RBSE Solutions for Class 8 Hindi Chapter 2 सुभागी

Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi Chapter 2 सुभागी

RBSE Class 8 Hindi Chapter 2 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

पाठ से
सोचें और बताएँ

Subhagi Chapter In Hindi प्रश्न 1.
तुलसी महतो के कितने बच्चे थे ?
उत्तर:
तुलसी महतो के दो बच्चे थे–सुभागी और रामू।

Subhagi Question And Answers प्रश्न 2.
तुलसी महतो अपनी बेटी सुभागी से बहुत प्यारकरते थे, क्यों?
उत्तर:
सुभागी विधवा थी और वह माता-पिता की सेवा करने में कसर नहीं रखती थी, इसलिए तुलसी महतो उसे | बहुत प्यार करते थे।

सुभागी पाठ के प्रश्न उत्तर प्रश्न 3.
तुलसी महतो ने गाँव वालों को क्यों इकट्ठा किया था?
उत्तर:
तुलसी महतो ने अपने बेटे रामू से अलग हो जाने के लिए गाँव वालों को इकट्ठा किया।

Subhagi Kiski Patni Thi प्रश्न 4.
सजनसिंह ने सुभागी को अपनी पुत्रवधू के रूप में क्यों चुना?
उत्तर:
सुभागी को सुशील, मेहनती, आज्ञाकारी एवं घर| बार सम्भालने में सक्षम देखकर सजनसिंह ने उसे अपनी पुत्रवधू के उप में चुना।

लिखें

RBSE Class 8 Hindi Chapter 2 बहुविकल्पी प्रश्न

सुभागी किसकी पत्नी थी प्रश्न 1.
सुभागी ने सम्भाल रखा था
(क) व्यापार का सारा काम
(ख) घर का सारा काम
(ग) समाज का सारा काम
(घ) गाँव का सारा काम

Subhagi Chapter In Hindi Question Answer प्रश्न 2.
”बहादुर वह है, जो अपने बल पर काम करे”यह कहा-
(क) तुलसी ने
(ख) रामू ने।
(ग) सजनसिंह ने
(घ) सुभागी ने

Subhagi Ka Charitra Chitran प्रश्न 3.
गाँव के मुखिया सजनसिंह पुरुष थे
(क) कठोर
(ख) सज्जन
(ग) धनवान
(घ) अक्खड़
अथवा
‘सुभागी’ पाठ में गाँव के मुखिया का व्यक्तित्व था
(क) अक्खड़
(ख) सज्जन
(ग) धनवान
(घ) कठोर
उत्तर:
1. (ख) 2. (ख) 3. (ख)

निम्नलिखित वाक्यों को अपनी कॉपी में लिखकर सही वाक्य पर (✓) और गलत वाक्य पर (✘) का निशान लगाइए

1. रामू ने घर का सारा काम-काज संभाल रखा था।
2. रामू ने कहा-‘जब एक साथ गुजर न हो, तो अलग हो जाना ही अच्छा है।”
3. तुलसी ने कहा- “बेटी, हम तुम्हें न छोड़ेंगे। चाहे संसार छूट जाए।”
4. लक्ष्मी ने कहा-”अगले जन्म में भी तुम मेरी कोख से ही जन्म लो।”
5. “दादा, इतना सम्मान पाकर मैं पागल हो जाऊँगी।” सुभागी ने कहा।
उत्तर:
1. (✘) 2. (✓) 3. (✓) 4. (✓) 5. (✓)

RBSE Class 8 Hindi Chapter 2 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

Subhagi Kaun Thi प्रश्न 1.
सुभागी ने घर का क्या-क्या काम सम्भाल रखा था?
अथवा
सुभागी घर में क्या-क्या कार्य करती थी ?
उत्तर:
सुभागी प्रात: कुटने-पीसने लगती, चौका-बर्तन करती, गोबर थापती और खेत पर काम करती, फिर घर का खाना पकाकर माँ-बाप की सेवा करती थी।

सुभागी प्रश्न 2.
‘लड़के से लड़की भली, जो कुलवन्ती होय’यह किसने और क्यों कहा?
उत्तर:
यह तुलसी महतो ने कहा, उसने बेटे रामू के उजड्डपन तथा बेटी सुभागी के समझदारी से सारा काम करने से ऐसा कहा।

