RBSE Solutions for Class 8 Hindi Chapter 3 रणथम्भौर की यात्रा

Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi Chapter 3 रणथम्भौर की यात्रा

RBSE Class 8 Hindi Chapter 3 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

पाठ से
सोचें और बताएँ-

प्रश्न 1.
रणथम्भौर कौन-कौनसी पर्वतमालाओं के मध्य है?
उत्तर:
रणथम्भौर अरावली और विन्ध्याचल की सुरम्य पर्वतमालाओं के मध्य में स्थित है।

प्रश्न 2.
रणथम्भौर अभयारण्य में कितने प्रकार के पक्षी हैं ?
उत्तर:
रणथम्भौर अभयारण्य में लगभग तीन सौ प्रकार के पक्षी हैं।

प्रश्न 3.
क्या कारण है कि लेखक घोड़े के खुर को देखकर आश्चर्यचकित रह गया?
उत्तर:
रणथम्भौर दुर्ग की दीवार एकदम सीधी खड़ी है, उस पर हम्मीर के घोड़े के खुर के अर्थात् ऊपर चढ़ने के निशान देखकर लेखक को आश्चर्य हुआ।

लिखें-

RBSE Class 8 Hindi Chapter 3 बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
रेलमार्ग से जयपुर से सवाईमाधोपुर की दूरी है-
(क) 140 कि. मी.
(ख) 165 कि. मी.
(ग) 132 कि. मी.
(घ) 150 कि. मी.

प्रश्न 2.
घने जंगल की शुरुआत होती है?
(क) गणेशधाम तिराहे के बाद
(ख) सवाईमाधोपुर नगर के बाद
(ग) मिश्रदरा से
(घ) कहीं से नहीं
उत्तर:
1. (ग) 2. (क)

कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. सर्वप्रथम हमने….दरवाजा देखा।         (मिश्रदरा/नोलखा)
2. सबसे पहले हम…..तालाब पर पहुँचे।    (पदमला/मलिक)
उत्तर:
1. मिश्रदरा 2. मलिक।

RBSE Class 8 Hindi Chapter 3 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजा हम्मीर की पुण्य धरा कौनसी है?
उत्तर:
रणथम्भौर राजा हम्मीर की पुण्यधरा है।

प्रश्न 2.
गोमुख में पानी कहाँ से आता है?
उत्तर:
पहाड़ी के ऊपरी छोर पर एकत्र पानी झरने के रूप में बहता है, जो कि वहाँ से गोमुख में आता है।

प्रश्न 3.
बाघ के आने पर अजीब-सी आवाज कौन निकालता है?
अथवा
बाघ के खतरे को जंगल में कैसे फैलाया जाता है?
उत्तर:
बाघ के आने पर कोल बन्दर अजीब-सी आवाज निकालता है और सभी को सावचेत करता है।

RBSE Class 8 Hindi Chapter 3 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजा हम्मीर कौन थे ?
उत्तर:
राजा हम्मीर रणथम्भौर के शासक थे। उन्होंने ही रणथम्भौर दुर्ग का निर्माण कराया था। ये चौहानवंशीय शासक जैत्रसिंह के छोटे पुत्र थे। राजा हमीर पराक्रमी और शरणागत वत्सल राजा थे।

प्रश्न 2.
रणथम्भौर बाघ अभयारण्य में लेखक ने कौनकौन से वन्य प्राणी देखे ?
उत्तर:
रणथम्भौर बाघ अभयारण्य में लेखक ने अपने छोनों सहित हरिण के झुण्ड देखे, तालाब में तैरते मगरमच्छ देखे और उसके पास ही साँभर, नीलगाय आदि वन्य पशु देखे।अनेक प्रकार के पक्षी देखे, तो झरने के किनारे बाघ-बाघिन देखे। साथ ही चिंकारा, बघेरा, भालू, लंगूर, बन्दर व जंगली बिल्ली आदि भी देखे।

प्रश्न 3.
रणथम्भौर दुर्ग के मुख्य दरवाजे कौन-कौन-से हैं? लिखिए।
उत्तर:
रणथम्भौर का प्रथम द्वार’नोलखा दरवाजा’ कहलाता है। उसके बाद ‘हाथीपोल’ दरवाजा आता है। फिर ‘अंधेरी दरवाजा’ है, जहाँ पर एक साथ तीन दरवाजे हैं। एक साथ बने होने से इन तीनों दरवाजों में कुछ अँधेरा रहता है। इस दुर्ग के ये ही मुख्य दरवाजे हैं।

