RBSE Class 10 Hindi Model Paper 4

RBSE Class 10 Hindi Model Paper 4 are part of  RBSE Class 10 Hindi Board Model Papers. Here we have given RBSE Class 10 Hindi Sample Paper 4.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 10
Subject Hindi
Paper Set Model Paper 4
Category RBSE Model Papers

RBSE Class 10 Hindi Sample Paper 4

समय: 3 ¼ घण्टे
पूर्णांक : 80

परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देश:

  1. परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्र पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
  2. सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
  3. प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में ही लिखें।
  4. जिन प्रश्नों में आन्तरिक खण्ड हैं, उन सभी के उत्तर एक साथ ही लिखें।

खण्ड : 1

निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

बाजार ने, विज्ञापन ने हिन्दी को एक क्रान्तिकारी रूप दिया, जिसमें रवानगी है, स्वाद है, रोमांच है, आज की सबसे बड़ी चाहत का अकूत संसार है। इस तरह हिन्दी भविष्य की भाषा, समय का तकाजा और रोजगार की जरूरत बनती जा रही है।

लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ पत्रकारिता है। सूचना-क्रान्ति ने विश्व को ग्राम बना दिया है। मीडिया की जागरूकता ने समाज में एक क्रान्ति ला दी है और इसे क्रान्ति की भाषा हिन्दी है। इतने सारे समाचार चैनल हैं और सभी चैनलों पर हिन्दी अपने हर रूप में नए कलेवर, तेवर में निखर कर, सँवर कर, लहरकर, ‘बोले तो बिंदास बनकर छाई रहती है। तुलनात्मक अर्थों में आज अंग्रेजी-पत्रकारिता से हिन्दी-पत्रकारिता का मूल्य, बाजार, उत्पादने, उपभोग और वितरण बहुत बड़ा है।

प्रिण्ट मीडिया की स्थिति ज्यादा बेहतर है, पत्र-पत्रिकाओं की लाखों प्रतियाँ रोजाना बिकती हैं। चीन के बाद सबसे अधिक अखबार हमारे यहाँ पढ़े जाते हैं, हिन्दी के संप्रेषण की यह मानवीय, रचनात्मक और सारगर्भित उपलब्धि है। पत्र-पत्रिकाएँ हिन्दी की गुणवत्ता और प्रचार-प्रसार के लिए कृतसंकल्प हैं। यह भ्रम फैलाया गया था कि हिन्दी रोजगारोन्मुखी नहीं है। आज सरकारी, गैर-सरकारी क्षेत्रों में करोड़ों हिन्दी पढ़े-लिखे लोग आजीविका कमा रहे हैं। भविष्य में हिन्दी की बाजार-माँग और अधिक होगी।

पसीनों में, प्रार्थनाओं में, सिरहानों की सिसकियों में और हमारे सपनों में जब तक हिन्दी रहेगी, तब तक वह बिना किसी पीड़ा या रोग के सप्राण, सवाक् और सस्वर रहेगी।

प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए। [1]

प्रश्न 2.
लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ किसे कहा गया है और क्यों? [1]

प्रश्न 3.
तुलनात्मक दृष्टि से हिन्दी और अंग्रेजी पत्रकारिता में लेखक ने किसे व्यापक माना है और क्यों? [2]

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निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

उठे राष्ट्र तेरे कन्धों पर, बढ़े प्रगति के प्रांगण में।
पृथ्वी को रख दिया उठाकर, तूने नभ के आँगन में।।
तेरे प्राणों के ज्वारों पर, लहराते हैं देश सभी।
चाहे जिसे इधर कर दे तू, चाहे जिसे उधर क्षण में।।
मत झुक जाओ देख प्रभंजन, गिरि को देख न रुक जाओ।
और न जम्बुक-से मृगेन्द्र को, देख सहम कर लुक जाओ।।
झुकना, रुकना, लुकना, ये सब कायर की सी बातें हैं।
बस तुम वीरों से निज को बढ़ने को उत्सुक पाओ।
अपनी अविचल गति से चलकर नियतिचक्र की गति बदलो।।
बढ़े चलो बस बढ़े चलो, हे युवक! निरन्तर बढ़े चलो।
देश-धर्म-मर्यादा की रक्षा का तुम व्रत ले लो।
बढ़े चलो, तुम बढ़े चलो, हे युवक ! तुम बढ़े चलो।।

प्रश्न 4.
उपर्युक्त काव्यांश को उचित शीर्षक लिखिए। [1]

प्रश्न 5.
‘पृथ्वी को रख दिया उठाकर, तूने नभ के आँगन में कहने का क्या तात्पर्य है? [1]

प्रश्न 6.
कायर की सी बातें क्या हैं? [2]

खण्ड : 2

प्रश्न 7.
दिए गए बिन्दुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबंध लिखिए: [8]
(क) भ्रष्टाचार की समस्या

  1. प्रस्तावना
  2. विभिन्न क्षेत्रों में भ्रष्टाचार की स्थिति
  3. भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए सुझाव
  4. उपसंहार।

(ख) राजस्थान में पर्यटन उद्योग

  1. प्रस्तावना
  2. राजस्थान में पर्यटन के क्षेत्र
  3. पर्यटन में बाधक तत्त्व एवं उपाय
  4. उपसंहार।

(ग) मनोरंजन के आधुनिक साधन

  1. प्रस्तावना
  2. मनोरंजन का जीवन में महत्त्व
  3. मनोरंजन के आधुनिक साधन
  4. उपसंहार।

(घ) राष्ट्रीय एकता

  1. प्रस्तावना
  2. राष्ट्रीय एकता का अर्थ एवं महत्त्व
  3. राष्ट्रीय एकता पर संकट तथा दायित्व
  4. उपसंहार।

