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RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 8 हमारा स्वास्थ्य, बीमारियाँ एवं बचाव

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 8 हमारा स्वास्थ्य, बीमारियाँ एवं बचाव are part of RBSE Solutions for Class 8 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 8 हमारा स्वास्थ्य, बीमारियाँ एवं बचाव.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 8
Subject Science
Chapter Chapter 8
Chapter Name हमारा स्वास्थ्य, बीमारियाँ एवं बचाव
Number of Questions Solved 44
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 8 हमारा स्वास्थ्य, बीमारियाँ एवं बचाव

पाठगत प्रश्न 

पृष्ठ 81

प्रश्न 1.
आपने अस्पतालों में देखा होगा कि कुछ रोगियों के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाये जाते हैं। क्या आप बता सकते हैं कि ऐसा क्यों किया होगा?
उत्तर:
कुछ रोग ऐसे होते हैं जो एक-दूसरे व्यक्ति में सम्पर्क मात्र से फैल जाते हैं, जिन्हें संक्रामक रोग कहते हैं। ये मौसम विशेष में अधिक मात्रा में होते हैं। अत: अस्पतालों में इन संक्रमित रोगियों के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाये जाते हैं, जिससे अन्य स्वस्थ लोगों को संक्रमण नहीं होवे।

प्रश्न 2.
सर्दी, खाँसी, जुकाम के समय आपको खाँसते समय मुख पर रुमाल रखने को क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
सर्दी, खाँसी, जुकाम संक्रामक रोग हैं, जो कि एक-दूसरे के सम्पर्क से फैलते हैं। इन रोगों से ग्रसित व्यक्ति जब खाँसता है तो खाँसी के साथ रोगाणु मुँह से बाहर निकलते हैं एवं इससे ये वायु में फैल जाते हैं एवं स्वस्थ व्यक्तियों को ग्रसित कर सकते हैं। अत: खाँसते वक्त मुँह पर रुमाल रखना चाहिए।

प्रश्न 3.
आपने अखबार में पढ़ा होगा कि गुजरात में बाढ़ आने के बाद हैजा फैल गया, ऐसा क्यों हुआ होगा?
उत्तर:
हैजा एक संक्रामक रोग है तथा यह दूषित जल एवं भोजन से फैलता है। बाढ़ के बाद चारों ओर पानी, नमी एवं गंदगी फैल जाती है जिसमें अनेक प्रकार के जीवाणु/रोगाणु पैदा हो जाते हैं एवं उस क्षेत्र का भोजन तथा पानी दूषित हो जाता है, जिसका प्रयोग करने पर उस सम्पूर्ण क्षेत्र में हैजा फैल जाता है। इसी कारण से गुजरात में बाढ़ आने के बाद हैजा फैला होगा।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
कुष्ठ रोग उत्पन्न होता है|
(अ) विषाणु
(ब) जीवाणु
(स) प्रोटोजोआ
(द) अमीबा
उत्तर:
(ब) जीवाणु

प्रश्न 2.
संक्रामक रोग का उदाहरण है
(अ) हैजा
(ब) एनीमिया
(स) जोड़ों का दर्द
(द) कैन्सर
उत्तर:
(अ) हैजा

प्रश्न 3.
छोटी माता (चिकन पॉक्स) का संचरण करने वाला वायरस है
(अ) वेरीसेला जोस्टर
(ब) राइनोवायरस
(स) प्लाज्मोडियम
(द) ई-कोलाई
उत्तर:
(अ) वेरीसेला जोस्टर

प्रश्न 4.
एनीमिया में शरीर में किसकी कमी हो जाती है
(अ) रक्त में हीमोग्लोबिन की
(ब) विटामिन की।
(स) जल की
(द) खनिज लवणों की
उत्तर:
(अ) रक्त में हीमोग्लोबिन की

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. पोलियो रोग का संचरण ………… “और …………. द्वारा होता है।
2. दस्त एवं पेचिश में ……………. ‘घोल का | उपयोग किया जाता है।
3. सर्दी-जुकाम ……………. ”द्वारा होता है।
4. ………………. की गोली कृमि से मुक्ति दिलाने में मदद करती है।
उत्तर:
1. वायु, जल
2. ओ.आर.एस.
3. राइनोवायरस
4. एल्बेंडाजॉल।

सुमेलित कीजिए
RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 8 हमारा स्वास्थ्य, बीमारियाँ एवं बचाव 1
उत्तर:
1. (ब)
2. (द)
3. (अ)
4. (स)

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एच.आई.वी. का चित्र बनाइए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 8 हमारा स्वास्थ्य, बीमारियाँ एवं बचाव 2

प्रश्न 2.
टीके का क्या कार्य है?
उत्तर:
टीके का कार्य हमारे शरीर में विशिष्ट रोगों के प्रति रोग प्रतिरोधकता उत्पन्न करना है।

