RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव are part of RBSE Solutions for Class 8 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 8
Subject Science
Chapter Chapter 11
Chapter Name विद्युत धारा के प्रभाव
Number of Questions Solved 67
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव

पाठ्गत प्रश्न

पृष्ठ 119

प्रश्न 1.
विद्युत प्रवाह के कारण ऊष्मा, ध्वनि इत्यादि कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर:

  1. जब किसी सुचालक तार से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह गर्म हो जाता है। यह विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव है। इसी प्रभाव से ऊष्मा उत्पन्न होती है।
  2. लोहे के क्रोड पर ताँबे के विद्युतरोधी तार के कई फेरे लपेटी हुई एक कुण्डली होती है, इसके निकट लोहे की पत्ती लगी होती है, यह एक पेच से सटी होती है। इस कुण्डली में विद्युत धारा प्रवाहित करने से कुण्डली विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव के कारण विद्युत चुम्बक बन जाती है, इस कारण लोहे की पत्ती कुण्डली की ओर आकर्षित होती है, जिससे लोहे। की पत्ती घण्टी से टकराकर ध्वनि उत्पन्न करती है।

पृष्ठ 120

प्रश्न 2.
कुंजी में प्लग लगाने पर तार में विद्युत धारी प्रवाहित होती है। अब तार को स्पर्श कीजिए। तार गर्म क्यों हो जाता है?
उत्तर:
जब किसी सुचालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव के कारण तार गर्म हो जाता है।

पृष्ठ 121

प्रश्न 3.
लघुपथन होने पर परिपथ में अत्यधिक विद्युत धारा बहने से घर के उपकरण गर्म होकर जल सकते हैं। या आग लग सकती है। अतः दुर्घटना से बचने के लिए या विद्युत उपकरण को नष्ट होने से बचाने के लिए हम क्या करते हैं?
उत्तर:
ऐसी स्थिति में विद्युत उपकरण को नष्ट होने से बचाने के लिए या आग लगने की घटना से बचने के लिए परिपथ के श्रेणीक्रम में ऐसी युक्ति लगाते हैं जो विद्युत धारा का मान सुरक्षा सीमा से अधिक होने पर पिघल जाए तथा परिपथ में धारा प्रवाह बन्द हो जाये । ऐसी युक्ति को फ्यूज कहते हैं।

पृष्ठ 122

प्रश्न 4.
फ्यूज कैसे कार्य करता है?
उत्तर:
यदि परिपथ में किसी निर्दिष्ट मान से अधिक मान की विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो फ्यूज तार के ताप में वृद्धि हो जाती है और वह पिघल जाता है, जिससे परिपथ टूट जाता है।

पृष्ठ 123

प्रश्न 5.
क्या विद्युत धारा से भी चुम्बकीय सुई को विक्षेपित किया जा सकता है?
उत्तर:
हाँ जब किसी चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो चालक तार चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है। इसे विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव कहते हैं। इसी चुम्बकीय प्रभाव के कारण चुम्बकीय सुई में विक्षेपण होता है।

पृष्ठ 126

प्रश्न 6.
क्या आसुत जल विद्युत का चालन करता है?
उत्तर:
नहीं। इसकी प्रकृति उदासीन होती है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

सही विकल्प का चयन कीजिए

प्रश्न 1.
विद्युत घण्टी विद्युत धारा के किस प्रभाव पर आधारित है?
(अ) तापीय प्रभाव
(ब) चुम्बकीय प्रभाव
(स) रासायनिक प्रभाव
(द) जूल प्रभाव
उत्तर:
(ब) चुम्बकीय प्रभाव

प्रश्न 2.
कबाड़ से चुम्बकीय पदार्थों को पृथक् करने के लिए निम्न में से किसका उपयोग होता है?
(अ) विद्युत चुम्बक
(ब) विद्युत सेल
(स) फ्यूज
(द) निमज्जन छुड़
उत्तर:
(अ) विद्युत चुम्बक

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किस विलयन में विद्युत धारा। का प्रवाह नहीं होता है?
(अ) कॉपर सल्फेट
(ब) सिल्वर नाइट्रेट
(स) आसुत जल
(द) नमक युक्त जल
उत्तर:
(स) आसुत जल

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से विद्युत घण्ट्री का अवयव नहीं
(अ) लोहे की पत्ती
(ब) कुण्डली
(स) सम्पर्क पेच
(द) चुम्बकीय सुई
उत्तर:
(द) चुम्बकीय सुई

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

प्रश्न 1.
विद्युत सेल के प्रतीक में लम्बी रेखा______ टर्मिनल को, छोटी रेखा______ टर्मिनल को निरूपित करती है।
उत्तर:
धन (+), ऋण (-)

प्रश्न 2.
विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर आधारित सुरक्षा युक्ति को______ कहते हैं।
उत्तर:
फ्यूज

प्रश्न 3.
सेल के धन टर्मिनल से जुड़ी प्लेट को______ व ऋण टर्मिनल से जुड़ी प्लेट क______ कहते हैं।
उत्तर:
एनोड, कैथोड