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प्रश्न 8.
स्वयं को जोधपुर निवासी प्रतीक मानते हुए मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने के लिए निर्वाचन अधिकारी को आवेदन कीजिए। [4]
अथवा
जिला कलेक्टर अलवर को शिकायती पत्र लिखिए जिसमें गाँव में चल रहे मनरेगा कार्यों में बरती जा रही अनियमितता का वर्णन हो।

खण्ड : 3

प्रश्न 9.
विशेषण और विशेष्य से आप क्या समझते हैं? [2]

प्रश्न 10.
‘मेरे द्वारा पुस्तक पढ़ी गयी।’ वाक्य में निहित कारक, काल और वाच्य लिखिए। [3]

प्रश्न 11.
कर्मधारय समास की सोदाहरण परिभाषा लिखिए। [2]

प्रश्न 12.
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए: [2]

  1. मीता ने बहुत पैसा खर्च की।
  2. मुझे गरम भैंस का दूध दो।

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प्रश्न 13.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखिए: [2]

  1. आग-बबूला होना।
  2. टस से मस न होना।

प्रश्न 14.
‘हाथ कंगन को आरसी क्या’ लोकोक्ति का अर्थ लिखिए। [1]

खण्ड : 4

प्रश्न 15.
निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: [6]
बिहसि लखनु बोले मृदुबानी। अहो मुनीसु महा भटमानी।।
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारू। चहत उड़ावन फँकि पहारू।।
इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं । जे तरजनी देखि डरि जाहीं।।
देखि कुठारू सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना।।
भृगुसुत समुझि जनेउ बिलोकी। जो कछु कहहु सहउँ रिस रोकी।।
सुर महिसुर हरिजन अरू गाई । हमरे कुल इन्ह पर न सुराई ।।
बधे पापु अपकीरति हारें। मारतहूँ पा परिअ तुम्हारें ।।
कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा । ब्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा।।
जो बिलोकि अनुचित कहेउँ, छमहु महामुनि धीर।
सुनि सरोष भृगुबंसमनि बोले गिरा गभीर।।
अथवा
माँ ने कहा पानी में झाँककर
अपने चेहरे पर मत रीझना
आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
जलने के लिए नहीं।
वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह
बंधन हैं स्त्री जीवन के
माँ ने कहा लड़की होना
पर लड़की-जैसी दिखाई मत देना।

प्रश्न 16.
निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए: [6]
नींव का पत्थर कब कहता है जेलर साहब कि मेरी कहानी बने। उस पर खड़ा भवन ही उसकी जीवन्त कहानी होता है। अँधेरे में गलकर भी वह अजर-अमर है, चाहे उसका स्वयं का अस्तित्व उजागर न हो। इसीलिए नींव के पत्थर का महत्त्व हर कीर्ति-स्तम्भ से बढ़कर होता है।
अथवा
दादू ने कहा कि राम ही मेरा रोजगार है, वही मेरी सम्पत्ति है, उसी राम के प्रसाद से परिवार का पोषण हो रहा है। इन पंक्तियों से यह अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है कि यहाँ ऐश्वर्य का बोलबाला नहीं, गरीबी का साम्राज्य है। यह बात यहाँ रेखांकित करने लायक है कि दादू को अपनी गरीबी से कोई शिकायत नहीं है, इसे सहज जीवन स्थिति मानकर उन्होंने स्वीकार कर लिया है। गरीबी की पीड़ा का बोध और उससे उत्पन्न आक्रोश दादू की रचनाओं में कहीं भी नहीं मिलता।

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प्रश्न 17.
काव्यांश के आधार कृष्ण के सौंदर्य का वर्णन कीजिए। (उत्तर सीमा 200 शब्द) [6]
अथवा
‘प्रभो’ कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए।

प्रश्न 18.
“महावीर प्रसाद द्विवेदी का यह निबन्ध उनकी दूरगामी और खुली सोच का परिचायक है।” स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 200 शब्द) [6]
अथवा
लोकसंत पीपा के जीवन चरित्र पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 40 से 50 शब्दों में दीजिए:

प्रश्न 19.
माँ को अपनी बेटी अन्तिम पूँजी’ क्यों लग रही थी? [2]

प्रश्न 20.
‘उषा की लाली’ कविता का शिल्प-सौंदर्य लिखिए। [2]

प्रश्न 21.
‘प्रकृति-पद्मिनी के अंशुमाली’ से कवि का क्या तात्पर्य है? स्पष्ट कीजिए। [2]

प्रश्न 22.
पुस्तक लेखन के विचार पर लेखक क्यों सहम गया? [2]

प्रश्न 23.
‘दूधो नहाओ’ का आशीर्वाद फलित होने लगा, क्यों ? लिखिए। [2]

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प्रश्न 24.
ग्रेजुएट नवयुवक से लेखक की क्या बातचीत हुई? [2]

प्रश्न संख्या 25 से 28 का उत्तर एक पंक्ति में दीजिए:

प्रश्न 25.
श्रीकृष्ण के सेवक किस प्रकार के हैं? [1]

प्रश्न 26.
प्रसंग में ‘गाधि सूनु’ किसके लिए प्रयोग किया गया है? [1]

प्रश्न 27.
शंकराचार्य से किस स्त्री ने शास्त्रार्थ किया था? [1]

प्रश्न 28.
हामिद की दादी का क्या नाम था? [1]

प्रश्न 29.
निम्नलिखित रचनाकारों का संक्षिप्त परिचय दीजिए: [4]

  1. जयशंकर प्रसाद
  2. महावीर प्रसाद द्विवेदी

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प्रश्न 30.
निम्नांकित यातायात संकेतों का क्या अर्थ है? [4]
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