प्रश्न 3.
स्वाइन फ्लू के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
स्वाइल फ्लू रोग के लक्षण निम्न प्रकार हैं

  1. यह संक्रमण से फैलता है।
  2. इससे गले में तकलीफ होती है।
  3. जुकाम होता है (लगातार)
  4. बुखार रहता है।

प्रश्न 4. एड्स के बचाव के उपाय लिखिए।
उत्तर:

  1. दाढी हमेशा नई ब्लेड से ही बनवायें।
  2. रक्त चढ़ाए जाने से पूर्व एच.आई.वी. परीक्षण।
  3. सीरिंज और इन्जेक्शन की सुई को उपयोग के बाद
  4. संयमित जीवन शैली अपनानी चाहिए।

प्रश्न 5.
कैंसर रोग के लक्षण लिखिए।
उत्तर:

  1. जिस क्षेत्र में कोशिका विभाजन की गति अनियंत्रित हो वहाँ एक गांठ का निर्माण होना।
  2. प्रारम्भिक अवस्था में गाँठ में दर्द नहीं होता है।
  3. उच्च अवस्था में गाँट में असहनीय दर्द होता है।
  4. यह जौभ, कंठ, अस्थि, फेफड़ों, गभाव में हो सकता है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कृमि संक्रमण चक्र को समझाइए। बच्चों की | सेहत पर कृमि के हानिकारक प्रभाव, कृमि संक्रमण के बचाव के तरीके व बच्चों को कृषि नियंत्रण से होने वाले फायदों को विस्तार से समझाइए।
अथवा
कृमि संक्रमण से होने वाले चार हानिकारक प्रभाव लिखते हुए बचाव के दो उपाय लिखिए तथा कृमि संक्रमण का रेखाचित्र बनाइए।
अथवा
कृमि संक्रमण से बचाव के चार तरीके ( उपाय ) लिखिए।
उत्तर:
रोग कारक कृमि
RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 8 हमारा स्वास्थ्य, बीमारियाँ एवं बचाव 3

बच्चों की सेहत पर कृमि के हानिकारक प्रभाव

  1. थकान और बेचैनी होना
  2. भूख न लगना
  3. पेट में दर्द, मितली, उल्टी और दस्त
  4. मल में खून आना
  5. खून की कमी
  6. कुपोषण
  7. पेट में सूजन |
  8. लगातार ।
  9. वजन में कमी होना।

कृमि संक्रमण से बचाव के तरीके

  1. खाने से पहले एवं शौच के बाद साबुन से हाथ अवश्य
  2. फलों और सब्जियों को खाने से पहले पानी से अच्छी तरह धोये
  3. साफ एवं उबला पानी पीयें।
  4. जूते पहनें एवं नाखून छोटे एवं साफ रखें।
  5. खुली जगह की बजाय साफ शौचालय में शौच करें। |
  6. शौचालय के आसपास सफाई रखें।

बच्चों में कृमि नियंत्रण से फायदे

  1. बच्चे आंगनबाड़ी या विद्यालय रोजाना जा सकते हैं। |
  2. वे चुस्त रहते हैं और उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। |
  3. उनका विकास सामान्य होता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित को विस्तार से समझाइए
(i) हीमोफीलिया
(ii) खाद्य विषाक्तन
(iii) नाक रोग
(iv) एनीमिया
(v) कुष्ठ रोग।।
उत्तर:
(i) हीमोफीलिया – यह एक आनुवंशिक रोग है। इसके नि पुरुषों के लिंग गुणसूत्र (X) पर पाए जाते हैं और में न स्त्रियों के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी | पीढ़ी में गमन करते हैं।

लक्षण:
(क) इस रोग में साधारण चोट लगने पर भी रुधिर का बना बंद नहीं होता है।
(ख) रुधिर का थक्का नहीं बनता है।
(ग) अत्यधिक रक्तस्त्राव से मृत्यु हो सकती हैं।

उपचार समय पर रोगी को रकता प्रदान करके उपचार किया जा सकता है।

(ii) खाद्य विषाक्तन- सूक्ष्म जीवों द्वारा संदूषित भोजन ग्रहण करने से खाद्य विषाक्तन हो जाता है। संदूषित भोजन में सुक्ष्म जीवों द्वारा वि६ पदार्थ उत्पन्न होता है। ओं भोजन को विषाक्त बना देता है।
लक्षण- उल्टी होना, जी घबराना आदि।
बचाव- संदूषित भोजन खाने से बचें।
उपचार- मय पर चिकिरकीय परामर्श प्राप्त कर उचित इलाज ले।