प्रश्न 4.
विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव की खोज_______ ने की।
उत्तर:
ऑरस्टेड नामक वैज्ञानिक।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
फ्यूज क्या होता है?
उत्तर:
विद्युत परिपथ के श्रेणीक्रम में लगी ऐसी युक्ति जो विद्युत धारा का मान सुरक्षा सीमा से अधिक होने पर पिघल जाये, जिसके कारण परिपथ में धारा प्रवाह बन्द हो जाये, इस युक्ति को फ्यूज कहते हैं। परिपथ में निर्दिष्ट मान से अधिक मान की धारा प्रवाहित होने से फ्यूज तार के ताप में वृद्धि हो जाती है, जिससे तार पिघल जाता है और परिपथ टूट जाता है।

प्रश्न 2.
विद्युत चुम्बक के कोई तीन उपयोग लिखिए।
उत्तर:
विद्युत चुम्बक के उपयोग निम्नलिखित हैं–

  1. कबाड़ से चुम्बकीय पदार्थों को पृथक् करने के लिए विद्युत चुम्बक का उपयोग करते हैं।
  2. दुर्घटनावश आँख में गिरे चुम्बकीय पदार्थों के छोटे टुकड़ों को बाहर निकालने हेतु डॉक्टर विद्युत चुम्बक का उपयोग करते हैं।
  3. लोहे की भारी वस्तुओं को उठाने में विद्युत चुम्बकीय क्रेन का उपयोग करते हैं।

प्रश्न 3.
विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव क्या है? इस प्रभाव पर आधारित किन्हीं चार उपकरणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव-जब किसी सुचालक तार से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह गर्म हो जाता है। यह विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव हैं। विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित उपकरण-

  1. विद्युत ओवन
  2. निमज्जन छड़
  3. विद्युत प्रेस
  4. विद्युत बल्छ।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विद्युत घण्टी की बनावट एवं कार्यप्रणाली समझाइए।
उत्तर:
विद्युत घण्टी की बनावट–विद्युत घण्टी की बनावट में छः प्रमुख अवयव होते हैं

  1. कुण्डली
  2. लोहे की पत्ती
  3. सम्पर्क पेच
  4. हथौड़ी
  5. घण्टी
  6. बैटरी।

कुण्डली में लोहे के क्रोड पर ताँबे के विद्युतरोधी तार के कई फेरे लपेटे होते हैं। कुण्डली के निकट लोहे की पत्ती लगी होती है, जिसके एक सिरे पर हथौड़ी जुड़ी होती है। लोहे की पत्ती समीप में स्थित सम्पर्क पेच से सटी होती है।

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव 1

कार्यप्रणाली–परिपथ का स्विच चालू करने पर कुण्डली में विद्युत धारा प्रवाहित होती हैं और विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव के कारण कुण्डली विद्युत चुम्बक बन जाती हैं। इसके कारण लोहे की पत्ती कुण्डली की ओर आकर्षित होती है एवं लोहे की पत्ती से जुड़ी हथौड़ी की घण्टी से टक्कर के कारण ध्वनि उत्पन्न करती हैं।

जब विद्युत चुम्बक लोहे की पत्ती को अपनी ओर खींचता है तो यह पेंच के सम्पर्क में नहीं रहती हैं, जिससे परिपथ टूट जाता है। इससे कुण्डली में विद्युत धारा का प्रवाह समाप्त हो जाता है। इस स्थिति में कुण्डली विद्युत चुम्बक नहीं बनी रहती हैं। तब लोहे की पत्ती पर कुण्डली का आकर्षण समाप्त होने से लोहे की पत्ती पुनः पूर्वावस्था में आ जाती हैं एवं कुण्डली में पुनः धारा प्रवाहित होने लगती है। इस कारण हथौड़ी पुनः घण्टी से टकराती है। यह प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती है।

प्रश्न 2.
विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव किसे कहते हैं? विद्युत लेपन की प्रक्रिया को समझाइए।
उत्तर:

  1. विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव-किसी चालक विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर वह अपने अवयवों में विभाजित हो जाता है। यह विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव है। अर्थात् किसी चालक विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं। इसके फलस्वरूप इलेक्ट्रोडों पर निक्षेप दिखाई देते हैं। ये क्रियाएँ उपयोग किये जाने वाले विलयन तथा इलेक्ट्रोड्स पर निर्भर करती हैं।
  2. विद्युत लेपन प्रक्रिया-विद्युत द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युत लेपन कहते हैं।
    प्रयोग-किसी स्वच्छ तथा सूखे बीकर में कॉपर सल्फेट का विलयन लेते हैं एवं लगभग 10 cm x 4 cim आकार की प्लेटों को रेगमाल से साफ करते हैं। फिर पानी से धोकर सुखाते हैं। अब ताँबे की प्लेटों को एक बैटरी के टर्मिनलों से संयोजित कर कॉपर सल्फेट के विलयन से भरे बीकर में डुबोते हैं।इसके बाद परिपथ में लगभग 15 मिनट तक विद्युत धारा प्रवाहित होने देते हैं। अब प्लेटों को विलयन से बाहर निकालकर ध्यानपूर्वक देखते हैं। ऋण टर्मिनल से जुड़ी प्लेट पर ताँबे की परत चढ़ी दिखाई देती है।जब कॉपर सल्फेट विलयन को जल में घोला जाता हैं तो यह कॉपर धनायन पर तथा ऋण आयन पर सल्फेट वियोजित हो जाता है। स्वतन्त्र कॉपर धनायन बैटरी के ऋण टर्मिनल से संयोजित इलेक्ट्रॉड की ओर आकर्षित होता है तथा उस पर जमा हो जाता है। बैटरी के धन टर्मिनल से जुड़ी ताँबे की प्लेट से समान मात्रा का कॉपर धनायन विलयन में घुल जाता है। और यह प्रक्रिया चलती रहती हैं।