RBSE Class 8 Hindi Chapter 2 लघूत्तरात्मक प्रश्न

सुभागी कौन थी प्रश्न 1.
”रल कितना कठोर निकला और यह दण्ड कितना मंगलमय।” तुलसी ने ऐसा क्यों सोचा ?
उत्तर:
समाज के लोग पुत्र को रत्न और पुत्री को पूर्व जन्म के पापों का दण्ड मानते थे। परन्तु तुलसी का बेटा रामू का उजड्डपन और माता-पिता के प्रति कठोर स्वभाव था। जबकि बेटी सुभागी घर का सारा काम संभाल रही थी और माता-पिता की सेवा भी कर रही थी। इसी आशय से तलसी ने ऐसा कहा।

मंत्र कहानी के प्रश्न उत्तर Class 8 प्रश्न 2.
तुलसी महतो ने अन्तिम समय सजनसिंह से क्या बात कही?
उत्तर:
तुलसी महतो ने अन्तिम समय सजनसिंह से कहा कि अब मेरी चलने की बेला है। सुभागी के पिता अब तुम्हीं हो। उसे तुम्हीं को सौंप कर जाता हैं। भगवान् तुम्हें | सदा सुखी रखे। मैं अब उस पापी रामू का मुंह नहीं देखना चाहता हूँ।

तुलसी महतो के कितने बच्चे थे प्रश्न 3.
लक्ष्मी ने अन्तिम समय सुभागी को क्या आशीर्वाद दिया? उत्तर-लक्ष्मी ने अपने अन्तिम समय सुभागी को यह आशीर्वाद दिया, ”तुम्हारे जैसी बेटी पाकर में तर गई । मेरी भगवान् से यही प्रार्थना है कि अगले जन्म में भी तुम मेरी कोख से ही जन्म लो।”

RBSE Class 8 Hindi Chapter 2 दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

RBSE Solutions For Class 8 Hindi प्रश्न 1.
सुभागी के जीवन का कठोर व्रत क्या था और उसने उसे कैसे पूरा किया?
उत्तर:
अपने पिता के अन्तिम क्रिया-कर्म पर तीन हजार रुपये खर्च किये जाने से वह सजनसिंह की देनदार बन गई थी। फिर माता का भी देहान्त हो गया। उसके बाद सजनसिंह का रुपया चुकाना उसका कठोर व्रत बन गया था। तीन साल तक वह रात-दिन काम करती रही। वह दिन भर खेतीबाड़ी का काम करती थी और रात को आटा पीसती थी। प्रत्येक महीने के अन्तिम दिन वह जो रुपये जोड़ पाती थी, उसे सजनसिंह को चुकाती थी। इस तरह हर महीने वह तीन सौ रुपये देती रही। इस प्रकार मेहनत करने से उसने कर्ज की आखिरी किस्त चुकाई और अपने कठोर व्रत को पूरा किया।

Shubhangi Kiski Patni Thi प्रश्न 2.
कहानी ‘सुभागी’ का सार अपनी भाषा में लिखिए।
उत्तर:
तुलसी महतो का बेटा रामू और बेटी सुभागी थी। तुलसी ने दोनों की शादी कर दी। परन्तु अचानक सुभागी विधवा हो गई। उसकी उम्र अभी छोटी थी। वह मातापिता के पास रहकर उनकी सेवा करने लगी। वह घर का सारा काम करती थी, जबकि रामू कुछ नहीं करता था। वह सुभागी से ईर्ष्या करता था। एक दिन रामू उनसे अलग रहने लगा। तुलसी महतो का अन्तिम समय आया। गाँव के पंच सजनसिंह ने सहायता की। अपने पिता के बाद माँ का देहान्त होने पर सुभागी अकेली ही रही। वह पिता के अन्तिम क्रिया-कर्म पर कर्जा लेने से सजनसिंह की देनदार थी। तीन साल तक उसने कठोर मेहनत की और तीन सौ रुपये महीने की किस्त से सारा कर्जा चुकाया। सुभागी के अच्छे स्वभाव को देखकर सज्जनसिंह ने उसे अपनी बहू बनाने का निश्चय किया। तब एक दिन सजनसिंह ने यह प्रस्ताव रखा, तो सुभागी सहर्ष बहू बनने को तैयार हो गई। सजनसिंह ने उसे साक्षात् भगवती का अवतार कहा और उसके सिर पर हाथ रखकर कहा कि तुम्हारी सुहाग अमर रहे। तुम्हें बहू रूप में पाकर हम धन्य हो गये।