(iii) नाक रोग– यह रोग सफेद धागों के समान गोल कृमि द्वारा होता है, जिसकी लम्बाई 30 सेमी. से 125 सेमी. तक होती हैं। साइक्लोप्स सूक्ष्म जीव, जल के माध्यम से स्वस्थ व्यक्ति में प्रवेश कर जाते हैं।
लक्षण
(क) हाथ था पैर की त्वचा पर फंसी हो जाना
(ख) मादा कृमि मांसपेशियों में विकास करती है।
(ग) फंसी की जगह दर्द होना
(घ) बुखार होना
(ङ) कृमि के मरने से गांठे होना।

रोग का कारण
(क) अस्वच्छ जल का सेवन
(ख) कुएं, बावड़ी, तालाब का संक्षिा जल पीने से
(ग) अ को बिना खाने पीने से।

बचाव
(क) जल को छानकर पाई
(ख) जल को उबालकर पीयें।।

(iv) एनीमिया- शरीर में लौह तत्व की कमी एवं रक्त । में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाने से एनीमिया रोग होता
रोग के लक्षण 
(क) चेहरा सफेद पड़ जाना
(ख) शरीर कमजोर हो जाना
(ग) जल्दी थकना
(घ) चक्कर आना
(ङ) जीभ पर सफेद छाले होना।।
बचाव- शारीरिक आवश्यकतानुसार आहार लेना, अंकुरित दालें, अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियों, अंजीर, चुकंदर, तिल आदि खाना।
उपचार- चिकित्सकीय परामर्श से आयरन की गोलियाँ लेना

(v) कुष्ठ रोग- गह रोग रोगी से निरन्तर स्पर्श द्वारा फैलता है।
लक्षण
(क) त्वचा पर चकते अन्न।
(ख) चकत्तों का सुन्न होना
(ग) संक्रमण की अधिकता से संक्रमित अंगों का कार्य नहीं करना
(घ) अंगुलियों में विकृति होना।

बचाव
(क) ऐसे रोगों को अलग रखा जाये
(ख) रोगो की सामग्री अलग रखी जत्रे
(ग) रोगी के कपड़ों को डेटॉल आदि से धोयें।

उपचार 
(क) शल्य चिकित्सा
(ख) टीकाकरण
(ग) पुरा अंग अतिग्रस्त होने पर कृत्रिम अंग लगाना।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
ऐसा रोग जो एक व्यक्ति (रोगो) से दूसरे व्यक्ति (स्वस्थ) में सम्पर्क में आने से नहीं फैलता है
(अ) हैजा
(ब) सदी जुकाम
(स) कॅन्सर
(द) क्षय रोग
उत्तर:
(स) कॅन्सर

प्रश्न 2.
निम्न में से हैजा रोग का जीवाणु है
(अ) साल्मोनेला टाइफो
(ब) विब्रिया कोलेरो
(स) बैरोसोल्म जोस्टर
द) ई-कोलाई
उत्तर:
(ब) विब्रिया कोलेरो

प्रश्न 3.
ई कोलाई नामक जीवाणु से कौनसा रोग होता।
(अ) मलेरिया
(ब) दुत
(स) एड्स
(द) टाइफाइड
उत्तर:
(ब) दुत

प्रश्न 4.
टाइफाइडरोग के जौवाणु का नाम क्या है?
(अ) सालमोनेल को
(ब) माइक्रोबैक्टीरियस
(स) राइनी वापस ।
(द)) ई-कोलाई
उत्तर:
(अ) सालमोनेल को

प्रश्न 5.
मादा एनीफिलीज गर के काटने से कौनसा रोग होता है?
(अ) एड्स
(ब) कैन्सर
(स) मलेरिया
(द) डेंगू
उत्तर:
(स) मलेरिया

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. एस . वाइरस के कारण फैलता है। (चौ.ए.एच./एच.आई.वी.)
2. डेंगू एह” ………….. ‘बीमारी है। (वायरल/आनुवंशिक)
3. डेंगू बुखार ………….. मच्छर के करने से होता | है। (एडिस इजिप्टी/एनोफीलिज)
4. नारु रोग सफेद धागों के समान …………… हरा होता है। (चपटे कृमि/गोल कृमि)
5. नारु रोग का संचरण ………… द्वारा होता है। (जल / हवा)
उत्तर:
1. एच.आई.वी.
2. वायरल
3. एडिस इजिप्टो
4. गोल कृमि
5. जन

बताइए निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य
1. संक्रामक रोग एक रोगी के व्यस्थ व्यक्ति के सम्पर्क में आने से फैलते हैं।
2.. एड्स रोग रोगी से निरन्तर स्पर्श द्वारा फैलता है।
3.. कैसर एक आनुवंशिक रोग है।
4. रक में हीमोग्लोबिन की कमी से एमिया रोग हों आता है।
5. पोलियो ड्रॉप्स बच्चों को पोलियो रोग से बचाता है।
6. हैपेटइटिस रोग को टोके द्वारा रोको आ सकता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. असत्य
4. सत्य
5. सत्य
6. सत्य।