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव 2

इस प्रकार विद्युत लेपन की प्रक्रिया में धन टर्मिनल से जुड़ी ताँबे की प्लेट से कॉपर ऋण टर्मिनल से जुड़ी प्लेट को स्थानान्तरित होता है।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न में से विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित उपकरण हैं
(अ) विद्युत ओवन
(ब) विद्युत टोस्टर
(स) विद्युत प्रेस
(द) सभी
उत्तर:
(द) सभी

प्रश्न 2.
आजकल फ्यूज के स्थान पर निम्न में से किसका
प्रयोग किया जाता है?
(अ) एम.सी.बी.
(ब) चुम्बक
(स) युक्ति
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) एम.सी.बी.

प्रश्न 3.
निम्न में से किसमें विद्युत चुम्बक प्रयुक्त होती
(अ) विद्युत घण्टी
(ब) विद्युत क्रेन
(स) टेलीफोन
(द) सभी
उत्तर:
(द) सभी

प्रश्न 4.
आसुत जल विद्युत का होता है|
(अ) कुचालक
(ब) सुचालक
(स) अ व ब दोनों
(द) दोनों नहीं।
उत्तर:
(अ) कुचालक

प्रश्न 5.
हमें हमेशा कौनसे मार्क के उचित फ्यूजों का
प्रयोग करना चाहिए?
(अ) ISI
(ब) SI
स) NET
(द) PERFCT
उत्तर:
(अ) ISI

प्रश्न 6.
आँख में गिरे चुम्बकीय पदार्थ के छोटे टुकड़ों को
बाहर निकालने हेतु निम्नलिखित में से किसका उपयोग होता है?
(अ) विद्युत चुम्बक
(ब) विद्युत सेल
(स) कुण्डली
(द) फ्यूज
उत्तर:
(अ) विद्युत चुम्बक

प्रश्न 7.
विद्युत द्वारा किसी पदार्थ पर वांछित धातु की परत ।
चढ़ाने की प्रक्रिया को कहते हैं
(अ) विद्युत प्रवाह
(ब) विद्युत तापन
(स) विद्युत चालन
(द) विद्युत लेपन
उत्तर:
(द) विद्युत लेपन

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

प्रश्न 1.
फ्यूज तार के पिघल जाने से विद्युत परिपथ______ जाता है। (जुड़/टूट)
उत्तर:
टूट

प्रश्न 2.
आजकल फ्यूज के स्थान पर प्रयोग______ करते हैं। (MCB/ISI)
उत्तर:
MCB

प्रश्न 3.
लोहे की भारी वस्तुओं को उठाने के लिए______ का उपयोग करते हैं। (विद्युत चुम्बकीय क्रेन/क्रेन)
उत्तर:
विद्युत चुम्बकीय क्रेन

प्रश्न 4.
कुछ द्रव विद्युत के सुचालक तथा कुछ______ होते हैं। (कुचालक/हीनचालक)
उत्तर:
हीनचालक

प्रश्न 5.
लोहे को______ से बचाने के लिए जिंक की परत निक्षेपित की जाती है। (जंग/पॉलिश)
उत्तर:
जंग।

बताइए निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य
1. हमें एक ही सॉकेट में कई युक्तियों को नहीं लगाना चाहिए।
2. आजकल MCB के स्थान पर फ्यूज का उपयोग होता है।
3. टेलीफोन में विद्युत चुम्बक का प्रयोग होता है।
4. विद्युत ओवन विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव पर आधारित होता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. असत्य।

सही मिलान कीजिए

प्रश्न 1.
निम्नांकित का सही मिलान कीजिए

कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
1. लाल रंग का प्लास्टिक चढ़ा तार (A) न्यूट्रल
2. काले रंग का प्लास्टिक चढ़ा तार (B) फेज
3. हरे रंग का प्लास्टिक चढ़ा तार (C) विद्युत लेपन
4. फेज व न्यूट्रल का आपस में जुड़ना (D) भूसंपर्कन
5. वांछित वस्तु की परत चढ़ाना (E) लघुपथन

उत्तर:
1. (B)
2. (A)
3. (D)
4. (E)
5. (C)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
दैनिक जीवन में काम आने वाले विद्युत उपकरणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विद्युत इस्त्री, विद्युत हीटर, विद्युत ओवन, विद्युत बल्ब, विद्युत घण्टी, विद्युत टोस्टर आदि दैनिक जीवन में। काम आने वाले विद्युत उपकरण हैं।

