RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 3 जल संसाधन

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Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 8
Subject Social Science
Chapter Chapter 3
Chapter Name जल संसाधन
Number of Questions Solved 52
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 3 जल संसाधन

पाठगत प्रश्न
(आओ करके देखें)

(पृष्ठ संख्या 24)
प्रश्न 1.
नदी पर बने बाँधों से होने वाले लाभों की सूची बनाइए।
उत्तर:
नदी पर बने बाँधों से आर्थिक एवं सामाजिक लाभों के साथ-साथ पर्यावरणीय लाभ भी प्राप्त होते हैं, यथा-

  1. बाँधों से पेयजल के साथ-साथ सिंचाई सुविधाएँ भी मिलती हैं।
  2. बाँध जलविद्युत उत्पादन में सहायक हैं।
  3. बाँध बाढ़ नियंत्रण एवं कचरा प्रबंधन में सहायक हैं।
  4. बाँध मनोरंजन एवं वन्य जीवों के निवास-स्थल हैं।
  5. मत्स्य पालन द्वारा रोजगार भी प्राप्त होता है। आदि ।

(पृष्ठ संख्या 25)
पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ संख्या 25 पर दिए इन्दिरा गाँधी नहर के मानचित्र को देखकर बताइए-

प्रश्न 1.
हरिके बैराज के पास किन दो नदियों का संगम हो रहा है?
उत्तर:
हरिके बैराज के पास सतलज व व्यास नदियों का संगम हो रहा है।

प्रश्न 2.
इन्दिरा गाँधी नहर से राजस्थान के किन-किन जिलों में सिंचाई सुविधा मिल रही है?
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर से राज्य के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों में मुख्यतः सिंचाई सुविधा मिल रही है।

प्रश्न 3.
राजस्थान के रूपरेखा मानचित्र में इंदिरा गाँधी नहर को दर्शाइए।
उत्तर:
[नोट – इसके लिए अन्त में दिये गये मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न देखें।]

(पृष्ठ संख्या 26)
प्रश्न 1.
क्या आपके जिले या आसपास के क्षेत्र में कोई नहर है? यदि हाँ तो उसकी जानकारी एकत्र कीजिए एवं उनसे होने वाले लाभों की सूची बनाइए।
उत्तर:
[नोट – विद्यार्थी अपने जिले में स्थित नहर की। जानकारी एकत्र कर लिखें।]

नहर से होने वाले लाभ-

  1. सिंचाई सुविधा
  2. पेयजल की प्राप्ति
  3. मत्स्य-पालन
  4. सूखे एवं अकाल पर रोक
  5. पशुधन विकास
  6. पर्यटन विकास आदि

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए-
(A) बनास व बेड़च किस नदी की सहायक नदियाँ हैं
(क) चम्बल
(ख) लूनी
(ग) बाणगंगा
(घ) माही
उत्तर:
(क) चम्बल

(B) सोम कमला आम्बा परियोजना स्थित है
(क) बाड़मेर में
(ख) डूंगरपुर में
(ग) उदयपुर में
(घ) कोटा में
उत्तर:
(ख) डूंगरपुर में

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।

  1.  ……… नदी का पानी भरतपुर में घना पक्षी राष्ट्रीय उद्यान में नम भूमि का निर्माण करता है।
  2. ……………… एशिया की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है जिसे मरुगंगा भी कहा जाता है।
  3. विश्व की मीठे पानी की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील……….. को माना जाता है।
  4. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नदी घाटी परियोजनाओं को……………. कहा है।

उत्तर:

  1. बाणगंगा
  2. इन्दिरा गाँधी नहर
  3. जयसमंद झील
  4. आधुनिक भारत के मन्दिर

प्रश्न 3.
जल विभाजक रेखा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
दो अपवाह क्षेत्र के मध्य उच्च भूमि जो वर्षा के पानी को दो भागों में विभाजित करती है, जल विभाजक रेखा कहलाती है।

प्रश्न 4.
बनास की प्रमुख सहायक नदियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
बनास की प्रमुख सहायक नदियाँ कोठारी, गंभीरी, खारी, मोरेल आदि हैं।