सही मिलान कीजिए
प्रश्न 1.
अग्नांकित का सही मिलान कीजिए

कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’

1. क्षय रोग

2. पालियों

3. छोटी मात

4. सर्दी जुका

5.मलेरिय

(A) पोलियो वायरस

(B) वेरीसेला जोस्टर

(C) माइक्रोवेक्टिरियम ट्युबर क्लोसि

(D) प्लाज्मोडियम प्रोटोजो

(E) राइनोवायरस

उत्तर:
1. (C)
2. (A)
3. (B)
4. (E)
5. (D)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हम रोगो कैसे हो जाते हैं।
उत्तर:
हमारा शरीर बिभिन्न जैविक क्रियाएँ निरन्तर करता है। जब कभी इन क्रियाओं में अनियमितता या बाधा उत्पन्न होती हैं, तो हम रोगी ही जते हैं।

प्रश्न 2.
संक्रामक रोग किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
बे बॉग जो एक रोगों के स्वस्थ व्यक्ति के सम्पर्क में आने से फैलते हैं, संक्रामक रोग कहलाते हैं। जैसेहैजा, ड्रायफाइड, क्षय रोग अदि।।

प्रश्न 3.
असंक्रामक रोग किसे कहते हैं? उदाहरण दी
उत्तर:
वे रोग जो एक व्यक्ति (रोगी) से दुसरे व्यक्ति (स्वर) के सम्पर्क में आने से नहीं फैलते हैं, असंक्रामक रोग कहलाते हैं। जैसे-कैंसर, गोड़ों का दर्द आदि।

प्रश्न 4.
क्षय रोग कौनसे जीवाणु से होता है?
उत्तर:
क्षय रोग माइकोबैक्टीरियम जोश से होता है।

प्रश्न 5.
क्षय रोग के स्था नक्षण हैं?
उत्तर:
भूख नहीं लगना, वजन घटना, कमजोरी आना, थूक के साथ का आना, सांस फूलना, फेफड़ों का प्रभावित होना आदि क्षय रोग के लक्षण हैं।

प्रश्न 6.
हैजा कौनसे जीवाणुओं से फैलता है? इसके लक्षण क्या हैं?
उत्तर:
हैजा बिक्रिया कॉलेरी जीवाणु से फैलता हैं। उल्टी-दस्त होना, मांसपेशियों में ऐंठन, शरीर में जल क्री कमी, प्यास लगना, बुखार आदि हैजा रोग के लक्षण हैं।

प्रश्न 7.
टायफाइड रोग के क्या लक्षण हैं? इसके क्या चव हैं।
उत्तर:
टायफाइल में छोटी आंत में संक्रमण, बुखार का चलना, कब्ज, धीमा हुदय स्पन्दन, जीभ पर चकते हो जाते हैं। बचाव हेतु भोजन, जल को शुद्ध रखना चाहिए, मल-मूत्र का विसर्जन उचित स्थान पर करना चाहिए।

प्रश्न 8.
पोलियो रोग के क्या लक्षण हैं।
उत्तर:
मेरु रण, मस्तिष्क, पैर आदि प्रभावित होते हैं। मांसपेशियों का सिकुड़न भी इस रोग में होना एक लक्षण है।

प्रश्न 9.
पोलियो रोग से बचाव क्या है? उपचार भी
उत्तर:
पलियो की दवा पिलाना इसका बचाव है। ऑपरेशन, जयपुर फुट का इस्तेमाल एवं फिजियोथेरपी इसका इलाज है।

प्रश्न 10.
कृमिकारक रोगों के नाम बताओ।
उत्तर:
नारू (बाला) रोग, कुष्ठ रोग, एड्स, हिपेटाइटिस ए, विषाक्तन, स्वाइन फ्लू आदि।

प्रश्न 11.
कुष्ठ रोग कैसे फैलता है?
उत्तर:
यह जीवाणु द्वारा उत्पन्न होता है। यह रोग रोगी से निरन्तर स्य द्वारा फैलता हैं।

प्रश्न 12.
कुछ रोग के लक्षण क्या हैं?
उत्तर:

  1. त्वचा पर सुन चकत्ते अनना
  2. संक्रमण की अधिकता से संक्रमित अंग कार्य नहीं करते
  3. अंगुलियाँ | विकृत हो जाती हैं।

प्रश्न 13.
एस रोग के क्या प्रभाव होते हैं? कोई तीन लिए।
उत्तर:

  1. लसिका ग्रंथियों में सूजन
  2. प्लेटलेट्स की कमी
  3. प्रतिरोधी क्षमता कम होना।

प्रश्न 14.
कैंसर का बचाव एवं उपचार क्या हैं?
उत्तर:
दि प्रारम्भिक अवस्था में इस रोग का पता चल | जाये तो रोगी को कौमारी से बचाया जा सकता हैं एवं | ग्रसित अंग को भी निकालकर बचाया जा सकता है। | शल्य क्रिया, कोबाल्ट रेडियोथेरेपी एवं कौमोथैरेपी इसका | उपचार हैं।