प्रश्न 2.
विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जब किसी सुचालक तार से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह गर्म हो जाता है। यही विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव है।

प्रश्न 3.
विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित कुछ उपकरणों के नाम बताओ।
उत्तर:
विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित उपकरण विद्युत ओवन, विद्युत टोस्टर, निमज्जन छड़, विद्युत प्रेस, विद्युत बल्ब आदि हैं।

प्रश्न 4.
घर के सॉकेट के तीन छिद्रों में होने वाले तारों के नाम बताओ।
उत्तर:

  1. विद्युन्मय तार या फेज
  2. उदासीन या न्यूट्रल
  3. भूसम्पर्कन तार।

प्रश्न 5.
न्यूट्रल तार पर वोल्टेज का मान कितना होता है?
उत्तर:
न्यूट्रल तार पर वोल्टेज का मान शून्य होता है।

प्रश्न 6.
लघुपथन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब किसी कारण से फेज एवं न्यूट्रल आपस में सीधे ही जुड़ जाएं तो इसे परिपथ को लघुपथन कहते हैं।

प्रश्न 7.
अतिभारण किसे कहते हैं?
उत्तर:
परिपथ में अत्यधिक धारा प्रवाहित होने का कारण एक ही सॉकेट से कई युक्तियों को संयोजित करना हो सकता है। इसे परिपथ में अतिभारण कहते हैं।

प्रश्न 8.
फ्यूज किसे कहते हैं?
उत्तर:
विद्युत परिपथ के श्रेणीक्रम में लगी ऐसी युक्ति जो विद्युत धारा का मान सुरक्षा सीमा से अधिक होने पर पिघल जाये तथा परिपथ में धारा प्रवाह बन्द हो जाये, ऐसी युक्ति को फ्यूज कहते हैं।

प्रश्न 9.
फ्यूज तार को किसमें रखते हैं ?
उत्तर:
फ्यूज तोर प्रायः धातु के सिरे वाले पोर्सेलेन अथवा इसी प्रकार के विद्युतरोधी पदार्थ के कार्टेज में रखा जाता है।

प्रश्न 10.
फ्यूज़ तार किसका बना होता है?
उत्तर:
फ्यूज तार सामान्यतः ताँबा, जस्ता, टिन आदि की मिश्र धातु का बना होता है।

प्रश्न 11.
विद्युत धारा को चुम्बकीय प्रभाव किसे कहते
उत्तर:
जब किसी चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो चालक तार चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है। इसे विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव कहते हैं।

प्रश्न 12.
विद्युत घण्टी के विभिन्न भागों के नाम लिखो।
उत्तर:
विद्युत घण्टी के छः मुख्य भाग होते हैं

  1. कुण्डली
  2. लोहे की पत्ती
  3. सम्पर्क पेंच
  4. हथौड़ी
  5. घण्टी
  6. बैटरी।

प्रश्न 13.
विद्युत लेपन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
विद्युत द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युत लेपन कहते हैं।

प्रश्न 14.
विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव किसे कहते
उत्तर:
किसी चालक विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर वह अपने अवयवों में विभाजित हो जाता है। यह विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव है।

प्रश्न 15.
विद्युत लेपन युक्त कुछ वस्तुओं के नाम बताओ।
उत्तर:

  1. गहनों पर सोने-चाँदी की परत
  2. कार, मोटरसाइकिल के कुछ भाग, नल की टोंटी, पहियों के रिम आदि पर क्रोमियम की परत
  3. लोहे पर जिंक की परते।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विद्युत चुम्बक के उपयोग बताइए।
उत्तर:
विद्युत चुम्बक के प्रमुख उपयोग निम्न प्रकार हैं

  1. मिश्रण में से चुम्बकीय पदार्थों को पृथक् करने के लिए।
  2. दुर्घटनावश आँख में गिरे लोहे के छोटे टुकड़ों को बाहर निकालने के लिए।
  3. लोहे की भारी वस्तुओं को विद्युत चुम्बकीय क्रेन से उठाने हेतु।

प्रश्न 2.
दर्शाइए कि आसुत जल (distilled water) को कैसे विद्युत का चालक बनाया जा सकता है।
उत्तर:
एक स्वच्छ तथा सूखे प्लास्टिक के बीकर में थोड़ा आसुत जल भरिए। संपरीक्षित्र से परीक्षण करने पर ज्ञात होगा कि आसुत जल विद्युत चालन नहीं करता है। अब एक चुटकी साधारण नमक लेकर इसे आसुत जल में घोलिए। फिर परीक्षण कीजिए। हम देखते हैं कि अब यह विद्युत का चालन करता है।