प्रश्न 5.
राजस्थान की प्रमुख नदी घाटी परियोजनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान की प्रमुख नदी घाटी परियोजनायें

  1. चम्बल परियोजना
  2. सरदार सरोवर परियोजना
  3. माही बजाज सागर परियोजना
  4. बीसलपुर परियोजना
  5. जवाई बाँध परियोजना
  6. सोम कमला आम्बा बाँध परियोजना
  7. मानसी वाकल परियोजना
  8. जाखम परियोजना, आदि।

प्रश्न 6.
चम्बल परियोजना पर लघु निबंध लिखिए।
उत्तर:
चम्बल परियोजना – इस परियोजना के अन्तर्गत कुल चार बाँध बनाए गए हैं। इनमें से एक गाँधी सागर बाँध है जो मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में है। अन्य तीनों बाँध राजस्थान में हैं। राणा प्रताप सागर बाँध चित्तौड़गढ़ जिले में तथा जवाहर सागर व कोटा बैराज बाँध कोटा जिले में बनाए गए हैं। यह परियोजना राजस्थान और मध्यप्रदेश राज्यों की संयुक्त परियोजना है। इस परियोजना से दोनों राज्यों को जलविद्युत एवं सिंचाई की सुविधायें मिलती हैं।

प्रश्न 7.
जल संरक्षण से आप क्या समझते हैं? जल संरक्षण कैसे किया जा सकता है?
उत्तर:
जल संरक्षण – साधारणतः जल संरक्षण से आशय उपलब्ध जल का उचित उपयोग करना एवं उसे बचाना है। जल ऐसा प्राकृतिक संसाधन है जिस पर न केवल मानव, अपितु वनस्पति एवं सम्पूर्ण जीव-जगत निर्भर है। वर्तमान में औद्योगिक आर्थिक वातावरण, बढ़ती उपभोगवादी संस्कृति, अत्यधिक जनसंख्या वृद्धि, सिंचित भूमि में लगातार वृद्धि होने के कारण जल के विदोहन में तीव्र गति से वृद्धि हो रही है। अतः प्रादेशिक एवं विश्व स्तर पर सभी देशों में स्वच्छ जल की मात्रा को संरक्षित करने की आवश्यकता है। ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल प्राप्त हो सके। जल संरक्षण के तरीके-जल संरक्षण के लिए हर नागरिक, समाज और प्रशासन को एक साथ मिलकर कदम उठाने की आवश्यकता है।
इसके लिए निम्न तरीके अपनाये जा सकते हैं-

  1. जलाशयों में घरेलू और औद्योगिक अपशिष्ट न डालना।
  2. पेयजल के स्रोतों के निकट स्नान नहीं करना व कपड़े न धोना।
  3. जल में उत्पन्न खरपतवारों को हटाना।
  4. जल का पुनर्वितरण करना अर्थात् अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों से जल को नहर के द्वारा कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पहुँचाकर जन-जीवन और उद्योगों के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ उपलब्ध कराकर क्षेत्रीय और सामाजिक विषमता को कम करना।
  5. इनके साथ-साथ जल संचयन, जनसंख्या नियंत्रण, सिंचाई की उन्नत विधियों के प्रयोग, वनावरण में वृद्धि, भूमिगत जल का विवेकपूर्ण उपयोग और जल की पुनरावृत्ति आदि प्रयत्नों से जल की कमी और अवनयन की वर्तमान स्थिति में काफी सुधार लाया जा सकता है।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

बहुविकल्पात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सोम व जाखम नदियाँ किस नदी की सहायक नदियाँ हैं-
(अ) चम्बल
(ब) बाणगंगा
(स) लूनी
(द) माहीं
उत्तर:
(द) माहीं

प्रश्न 2.
माही नदी पर माही बजाज सागर बाँध किस जिले में बनाया गया है?
(अ) बांसवाड़ा
(ब) उदयपुर
(स) प्रतापगढ़
(द) भीलवाड़ा
उत्तर:
(अ) बांसवाड़ा

