस्तानी बिल्ली, जंगली बिलाव आदि।
- शाकाहारी जीव-हिरण, सांभर, नीलगाय, चिंकारा, चीतल, चौसिंघा, भालू, जंगली सुअर, खरगोश, लंगूर और बन्दर।।
- रेंगने वाले जीव-अजगर, पाटागोह, घड़ियाल, मगरमच्छ, नाग, सांडा, कोबरा आदि।
- कुतरकर खाने वाले जीव-गिलहरी, जरावल, सेही व चूहा आदि।
प्रश्न 2.
प्रसिद्ध भारतीय पक्षी विज्ञानी डॉ. सलीम अली पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर:
डॉ. सलीम अली इनका जन्म 12 नवम्बर, 1896 को बॉम्बे (अब मुम्बई) में हुआ। ये एक भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी थे। सलीम अली को भारत के बर्डमैन के रूप में जाना जाता है। सलीम अली भारत के ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारत भर में व्यवस्थित रूप से पक्षी सर्वेक्षण का आयोजन किया और पक्षियों पर लिखी उनकी किताबों ने भारत में पक्षी-विज्ञान के विकास में काफी मदद की है।
पक्षियों के सर्वेक्षण में 65 साल गुजार देने वाले इस शख्स को परिन्दों का चलता फिरता विश्वकोष कहा जाता था। उनकी पक्षियों पर आधारित पुस्तकें ‘द बुक ऑफ इंडियन बङ्स’, ‘हैण्डबुक ऑफ द बड्स ऑफ इंडिया एण्ड पाकिस्तान’ एवं ‘द फॉल ऑफ ए स्पैरो’ बहुत प्रसिद्ध हुई। प्रकृति विज्ञान और पक्षियों पर किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्म विभूषण जैसे देश के अनेक सम्मानों से सम्मानित किया गया।
We hope the RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 16 वन एवं वन्य जीव will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 16 वन एवं वन्य जीव, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.