प्रश्न 3.
विद्युत परिपथ में फ्यूज तार का उपयोग क्यों करते हैं?
उत्तर:
लघुपथन होने पर अथवा अन्य किसी कारण से परिपथ में अत्यधिक विद्युत धारा बहने से घर के उपकरण गर्म होकर जल सकते हैं या आग लग सकती है। अतः दुर्घटना से बचने के लिए तथा विद्युत उपकरणों को नष्ट होने से बचाने के लिए हम विद्युत परिपथ में फ्यूज तार का उपयोग करते हैं। परिपथ में निर्दिष्ट मान से अधिक मान की धारा प्रवाहित होने से फ्यूज तार के ताप में वृद्धि हो जाती है, जिससे तार पिघल जाता है और परिपथ टूट जाता है।

प्रश्न 4.
लघुपथन (शॉर्ट सर्किट) के क्या-क्या कारण हो सकते हैं? कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर:
लघुपथन के कारण-

  1. परिपथ में विद्युत धारा का मान सुरक्षा सीमा से अधिक होने पर तार गर्म हो जाते हैं जिससे उन पर चढ़ा प्लास्टिक का आवरण पिघल जाता है तथा फेज और न्यूट्रल परस्पर जुड़ जाते हैं और लघुपथन हो जाता है।
  2. परिपथ के पुराने तारों पर चढ़ा प्लास्टिक आवरण जब कमजोर होकर टूट जाता है तब लघुपथन हो जाता है।

प्रश्न 5.
विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित किन्हीं चार उपकरणों के नाम तथा उनके उपयोग लिखिए।
उत्तर:
विद्युतधारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित उपकरण (चार)

  1. विद्युत ओवन-रसोईघर में खाना पकाने हेतु।
  2. विद्युत टोस्टर-ब्रेड या डबल रोटी सेंकने हेतु।
  3. निमज्जन छड़-पानी गर्म करने हेतु।
  4. विद्युत प्रेस-कपड़ों को इस्तरी करने हेतु।

प्रश्न 6.
जब किसी संपरीक्षित्र (tester) के स्वतंत्र सिरोंको किसी विलयन में डुबोते हैं तो चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है। क्या आप ऐसा होने के कारण की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:
संपरीक्षित्र के स्वतंत्र सिरों को किसी विलयन में डुबोते हैं तो विलयन में विद्युतधारा प्रवाहित होती है । विलयन में विद्युतधारा के प्रवाहित होने के कारण चुम्बकीय सुई विक्षेपित होती है।

प्रश्न 7.
ऐसे तीन द्रवों के नाम लिखिए जिनका परीक्षण चित्र में दर्शाए अनुसार करने पर चुम्बकीय सुई विक्षेपित हो सके।
RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव 3

उत्तर:

  1. नींबू का रस
  2. नमक का विलयन
  3. कॉपर सल्फेट का विलयन।

प्रश्न 8.
भूसम्पर्कन एक सुरक्षा उपाय है, कैसे?
उत्तर:
भूसम्पर्कन एक सुरक्षा उपाय है जो यह सुनिश्चित करता है कि बिजली के किसी उपकरण के धात्विक आवरण से फेज का तार छू रहा हो तो उस उपकरण का उपयोग करने वाले व्यक्ति को गम्भीर झटका नहीं लगे।

प्रश्न 9.
विद्युत लेपन के उपयोग बतलाइए।
उत्तर:
विद्युत द्वारा किसी पदार्थ पर किसी वांछित धातु की परत निक्षेपित करने की प्रक्रिया को विद्युत लेपन कहते हैं। उपयोग-इसका व्यापक उपयोग उद्योगों में होता है। जैसे-गहनों पर सोने या चाँदी की परत चढ़ाना, कार के कुछ भाग, नल की टोंटी, गैस बर्नर, साइकल का हैण्डल, पहियों की रिम पर क्रोमियम की परत चढ़ाना। लोहे को संक्षारित होने व जंग लगने से बचाने के लिए लोहे पर जिंक की परत निक्षेपित की जाती है।

प्रश्न 10.
नीचे दिये गये पदार्थों में से विद्युत के सुचालक एवं अचालक बताइए
(i) आसुत जल
(ii) नींबू का रस
(iii) सिरका
(iv) टोंटी का पानी।
उत्तर:
(i) आसुत जल-अचालक
(ii) नींबू का रस-सुचालक
(iii) सिरका-सुचालक
(iv) टोंटी का पानी-सुचालक।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विद्युत के ऊष्मीय प्रभाव को परिभाषित करते हुए सचित्र समझाइए। इस प्रभाव पर आधारित कोई एक विद्युत उपकरण का नाम लिखिए।
उत्तर:
विद्युत का ऊष्मीय प्रभाव- जब किसी सुचालक तार से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो वह गर्म हो जाता है, इस प्रभाव को विद्युत का ऊष्मीय प्रभाव कहते हैं।

विद्युत का ऊष्मीय प्रभाव-गतिविधि-नाइक्रोम के एक तार को एक पेन्सिल पर लपेटते हैं। इस तार के एक खुले सिरे को सेल से लपेटते हैं एवं दूसरे खुले सिरे को कुंजी से जोड़कर विद्युत परिपथ को संयोजित करते हैं। कुंजी में प्लग लगाने पर तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है। थोड़ी देर बाद नाइक्रोम के इस तार को स्पर्श करते हैं। हम देखते हैं कि तार गरम हो गया है क्योंकि नाइक्रोम का तार विद्युत का सुचालक होता है। इससे विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह विद्युत के ऊष्मीय प्रभाव के कारण गर्म हो जाता है।