प्रश्न 3.
पूर्णत: राजस्थान में बहने वाली सबसे लम्बी नदी कौनसी है?
(अ) माही
(ब) चम्बल
(स) बनास
(द) साबरमती
उत्तर:
(स) बनास

प्रश्न 4.
राजस्थान की सबसे लम्बी एवं एकमात्र वर्षभर बहने वाली नदी है-
(अ) बनास
(ब) चम्बल
(स) लूनी
(द) बाणगंगा
उत्तर:
(ब) चम्बल

प्रश्न 5.
राणा प्रताप सागर बाँध किस जिले में है?
(अ) उदयपुर
(ब) चित्तौड़गढ़
(स) कोटा
(द) जयपुर
उत्तर:
(ब) चित्तौड़गढ़

प्रश्न 6.
बीसलपुर परियोजना से किस जिले को पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है?
(अ) जयपुर
(ब) अजमेर
(स) टोंक
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

प्रश्न 7.
चम्बल की प्रमुख सहायक नदी है
(अ) माही
(ब) बनास
(स) लूनी
(द) घग्घर
उत्तर:
(ब) बनास

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-

  1. आज से लगभग 3000 वर्ष पूर्व सतजल, यमुना और प्रागैतिहासिक ………… नदी राजस्थान से होकर बहती हुई गुजरात में भरुच के पास अरब सागर में गिरती थी। (सरस्वती/गंगा)
  2. बाड़मेर में …….. तक लूनी नदी का पानी मीठा होता है, लेकिन इसके बाद खारी हो जाता है। (बालोतरा/गडरा रोड)
  3. चम्बले परियोजना राजस्थान और …………. राज्यों की संयुक्त परियोजना है। (मध्यप्रदेश/गुजरात)
  4. जयसमंद झील का निर्माण मेवाड़ के महाराणा ………. ने करवाया था। (राजसिंह/जयसिंह)
  5. राजस्थान की औद्योगिक नगरी……..चम्बल नदी के किनारे स्थित है। (अलवर/कोटा)

उत्तर:

  1. सरस्वती
  2. बालोतरा
  3. मध्यप्रदेश
  4. जयसिंह
  5. कोटा

निम्न वाक्यों में से सत्य/असत्य कथन छाँटिए-

  1. चम्बल नदी का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश में विंध्याचल पर्वत के जनापाव से है।
  2. माही नदी को अर्जुन की गंगा भी कहा जाता है।
  3. माही बजाज सागर परियोजना राजस्थान और गुजरात राज्यों की सम्मिलित परियोजना है।
  4. गंगनहर राजस्थान की पहली नहर है।
  5. पश्चिमी यमुना नहर से इन्दिरा गाँधी नहर का निर्माण किया गया है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य
  5. असत्य

निम्न को सुमेलित कीजिए-

(क) (ख)
1. माही (अ) हिमाचल प्रदेश
2. बाणगंगा (ब) जयपुर
3. बनास (स) अजमेर
4. लूनी (द) अमरोरू
5. घग्घर (य) राजसमन्द

उत्तर:
1. (द)
2. (ब)
3. (य)
4. (स)
5. (अ)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जल संसाधन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जल के वे स्रोत जो मानव के लिए उपयोगी हों या जिनके उपयोग की संभावना हो, को जल संसाधन कहते हैं।

प्रश्न 2.
सहायक नदियों से क्या अभिप्राय है?
अथवा
सहायक नदियाँ किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसी छोटी नदियाँ जो आगे जाकर बड़ी नदियों में मिल जाती हैं, उन्हें सहायक नदियाँ कहा जाता है।

प्रश्न 3.
बाणगंगा नदी का उद्गम कहाँ से होता है?
उत्तर:
जयपुर में अरावली की बैराठ पहाड़ियों से।

प्रश्न 4.
भीलवाड़ा जिले में त्रिवेणी किस स्थल को कहते हैं?
उत्तर:
बीगोद और मांडलगढ़ (भीलवाड़ा) के बीच बनास, बेड़च और मेनाल नदियों को संगम स्थल है, जो त्रिवेणी कहलाता है।

प्रश्न 5.
बनास की सहायक नदियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
बेड़च, कोठारी, चन्द्रभागा, खारी व मोरेल