प्रश्न 4.
बत्तीस खंभों की छतरी की विशेषता बताइए।
उत्तर;
दुर्ग के सपाटे मैदान में बत्तीस खम्भों की छतरी बनी हुई है। यह चारों ओर से खुला भवन है। राव हमीर ने इसे हवाखोरी, सभा करने, दरबार लगाने, विचार-विमर्श एवं विश्राम करने के साथ ही आमोद-प्रमोद की दृष्टि से बनवाया था। अब यह छतरी पर्यटकों के बैठने एवं विश्राम करने के काम आती है तथा बहुत ही सुन्दर है।

RBSE Class 8 Hindi Chapter 3 दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रणथम्भौर दुर्ग का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
रणथम्भौर बाघ अभयारण्य के मध्य में विशाल ऐतिहासिक दुर्ग है। इस दुर्ग का निर्माण कब हुआ, इसका कोई इतिहास या विवरण नहीं मिलता है। सन् 1300 ईस्वी में चौहान वंश के राव हम्मीर इसके प्रतापी शासक थे। इस दुर्ग का प्रथम द्वार ‘नोलखा दरवाजा’ कहलाता है। उस दरवाजे से आगे चलने पर ‘हाथीपोल’ दरवाजा आता है। यहाँ से दुर्ग की दीवार एकदम सीधी-खड़ी है। इससे आगे चढ़ने पर ‘अंधेरी दरवाजे’ अर्थात् एक साथ तीन दरवाजे बने हुए हैं। वहाँ से कुछ आगे मैदान में बत्तीस खंभों की छतरी है। वहीं पास में राजा हमीर के महल, ‘पद्मला’ एवं ‘रानीहोद’ तालाब हैं। उससे आगे कुछ दूरी पर प्रसिद्ध त्रिनेत्र गणेशजी का मन्दिर है। रणथम्भौर दुर्ग में रघुनाथजी का मन्दिर, जैन मन्दिर, मस्जिद, गुप्त गंगा, जौरा-भौरा आदि कई दर्शनीय स्थान हैं। यह दुर्ग ऐतिहासिक और पुरातात्त्विक दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व रखता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
आपने पिछली कक्षा में संधि के बारे में पढ़ा है, नीचे कुछ संधि विच्छेद दिए गए हैं, आप संधि कर नए शब्द बनाइए
जैसे – अभय + अरण्य – अ + अ = आ = अभयारण्य
उत्तर:
शरण  +  आगत    –   अ   +आ  =  आ = शरणागत ।
सदा   +  एव         –   आ  + ए  =   ऐ  = सदैव
नर     +  ईश        –   अ   + ई  =   ए  = नरेश
पर     +  उपकार  –   अ   + उ  =  ओ = परोपकार
परि    +  आवरण  –    इ   + आ =  या = पर्यावरण

प्रश्न 2.
(क) हम गाइड के साथ चल रहे थे।
(ख) शेरनी अपने बच्चों के साथ चल रही थी।
उपर्युक्त वाक्यों में लिंग और वचन का भेद है। इसी कारण इनकी क्रिया के रूप में परिवर्तन हुआ है। ‘के साथ’ वाक्यांश दोनों में समान है। इसके साथ ही इसके रूप में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। ऐसे शब्दों को अविकारी या अव्यय शब्द कहते हैं।
अव्यय शब्द पाँच प्रकार के होते हैं-
1. क्रियाविशेषण
2. संबंधबोधक
3. समुच्चयबोधक
4. विस्मयादिबोधक
5. निपात
पाठ में आए अविकारी शब्दों को छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
(1) क्रियाविशेषण-उबड़-खाबड़, कूदा-फाँदी, धीरे-धीरे, चलते-चलते आदि।
(2) संबंधबोधक-के लिए, आगे, पीछे, आसपास, ऐसा, जैसा आदि।
( 3 ) समुच्चयबोधक-व, तथा, या, और, किंतु आदि।
(4) विस्मयादिबोधक-भैया!
(5) नियात–ही, तो, सा आदि।