प्रश्न 15.
होमोफीलिया रोग क्या हैं?
उत्तर:
यह एक आनुवंशिक रोग है। इस जीन पुरुषों के लिंग गुणसूत्र (X) पर पाये जाते हैं। अङ्ग स्त्रियों के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में गमन करता है।

प्रश्न 16.
एनीमिया रोग क्या हैं?
उत्तर:
शरीर में लौह तत्व की कमी, उन की कमी तथा रत में हीमोग्लोबिन की कमी बाला रोग एनीमिया रोग होता है।

प्रश्न 17.
एनीमिया रोग से बचाव हेतु सरकार द्वारा क्या किया जा रहा है?
उत्तर
सरकार द्वारा किशोरावस्था के विद्यार्थियों को एनीमिया से बचाव हेतु आयरन की गोलियाँ नि:शुल्क विरत की आती हैं।

प्रश्न 18.
कौनसी बीमारियों को टोके (वैक्सोन) द्वारा रोक सकते हैं?
उत्तर:
हैजा, क्षय, चेचक, हेपेटाइटिस जैसी अनेक बीमारियों को टीके (वैक्सौन) द्वारा रोक सकते हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रोग कितने प्रकार के होते हैं? उदाहरण सहित बताए।
उत्तर:
रोग मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं
1. संक्रामक रोग- वे रोग जो एक रोगी के स्वस्थ व्यक्ति के सम्पर्क में आने से फैलते हैं, संक्रामक रोग कहलाते हैं। जैसे-हैजा, टायफाइड क्षय रोग, सर्दी, जुकाम आदि। ये | वायु, जल, भोजन, कोदों व सम्पर्क में फैलते हैं।
2. असंक्रामक रोग- वे रोग जो एक व्यक्ति (रोग) से | दुसरे स्वस्थ व्यज्ञि के सम्पर्क में आने से नहीं फैलते हैं। उदाहरण-कैंसर, जोड़ों का दर्द आदि।

प्रश्न 2.
मनुष्य में होने वाले सामान्य रोगों की सूची बनाए।
उत्तर:
मनुष्य में होने वाले सामान्य रोग मुख्य रूप से निम हैं|

  1. क्षय रोग
  2. हैजा
  3. टायफाइड
  4. पोलियो
  5. रेबीज
  6. छोटी माता
  7. खसरा
  8. सद| जुकाम
  9. इस्त एवं पचिस
  10. मलेरिया आदि।

प्रश्न 3.
निम्न सामान्य रोगों पर टिप्पणी लिखिए|
(i) क्षय रोग
(ii) हैजा।।
उत्तर:
(i) क्षय रोग- यह रोग माइकोबेक्टीरियम ट्युबरक्लॉसिस जीवाणु से फैलता है। वायु के द्वारा इस | रोग का संचरण होता हैं।
लक्षण- भूख नहीं लगना, वजन घटना, कमजोरो बना, थूक के साथ रक्त निकलना, लगातार सर्दी-जुकाम, कफ हना, हड्डियों एवं फेफड़ों का प्रभावित होना इस रोग के लक्षण हैं।
बचाव के उपाय- इस रोग के रोगी को अलग रखना | चाहिए। उसका खाने, पौने, सोने का सामान अलग रखना चाहिए एवं खाँसते समय मुंह पर कपड़ा या रुमाल रखना चाहिए। चिकित्सक द्वारा उचित इलाज आवश्यक है।

(ii) हैजा- यह रोग विव्रिया कॉलरा नाम जोश से होता है। दूषित जल एवं भोजन द्वारा होता है।
लक्षण- उल्टियाँ, दस्त होना, ऐंठन्, शरीर में जल की मी, बुखार, तेज प्यास इस रोग के लक्ष्ण हैं।
बचाव के उपाय- चाव हेतु व्यक्तिगत स्त्रता, स्वच्छ भोजन, उबला पेयजल आदि कार्य करने चाहिए। रोग होने | पर चिकित्सक की सलाह के अनुसार जीवन रक्षक घोल, इाई आदि इस रोग के उपचार हैं।

प्रश्न 4.
टायफाइड एवं पोलियो रोग के बारे में संक्षिप्त जानकारी दीजिए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 8 हमारा स्वास्थ्य, बीमारियाँ एवं बचाव 4