प्रश्न 6.
फीडर किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी मुख्य नहर का ऐसा हिस्सा जहाँ से पानी का कोई उपयोग नहीं किया जाता है उसे फीडर कहते हैं।

प्रश्न 7.
राजस्थान की पहली और सबसे पुरानी नहर कौनसी है?
उत्तर:
गंगनहर राजस्थान की पहली और सबसे पुरानी नहर

प्रश्न 8.
इन्दिरा गाँधी नहर का अन्तिम बिन्दु कहाँ स्थित है?
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर का अंतिम बिन्दु वर्तमान में, बाड़मेर के गडरा रोड तक है।

प्रश्न 9.
सरदार सरोवर परियोजना किन-किन राज्यों की संयुक्त परियोजना है?
उत्तर:
गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान राज्यों की।

प्रश्न 10.
राजस्थान के अपवाह तन्त्र को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
तीन भागों में-

  1. बंगाल की खाड़ी का अपवाह तन्त्र
  2. अरब सागर का अपवाह तन्त्र
  3. आन्तरिक अपवाह तंत्र

प्रश्न 11.
राजस्थान की जल-विभाजक रेखा किसे माना जाता है?
उत्तर:
अरावली पर्वत को

प्रश्न 12.
बंगाल की खाड़ी के अपवाह तन्त्र में शामिल राजस्थान की प्रमुख नदियों के नाम बताइये
उत्तर:
चम्बल, कालीसिन्ध, पार्वती, बनास तथा इनकी सहायक नदियाँ।

प्रश्न 13.
अरब सागर में गिरने वाली राजस्थान की प्रमुख नदियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर:
माही, लूनी, साबरमती, पश्चिमी बनास एवं इनकी सहायक नदियाँ।

प्रश्न 14.
‘आन्तरिक अपवाह तन्त्र’ से क्या आशय है?
उत्तर:
वे नदियाँ जो सागर में मिलने से पहले झील या स्थल भाग में लुप्त हो जाती हैं, आन्तरिक अपवाह तन्त्र का निर्माण करती हैं।

प्रश्न 15.
राजस्थान के आन्तरिक अपवाह तन्त्र में कौनकौन सी नदियाँ सम्मिलित हैं?
उत्तर:
घग्घर, बाणगंगा, कांतली, साबी, रूपारेल व मेंढा आदि।

प्रश्न 16.
चम्बल परियोजना के अन्तर्गत राजस्थान में बनाये गये बाँधों के नाम बताइये
उत्तर:

  1. राणा प्रताप सागर बाँध
  2. जवाहर सागर बाँध
  3. कोटा बैराज बाँध

प्रश्न 17.
चम्बल परियोजना किन राज्यों की संयुक्त परियोजना है?
उत्तर:
मध्यप्रदेश व राजस्थान की।

प्रश्न 18.
मरुगंगा के नाम से कौन-सी नहर जानी जाती है?
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर को मरुगंगा के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 19.
इन्दिरा गाँधी नहर की वितरिकाओं की लम्बाई कितनी है?
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर की वितरिकाओं की लम्बाई 8000 किलोमीटर से भी अधिक है।

प्रश्न 20.
जयसमंद झील का निर्माण किसने और कब कराया था?
उत्तर:
जयसमंद झील का निर्माण मेवाड़ के महाराणा जयसिंह ने सन् 1687 ई. से 1691 ई. तक कराया था।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आप जल संरक्षण कैसे करेंगे ? कोई चार उपाय लिखिए।
उत्तर:
हम निम्न चार उपायों द्वारा जल संरक्षण करेंगे।

  1. जलाशयों में घरेलू और औद्योगिक अपशिष्ट न डालना।
  2. पेयजल के स्रोतों के निकट स्नान नहीं करना व कपड़े न धोना।
  3. जल में उत्पन्न खरपतवारों को हटाना
  4. वर्षा जल संचयन करना।

