RBSE Class 10 Hindi Model Paper 3 are part of RBSE Class 10 Hindi Board Model Papers. Here we have given RBSE Class 10 Hindi Sample Paper 3.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 10 |
Subject | Hindi |
Paper Set | Model Paper 3 |
Category | RBSE Model Papers |
RBSE Class 10 Hindi Sample Paper 3
समय : 3 ¼ घण्टे
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश :
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
- जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।
खण्ड: 1
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
हर किसी मनुष्य को अपने राष्ट्र के प्रति गौरव, स्वाभिमान होना आवश्यक है। राष्ट्र से जुड़े समस्त राष्ट्र प्रतीकों के प्रति भी हमें स्वाभिमान होना चाहिए। राष्ट्र प्रतीकों का यदि कोई अपमान करता है, तो उसका पुरजोर विरोध करना चाहिए। प्रत्येक राष्ट्राभिमानी व्यक्ति के हृदय में अपने देश, अपने देश की संस्कृति तथा अपने देश की भाषा के प्रति प्रेम होना स्वाभाविक भावना ही है। राष्ट्र के प्रति हर राष्ट्रवासी को राष्ट्रहित में अपने प्राणों का उत्सर्ग करने को तैयार रहना चाहिए। जिस देश के निवासियों के हृदय में यह उत्सर्ग भावना नहीं होती, वह राष्ट्र शीघ्र ही पराधीन होकर अपनी सुख, शान्ति और समृद्धि को सदा के लिए खो बैठता है। देशभक्ति और सार्वजनिक हित के बिना राष्ट्रीय महत्ता को अस्तित्व ही नहीं रह सकता है। जिसके हृदय में राष्ट्रभक्ति है, उसके हृदय में मातृभक्ति, पितृभक्ति, गुरुभक्ति, परिवार, समाज वे सार्वजनिक हित की बात स्वत: ही आ जाती है।
इन उपर्युक्त भावनाओं से वह आत्मबली होकर अन्याय, अत्याचार वे अमानवीयता से लड़ने को तत्पर हो जाता है। वह एक सच्चे मानव धर्म का अनुयायी होकर धर्म और न्याय के पक्ष में खड़ा होता है। अतः राष्ट्रधर्म और राष्ट्रभक्ति ही सर्वोपरि है। यदि हम ऐसा नहीं करेंगे तो स्वयं के प्रति, ईश्वर के प्रति एवं राष्ट्र के प्रति अनुत्तरदायी होंगे। किसी को हानि पहुँचाकर स्वयं के लिए अनुचित लाभ उठाना अन्याय है। अपने राष्ट्र के प्रति कर्त्तव्य से विमुख न होना ही सच्ची राष्ट्रभक्ति है।
प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश को उचित शीर्षक लिखिए। [1]
प्रश्न 2.
राष्ट्राभिमानी व्यक्ति के क्ष्य में क्या स्वाभाविक भावना है? [1]
प्रश्न 3.
देश के निवासियों में उत्सर्ग भावना नहीं होगी तो क्या हानि होगी? [2]
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
नीलाम्बर परिधान हरित पट पर सुन्दर है,
सूर्यचन्द्र युग मुकुट मेखला रत्नाकर है।
नदियाँ प्रेम-प्रवाह; फूल तारे मण्डन हैं,
बन्दीजन खगवृन्द शेषफन सिंहासन है।
करते अभिषेक पयोद हैं, बलिहारी इस वेष की।
हे मातृभूमि तू सत्य ही, सगुण मूर्ति सर्वेश की ।।
प्रश्न 4.
उपर्युक्त पद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए। [1]
प्रश्न 5.
मातृभूमि के दो मुकुट कौन-कौन से हैं? [1]
प्रश्न 6.
पक्षियों के समूह को क्या बताया गया है? [2]
खण्ड: 2
प्रश्न 7.
दिए गए बिन्दुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबंध लिखिए: [8]
(क) राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य
- प्रस्तावना
- राष्ट्र : वर्तमान परिप्रेक्ष्य में
- राष्ट्रीय स्वाभिमान की रक्षा
- उपसंहार।
(ख) बढ़ती महँगाई : दुःखद जीवन
- प्रस्तावना
- महँगाई के कारण
- महँगाई के दुष्परिणाम
- उपसंहार।
(ग) यदि मैं प्रधानमंत्री होता
- प्रस्तावनी
- राष्ट्र के प्रति कर्तव्य
- युवा पीढ़ी एवं बुजुर्गों के प्रति कर्त्तव्य
- उपसंहार।
(घ) विद्यार्थी और अनुशासन
- प्रस्तावना
- अनुशासन का महत्त्व
- अनुशासनहीनता : कारण तथा उपाय
- उपसंहार।
प्रश्न 8.
स्वयं को रा. उ. मा. वि., मनोहरपुर का करण शर्मा मानकर प्रधानाचार्य को विद्यालय में खेल सुविधाएँ बढ़ाने का निवेदन हो, ऐसा पत्र लिखिए। [4]
अथवा
अपने आपको पुस्तक विक्रेता, अंकित, नसीराबाद का मानते हुए साहित्य-सदन, आगरा को एनसीईआरटी की पुस्तकें मँगवाते हुए एक पत्र लिखिए।
खण्ड : 3
प्रश्न 9.