प्रश्न 5.
रैबीज रोग के कारण, बचाव, लक्षणों आदि के बारे में बताइए।
उत्तर:
रैथी। रोग के कारण- यह रोग संक्रमित कुत्ता, बन्दर, लोमड़ी को लार में उपस्थित वीज वायरस के | कारण होता हैं।
लक्षण- तेज बुखार, सिर दर्द, बेचैनी, कंठ का अवरुद्ध होना, पानी से डर लगना इस रोग के लक्षण हैं।
बचाव- आवारा कुत्तों, बिल्लियों की रोकथाम करना तथा पाल्तू एवं आवारा जानवरों का टीकाकरण कराना | चाहिए। ये इसके बचव हैं।
उपचार- उपचार हेतु रैलीग्रस्त जानवर के सम्पर्क में न आना, घाव को साबुन पानी से धोना, डॉक्टर सलाह से |एप्टी रैबीज के समय पर टीके लगाने चाहिए।

प्रश्न 6.
सोनू का शरीर कमजोर व चेहरा सफेद पड़ रहा है, उसे कौनसा रोग हो रहा है तथा इस रोग से बचाव हेतु उसे क्या-क्या खाना चाहिए?
उत्तर:
शरीर कमजोर होना तथा चेहरा सफेद पड़ना एनीमिया रोग के लक्षण हैं। अतः सोनू को एनीमिया रोग हो रहा है। इस रोग से बचाव हेतु उसे आवश्यकतानुसार पौष्टिक आहार लेना चाहिए। उसे अंकुरित दालें, अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियों, अंजीर, चुकन्दर, बैंगन, तिल आदि खाना धाए

प्रश्न 7.
मलेरिया रोग से बचाव के कोई चार उपाय लिखिए।
उत्तर:
मलेरिया रोग से बचाव के चार उपाय

  1. थर के आस-पास अल इकट्ठा न होने दें ताकि मदार पैदा न होवे।
  2. मैचों को नष्ट करना चाहिए।
  3. फोगिंग करानी चाहिए।
  4. मप्र दानी का उपयोग करें।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एड्स (AIDS) रोग होने के चार कारण लिखते हुए इसके बचाव के दो उपाय लिखिए। एचआईवी (HIV) वायरस का नामांकित चित्र भी बनाइए।
अथवा
एड्स (AIDS) रोग के बारे में विस्तार से बताइए।
अथवा
एड्स का पूरा नाम लिखिए। इस रोग के होने के चार कारण लिखिए। HIV वायरस का नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर:
एड्स- एड्स का पूरा नाम है-एक्वायर्ड इम्युनो लेफिसिएन्स सिन्ड्रोम। यह एक लाइलाज प्राण घातक रोग है। इससे रोगों का प्रतिरक्षी तन्त्र नष्ट हो जाता है, जिससे मनुष्य की रोगों से लड़ने की क्षमता नष्ट हो जाती है।
एड्स रोग होने के कारण

  1. HIV ( (मन इम्यूनो डेफिसिएन्सी सिन्ड्रोम) के कारण यह रोग फैलता है।
  2. असुरक्षित यौन सम्बन्धों के कारण होता है।
  3. एक लेते समय एवं इंजेक्शन लगवाते समय दूषित सुई से फैलता है।
  4. संक्रमित ब्लेड, उस्तरे तथा नाई द्वारा काम में लिए जाने वाले धारदार उपकरणों से होता है।
  5. संक्रमित माँ से गर्भ में पल रहे बच्चों को होता है।

लक्षण

  1. लसिका ग्रंथियों में सूजन।
  2. रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या में कम हो जाती है, जिससे ज्वर तथा रल झाव हो जाता है।
  3. रात्रि के समय पसीना आता है।
  4. शरीर के वजन में कमी आ जाती है।
  5. स्मृति कम, बोलने में कठिनाई, सोचने की क्षमता में कमी | आती है।
  6. रोग प्रतिरोधी क्षमता कम होने से अन्य रोगों के संक्रमण का खतरा बढ़ आता है।

बचाव

  1. दाढ़ी बनाने हेतु दुसरे द्वारा उपयोग में ली गई ब्लेड का उपयोग नहीं करें।
  2. एच.आई.वी. संक्रमित रक्त नहीं चढ़ायें।।
  3. सीरिंज और इंजेक्शन की सुई को एक बार प्रयोग के बाद नष्ट कर देखें।
  4. संयमित जीवनशैली अपनायें। उपचार-एड्स से बचाव ही उपचार है।

[नोट-एचआईवी (HIV) वायरस का चित्र पाठ्यपुस्तक के प्रश्नों में लघूत्तरात्मक प्रश्न संख्या 1 के उत्तर में देखें।]

प्रश्न 2.
निम्न रोगों के बारे में विस्तार से समझाइए
(i) खसरा
(ii) मलेरिया
(iii) कैंसर
(iv) हिपेटाइटिस A
उत्तर:
(i) खसरा- यह वायरस द्वारा वयु के माध्यम से संचरित होने वाला सामान्य गुंग है। इस रोग के कारण भी पर लाल लाल दाने उभर आते हैं खुनी एवं जलन भी होती है। यह रोग होने पर रोगी को अलग रखना चाहिए, उसको व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुओं को भी अलग रखना चाहिए। इस रोग के उपचार हेतु एंटीसेप्क़ि क्रीम लगाएँ एवं चिकित्सकीय सलाह अनुसार दवाई लेकर उपचार लेना चाहिए।