प्रश्न 2.
क्या आपके अनुसार नदी घाटी परियोजनाओं को बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ कहना सही है?
उत्तर:
नदी घाटी परियोजनाओं को बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ कहना उचित है क्योंकि इन परियोजनाओं से अनेक उद्देश्यों की पूर्ति होती है। इन परियोजनाओं से जलविद्युत उत्पादन, सिंचाई, पेयजल, वृक्षारोपण, भूमिगत जल स्तर में वृद्धि, बाढ़ नियन्त्रण, मृदा अपरदन, पर्यटन आदि कई उद्देश्यों की पूर्ति होती है।

प्रश्न 3.
आप कैसे कह सकते हैं कि इन्दिरा गाँधी नहर वास्तव में राज्य की ‘मरुगंगा’ है?
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर वास्तव में राजस्थान की मरु गंगा है क्योंकि यह रेगिस्तानी क्षेत्रों में जल उपलब्ध करवा रही है। इन्दिरा गाँधी नहर के कारण क्षेत्र में कृषि विकास, मरुस्थल प्रसार पर रोक, सूखे व अकाल पर नियन्त्रण, पेयजल, जलविद्युत उत्पादन, पशुधन विकास, मत्स्य पालने एवं पर्यटन विकास आदि सम्भव हुआ है।

प्रश्न 4.
आंतरिक अपवाह तंत्र किसे कहते हैं ? राजस्थान में इसमें कौनसी नदियाँ शामिल हैं?
उत्तर:
आंतरिक अपवाह तंत्र – ऐसी नदी जो किसी समुद्र तक न पहुँच कर स्थल भाग में ही विलुप्त हो जाए या किसी झील में मिल जाए तो उसे आंतरिक या भूमिगत अपवाह तंत्र वाली नदी कहा जाता है। पूर्व में भरतपुर से लेकर पश्चिम में जैसलमेर तक उत्तरी राजस्थान में बहने वाली घग्घर, बाणगंगा, कांतली, साबी, रूपारेल, मेंढा आदि नदियों को आंतरिक अपवाह तंत्र में शामिल किया जाता है।

प्रश्न 5.
माही नदी पर लघु निबंध लिखिए।
उत्तर:
माही नदी – माही नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश में विंध्याचल पर्वत में अमरोरु नामक स्थान से होता है। यह नदी राजस्थान में बांसवाड़ा व प्रतापगढ़ जिलों में बहने के बाद खंभात की खाड़ी में गिरती है। सोम व जाखम इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। बांसवाड़ा में इस नदी पर माही बजाज सागर बाँध बनाया गया है।

प्रश्न 6.
संसाधन संरक्षण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
साधारण अर्थ में सुरक्षित करके रखना संरक्षण कहलाता है अर्थात् संसाधनों का सावधानीपूर्वक प्रबंधन तथा रखरखाव, जिससे उसके दुरुपयोग अथवा अनावश्यक क्षति को रोका जा सके, संसाधन संरक्षण कहलाता है।

प्रश्न 7.
इन्दिरा गाँधी नहर पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर:
यह एशिया की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है, जिसे ‘मरुगंगा’ भी कहा जाता है इन्दिरा गाँधी नहर की मुख्य नहर की लम्बाई 649 किमी. तथा वितरिकाओं की लम्बाई 8000 किमी. से भी अधिक है जिनसे लगभग 19 लाख हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई होती है। इन्दिरा गाँधी नहर से राज्य के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों में जलापूर्ति हो रही है। इन्दिरा गाँधी नहर के कारण क्षेत्र में कृषि विकास, मरुस्थल प्रसार पर रोक, सूखे व अकाल पर नियन्त्रण, पेयजल, जलविद्युत उत्पादन, पशुधन विकास, मत्स्य पालन, पर्यटन विकास आदि सम्भव हुआ है।