पाठ से आगे-

प्रश्न 1.
आप भी कहीं न कहीं घूमने अवश्य गए होंगे। एक यात्रा का वर्णन नीचे लिखे बिंदुओं के आधार पर कीजिए-
स्थान चयन, यात्रा की तैयारी, प्रस्थान, स्थानों का वर्णन, अनुभव, वापसी।
उत्तर:
विद्याथी-जीवन में यात्रा करने तथा दर्शनीय स्थानों को देखने के अनेक अवसर मिलते हैं। एक बार हमारी कक्षा के छात्रों ने पुष्कर यात्रा का निश्चय किया और रविवार को जाने का विचार कर यात्रा की तैयारी की। हम सब जयपुर से सुबह पाँच बजे की बस से रवाना हुए। मार्ग में दूदू, किशनगढ़ आदि को देखते हुए अजमेर पहुँचे।वहाँ से पुष्करवाटी के पास आनासागर के किनारे-किनारे पहाड़ी रास्ते से चलते हुए पुष्कर घाटी पार की। उसस्थान से एक ओर अजमेर नगर के तथा दूसरी ओर पुष्कर के सारे दृश्य दिखाई दे रहे थे। हम आगे बढ़ते हुए पुष्कर पहुँचे। पुष्कर में बस से उतरकर एक होटल में सामान रखा और फिर वहाँ के दर्शनीय स्थलों की सैर पर निकले । वहाँ पर वैकुण्ठनाथ का मन्दिर, ब्रह्मा का मन्दिर, पुष्कर सरोवर आदि स्थानों पर भ्रमण किया। कुछ आगे जाकर वहाँ का पहाड़ी इलाका भी देखा। सायंकाल पाँच बजे के करीब हम बस से वापिस जयपुर के लिए चल पड़े। इस यात्रा से हमें पुष्कर के प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का ज्ञान हुआ। हमारा काफी मनोरंजन भी हुआ।

प्रश्न 2.
यदि आपको बाघ दिखाई दे, तो आप बचाव में क्या करेंगे?
उत्तर:
बाघ जंगली क्षेत्र में ही दिखाई देता है। यदि बाघ आराम करते हुए या अपने परिवार के साथ धूप सेकते हुए दिखाई दे, तो हम उस स्थान से तुरन्त दूर चले जायेंगे । बाघ पेड़ों पर नहीं चढ़ पाता है, इसलिए हम किसी ऊँचे एवं मजबूत पेड़ पर चढ़ जायेंगे और हो-हल्ला मचायेंगे, ताकि बाघ वहाँ से चला जाये।

यह भी करें

प्रश्न.
रणथम्भौर अभयारण्य है। देश में स्थित अन्य अभयारण्यों की जानकारी प्राप्त कर सूची बनाइए।
उत्तर:
राजस्थान में रणथम्भौर के अतिरिक्त घना पक्षी विहार, सरिस्का अभयारण्य एवं दरा अभयारण्य हैं। देश के अन्य भागों में अनेक अभयारण्य हैं, जैसे राजाजी पार्क, दूधवा नेशनल पार्क आदि । पुस्तकालय की सहायता से सूची बनाइए।

तब और अब-

प्रश्न-
नीचे लिखे शब्दों के मानक रूप लिखिए
द्वारा, उद्यान, अभेद्य, पद्मावती, उत्तर।
उत्तर:
द्वारा          –      द्वारा
उद्यान        –     उद्यान
अभेद्य        –     अभेद्य
पद्मावती     –    पद्मावती
उत्तर         –      उत्तर।

RBSE Class 8 Hindi Chapter 3 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

RBSE Class 8 Hindi Chapter 3 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
गणेश जी की स्वउद्भव प्रतिमा स्थित है-
(क) चित्तौड़गढ़ के किले में
(ख) आमेर के किले में
(ग) भरतपुर के किले में
(घ) रणथम्भौर के किले में

प्रश्न 2.
‘रणथम्भौर बाघ अभयारण्य’ किस जिले में स्थित है?
(क) जयपुर
(ख) उदयपुर
(ग) सवाईमाधोपुर
(घ) कोटा