(ii) मलेरिया- यह रोग प्रोटोजोआ प्लाज्मोडियम के कारण, मादा एनोफिलोग मर के काटने से होता है। इस रोग में गैगी को तेज हुण्ड के साथ बुखार, नियमित | अन्तराल में बुखार, शगैर में दर्द, अधिक प्यास लगना, चेहरा
लाल, लौवर तथा प्लीहा में सूजन, कमजोरी आदि होते हैं। इस रोग के बचाव हेतु घर के आसपास मच्छर पैदा नहीं। | होने देवें। मदरों को नष्ट करने हेतु फोगिंग करावे, मच्छरदानी का प्रयोग करें। मलेरिया के उपचार हेतु रक्त की जाँच कराये एवं चिकित्सक के अनुसार दवा लेवें।।

(iii) कैंसर- कैंसर एक घातक रोग है।
रोग का कारण
(क) कोशिका विभाजन अनियंत्रित रूप से होना।
(ख) तीव्रता से कोशिका विभाजन होना।

लक्षण
(क) शरीर के जिस क्षेत्र में कोशिका विभाजन की गति अनियंत्रित हो, जहाँ एक गाँट का निर्माण होना।
(ख) प्रारम्भिक अवस्था में गाँठ में दर्द नहीं होता है।
(ग) अग्रिम अवस्था में गाँठ में असहनीय दर्द होता हैं।
(घ) यह रोग जीभ, कण्ठ, अरि, रक्त, फेफड़ा, गर्भाशय आदि में हो सकता हैं।

बचाव- यदि प्रारम्भिक अवस्था में इस रोग का पता चलता है तो कीमोथैरेपी से रोगी को बचाया जा सकता है। आवश्यकता पड़ने पर कें सर अति भंग को निकालकर भी बचन किया जा सकता है। उपचार–शल्य क्रिया द्वारा, कोल्ट रेडियोथेरपी एवं कीमोथैरेपी द्वारा उपचार किया जाता हैं।

(iv) हिपेटाइटिस A – यह रोग वायरस द्वारा जन के माध्यम से होता है।
लक्षण
(क) लीवर का कमजोर होना
(ख)) लीवर में। पानी भरना
(ग) पाचन क्षमता कम होना।

बचाव
(क) उबले हुए जल का प्रयोग करना चाहिए।
(ख) टीकाकरण

उपचार– प्रतिजैविक दवाइयाँ चिकित्सकीय सलाह से । लन्ना।।

प्रश्न 3.
डेंगू बुखार पर एक लेख लिखा।
उत्तर:
देंगू बुखार- यह एक वायरल बीमारी हैं, जो कि डेंगू वायरस के चार प्रकारों में से किसी एक प्रकार के जायरस से होती है। प्रसार-डेंगू बुखार संक्रमित मादा जाति के एडिज । इजिटाई नामक मच्छर से फैलता हैं।
कारण
(क) गंदे इकटे पानी में मच्छर पनपने के कारण
(ख) मारों के काटने के कारण
(ग) प्लेटलेट्स की संख्या कम होने से
(य) गइद एवं कृलर में भरे पानी में मच्छर पनपने के कारण।

लक्षण- संक्रमित मर के काटने के तीन से चौदह । दिनों बाद डेंग बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं जो निम्नलिखित हैं
(क) तेज ठण्ड लगकर बुखार आना एवं सिर दर्द होना।
(ख) आँखों, वन एवं जोड़ों में दर्द होना
(ग) भूख कम लगना
(घ) जो मचलाना, उल्टी, दस्त होना
(य) चमड़ी के नीचे लाल चट्टे आना
(र) गम्भीर स्थिति में आँख, नाक में से खुन निकलना।

बचाव के उपाय

  1. घर एवं आसपास पानी जमा नहीं । होने देवें।
  2. घर में कीटनाशक का छिड़काव करें।
  3. कूलर का काम न होने पर उसमें जमा पानी निकालकर सुखकर रखें।
  4. खिड़की-दरवाजों में जाली लगवायें।
  5. शरीर को पूरा दककर रखें।
  6. रात को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें
  7. मरों से अचाव की , क्रीम आदि का प्रयोग करें।
  8. अपने आसपास के लोगों को मरों को फैलने से रोकने हेतु प्रोत्साहित करें।
  9. अपना परिवेश बन्छ रखें एवं | मरीज का पता लगने पर इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग | एवं प्रशासन को देखें।