प्रश्न 8.
इन्दिरा गाँधी नहर में छोटे जहाजों और नावों के संचालन की योजना बनाइये।
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नहर एशिया की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है। इसकी मुख्य नहर की लम्बाई 649 किमी. है। इस नहर में छोटे जहाजों और नावों के संचालन की योजना भी बनाई जानी चाहिए ताकि नहर का परिवहन के क्षेत्र में भी उपयोग किया जा सके। वर्तमान में नहर का अन्तिम बिन्दु बाड़मेर के गडरा रोड तक है। यदि इस नहर को आगे बढ़ाकर गुजरात में कांडला बंदरगाह तक जोड़ दिया जाए तो इसमें छोटे जहाजों एवं नावों का संचालन भी किया जा सकता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अपवाह तंत्र से आप क्या समझते हैं ? राजस्थान के अपवाह तंत्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अपवाह तंत्र अपवाह तंत्र या प्रवाह प्रणाली किसी नदी तथा उसकी सहायक नदियों द्वारा निर्मित जल प्रवाह की विशेष व्यवस्था है, जो धरातलीय और भू-गर्भिक बनावट से प्रभावित होती है। राजस्थान का अपवाह तंत्र-राजस्थान में जल विभाजक रेखा अरावली पर्वत है। राजस्थान के अपवाहे तंत्र को निम्न तीन भागों में बाँटा जाता है-
1. बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र – अरावली पर्वत के पूर्वी भाग में बहकर अपना जल बंगाल की खाड़ी में ले जाने वाली चम्बल, कालीसिंध, पार्वती, बनास एवं इनकी सहायक नदियों को बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र कहते हैं।

2. अरब सागर का अपवाह तंत्र –
अरावली पर्वत के पश्चिमी भाग में बहकर अपना जल अरब सागर में ले जाने वाली माही, लूनी, साबरमती, पश्चिमी बनास एवं इनकी सहायक नदियों को अरब सागर का अपवाह तंत्र कहते हैं।

3. आंतरिक अपवाह तंत्र –
ऐसी नदी जो किसी समुद्र तक न पहुँच कर स्थल भाग में ही विलुप्त हो जाए या किसी झील में मिल जाए तो उसे आंतरिक या भूमिगत अपवाह तंत्र वाली नदी कहा जाता है। पूर्व में भरतपुर से लेकर पश्चिम में जैसलमेर तक उत्तरी राजस्थान में बहने वाली घग्घर, बाणगंगा, कांतली, साबी, रूपारेल, मेंढा आदि नदियों को आंतरिक अपवाह तंत्र में शामिल किया जाता है।

प्रश्न 2.
राजस्थान की प्रमुख नदियों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान में प्रवाहित प्रमुख नदियाँ निम्न प्रकार से-
1. माही – इसका उद्गम मध्यप्रदेश में विंध्याचल पर्वत में अमरोरु नामक स्थान से होता है। यह नदी राजस्थान में बांसवाड़ा व प्रतापगढ़ जिलों में बहने के बाद खंभात की खाड़ी में गिरती है। सोम व जाखम इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।

2. बाणगंगा –
इसका उद्गम जयपुर में बैराठ पहाड़ियों से होता है। इस नदी का पानी भरतपुर में घना पक्षी राष्ट्रीय उद्यान में इधर-उधर बिखर कर नम भूमि का निर्माण करता है।

3. बनास –
यह नदी राजसमन्द जिले में खमनौर की पहाड़ियों से निकलती है, जो राजसमन्द, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, येक जिलों में बहकर सवाईमाधोपुर में रामेश्वर के निकट चम्बल में मिल जाती है। इसका जल ग्रहण क्षेत्र राज्य में सर्वाधिक है और यह पूर्णतः राजस्थान में बहने वाली सबसे लम्बी नदी है। इसकी सहायक नदियाँ बेड़च कोठारी, चन्द्रभागा, खारी व मोरेल हैं। येंक व सवाईमाधोपुर नगर इसके किनारे बसे हैं।

4. लूनी –
इसका उद्गम अजमेर में गोविंदगढ़ के निकट सरस्वती व सागरमती नामक दो धाराओं के मिलने से होता है। अजमेर, नागौर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर जिलों में बहने के बाद यह नदी कच्छ की खाड़ी में गिर जाती है। बाड़मेर में बालोतरा तक इसका पानी मीठा है लेकिन इसके बाद खारा हो जाता है। जोजरी, बांडी, जवाई, मीठड़ी, सागी, खारी, सूकड़ी आदि इसकी सहायक नदियाँ हैं।