प्रश्न 3.
रणथम्भौर बाघ अभयारण्य का कुल क्षेत्रफल
(क) 1700 वर्ग कि.मी
(ख) 1335 वर्ग कि.मी
(ग) 3000 वर्ग कि.मी
(घ) 1600 वर्ग कि.मी

प्रश्न 4.
जिस स्थान पर बाघ-बाघिन दिखाई दिये, उसका नाम क्या बताया गया है?
(क) रणथम्भौर
(ख) रानीहोद
(ग) चिड़ीखोह
(घ) खिलचीपुर।

प्रश्न 5.
गणेशधाम से आगे अभयारण्य में सर्वप्रथम कौनसा दरवाजा दिखाई देता है ?
(क) नोलखा दरवाजा
(ख) मिश्रदरा दरवाजा
(ग) अंधेरी दरवाजा
(घ) हाथीपोल दरवाजा

प्रश्न 6.
रणथम्भौर दुर्ग में विश्व प्रसिद्ध मन्दिर कौन-सा
(क) जैन मन्दिर
(ख) काली मन्दिरं
(ग) रघुनाथजी का मन्दिर
(घ) त्रिनेत्र गणेशजी का मन्दिर
उत्तर:
1. (घ) 2. (ग) 3. (क) 4. (ग) 5. (ख) 6. (घ)

RBSE Class 8 Hindi Chapter 3 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 7.
रणथम्भौर अभयारण्य में बाघों की संख्या लगातार क्यों बढ़ रही है?
उत्तर:
पूर्व में बाघों का शिकार हो जाने के कारण बाघोंकी संख्या घट रही थी। केन्द्र व राज्य सरकार तथा वन। विभाग के प्रयासों से बाघों के शिकार पर रोक लगी। जिसके कारण अब बाघों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

प्रश्न 8.
रणथम्भौर अभयारण्य की शुरुआत कहाँ से होती हैं ?
उत्तर:
रणथम्भौर बाघ अभयारण्य की शुरुआत खिलचीपुर ग्राम पंचायत के गणेशधाम तिराहे से होती है।

प्रश्न 9.
बाघों के आश्रय स्थल कैसे बने होते हैं ?
उत्तर:
धोक के सघन झाड़ीदार वन बाघों के लिए अच्छे आश्रय स्थल होते हैं।

प्रश्न 10.
लेखक ने जो बाघ-बाघिन देखे, उनके क्या नाम थे ?
उत्तर:
लेखक ने जो बाघ-बाघिन देखे, उनमें से बाघिन का नाम नूर और बाघ का नाम सुल्तान था।

प्रश्न 11.
राजा हम्मीर किस कुल के और किसके पुत्र थे?
उत्तर:
राजा हम्मीर चौहान वंश के क्षत्रिय थे और वे राजा जैत्रसिंह के छोटे पुत्र थे।

प्रश्न 12.
रणथम्भौर दुर्ग में किसका प्रसिद्ध मन्दिर है ?
उत्तर:
रणथम्भौर दुर्ग में त्रिनेत्र गणेशजी का विश्व-प्रसिद्ध मन्दिर है।

प्रश्न 13.
त्रिनेत्र गणेशजी की मूर्ति की क्या विशेषता है ?
उत्तर:
उस मूर्ति की यह विशेषता है कि वह स्थापित मूर्ति न होकर भूमि से स्वयं प्रकट हुई मूर्ति है।

RBSE Class 8 Hindi Chapter 3 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 14.
रणथम्भौर बाघ अभयारण्य का क्षेत्रफल कितना है ?
उत्तर:
रणथम्भौर बाघ अभयारण्य का क्षेत्रफल पहले 1334.6 वर्ग किमी. था। परन्तु बाघों की संख्या बढ़ती गई, जिससे उनमें परस्पर टकराव होने की आशंका बढ़ी। इसलिए अब इसका क्षेत्रफल 1700 वर्ग कि.मी. तक बढ़ाया गया है।

प्रश्न 15.
बाघ और बाघिन कहाँ पर और कैसे दिखाई दिये ?
उत्तर:
लेखक एवं उनके परिवार को अभयारण्य के अन्दर चिड़ीखोह नामक स्थान पर झरने के किनारे एक बाघ और बाघिन दिखाई दिये। वे दोनों प्रात:काल के समय गुनगुनी धूप सेंक रहे थे। बाघिन बाघ के बालों को अपनी जीभ से साफ कर रही थी। वे आपस में अठखेलियाँ कर रहे थे। वे काफी आकर्षक लग रहे थे।