उपचार 

  1. रोगी को डॉक्टरी सलाह अनुसार दवा लेकर आराम करना चाहिए।
  2. रोगी को पर्याप्त मात्रा में आहार एवं पानी लेना चाहिए।
  3. नियमित एनटरनेटस की जांच करवानी चाहिए।
  4. पपीते के पत्ते का रक्स | पीना चाहिए, इससे प्लेटलेट्स को संग्ग्या बढ़ती है।

प्रश्न 4.
स्वाइन फ्लू क्यों होता है? स्वाइन फ्लू की रोकथाम के चार उपाय लिखिए। टीका ( वैक्सीन ) द्वारा की जाने वाली दो बीमारियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
स्वाइन फ्लू- स्वाइन फ्लू एक संक्रामक रोग है। स्वाइन फ्लू रोग होने के का –

  1. संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने पर
  2. गन्दै छ संक्रमित हाथों से।

स्वाइन फ्लू की रोकथाम के उपाय

  1. अपने हाथों को गुन्दा सचें। इन्हें साबुन से बार बार भोये।
  2. हांफते एवं खॉसते समय मन या टिश्यु पेपर का उपयोग करें।
  3. भीड़-भाड़ वाली जगह पर आने से बचें
  4. मास्क का प्रयोग करें।

टीका (वैक्सीन) द्वारा रोकी जाने वाली बीमारियाँ
(1) हैजा
(2) चेक

प्रश्न 5.
टीकाकरण एवं टीका से क्या अभिप्राय हैं ?
उत्तर:
(i) टीकाकरण- रोगों के अक्षय हेतु बचपन में जो टीके लगाये जाते हैं, वह टोकाकरण कहलाता है। बों को स्वस्थ रने के लिए समय-समय पर नियमित रूप से टीकाकरण चार्ट के अनुसार टीके लगवाये जाते हैं। पोलियो ड्रॉप्स भी बच्चों को दिया जाने आता एक टीका है जो व को पोलियो रोग से बचाता हैं।

(ii) टीका- यदि मृत या निष्क्रिय सूक्ष्म जीवों को स्वस्थ शरीर में प्रविष्ट कराया जावे तो शरीर को कोशिकाएँ उसी | के अनुसार लड़ने के प्रतिरक्षी उत्पन्न करके रोगकारक सूक्ष्म | जीवों को नष्ट कर देती है। ये प्रतिरक्षी तश्च से हमारे शरीर
में हमेशा के लिए विद्यमान हो जाते हैं और रोगों से हमारी रक्षा करते हैं। टौका भी ऐसे ही कार्य करता है। हैजा, शरद, चेचक, हेपेटाइटिस जैसी अनेक बीमारियों को वैक्सीन (के द्वारा ही रोका जा सकता है।

प्रश्न 6.
भारत में सामाजिक जागृति लाने में अनेक महान् लोगों का योगदान रहा है। श्रीमती सावित्री बाई फुले उनमें से एक थी। उनके बारे में आप क्या जानते हैं। लिखिए।
उत्तर:
श्रीमती सावित्री बाई फुले- श्रीमती सावित्री बाई फुले एक महान समाज सुधारक थीं। उनका जन्म महाराष्ट्र प्रान्त के सतारा जिले के नई गाँव में हुआ था। मात्र 9 वर्ष की आयु में उनका विवाह कर दिया गया था। उस समझ के समाज में छुआछूत का बहुत बोलबाला था। लेकिन फिर भी सावित्री फुले ने अपने कुएँ पर सभी के पानी भरने की व्यवस्था करवाई। इन्होंने छुआछूत, जातिप्रथा आदि का डटकर विरोध किया। प्लेग को महामारी के समय भी सावित्री ने लोगों की मदद के लिए आगे आई एवं गरीबों के लिए चिकित्सा शिविरों को व्यवस्था करवाई। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए भी संघर्ष किया। वे आधुनिक भारत की अग्रणी महिला नेत्रियों में से एक हो।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से संक्रामक व असंक्रामक रोगों को पहचान कर श्रेणीबद्ध कोजिाए तधा संक्रामक व असंक्रामक रोगों में अन्तर स्पष्ट कीजिएसर्दी-जुकाम, क्षय रोग, के सर, जोड़ों का दर्द, टाइफाइड, हैजा, हृदयाघात, एसिडिटी।
उत्तर:

संक्रामक रोग असंक्रामक रोग
1. रोग सर्दी जुकाम, क्षय रोग, टाइफाइड, हैजा कैंसर, जोड़ों का दर्द, इदयाघात, एसिडिटी।
2. अन्तर संक्रामक रोग वे रोग होते हैं, जो एक रोगी के स्वस्थ व्यक्ति क सम्पर्क में आने स फैलते हैं असंक्रामक रोग वे रोग होते हैं जो एक रोगी के दूसरे स्वस्थ व्यक्ति के सम्पर्क में आने से नहीं फैलते हैं।

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