भाषा की बात

Summary Of Subhagi Story In Hindi प्रश्न 1.
उसकी कार्य शक्ति और हिम्मत देख लोग दाँतों तले ऊँगली दबाते थे। रेखांकित वाक्यांश एक मुहावरा है, जिसका अर्थ आश्चर्य करना है। आप भी निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(1) लाल-पीला होना।
(2) नौ-दो ग्यारह होना।
(3) दुःख की सीमा न रहना।
(4) अपने मुँह मियाँ मिट्टू होना।
उत्तर:
(1) लाल-पीला होना                    =      गुस्से में होना।
प्रयोग:
अपने पुत्र की नादानी देखकर उसके पिता लालपीले हो गये।
(2) नौ-दो ग्यारह होना                =       भाग जाना।
प्रयोग:
पुलिस को आते देखकर जेबकतरे नौ-दो ग्यारह हो गये।
(3) दु:ख की सीमा न रह्ना            =     अत्यधिक दु:ख मिलना।
प्रयोग:
पिता के तुरन्त बाद माता की मृत्यु होने से बेटी की दु:ख की सीमा नहीं रही।
(4) अपने मुँह मियाँ मिट्ठू होना      =     अपनी बड़ाई स्वयं करना।
प्रयोग:
नासमझ लोग छोटा-सा काम करते ही अपने मुँह मियाँ मिट्टू बन जाते हैं।

Class 8 Hindi Premchand प्रश्न 2.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उचित विराम चिह्नों का प्रयोग कीजिए
तुलसी देख लिया आप लोगों ने इसका मिजाज भगवान ने बेटी को दुख दे दिया नहीं तो मुझे खेती बाड़ी लेकर क्या करना था जहाँ रहता वहीं कमाता खाता भगवान ऐसा बेटा बैरी को भी न दे लड़के से लड़की भली जो कुलवंती होय
उत्तर:
तुलसी-“देख लिया आप लोगों ने इसका मिज़ाज? भगवान ने बेटी को दु:ख दे दिया, नहीं तो मुझे खेती-बाड़ी लेकर क्या करना था। जहाँ रहता, वहीं कमाता खाता। भगवान ऐसा बेटा बैरी को भी न दे। ‘लड़के से लड़की भली जो कुलवंती होय’।”

पाठ से आगे-

Class 2 Hindi Chapter 2 प्रश्न 1.
तुलसी महतो और लक्ष्मी अगर सुभागी को घर से अलग कर देते तो क्या होता?
उत्तर:
अगर तुलसी महतो और लक्ष्मी अपनी विधवा बेटी सुभागी को घर से अलग कर देते, तो सुभागी गाँव के लोगों की सहायता करती। उनकी खेती पर मेहनत करती और अपने पैरों पर खड़ी होकर अपना विवाह भी कर लेती । वह अपनी मेहनत से सुखी जीवन बिताती।

8th Class Syllabus 2020 RBSE In Hindi प्रश्न 2.
अगर सुभागी अपने माता-पिता की सेवा न करती, तो उसके माता-पिता का जीवन कैसा होता?
उत्तर:
अगर सुभागी माता-पिता की सेवा न करती, तो उनका जीवन बहुत ही कष्ट से बीतता। उनके जीवन के अन्तिम दिन बड़ी वेदना और लाचारी से कटते। गांव के लोग उनकी थोड़ी-सी सहायता करते भी, परन्तु उनका जीवन करु शाजनक हो जाता।