प्रश्न 16.
राजा हम्मीर ने किसे और क्यों शरण दी थी?
उत्तर:
राजा हम्मीर ने दिल्ली के बादशाह अलाउद्दीन खिलजी के एक भगौड़े सैनिक माहिमशाह को शरण दी थी। क्योंकि हम्मीर पराक्रमी राजा थे और प्रजावत्सल होने से शरणागत को आश्रय देना अपना धर्म मानते थे। वे अन्त तक उसकी रक्षा भी करते रहे।

प्रश्न 17.
‘पद्मला’ का यह नाम किस कारण पड़ा?
उत्तर:
युद्ध में पराजय मिलने से राजा हम्मीर की पुत्री पद्मावती उस तालाब में कूद गई थी। उसने अपने हाथ में पारस पत्थर भी पकड़ रखा था। उस राजकुमारी के आत्मबलिदान के कारण उस तालाब का नाम ‘पद्मला’ पड़ा। वैसे वह तालाब किले की जलापूर्ति के लिए बनाया गया था।

प्रश्न 18.
‘रानीहोद’ तालाब का यह नाम क्यों पड़ा? बताइये।
उत्तर:
रणथम्भौर दुर्ग में काली मन्दिर के पास अथाह गहराई वाला जो तालाब बनाया गया था, वह रानियों के स्नान के लिए था। परन्तु खिलजी से राजा हम्मीर की पराजय की सूचना मिलने पर सभी रानियों ने उसमें छलाँग लगाकर जल-जौहर कर दिया था। इसी कारण उस तालाब का नाम ‘रानीहोद’ पड़ा।

RBSE Class 8 Hindi Chapter 3 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 19.
रणथम्भौर बाघ अभयारण्य का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
रणथम्भौर बाघ अभयारण्य का अनेक कारणों से विशेष महत्त्व है। इस अभयारण्य के मध्य में सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक रणथम्भौर दुर्ग है। यह अभयारण्य बाघों के सुरक्षित क्षेत्र रूप में बनाया गया है तथा बाघों की सुविधाओं तथा वंश-वृद्धि का ध्यान रखकर इसका विस्तार भी कियागया है। इसमें हरिण, भालु, बन्दर, नील गाय आदि वन्यपशु बड़ी संख्या में दिखाई देते हैं तथा जलचर व नभच तीन सौ से अधिक जातियों के पक्षी भी वहाँ पर हैं । झरने, तालाब तथा वनावली की प्राकृतिक शोभा की दृष्टि से भी यह अभयारण्य काफी मनोहारी है।

प्रश्न 20.
बाघ अभयारण्य में किन सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है? पठित यात्रा-वृत्तान्त के आधार पर बताइये।
उत्तर:
बाघ अभयारण्य में सबसे पहले बाघों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है। रणथम्भौर बाघ अभयारण्य में पहले बाघों का शिकार हो जाने से उनकी संख्या घट गई थी। केन्द्र व राज्य सरकार के प्रयासों से बाघों के शिकार पर पूरी रोक लगी बाघों का अपना एक सीमित या निर्धारित क्षेत्र होता! है। कम क्षेत्र होने पर बाघ आपस में टकराते हैं, वे हिंसक हो जाते हैं। रणथम्भौर बाघ अभयारण्य में इस बात का ध्यान रखा गया है और इसके लिए उसके क्षेत्र का काफी विस्तार किया गया है। बाघ अभयारण्य में उचित जलापूर्ति हो, बाघों को वन्य-पशुओं का शिकार करने को मिले और वन-क्षेत्र में झाड़ियाँ आदि भी हों। रणथम्भौर अभयारण्य में ये सब सुविधाएँ मौजूद हैं। इसी से वहाँ पर बाघों की संख्या निरन्तर बढ़ रही है।

प्रश्न 21.
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) पूर्व में बाघों का शिकार हो जाने के कारण बाघोंकी संख्या घट गई थी। केन्द्र व राज्य सरकार तथा वन विभाग के प्रयासों से बाघों के शिकार पर रोक लगी और बाघों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी। बाघ अपना एक निर्धारित क्षेत्र बनाते हैं, जिसका क्षेत्रफल लगभग दो वर्ग कि. मी. होता है। उस क्षेत्र में दूसरे बाघ के प्रवेश करने पर उनमें टकराव की स्थिति बन जाती है।