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव 4
उदाहरण-विद्युत हीटर, प्रेस आदि।

प्रश्न 2.
विद्युत धारी के चुम्बकीय प्रभाव को परिभाषित करते हुए सचित्र समझाइए तथा इस प्रभाव पर आधारित कोई एक विद्युत उपकरण का नाम लिखिए।
अथवा
विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव को चित्र द्वारा समझाइए। इस प्रभाव पर कार्य करने वाले दो उपकरणों के नाम लिखिए। विद्युत घण्टी का नामांकित चित्र बनाकर इसकी कार्यप्रणाली समझाइए।
उत्तर:

  1. विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव-जब किसी चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो चालक तार चुम्बक की भाँति व्यवहार करने लगता है। इस प्रभाव को विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव कहते
  2. विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव हेतु गतिविधिएक कार्ड बोर्ड का टुकड़ा लेते हैं। इस टुकड़े पर कुछ दूरी पर दो छिद्र कर उसमें तार लगाते हैं। अब एक चुम्बकीय सुई या चुम्बकीय कम्पास को चित्रानुसार रखते हैं। कार्ड बोर्ड को घुमाकर अब इस प्रकार व्यवस्थित करते हैं कि कम्पास की सुई ऊपर से देखने पर तार के ठीक नीचे आ जाये । अब तार के स्वतन्त्र सिरों को सेल से चित्र ‘ब’ के अनुसार जोड़ते हैं तो इसमें विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है। इस स्थिति में चालक तार चुम्बक के समान कार्य करता है तथा चुम्बकीय सुई विक्षेपित हो जाती है। यही प्रभाव विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव है।

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव 5

उदाहरण–विद्युत क्रेन, विद्युत घण्टी, टेलीफोन, टेलीग्राफ आदि।
कार्यप्रणाली–परिपथ का स्विच चालू करने पर कुण्डली में विद्युत धारा प्रवाहित होती हैं और विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव के कारण कुण्डली विद्युत चुम्बक बन जाती हैं। इसके कारण लोहे की पत्ती कुण्डली की ओर आकर्षित होती है एवं लोहे की पत्ती से जुड़ी हथौड़ी की घण्टी से टक्कर के कारण ध्वनि उत्पन्न करती हैं।

जब विद्युत चुम्बक लोहे की पत्ती को अपनी ओर खींचता है तो यह पेंच के सम्पर्क में नहीं रहती हैं, जिससे परिपथ टूट जाता है। इससे कुण्डली में विद्युत धारा का प्रवाह समाप्त हो जाता है। इस स्थिति में कुण्डली विद्युत चुम्बक नहीं बनी रहती हैं। तब लोहे की पत्ती पर कुण्डली का आकर्षण समाप्त होने से लोहे की पत्ती पुनः पूर्वावस्था में आ जाती हैं एवं कुण्डली में पुनः धारा प्रवाहित होने लगती है। इस कारण हथौड़ी पुनः घण्टी से टकराती है। यह प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती है।

प्रश्न 3.
फ्यूज की परिपथ में जांच करने में क्या-क्या सावधानी रखनी चाहिए? लघु परिपथ विच्छेदक (MCB) क्या होती है? इसका चित्र भी बनाइए।
उत्तर:

  1. मुख्य परिपथ से संयोजित विद्युत फ्यूज की स्वयं जाँच करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। इससे खतरा हो सकता है। इसके लिए आपको विद्युत परिपथों की मरम्मत करने वाले मिस्त्री से सम्पर्क कर इसे ठीक कराना चाहिए या फ्यूज तार बँधवाना चाहिए। हमें सदैव ISI मार्का वाले उचित फ्यूजों का ही उपयोग करना चाहिए। फ्यूज के स्थान पर किसी भी तार अथवा धातु की पत्ती का उपयोग कभी नहीं करना चाहिए।
  2. लघु परिपथ विच्छेदक (MCB)-आजकल फ्यूज के स्थान पर एम.सी.बी. का उपयोग होता है। ये वो स्विच है जो सुरक्षा सीमा से अधिक धारा प्रवाहित होने पर अपने आप बन्द हो जाते हैं। यदि हम इन्हें पुनः प्रारम्भ करते हैं तो परिपथ पूर्ण हो जाता है।
  3. MCB का चित्र

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव 6

प्रश्न 4.
विद्युत धारा के चुम्बकीय प्रभाव का उपयोग करके कोई संपरीक्षित्र किस प्रकार बनाया जाता है ? इसका चित्र भी बनाइए। द्रव में विद्युत चालन किस प्रकार होता है?
उत्तर:

