RBSE Solutions for Class 9 Maths Chapter 7 त्रिभुजों की सर्वांगसमता एवं असमिकाएँ Ex 7.2 is part of RBSE Solutions for Class 9 Maths. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 9 Maths Chapter 7 त्रिभुजों की सर्वांगसमता एवं असमिकाएँ Exercise 7.2.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 9 |
Subject | Maths |
Chapter | Chapter 7 |
Chapter Name | त्रिभुजों की सर्वांगसमता एवं असमिकाएँ |
Exercise | Exercise 7.2 |
Number of Questions Solved | 11 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 9 Maths Chapter 7 त्रिभुजों की सर्वांगसमता एवं असमिकाएँ Ex 7.2
प्रश्न 1.
चित्र में AB = AC एवं ∠B = 58° हो तो ∠A का मान ज्ञात कीजिए।
हल
AB = AC
अतः ∠B = ∠C = 58° (समान भुजाओं के सम्मुख कोण समान होते हैं।)
∆ABC के लिए,
∠A + ∠B + ∠C = 180°
∠A + 58° + 58° = 180°
∠A = 180° – 116° = 64°
प्रश्न 2.
चित्र में AD = BD एवं ∠C = ∠E हो, तो सिद्ध कीजिए BC = AE
हल
∆ADEE तथा ∆BDC में
AD = BD (दिया है) …(i)
∠ADE = ∠BDE (शीर्षाभिमुख कोण) …(ii)
∠E = ∠C (दिया है)
∠EAD = ∠CBD (दोनों त्रिभुजों के तीसरे कोण) …(iii)
कोण-भुजा-कोण सर्वांगसमता गुणधर्म.
∆ADE = ∆BDC
सर्वांगसम त्रिभुजों की संगत भुजाएँ समान होती हैं।
AE = BC
इति सिद्धम्।
प्रश्न 3.
यदि एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC की माध्यिका AD हो तथा ∠A = 120° एवं AB = AC हो, तो ∠ADB का मान ज्ञात कीजिए।
हल
∆ADB तथा ∆ADC में,
AB = AC (दिया है)
BD = CD (∵ AD, ∆ABC की माध्यिका है)
तथा AD = AD (उभयनिष्ठ भुजा)
भुजा-भुजा-भुजा (SSS) सर्वांगसमता गुणधर्म से
∆ADB = ∆ADC
सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत कोण समान होते हैं।
∠ADB = ∠ADC
माना कि ∠ADB = ∠ADC = x
x + x = 180°(रैखिक कोण-युग्म)
⇒ 2x = 180°
⇒ x = 90°
अतः ∠ADB = 90°
प्रश्न 4.
यदि त्रिभुज के किसी कोण का समद्विभाजक सम्मुख भुजा को भी समद्विभाजित करता है, तो सिद्ध कीजिए कि त्रिभुज समद्विबाहु होगा।
हल
माना दिया गया त्रिभुज ABC है।
दिया हुआ है : कोण ∠BAC का B समद्विभाजक, AD सम्मुख भुजा BC को समद्विभाजित करता है।
सिद्ध करना है : ∆ABC (एक समद्विबाहु(RBSESolutions.com)त्रिभुज है) अर्थात् AB = AC
रचना : AD को E तक बढ़ाया जहाँ AD = DE तथा E और C को मिलाया।
उपपत्ति: ∆ADB और ∆EDC में,
BD = DC (दिया है)
AD = DE (रचना से)
∠ADB = ∠EDC (शीर्षाभिमुख कोण)
भुजा-कोण-भुजा गुणधर्म से,
∆ADB = ∆EDC
AB = EC …(i) और
∠BAD = ∠CED (संगत कोण तथा संगत भुजाएँ समान होंगी)
लेकिन ∠BAD = ∠CAD [AD, ∠A का समद्विभाजक है।]
∠CAD = ∠CED
AC = EC …(ii) [∵ समान कोणों के सम्मुख भुजाएँ समान होती हैं।]
AB = AC (समीकरण (i) व (ii) से
अत: ∆ABC एक समद्विबाहु त्रिभुजे होगा।
प्रश्न 5.
चित्र में, AB = AC एवं BE = CD हो, तो सिद्ध कीजिए AD = AE
हल
∆ABD और ∆ACE में,
AB = AC ….(i)(दिया है)
∠B = ∠C …(ii)
BE = CD (दिया है)
दोनों ओर से DE घटाने पर
BE – DE = CD – DE
⇒ BD = CE …(iii)
भुजा कोण भुजा गुणधर्म से, ∆ABD = ∆ACE
सर्वांगसम त्रिभुजों(RBSESolutions.com)की संगत भुजाएँ समान होती हैं।
अतः AD = AE
इति सिद्धम्।
प्रश्न 6.
एक वर्ग ABCD की भुजाओं AD एवं BC पर क्रमशः E एवं F दो बिन्दु इस प्रकार हैं कि AF = BE तो सिद्ध कीजिए कि :
(i) ∠BAF = ∠ABE
(ii) BF = AE
हल
∆AEB तथा ∆BFA में,
BE = AF (दिया है)
∠A = ∠B (प्रत्येक 90° है) तथा
AE = BF (दिया है)
भुजा कोण भुजा गुणधर्म से,
∆AEB = ∆BFA
हम जानते हैं कि सर्वांगसम त्रिभुजों की संगत भुजाएँ व संगत कोण बराबर होते हैं।
∠ABE = ∠BAF (संगत कोण)
तथा AE = BF (संगत भुजा)
इति सिद्धम्।
प्रश्न 7.
