RBSE Class 12 Hindi Model Paper 1 are part of RBSE Class 12 Hindi Board Model Papers. Here we have given RBSE Class 12 Hindi Sample Paper 1.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 12 |
Subject | Hindi |
Paper Set | Model Paper 1 |
Category | RBSE Model Papers |
RBSE Class 12 Hindi Sample Paper 1
समयः 3.15 घण्टे
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देशः
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्रे पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में निर्धारित शब्द-सीमा में लिखें।
- प्रश्न के सभी भागों का हल एक साथ सतत् लिखें।
खण्ड – 1
प्रश्न 1.
निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (उत्तर सीमा- 20 से 30 शब्द) [4]
अहंकार, क्रोध या द्वेष हमारे मन की बाधक प्रवृत्तियाँ हैं। यदि हम इनको बे-रोकटोक चलने दें, तो नि:संदेह वह हमें नाश और पतन की ओर ले जाएगी, इसलिए हमें उनकी लगात रोकनी पड़ती है, उन पर संयम रखना पड़ता है, जिससे वे अपनी सीमाओं से बाहर न जा सकें। हम उन पर जितना कठोर संयम रख सकते है, उतना ही मंगलमय हमारा जीवन हो जाता है।
किंतु नटखट लड़कों से डॉटकर कहना- तुम बड़े बदमाश हो, हम तुम्हारे कान पकड़कर उखाड़ लेंगे- अक्सर व्यर्थ ही होता है। बल्कि उस प्रवृत्ति को और हठ की ओर ले जाकर पुष्ट कर देता है। जरुरत यह होती है कि बालक में जो सद्वृत्तियाँ हैं, उन्हें ऐसा उत्तेजित किया जाए कि दूषित वृत्तियाँ स्वाभाविक रूप से शांत हो जाए। इसी प्रकार मनुष्य को भी संयम के लिए आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है। साहित्य ही मनोविकारों के रहस्य को खोलकर सद्वृत्तियों को जगाता है। सत्य के रसों द्वारा हम जितनी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, ज्ञान और विवेक द्वारा नहीं कर सकते। उसी भाँति जैसे दुलार पुचकार कर बच्चों को जितनी सफलता से वश में किया जा सकता है, डाँट-फटकार से संभव नहीं। साहित्य मस्तिष्क की वस्तु नहीं, हृदय की वस्तु है। जहाँ ज्ञान और उपदेश असफल होती है, वहाँ साहित्य बाजी मार ले जाता है।
(अ) हमारा जीवन मंगलमय कब हो जाता है?
(ब) ‘‘साहित्य हृदय की वस्तु है।” कैसे?
प्रश्न 2.
निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (उत्तर सीमा- 20-30 शब्द) [4]
धर कर चरण विजित भृगों पर
झण्डा वही उड़ाते है,
अपनी ही अँगुली पर जो
खंजर की जंग छुड़ाते है।
पड़ी समय से होड़
खींच मत तलवों से काँटें रुककर,
फेंक-फेंक कर चलती न जवानी।
काँटों से बचकर, झुककर।
नींद कहाँ उनकी आँखों में,
जो धनु के मतवाले हैं।
गति की तृष्णा और बढ़ती है,
पड़ते जब पग में छाले है।
जागरुक की जय निश्चित है,
हार चुके सोने वाले।
लेना अनल किरीट भाल पर,
ओ ! आशिक होने वाले।
(अ) कवि के अनुसार ‘गति की तृष्णा’ से क्या अभिप्राय है और वह कब बढ़ती है?
(ब) कवि ने जवानी की क्या विशेषता बताई है?
खण्ड – 2
प्रश्न 3.
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर एक पंक्ति में दीजिए [2]
(अ) भाषा के कौनसे दो रूप होते हैं?
(ब) व्याकरण किसे कहते हैं?
प्रश्न 4.
रेखांकित शब्दों का पर्द-परिचय दीजिए [2]
(अ) यह सुन्दर खिलौना मुझे दो।
(ब) रवि बहुत भाग्यशाली है।
प्रश्न 5.
अभिधा व लक्षणा शब्द-शक्ति में अंतर बताइए। [2]
प्रश्न 6.
विरोधाभास अलंकार को उदाहरण सहित समझाइए। [2]
प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए [2]
(क) Abalition
(ख) Census
प्रश्न 8.
जिला कलेक्टर, उदयपुर की ओर से राजस्व सचिव राजस्थान सरकार को स्वच्छता अभियान हेतु बजट स्वीकृति जारी करने हेतु सरकारी पत्र लिखिए। [2]
प्रश्न 9.
निम्न विषयों में से किसी एक पर लगभग 300 शब्दों में सारगर्भित निबंध लिखिए [4]
(क) राष्ट्र-निर्माण में युवा पीढ़ी की भूमिका
(ख) राजस्थान में पर्यटन की संभावनाएँ
(ग) इंटरनेट : सूचना एवं ज्ञान का भण्डार
(घ) मेरी प्रिय पुस्तक
खण्ड – 3
प्रश्न 10.
निम्न पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (शब्द सीमा 80 शब्द) [4]
जाति न पूछो साधु की पूछि लीजिए ज्ञान।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान।
संगत कीजै साधु की कभी न निष्फल होय।
लोहा पारस परस ते, सो भी कंचन होय।।
अथवा
आखिरकार वही हुआ जिसका मुझे डर था
जार जबरदस्ती से
बात की चूड़ी मर गई।
और वह भाषा में बेकार घूमने लगी।
हार कर मैंने उसे कील की तरह
उसी जगह ठोक दिया।
प्रश्न 11.