संपरीक्षित्र बनाना-माचिस की खाली डिबिया से ट्रे निकालिए। ट्रे पर चित्र में दर्शाए अनुसार एक विद्युत तार के कुछ फेरे लपेटिए। ट्रे के भीतर एक छोटी चुम्बकीय सुई रखिए। अब तार के एक स्वतंत्र सिरे को बैटरी में एक टर्मिनल से जोड़िए। तार के दूसरे सिरे को स्वतंत्र छोड़ दीजिए। तार का एक दूसरा टुकड़ा लेकर बैटरी के दूसरे टर्मिनल से जोड़िए। दोनों तारों के स्वतंत्र सिरों को क्षणमात्र के लिए एक-दूसरे से स्पर्श कराइए। चुम्बकीय सुई में विक्षेप दिखाई पड़ता है। इस प्रकार तार के दो स्वतंत्र सिरों वाला संपरीक्षित्र तैयार है।

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव 7

द्रव में विद्युत चालन-द्रव में भी विद्युत चालन होता है किन्तु सभी प्रकार के द्रवों में विद्युत चालन नहीं होता है। द्रवों में विद्युत चालन हेतु अम्ल, क्षार या लवण की प्रकृति होना आवश्यक है। इसीलिए आसुत जल में विद्युत चालन नहीं होता है क्योंकि आसुत जल की कोई प्रकृति नहीं होती है।

प्रश्न 5.
फ्यूज क्या होता है? इसका क्या कार्य है ? यह कैसे कार्य करता है? सचित्र इसकी विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
फ्यूज-विद्युत उपकरणों को नष्ट होने से बचाने या अग्नि दुर्घटना से बचाव हेतु परिपथ के श्रेणीक्रम में ऐसी युक्ति लगाई जाती है जो विद्युत धारा का मान सुरक्षा सीमा से अधिक होने पर पिघल जाये तथा परिपथ में धारा प्रवाह बन्द हो जाये। इस प्रकार की युक्ति को फ्यूज कहते हैं। आजकल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अन्दर ही परिपथ के साथ विशिष्ट फ्यूज लगाया जाता है।

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव 8

कार्य-

  1. यह घर के विद्युत उपकरणों को हानि से बचाता है।
  2. यह परिपथ में आग लगने से बचाता है।
    फ्यूज कार्य कैसे करता है-यह फ्यूज परिपथ में लगा होता है। यदि परिपथ में किसी निर्दिष्ट मान से अधिक मान की विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो फ्यूज तार के ताप में वृद्धि हो जाती है। इससे फ्यूज तार पिघल जाता है। और परिपथ टूट जाता है।

फ्यूज की विशेषताएँ-

  1. फ्यूज तार प्रायः धातु के सिरे वाले पोर्सेलेन अथवा इसी प्रकार के विद्युतरोधी पदार्थ के कार्टेज में रखा जाता हैं।
  2. फ्यूज ताँबा, जस्ता, टिन आदि की मिश्र धातु से बना तार होता हैं।
  3. इसका गलनांक परिपथ/उपकरणों में उपयोग लिए गए विद्युत तारों के गलनांक से कम होता है।
  4. गलनांक कम होने के कारण परिपथ में अधिक धारा प्रवाह की स्थिति में यह पिघलकर परिपथ में धारा प्रवाह बन्द कर देता है।

प्रश्न 6.
लघुपथन (Short Circuit) किसे कहते हैं? इसके कारण एवं हानियाँ बताइए। इसका बचाव क्या
उत्तर:
लघुपथन (Short Circuit)-जब किसी कारण से फेज व न्यूट्रल आपस में सीधे ही जुड़ जायें तो इसे परिपथ का लघुपथन कहते हैं। लघुपथन होने पर परिपथ में अत्यधिक विद्युत धारा बहती है, जिससे घर के उपकरण गर्म होकर जल सकते हैं। परिपथ में अत्यधिक धारा प्रवाहित होने का एक कारण एक ही सॉकेट से कई युक्तियों को संयोजित करना हो सकता है। इसे परिपथ में अतिभारण होना कहते हैं। अतः हमें एक ही सॉकेट से कई युक्तियों को नहीं लगाना चाहिए।
लघुपथन के कारण-

  1. परिपथ में विद्युत धारा को मान सुरक्षा सीमा से अधिक होना।
  2. परिपथ के तार पुराने होने पर उन पर चढ़ा प्लास्टिक आवरण कमजोर होकर टूट जाता है, जिससे लघुपथन हो जाता है।

लघुपथन से हानियाँ-लघुपथन होने पर परिपथ में अत्यधिक धारा बहती है, जिससे घर के उपकरण गर्म होकर आग से जल सकते हैं तथा घर में अग्नि दुर्घटना हो सकती है।

बचाव-
परिपथ के श्रेणीक्रम में फ्यूज लगाना चाहिए।

प्रश्न 7.
विद्युत चुम्बक कैसे बनाते हैं ? सचित्र बताइए। आपके विचार में विद्युत चुम्बक के क्या उपयोग हैं?
उत्तर:
विद्युत चुम्बक बनाना-लगभग 10 से 15 सेमी. लम्बी लोहे की कील लीजिए, साथ ही एक लगभग 50 सेमी. लम्बा ताँबे का पतला विद्युतरोधी पदार्थ