चर्चा करे

RBSE Class 8 Hindi Book Pdf प्रश्न 1.
परिश्रम सफलता की कुंजी है”, कैसे ? आपस में चर्चा कीजिए।
अथवा
“परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।” सुभागी पाठ के आधार पर उक्त कथन को सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
परिश्रम से ही मनुष्य अपने जीवन में उन्नति करता है। वह अपनी इच्छाओं की पूर्ति करता है। परिश्रम करने वाला विद्यार्थी अपनी कक्षा में श्रेष्ठतम अंक प्राप्त कर अपने माता-पिता को गौरवान्वित करता है। जो परिश्रम नहीं करते हैं और आलस्य में ही अपना समय गुजारते हैं वे न तो अपने जीवन में सुख प्राप्त कर सकते हैं और न उन्नति कर सकते हैं। ऐसे लोगों का जीवन जीवन नहीं होता है । वह नरक बन जाता है। इसीलिए कहा गया है कि परिश्रम सफलता की कुंजी है।

Class 8 Hindi Premchand Question Answer प्रश्न 2.
‘मृत्युभोज सामाजिक कुरीति है।’ हमारे समाज में ऐसी अनेक कुरीतियाँ हैं। उनकी सूची बनाकर एकएक कुरीति पर एक-एक विद्यार्थी कक्षा में अपने विचार प्रकट करे।
उत्तर:
हमारे समाज में अनेक कुरीतियाँ हैं। कुछ प्रमुख करीतियाँ इस प्रकार हैं
(1) बाल विवाह – बाल विवाह हमारे समाज की एक ऐसी कुरीति है जिसमें बंधकर लड़का और लड़की दोनों ही अपने जीवन को बरबाद कर लेते हैं। बचपन में ही उनका विवाह हो जाने के कारण वे न तो विवाह का अर्थ समझ पाते हैं और न ही जीवन को सफल बना पाते हैं परिणामस्वरूप उनका जीवन नरक बन जाता है।
(2) दहेज प्रथा – दहेज-प्रथा हमारे समाज के लिए कलंक है। यह ऐसी कुरीति है जो धन-हीन पिता की पुत्री को निराशा के घेरे में घेर कर उसके जीवन को अंधकार बना देती हैं। पिता धन की कमी के कारण अपनी बेटी के विवाह के लिए धन नहीं जुटा पाता है। वह चिन्ता से परेशान रहने लगता है।
(3) मृत्यु-भोज – मृत्यु-भोज भी हमारे समाज की कुरीति है। जिस घर का सदस्य मरता है, उस घर का पहले ही खर्चा उसकी बीमारी के उपचार में हो जाता है। मरने के बाद उसकी मृत्यु भोज किया जाता है यदि पैसा नहीं है तो कर्ज लेकर किया जाता है। इस सम्बन्ध में कहा जा सकता है कि मरने वाला तो मर गया अपने परिवार को भी कर्ज में । दबा गया।
(4) पशुबलि – हमारे समाज में पशुबलि प्रथा प्रचलित है। यह भी अंधविश्वास पर आधारित कुरीति है।

Class 8 Hindi Book RBSE 2021 प्रश्न 3.
हमारे समाज में अनेक अच्छी प्रथाएँ हैं, जैसे संयुक्त परिवार प्रथा आदि। ऐसी अच्छी प्रथाओं पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
हमारे समाज में कुछ अच्छी प्रथाएँ निम्नलिखित हैं –
(1) सामूहिक विवाह – इस प्रथा में कई विवाह योग्य लड़के लड़कियों को सामूहिक रूप से एक साथ विवाह करवाया जाता है जिससे समय और धन दोनों की बचत होती है। इस विवाह में दहेज लेन-देन का प्रश्न ही नहीं उठता है।
(2) छबील निर्माण – हमारे समाज में छबील निर्माण की एक अच्छी प्रथा है। इसमें प्यासे पथिक को जल पिलाया जाता है।
(3) तालाब निर्माण – जल संरक्षण की दृष्टि से यह जीवनोपयोगी प्रथा है। ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों का निर्माण कर वर्षा का जल एकत्र कर लिया जाता है जो जन-पशु के पीने, नहाने, धोने के काम आता है।
(4) धर्मशाला निर्माण – बाहर से आयी जनता को ठहराने की यहाँ उचित व्यवस्था होती है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में आश्रम-निर्माण, विद्यालय निर्माण, पशु चरागाह निर्माण, पशु-हाट निर्माण, पंचायतों का आयोजन आदि अच्छी जनपयोगी प्रथाएँ हैं।