एक रेखाखण्ड AB पर AD और BC दो बराबर लंब रेखाखण्ड हैं (देखिए चित्र)। दर्शाइए कि CD, रेखाखण्ड AB को समद्विभाजित करता है।
हल
चूंकि AB और CD, O पर प्रतिच्छेद करते हैं।
इसलिए, ∠AOD = ∠BOC …(1) (शीर्षाभिमुख कोण)
∆AOD और ∆BOC में,
∠AOD = ∠BOC [(1) से]
∠DAO = ∠CBO [प्रत्येक 90° और
AD = BC [दिया है।]
कोण-कोण-भुजा सर्वांगसम गुणधर्म से,
∆AOD = ∆BOC
⇒ OA = OB
सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत(RBSESolutions.com)भाग बराबर होते हैं।
अत: CD, रेखाखण्ड AB को समद्विभाजित करता है।
प्रश्न 8.
AB = AC वाले एक समद्विबाहु त्रिभुज के कोणों B और C के समद्विभाजक परस्पर 0 पर प्रतिच्छेद करते हैं। BO को एक बिन्दु M तक बढ़ाया जाता है। सिद्ध कीजिए ∠MOC = ∠ABC है।
हल
∆ABC में,
AB = AC या ∠B = ∠C (बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बरोबर होते हैं)
माना ∠B = ∠C = x
BO व OC कोण B व ∠C को समद्विभाजित करते हैं।
∠OBC + ∠OCB = \(\frac { 1 }{ 2 }\) x + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x
∠OBC + ∠OCB = x
किसी त्रिभुज का बहिष्कोण(RBSESolutions.com)दोनों अन्य आन्तरिक (सम्मुख) कोणों के योग के बराबर होता है।
∆OBC में,
∠MOC = ∠OBC+ ∠OCB
∠MOC = x = ∠ABC
अतः ∠MOC = ∠ABC
इति सिद्धम्।
प्रश्न 9.
रेखा l कोण A को समद्विभाजित करती है और B रेखा l पर स्थित कोई बिन्दु है। BP और BQ कोण A की भुजाओं पर B से डाले गए लम्ब हैं। (देखिए चित्र)।
दर्शाइए कि :
(i) ∆APB = ∆AQB
(ii) BP = BQ है, अर्थात्बि(RBSESolutions.com)न्दु B कोण की। भुजाओं से समदूरस्थ है।
हल
(i) ∆APB तथा ∆AQB में,
∠APB = ∠AQB [प्रत्येक = 90°]
∠PAB = ∠QAB [∵ AB, ∠PAQ का समद्विभाजक है।]
तथा AB = AB [उभयनिष्ठा]
कोण-कोण-भुजा गुणधर्म से,
∆APB = ∆AQB
(ii) BP = BQ (सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
अतः बिन्दु B, ∠A की भुजाओं(RBSESolutions.com)से समदूरस्थ है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 10.
चित्र में, AC = AE, AB = AD और ∠BAD = ∠EAC है। दर्शाइए कि BC = DE है।
हल
∆ABC तथा ∆ADE में,
AB = AD
(i) दिया है।
∠BAD = ∠EAC [दिया है।]
दोनों और ∠DAC जोड़ने पर,
∠BAD + ∠DAC = ∠EAC + ∠DAC
∠BAC = ∠DAE और AC = AE [दिया है।]
भुजा-कोण-भुजा गुणधर्म से, ∆ABC = ∆ADE
⇒ BC = DE [सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग बराबर होते हैं।]
इति सिद्धम्।
प्रश्न 11.
एक समकोण त्रिभुज ABC में, जिसमें कोण C समकोण है, M कर्ण AB का मध्य-बिन्दु है। C को M से मिलाकर D तक इस प्रकार बढ़ाया गया कि DM = CM है। बिन्दु D को बिन्दु B से मिला दिया जाता है (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि :
(i) ∆AMC = ∆BMD
(ii) ∠DBC एक समकोण है।
(iii) ∆DBC = ∆ACB
(iv) CM = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AB
हल
(i) ∆AMC तथा ∆BMD में,
AM = BM [∵ M, AB का मध्य-बिन्दु है।]
∠AMC = ∠BMD (शीर्षाभिमुख कोण)
CM = MD [दिया है।]
भुजा-कोण-भुजा गुण से,
∆AMC = ∆BMD
(ii) जब ∆AMC = ∆BMD
AC = BD …(i)
व ∠ACM = ∠BDM (∵ सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
इसीलिए तिर्यक(RBSESolutions.com)रेखा CD, CA तथा BD को C तथा D पर क्रमश:
इस प्रकार काटती है कि एकान्तर कोण ∠BDM = ∠ACM
अत: BD || CA
∠CBD + ∠BCA = 180° [तिर्यक रेखा के एक ही ओर के आन्तरिक कोणों का योग 180° होता है।]
∠CBD + 90° = 180° [∠BCA = 90°]
∠DBC = 90°
(iii) अब ∆DBC(RBSESolutions.com)तथा ∆ACB में,
BD = CA [भाग (ii) से]
∠DBC = ∠ACB [प्रत्येक 90°]
BC = BC (उभयनिष्ठ)
भुजा-कोण-भुजा गुण से, ∆DBC = ∆ACB
(iv) CD = AB (सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग]
या \(\frac { 1 }{ 2 }\) CD = CM = \(\frac { 1 }{ 2 }\) AB
इति सिद्धम्।
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