प्रश्न.
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ii) फिर बाघों की संख्या कैसे बढ़ी ?
(iii) प्रत्येक बाघ का अपना क्षेत्र कितना बड़ा होता है ?
(iv) बाघों में परस्पर टकराव कब होता है?
उत्तर:
(i) शीर्षक-बाघों की संख्या व मनोवृत्ति।
(ii) केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा कठोर प्रतिबन्ध लगाने से बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी।
(iii) प्रत्येक बाघ का अपना क्षेत्र लगभग दो वर्ग किमी. होता है।
(iv) निर्धारित क्षेत्र में दूसरे क्षेत्र के बाघ के आने से बाघों में परस्पर टकराव होता है।

(ख) हम इस महल को अंदर से नहीं देख पाए, क्योंकि पुरातत्त्व विभाग ने इसे पर्यटकों के लिए बंद कर रखा है। थोड़ा आगे बढ़ने पर हमें दो तालाब दिखाई दिये। रास्ते के बाईं ओर ‘पद्मला’ तालाब तथा रास्ते के दाईं ओर थोड़ा पीछे आने पर ‘रानीहोद’ तालाब है। पद्मला तालाब बहुत बड़े क्षेत्र में फैला है तथा इसमें अथाह पानी है। कहा जाता है कि राव हम्मीर की पुत्री पद्मावती इस तालाब में पारस पत्थर लेकर कूद गई थी।

प्रश्न.
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ii) वह किसने और क्यों बन्द कर दिया था?
(iii) दुर्ग में कौन-से तालाब दिखाई दिये?
(iv) पद्मावती किस तालाब में कूद गई थी ?
उत्तर:
(i) शीर्षक–महल और स्थित तालाब।
(ii) वह महल ऐतिहासिक महत्त्व का और काफी पुराना था, इस कारण राज्य पुरातत्त्व विभाग ने उसे दर्शकों के लिए बन्द कर दिया था।
(iii) दुर्ग में दो तालाब दिखाई दिये-‘पद्मला’ तालाब तथा उससे कुछ दूर ‘रानीहोद’ तालाब।
(iv) रावराजा हम्मीर की पराजय की सूचना पर उसकी पुत्री पद्मावती ‘पद्मला’ तालाब में कूद गई थी।

रणथंभौर की यात्रा – पाठ-सार-

यह यात्रा-वृत्तान्त प्रसिद्ध बाघ अभयारण्य रणथम्भौर की यात्रा से सम्बन्धित है। लेखक अपने परिवार के साथ वहाँ पर गया। उसने अभयारण्य में बाघ, हरिण आदि पशु देखे। रणथम्भौर का विशाल प्राचीन महल एवं मन्दिर आदि स्थान देखकर वह सपरिवार लौट आया।

कठिन शब्दार्थ-पुण्य = पवित्र। वन्य = वन का। सुरम्य = सुन्दर। उत्कण्ठा = तीव्र इच्छा। निवृत्त = मुक्त। उत्सुकता = उत्साह, तीव्र लालसा। हरीतिमा = हरियाली। आच्छादित = ढका हुआ। रोमांचित = प्रसन्न। आरक्षित = सब ओर रक्षित। छटा = शोभा। मोहक = आकर्षणयुक्त। श्रृंग = सींग। सावचेत = सावधान। मशगूल = ध्यान लगाये, संलग्न। अठखेलियाँ = मस्ती। आमोद-प्रमोद = मनोरंजन, हँसी-खुशी। अभेद्य = न भेदा जा सके। दुर्गम = कठिन। बयार = हवा। मृग-छोने = हरिण के बच्चे। आश्रयस्थली = रहने का स्थान। मनोहारी = मन को हरने वाला, सुन्दर। शीतल = ठंडी। सुकून = शान्ति, चैन। अविचल = स्थिर। जौहर = प्राणों का त्याग करना। उद्भव = उत्पन्न। जिज्ञासा = जानने की इच्छा। पुरातात्त्विक = प्राचीन इतिहास की झलक वाले, अति प्राचीन।

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