यह भी करें –

RBSE Solutions For Class 8 Hindi 2021 प्रश्न.
सजन सिंह सुभागी के संवाद को आधार बनाकर बाल-सभा में मंचन कीजिए।
उत्तर:
अध्यापक की सहायता से करें ।

RBSE Class 8 Hindi Chapter 2अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न

RBSE Class 8 Hindi Chapter 2 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

RBSE Class 8 Hindi Book प्रश्न 1.
‘सुभागी’ कहानी के रचयिता कौन हैं
(क) शिवानी
(ख) आचार्य चतुरसेन ।
(ग) प्रेमचन्द
(घ) इनमें से कोई नहीं।

सुभागी की कहानी प्रश्न 2.
सुभागी पर अचानक एक दिन बड़ी आफत आयी
(क) पिता का देहान्त हो गया।
(ख) वह छोटी उम्र में विधवा हो गई।
(ग) भाई ने उसे अलग कर लिया।
(घ) माता को भी देहान्त हो गया।

Subhagi Ki Kahani प्रश्न 3.
“आपको बेटी प्यारी है, तो उसे गले में बाँधकर रखिये”-यह किसने कहा?
(क) तुलसी ने
(ख) लक्ष्मी ने
(ग) रामू ने
(घ) सजनसिंह ने।

Subhagi Raat Bhar Kahan Chhipi Rahi प्रश्न 4.
तुलसी की दाहक्रिया किसने की?
(क) सुभागी ने
ख) रामू ने ।
ग) सजनसिंह ने
(घ) लक्ष्मी ने।

अगले साल की तीन विशेषताएं लिखिए प्रश्न 5.
सुभागी कितने रुपयों की देनदार हो गई थी ?
(क) चार हजार
(ख) तीन हजार
(ग) तीन सौ
(घ) पाँच हजार।
उत्तर:
1. (ग) 2. (ख) 3. (ग) 4. (घ) 5. (ख)

रक्त स्थानों की पूर्ति करें –

Premchand Ki Lokpriya Kahaniyan Solutions Class 8 प्रश्न 6.
निम्न रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिये गये सही शब्दों से कीजिए
i) उसने घर का सारासँभाल लिया।b (खेत/काम)
(ii) गाँव के मुखिया सजनसिंह बड़े पुरुष थे। (सम्मानित/सज्जन)
(iii) सुभागी को तो मैंने हमेशा अपनी ही समझा (बह/बेटी)
(iv) सुभागी ने रात को रात और दिन कोia.in”न समझा। (रात/दिन)
उत्तर:
(i) काम (ii) सज्जन (iii) बेटी (iv) दिन

RBSE Class 8 Hindi Chapter 2 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

Subhagi Kahani प्रश्न 7. सुभागी को कब अपना जीवन पहाड़ जैसा लगने लगा?
उत्तर:
जब सुभागी छोटी उम्र में ही विधवा हो गई, तब । उसे अपना जीवन पहाड़ जैसा लगने लगा।

Class 8 RBSE Hindi Book प्रश्न 8.
हरिहर ने सुभागी को क्या समझाया?
उत्तर:
हरिहर ने सुभागी को समझाया कि तुम्हारे माँ-बाप बूढ़े हो गए, तुम इनके भरोसे मत रहो और दूसरी शादी कर लो।

RBSE 8th Class Hindi Book प्रश्न 9.
माता-पिता से अलग रहने की बात पर रामू ने सजनसिंह से क्या कहा ?
उत्तर:
रामू ने सजनसिंह से ढिठाई के साथ कहा कि जब एक-साथ गुजर न हो तो अलग हो जाना ही अच्छा है।

Sanjiv Pass Book Class 8 Hindi प्रश्न 10.
“चारों तरफ वाहवाही मच गई।” इसका कारण क्या था ?
उत्तर:
सुभागी ने अपने पिता की तेरहवीं के दिन सारे गाँव के लोगों को भोज दिया था, इससे उसकी वाहवाही हुई।