5. घग्घर –
इसका उद्गम हिमाचल प्रदेश में हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणी से होता है। उत्तरी राजस्थान में यह नदी हनुमानगढ़ में प्रवेश कर श्रीगंगानगर में भूमिगत हो जाती है। इस नदी को प्राचीन सरस्वती नदी की सहायक माना जाता है।

6. चम्बल –
यह राजस्थान की सबसे लंबी व एकमात्र वर्षभर बहने वाली नदी है। इसका उद्गम मध्यप्रदेश में विंध्याचल पर्वत की जनापांव पहाड़ी से होता है। राजस्थान में यह नदी भैंसरोडगढ़ में प्रवेश कर कोटा, बूंदी, |सवाईमाधोपुर, करौली व धौलपुर जिलों में बहने के बादै उत्तर प्रदेश में यमुना नदी में मिल जाती है। बनास, बेड़च, कोठारी, कालीसिंध, पार्वती आदि इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। कोटा शहर चम्बल के किनारे पर स्थित है।

प्रश्न 3.
राजस्थान की किन्हीं दो प्रमुख नदी घाटी परियोजनाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
राजस्थान से सम्बन्धित दो प्रमुख नदी घाटी परियोजनायें निम्न प्रकार से हैं-
1. चम्बल परियोजना – इस परियोजना के अन्तर्गत कुल चार बाँध बनाए गए हैं। इनमें से एक गाँधी सागर बाँध है। जो मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में है। अन्य तीनों बाँध राजस्थान में हैं। राणा प्रताप सागर बाँध चित्तौड़गढ़ जिले में तथा जवाहर सागर व कोटा बैराज बाँध कोटा में बनाए गये हैं। यह परियोजना राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्यों की संयुक्त परियोजना है। इस परियोजना से दोनों राज्यों को जलविद्युत एवं सिंचाई की सुविधाएँ मिलती हैं।

2. सरदार सरोवर परियोजना –
गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों की इस संयुक्त परियोजना का निर्माण गुजरात में नर्मदा नदी पर किया गया है। इस परियोजना से राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम में एक नहर बनाकर लाए गए जल से बाड़मेर व जालौर जिलों में सिंचाई व पेयजल की सुविधा मिलती है।

प्रश्न 4.
राजस्थान की प्रमुख नहरों का विस्तृत लेख लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान की प्रमुख नहरें अग्र प्रकार से हैं-
1. गंग नहर – यह राजस्थान की पहली और सबसे पुरानी नहर है। इसका निर्माण बीकानेर के तत्कालीन महाराजा गंगासिंह ने करवाया था। उन्होंने पंजाब में सतलज नदी पर फिरोजपुर के निकट एक बाँध बनवाया और वहाँ से 1927 में एक नहर बनाकर पानी पश्चिमी राजस्थान में लाया गया। वर्तमान में इसे नहर से श्रीगंगानगर जिले में सिंचाई होती है।

2. इन्दिरा गाँधी नहर –
यह एशिया की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है, जिसे ‘मरु गंगा’ भी कहते हैं। इसके निर्माण हेतु केन्द्र सरकार की स्वीकृति के बाद वर्ष 1952 में पंजाब में सतलज व व्यास नदी के संगम पर हरिके बैराज नामक बाँध का काम शुरू किया गया। हरिके बैराज से हनुमानगढ़ के मसीतावली तक 204 किमी. लंबी फीडर नहर है। फीडरसहित मुख्य नहर की लंबाई 649 किमी. तथा वितरिकाओं की लंबाई 8000 किमी. से भी अधिक है, जिनसे 19 लाख हैक्टेयर क्षेत्र सिंचित होता है।