निम्न गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (शब्द सीमा 80 शब्द) [4]
‘भय’ नामक मनोविकार दुःखात्मक संवर्ग का भाव है। मनुष्य जीवन में प्राणी-जगत की सत्ता में सुख और दु:ख मूल आधार है, मूल प्रवृत्ति है। शुक्ल जी ने इस विचार-प्रधान निबंध में भय की अनुभूति को लोक व्यवहार की दृष्टि से बड़ी सूक्ष्मता और विशदता से स्पष्ट किया है जिस पर अपना वश न हो ऐसे कारण से पहुँचने वाले भावी अनिष्ट के निश्चय से जो दुःख होता है, वह भय कहलाता है। छोटे बालक को, जिसमें यह निश्चयात्मिको बुद्धि नहीं होती, भय कुछ भी नहीं होता। जब हमारी इन्द्रियाँ दूर से आने वाली क्लेश कारिणी बातों का पता देने लगती है, तब हमारा अंत:करण भावी आपदा का निश्चय कराने लगता है, तब हमारा काम दुःख मात्र से नहीं चल सकता है, बल्कि भागने या बचने की प्रेरणा करने वाले भय से चल सकता है।
अथवा
बाजार में एक जादू है। वह जादू आँख की राह काम करता है। वह रूप का जादू है पर जैसे चुम्बक का जादू लोहे पर ही चलता है, वैसे ही इस जादू की भी मर्यादा है। जेब भरी हो और मन खाली हो, ऐसी हालत में जादू का असर खूब होता है। जेब खाली पर मन भरा न हो, तो भी जादू चले जाएगा मन खाली है तो बाजार की अनेकानेक चीजों का निमंत्रण उस तक पहुँच जाएगा कहीं हुई उस वक्त जेब भरी तब जो फिर वह मन किसकी मानने वाला है। मालूम होता है यह भी लें, वह भी लें। सभी सामान जरूरी और आराम को बढ़ाने वाला मालूम होता है। पर यह सब जादू का असर है।
प्रश्न 12.
“किसान का जीवन त्याग और मेहनत का जीवन है।” इस कथन पर अपने विचार लिखिए। (शब्द सीमा- 80 से 100) [4]
अथवा
पर्वतीय क्षेत्रों के प्राकृतिक सौन्दर्य पर एक लेख लिखिए। (शब्द सीमा- 80 से 100)
प्रश्न 13.
शमशेर बहादुर सिंह की ‘ऊषा’ कविता का प्रकृति-वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। (शब्द सीमा- 80 से 100) [4]
अथवा
‘मेरा नया बचपन’ कविता की मूल संवेदना लिखिए। (शब्द सीमा- 100)
प्रश्न 14.
सूरदास के पदों की काव्यगत विशेषता लिखिए। (शब्द सीमा- 20 से 30) [2]
प्रश्न 15.
‘जगत के चतुर चितेरे को भी मूढ़ बनना पड़ा।’- बिहारी ने ऐसा क्यों कहा है? (शब्द सीमा- 20 से 30) [2]
प्रश्न 16.
इंग्लैण्ड में विरोधी पक्ष के लिए क्या-क्या सहूलियत व सुविधाएँ है? ‘सफल प्रजातंत्र के लिए आवश्यक शर्ते’ पाठ के आधार पर बताइए। (शब्द सीमा- 20 से 30) [2]
प्रश्न 17.
‘मैं और मैं’ पाठ के आधार पर बताइए हमारा हमारे प्रति क्या अधिकार है? (शब्द सीमा- 20 से 30) [2]
प्रश्न 18.
कवि’ भूषण’ अथवा लेखक’उपेन्द्रनाथ अश्क’ का साहित्यिक परिचय परिचय दीजिए (शब्द सीमा- 80) [2]
प्रश्न 19.
हरिवंशराय बच्चन की दो रचनाओं के बारे में लिखिए। (शब्द सीमा- 20 से 30) [2]
प्रश्न 20.
‘ममता’ कहानी के लेखक व उनकी दो विशेषताएँ बताइए। [2]
खण्ड – 4
प्रश्न 21.
उसने कहा था’ कहानी के आधार पर सूबेदारनी के चरित्र की कोई दो विशेषताएँ लिखिए। (शब्द सीमा- 20 से 30) [2]
प्रश्न 22.
गाँधीजी के अनुसार आत्मा के विकास का क्या अर्थ है? (शब्द सीमा- 20 से 30) [2]
प्रश्न 23.
गौरा को मृत्यु से बचाने के लिए महादेवी जी ने क्या-क्या प्रयास किए? (शब्द सीमा- 20 से 30) [2]
अथवा
सूरजमल की राष्ट्रीय भावना से संबंधित किसी एक घटना का वर्णन कीजिए।
प्रश्न 24,
“रत्नावली का चरित्रं आदर्श भारतीय नारी का प्रतिबिम्ब है।” पाठ में आए घटनाक्रम के आधार पर स्पष्ट कीजिए। [6]
अथवा
अजंता, ऐलोरा व ऐलीफेण्टा की गुफाओं के सौन्दर्य का वर्णन पाठ के आधार पर कीजिए।
खण्ड – 5
प्रश्न 25.
रेडियों के लिए समाचार लेखन में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? [2]
प्रश्न 26.
संपादकीय क्या है? [2]
प्रश्न 27.
साक्षात्कार कितने प्रकार के होते है? [2]
प्रश्न 28.
रिपोर्ट और रिर्पोताज में क्या अंतर है? (शब्द सीमा- 40 से 60 शब्द) [3]
प्रश्न 29.
खेल पत्रकारिता पर एक टिप्पणी लिखिए। (शब्द सीमा- 40 से 60 शब्द) [3]
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