सुभागी कहानी प्रश्न 11.
माता के देहान्त के बाद सुभागी के जीवन को एक ही लक्ष्य क्या रह गया था?
उत्तर:
तब सुभागी का एक ही लक्ष्य रह गया था कि रात-दिन मेहनत करके सजनसिंह का कर्जा चुकानी ।

RBSE Class 8 Hindi Chapter 2 लघूत्तरात्मक प्रश्न

आरबीएसई सलूशन क्लास 8 प्रश्न 12.
“सुभागी स्वाभिमानी और स्वावलंबी पात्र के रूप में दिखाई देती है।” सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
सुभागी तुलसी महतो की पुत्री थी। उसका विवाह छोटी उम्र में हो गया था पर वह विधवा हो गयी थी। लेकिन उसने दूसरा विवाह नहीं किया था। वह घर का सारा
काम-काज करती और माँ-बाप की सेवा भी करती थी। वह किसी के सहारे नहीं जीती थी। इस कारण उसका भाई रामू उसके व्यवहार से जलता था। परिणामस्वरूप एक दिन वह झगड़ा करके माँ-बाप से अलग हो गया। कुछ दिन बाद तुलसी महतो की मृत्यु हो गई और उनके वियोग में उनकी पत्नी भी चल बसी । बाप की तेरहवीं में सुभागी ने मुखिया सज्जनसिंह से उधार लिए रुपयों को रात-दिन परिश्रम करके चुकाया। इस प्रकार सुभागी कहानी में स्वाभिमानी और स्वावलम्बी पात्र के रूप में दिखाई देती है।

RBSE Class 8 Hindi Chapter 1 प्रश्न 13.
शादी करने के लिए हरिहर आदि के समझाने | पर सुभागी ने क्या कहा?
उत्तर:
सुभागी ने उनसे कहा कि अभी मेरा मन शादी करने को नहीं कहता। मुझे अपने आराम की चिन्ता नहीं है। मैं सबकुछ झेलने को तैयार हैं। जो काम आप कहो, वह सिर
आँखों के बल करूंगी, परन्तु शादी के लिए मुझसे मत | कहिए। मैं माता-पिता के साथ रहकर उनकी सेवा करना | चाहती हूँ।

RBSE 8th Hindi Book प्रश्न 14.
“बहादुर वह है, जो अपने बल पर काम करे।” रामू ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर:
सुभागी रात में वृद्ध माता-पिता की सेवा करती थी, माँ के सिर में तेल लगाती तो कभी उसका शरीर सहलाती। रामू सोचता था कि सुभागी माता-पिता को तिनका नहीं उठाने देती और मुझे पीसना (काम पर लगाना) चाहती है। इसी कारण ईष्र्या से उसने कहा कि दूसरों के बल पर वाहवाही लेना आसान रहता है। अपने बल पर काम करके प्रशंसा पाना सभी के वश की बात नहीं है।

RBSE Class 8 Hindi Book Pdf Download प्रश्न 15.
तुलसी महतो ने गाँव के पंचों को इकट्ठा करके क्या कहा?
उत्तर:
तुलसी महतो ने गाँव के पंचों से कहा कि अब रामू और मेरा एक घर में निर्वाह नहीं हो सकता। मैं चाहता हूँ कि तुम लोग इंसाफ से जो कुछ मुझे दे दो, वह लेकर मैं अलग हो जाऊँ। अब रात-दिन की बहस अच्छी नहीं है, बाप-बेटे में ऐसी कलह ठीक नहीं। लगती।

Subhagi Hindi Kahani प्रश्न 16.
सजनसिंह ने सुभागी से अन्त में क्या कहा?
उत्तर:
सजनसिंह ने सुभागी से कहा कि तुम साक्षात् भगवती का अवतार हो । मेरी इच्छा है कि तुम मेरे घर की बहू बनकर इसे पवित्र करो। मैं जात-पाँत नहीं मानता हूँ। मेरा बेटा तुम्हारी बड़ी प्रशंसा करता है। तुम मेरे आग्रह को मना मत कर देना। यही मेरी आज्ञा एवं आदेश है।