नहर का अंतिम बिंदु वर्तमान में बाड़मेर के गडरा रोड तक है। अगर इसे आगे बढ़ाकर गुजरात में कांडला बंदरगाह तक जोड़ दिया जाए तो इसमें छोटे जहाजों व नावों का संचालन किया जा सकता है। थार के मरुस्थल का ढाल पश्चिम में होने के कारण पूर्वी भाग में पानी लाने के लिए अब तक कई उत्थापक (लिफ्ट) नहरें बनाई गयी हैं। इन्दिरा गाँधी नहर से अनेक लाभ हुए हैं। कृषि विकास, मरुस्थल के प्रसार पर रोक, सूखे वे अकाल पर नियंत्रण, पेयजल, जलविद्युत उत्पादन, पशुधन विकास, मत्स्य पालन व पर्यटन में वृद्धि आदि इंदिरा गाँधी नहर के कारण ही सम्भव हुआ है।

3. भरतपुर नहर – इसका निर्माण पश्चिमी यमुना नहर से किया गया है। राजस्थान में इससे केवल भरतपुर जिले में ही सिंचाई होती है।

प्रश्न 5.
राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में जलापूर्ति हेतु 1 किए जा रहे प्रयासों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में जलापूर्ति हेतु नहरों का निर्माण किया गया है, इसमें इन्दिरा गाँधी नहर एवं गंगनहर प्रमुख हैं। गंगनहर से श्रीगंगानगर जिले में सिंचाई की जाती है। इन्दिरा गाँधी नहर एशिया की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है। इन्दिरा गाँधी नहर से गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों में जलापूर्ति हो रही है। थार के मरुस्थल का ढाल पश्चिम में होने के कारण पूर्वी भाग में पानी लाने के लिए अब तक कई लिफ्ट नहरें बनाई गई हैं।

प्रश्न 6.
उदयपुर की ऐतिहासिक जल प्रबन्धन प्रणाली का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उदयपुर में ऐतिहासिक जल प्रबंधन प्रणाली उदयपुर बेसिन में विभिन्न छोटे – बड़े जलाशय सिंचाई, पेयजल एवं पर्यटन हेतु जल प्रबन्धन के उत्तम उदाहरण हैं। उदयपुर शहर के पश्चिमोत्तर में 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित चिकलवास गाँव के समीप महाराणा फतेहसिंह जी द्वारा आहड़ नदी पर एक बाँध बनाकर वर्षा ऋतु में प्रवाहित अतिरिक्त जल को फतहसागर पहुँचाने के लिए चिकलवास नहर का निर्माण किया गया। इस नहर निर्माण से फतहसागर में आहड़ नदी का पानी 118 वर्ष पहले पहुँचा दिया गया। 470 वर्ग किलोमीटर में फैली घाटी में क्रमबद्ध जलाशयों का निर्माण तथा नदियों को आपस में जोड़कर यहाँ के तत्कालीन शासकों ने स्थानीय स्तर पर उपलब्ध वर्षा जल प्रबन्धन एवं संरक्षण का प्रशंसनीय कार्य जनहित में किया था जो आज भी सुचारु रूप से चल रहा है।

उदयपुर बेसिन में गोवर्द्धन सागर, दूध तलाई, पिछोला झील, अमर कुण्ड, कुमारिया तालाब, रंग सागर, स्वरूप सागर तथा फतहसागर जलाशयों का निर्माण जल प्रबन्धन की दृष्टि से विश्व भर में सर्वोच्च उदाहरण हैं। वर्षा ऋतु में जब जलाशय पानी से भर जाते हैं तो इन सभी जलाशयों का जल स्तर एक समान हो जाता है एवं पानी आपस में मिल जाता है। महाराणा राजसिंह जी प्रथम द्वारा नदी बहाव को कृत्रिम रूप से मोड़ कर स्थायित्व प्रदान किया गया। मेवाड़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल उभयेश्वर क्षेत्र में वर्षा ऋतु में बहने वाली नदी को मोड़कर मोरवानी नदी में मिला दिया गया। इस प्रकार उभयेश्वर क्षेत्र के जल को जनसागर (बड़ी तालाब) तथा फतहसागर में पहुँचा दिया गया। उभयेश्वर के जल को मोरवानी नदी के साथ मिलाने का कार्य सन् 1670-85 ई. के बीच किया गया। इस प्रकार उदयपुर में आज भी ऐतिहासिक जल प्रबन्धन प्रणाली का बहुत महत्त्व है।

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