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव 9

चढ़ा हुआ तार लीजिए। ताँबे के तार के दोनों सिरों से विद्युतरोधी पदार्थ को हटा दीजिए। इस तार को कील पर लपेटिए तथा तार के दोनों खुले सिरों को कुंजी एवं सेल से जोड़कर परिपथ पूरा कीजिए। जब कील पर लपेटे हुए तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती हैं तो कील चुम्बक की भाँति कार्य करती है।

अब कील के पास आलपिन ले जाने पर वह कील से चिपक जाती है। यह विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव है। इस प्रकार बने चुम्बक को विद्युत चुम्बक कहते हैं।

विद्युत चुम्बक के प्रमुख उपयोग निम्न प्रकार हैं

  1. कबाड़ में से चुम्बकीय पदार्थों को पृथक करने के लिए।
  2. दुर्घटनावश आँख में गिरे लोहे के छोटे टुकड़ों को बाहर निकालने के लिए।
  3. लोहे की भारी वस्तुओं को विद्युत चुम्बकीय क्रेन से उठाने हेतु।’

प्रश्न 8.
विद्युत सॉकेट का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हमारे घरों में आने वाली विद्युत आपूर्ति में तीन प्रकार के तार प्रयुक्त किये जाते हैं। घर के सॉकेट में तीन छेद होते हैं। सॉकेट के जिस सिरे में टेस्टर लगाने पर टेस्टर में चमक उत्पन्न होती है, उसे विद्युन्मय तार या फेज कहते हैं। फेज में सामान्यतः लाल रंग का प्लास्टिक चढ़ा हुआ तार प्रयुक्त किया जाता है।

सॉकेट के फेज सिरे के पास स्थित जिस सिरे में टेस्टर लगाने पर चमक उत्पन्न नहीं होती है, उसे उदासीन या न्यूट्रल सिरा कहते हैं। न्युट्रल तार पर वोल्टेज का मान शून्य होता है। न्यूट्रल तार के रूप में सामान्यतः काले रंग का प्लास्टिक चढ़ा तार प्रयुक्त किया जाता है। इन दोनों तारों के बीच 220 वोल्ट की विद्युत आती है।

तीसरा तार भूसम्पर्कन तार होता है, जिस पर हरे रंग का प्लास्टिक चढ़ा होता है। भूसम्पर्कन तार भूमि में गहराई पर दबी ताँबे की प्लेट से संयोजित होता है।

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव 10

प्रश्न 9.
विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव क्या होता है ? इसे एक प्रयोग द्वारा सचित्र समझाइए। इसका उपयोग कहाँ किया जाता है?
अथवा
विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव को चित्र बनाकर समझाइये। इस प्रभाव के दो उपयोग लिखिए। विद्युत लेपन विधि का नामांकित चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर:

  1. विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाब-किसी चालक विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर वह अपने अवयवों में विभाजित हो जाता है। यह विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव है।अर्थात् किसी चालक विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं। इसके फलस्वरूप इलेक्ट्रोडों पर निक्षेप दिखाई देते हैं। ये क्रियाएँ उपयोग किये जाने वाले विलयन तथा इलेक्ट्रोड्स पर निर्भर करती हैं।
  2. प्रयोग-दो बेकार सेल से सावधानीपूर्वक कार्बन की छड़े निकालिये। उनकी धातु की टोपियों को रेगमाल से साफ करके इन पर तार लपेटकर बैटरी से जोड़िये । इन्हें हम इलेक्ट्रॉड कहते हैं। बैटरी के धन टर्मिनल से जुड़ी प्लेट को एनोड तथा ऋण टर्मिनल से जुड़ी प्लेट को कैथोड कहते हैं।इन इलेक्ट्रॉड को नींबू के रस से भरे हुए प्लास्टिक के पात्र में डुबोइये कार्बन की छड़ों की टोपियाँ नींबू रस से

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव 11

बाहर रहें। 3-4 मिनट के बाद इलेक्ट्रॉड को ध्यान से देखिए-वहाँ कुछ बुलबुले नजर आते हैं। इसे हम विलयन में होने वाला रासायनिक परिवर्तन कहते हैं।

इस प्रकार किसी चालक विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित होने पर रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं। इसके फलस्वरूप इलेक्ट्रोड्स पर बुलबुले बनते हैं एवं इलेक्ट्रोड्स पर धातु के निक्षेप दिखते हैं तथा विलयनों के रंग में परिवर्तन होते हैं। ये विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव हैं।

उपयोग–इसका उपयोग कई उपकरणों के विद्युत लेपन हेतु किया जाता है। जैसे

  1. गहनों पर सोने या चाँदी की परत चढ़ाना।
  2. स्नानगृह की टोंटी, गैस बर्नर, पहियों के रिम आदि पर क्रोमियम की परत चढ़ाना।

नोट-विद्युत लेपन विधि के लिए पाठ्यपुस्तक के प्रश्नों में दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न संख्या 2 का उत्तर देखें।

We hope the RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 11 विद्युत धारा के प्रभाव, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.