RBSE Solution Class 8 Hindi प्रश्न 17.
यदि सुभागी के भाई रामू की जगह आप होते तो पिता तुलसी महतो द्वारा बुलायी गयी पंचायत में आप क्या कहते ?
उत्तर:
यदि सुभाग के भाई रामू की जगह में होता तो पिता द्वारा बुलाई पंचायत में ये कभी नहीं कहता कि ”साथ गुजर नहीं, तो अलग हो जाना ही अच्छा है।” क्योंकि जिन माँ-बाप ने मुझे जन्म दिया, पाला-पोसा, बड़ा किया। उनकी आशाओं के अनुरूप ही में पुत्र-धर्म के उत्तरदायित्व का निर्वहन करता, स्वार्थी नहीं बनता।

RBSE Class 8 Hindi Chapter 2 निबन्धात्मक प्रश्न

RBSE Class 8 Hindi Solutions प्रश्न 18.
कहानी के आधार पर सुभागी के चरित्र की तीन विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
‘सुभागी’ कहानी में प्रमुख पात्र के रूप में सुभागी के चरित्र की विशेषताओं को उभारा गया है। उसके चरित्र में अनेक विशेषताएँ हैं, उनमें से प्रमुख तीन इस प्रकार हैं
(1) माता-पिता की सेवा करने वाली-सुभागी अपने वृद्ध पिता एवं माता की सेवा करती रही और अन्त तक उनके सुख का पूरा ध्यान रखा।
(2) आज्ञाकारिणी-सुभागी माता-पिता की आज्ञा का पालन करने वाली युवती थी। वह गाँव के मुखिया सजनसिंह की आज्ञा का भी पालन करती रही।
(3) परिश्रमी-सुभागी वृद्ध माता-पिता की सेवा के साथ घर का सारा काम संभाल रही थी। वह खेती का काम भी करती थी। रात-दिन परिश्रम करके उसने मुखिया का कर्ज उतार दिया था।

Subhagi Story In Hindi प्रश्न 19.
‘सुभागी’ कहानी से क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर:
‘सुभागी’ कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि

  1.  हमें वृद्ध माता-पिता की सेवा करनी चाहिए।
  2.  बड़े-बूढों की हितकारी बातों को मानना चाहिए।
  3.  जीवन में खूब परिश्रम करके इसे सफल बनाना चाहिए।
  4.  विधवा और बेसहारा स्त्रियों का पूरा सहयोग करना चाहिए।
  5.  सदा ऐसे काम करने चाहिए, जिससे वाहवाही मिले और सब लोग सम्मान करें।
  6.  परिवार की इज्जत और गरिमा का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
  7.  सदा स्वावलम्बी बनने की कोशिश करनी चाहिए। सुभागी में ये सारी बातें थीं। इसी से उसे कुलवन्ती और भगवती का साक्षात् अवतार कहा गया है। अन्त में उसका जीवन सुखमय बन पाया है।

RBSE 8th Class Hindi Syllabus प्रश्न 20.
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(क) रात को तुलसी लेटी तो वह पुरानी बात याद आई। जब रामू के जन्मोत्सव में उन्होंने रुपये कर्ज लेकर जलसा किया था और सुभागी पैदा हुई, तो घर में रुपये रहते हुए भी उन्होंने एक कौड़ी तक खर्च न की। पुत्र को रत्न समझा था, पुत्री को पूर्व जन्म के पापों का दंड। वह रल कितना कठोर निकला और यह दंड कितना मंगलमय!
प्रश्न.
(i)उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ii) तुलसी ने पुत्र-जन्म को क्या समझा था?
(iii) तुलसी ने किस पर कौड़ी तक खर्च नहीं की?
(iv) अन्त में तुलसी को क्या अनुभव हुआ?
उत्तर:
(i) शीर्षक-पुत्र-पुत्री जन्म के प्रति तुलसी की मानसिकता।
(ii) तुलसी ने समझा था कि पुत्र का जन्म परिवार का मंगल करेगा, वह रत्न जैसा बनकर हमें खुशियाँ देगा।
(iii) तुलसी ने पुत्री का जन्म होने पर उस निमित्त एक कौड़ी भी खर्च नहीं की।
(iv) अन्त में तुलसी को अनुभव हुआ कि पुत्र कठोर स्वभाव का निकला, जबकि पुत्री उनके लिए मंगल करने वाली बनी।