विशेषण किसे कहते हैं ? इसके भेदों के नाम भी लिखिए। [2]
प्रश्न 10.
“मैंने रमेश को पुस्तक दी।” वाक्य में निहित कारक, काल और वाच्य लिखिए। [3]
प्रश्न 11.
अव्ययीभाव समास को सोदाहरण परिभाषित कीजिए। [2]
प्रश्न 12.
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए: [2]
- मेरे को अजमेर जाना है।
- महात्मा गाँधी ने सारे अंग्रेज को भगाया था।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए: [2]
- ईंट से ईंट बजाना।
- उल्टी गंगा बहाना।
प्रश्न 14.
‘चुपड़ी और दो दो’ लोकोक्ति का अर्थ लिखिए। [1]
खण्ड : 4
प्रश्न 15.
निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: [6]
माँ ने कहा पानी में झाँककर
अपने चेहरे पर मत रीझना
आग रोटियाँ सेंकने के लिए है।
जलने के लिए नहीं।
वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह
बंधन हैं स्त्री जीवन के
माँ ने कहा लड़की होना
पर लड़की-जैसी दिखाई मत देना।
अथवा
और आज
ऊपर-ही-ऊपर तन गए हैं
तुम्हारे तंबू,
और आज
छमका रही है पावस रानी
बूंदा-बँदियों की अपनी पायल,
और आज
चालू हो गई है।
झींगुरों की शहनाई अविराम।
प्रश्न 16.
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: [6]
‘शिक्षा’ बहुत व्यापक शब्द है। उसमें सीखने योग्य अनेक विषयों का समावेश हो सकता है। पढ़ना-लिखना भी उसी के अंतर्गत है। इस देश की वर्तमान शिक्षा प्रणाली अच्छी नहीं। इस कारण यदि कोई स्त्रियों को पढ़ाना अनर्थकारी समझे तो उसे उस प्रणाली का संशोधन करना या कराना चाहिए, खुद पढ़ने-लिखने को दोष न देना चाहिए।
अथवा
स्वतन्त्रता-सेनानी आम का बाग लगाता है जेलर साहब ! वह जानता है, इस आम का अमृत उसे नहीं मिलेगा। वह अपने प्राण बोकर, खून-पसीने से सींचकर, यह अमृत-फल आने वाली पीढ़ियों के लिए उगाता है। स्वतन्त्रता संग्राम भी इसी भावना से लड़ा जा रहा है। भगीरथ गंगा खुद के लिए नहीं लाया था। युगों-युगों तक लोग उस भागीरथी से अपने तन-मन की प्यास बुझाते रहेंगे।
प्रश्न 17.
संकलित अंश के आधार पर हिम्मत और पराक्रम के महत्व को स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 200 शब्द) [6]
अथवा
‘मातृ-वन्दना’ कविता का केन्दीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
प्रश्न 18.
‘बच्चों में लालच एवं एक-दूसरे से आगे निकल जाने की होड़ के साथ-साथ निश्छलता भी मौजूद होती है।” ‘ईदगाह’ कहानी से कोई दो प्रसंग चुनकर इस मत की पुष्टि कीजिए। (उत्तर सीमा 200 शब्द) [6]
अथवा
“चिन्ता को लोग चिता कहते हैं।” के समर्थन में अपनी बात रखते हुए स्पष्ट कीजिए।
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 40 से 50 शब्दों में दीजिए:
प्रश्न 19.
‘चतुरंग दल’ से कवि सेनापति को क्या तात्पर्य है? [2]
प्रश्न 20.
नेत्रों को मधुमक्खी के समान क्यों बताया गया है? [2]
प्रश्न 21.
वर्षा ऋतु के आगमन से प्रकृति में कौन-कौनसे बदलाव आए हैं? [2]
प्रश्न 22.
यह सारा दुराचार स्त्रियों को पढ़ाने का ही कुफल है।” कैसे? [2]
प्रश्न 23.
सागरमल गोपा को जेल में यातनाएँ क्यों दी गईं? स्पष्ट कीजिए। [2]
प्रश्न 24.
“आह! मेरा गोपालक देश” पंक्ति में निहित वेदना को स्पष्ट कीजिए। [2]
प्रश्न संख्या 25 से 28 का उत्तर एक पंक्ति में दीजिए :
प्रश्न 25.
कृष्ण ‘गोरी’ संबोधन किसके लिए कर रहे हैं? [1]
प्रश्न 26.
शिव के धनुष भंग होने पर कौन कुपित हुआ? [1]
प्रश्न 27.
‘निबले-अनल’ से क्या तात्पर्य है? [1]
प्रश्न 28.
किसके घाव कभी नहीं भरते हैं? [1]
प्रश्न 29.
निम्नलिखित रचनाकारों का संक्षिप्त परिचय दीजिए: [4]
- तुलसीदास
- मुंशी प्रेमचन्द।
प्रश्न 30.
निम्नांकित यातायात संकेतों का क्या अर्थ है? [4]
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