(ख) गाँव में जहाँ देखो सबके मुँह से सुभागी की तारीफ हो रही थी। लड़की नहीं, देवी है। दो मर्दो का काम भी करती है। उस पर माँ-बाप की सेवा भी किए जाती है। सजनसिंह तो कहते, यह इस जन्म की देवी है। मगर शायद महतो को यह सुख बहुत दिनों तक भोगना न लिखा था।
प्रश्न.
(i)उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ii) सुभागी तारीफ वाला कौनसा काम कर रही थी ?
(iii) सजनसिंह सुभागी को क्या कहते थे ?
(iv) तुलसी महतो को कौनसा सुख ज्यादा नहीं मिला ?
उत्तर:
(i) शीर्षक-सुभागी की तारीफ।
(ii) सुभागी मन लगाकर माता-पिता की सेवा व घर का सारा काम कर रही थी। यही तारीफ वाला काम था।
(iii) सजनसिंह सुभागी को इस जन्म की देवी कहते थे।
(iv) पुत्री सुभागी की सेवा से मिलने वाला सुख तुलसी महतो को अधिक नहीं मिला।

(ग) माता के देहांत के बाद सुभागी के जीवन का केवल एक लक्ष्य रह गया–संजनसिंह के रुपए चुकाना। तीन साल तक सुभागी ने रात को रात और दिन को दिन न समझा। उसकी कार्य-शक्ति और हिम्मत देखकर लोग दाँतों तले अंगुली दबाते थे। दिन भर खेती-बाड़ी का काम करने के बाद वह रात को आटा पीसती।
प्रश्न
(1) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ii) सुभागी को किसका कितना रुपया चुकाना था ?
(ii) लोग दाँतों तले अँगुली किस कारण दबाते थे?
(iv) सुभागी की दिनचर्या क्या थी ?
उत्तर:
(i) शीर्षक-सुभागी के जीवन का लक्ष्य ।
(ii) सुभागी को अपने पिता की तेरहवीं पर भोज देने से । सजनसिंह को तीन हजार रुपये चुकाना था।
(iii) सुभागी को रात-दिन काम में लगी देखकर, उसकी काम करने की शक्ति और हिम्मत देखकर लोग दाँतों तले अँगुली दबाते थे।
(iv) सुभागी दिन भर खेती-बाड़ी का काम करती और रात को आटा पीसती । यही उसकी दिनचर्या थी।

सुभागी – पाठ-सार

सुभागी’ कहानी मुंशी प्रेमचन्द द्वारा लिखी गई है। इसमें कहानीकार ने एक ऐसी युवती का चित्रण किया है, जो वृद्ध माता-पिता की जी-जान से सेवा करती है। रात-दिन मेहनत करके कर्जा भी चुकाती है और गाँव में सभी से पूरा स्नेह और सहयोग पाती है। उस युवती का नाम सुभागी (सुन्दर भाग्यवाली) बताया गया है।

कठिन शब्दार्थ-आफ़त = विपदा। उजड्ड = आँवार, बेलगाम। वाहवाही = प्रशंसा। रल = बेशकीमती पदार्थ। मंगलमय = भलाई से युक्त। निर्वाह = निभाना, गुजर करना। मिजाज = स्वभाव, तबीयत। कुलवन्ती = कुल की रक्षा करने वाली। तारीफ = प्रशंसा, बड़ाई। विनीत = विनम्र। गोदान = गाय का दान। अन्त्येष्टि = मृतक की अन्तिम क्रिया। दाह क्रिया = जलाने, आग देने का काम। दिलोजान = पूरी ताकत से। लक्ष्य = उद्देश्य, निशाना। व्रत = प्रण। सुहाग = सौभाग्य। निवाला = कौर। पैगाम = सूचना, सन्देश। कृतज्ञ = उपकार मानने का भाव। भाग्यशाली = भाग्य वाला।

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