RBSE Class 12 Hindi Model Paper 4 are part of RBSE Class 12 Hindi Board Model Papers. Here we have given RBSE Class 12 Hindi Sample Paper 4.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 12 |
Subject | Hindi |
Paper Set | Model Paper 4 |
Category | RBSE Model Papers |
RBSE Class 12 Hindi Sample Paper 4
समयः 3.15 घण्टे
पूर्णांक : 80
परीक्षार्थियों के लिए सामान्य निर्देशः
- परीक्षार्थी सर्वप्रथम अपने प्रश्न-पत्रे पर नामांक अनिवार्यतः लिखें।
- सभी प्रश्न हल करने अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर-पुस्तिका में निर्धारित शब्द-सीमा में लिखें।
- प्रश्न के सभी भागों का हल एक साथ सतत् लिखें।
खण्ड – क
प्रश्न 1.
निम्नांकित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए (प्रत्येक प्रश्न के लिए उत्तर सीमा 20 से 30 शब्द है) [4]
अहंकार, क्रोध या द्वेष हमारे मन की बाधक प्रवृत्तियाँ हैं। यदि हम इनको बे रोक-टोक चलने दें, तो नि:संदेह वह हमें नाश और पतन की ओर ले जायेंगी, इसलिए हमें उनकी लगाम रोकनी पड़ती है, उन पर संयम रखना पड़ता है, जिससे वे अपनी सीमा से बाहर न जा सकें। हम उन पर जितना कठोर संयम रख सकते हैं, उतना ही मंगलमये हमारा जीवन हो जाता है।
किन्तु नटखट लड़कों से डाँटकर कहना- तुम बड़े बदमाश हो, हम तुम्हारे कान पकड़कर उखाड़ लेंगे- अक्सर व्यर्थ ही होता है। बल्कि उस प्रवृत्ति को और हठ की ओर ले जाकर पुष्ट कर देता है। जरुरत यह होती है कि बालक में जो सद्वृत्तियाँ हैं, उन्हें ऐसा उत्तेजित किया जाए कि दूषित वृत्तियाँ स्वाभाविक रूप से शान्त हो जाएँ। इसी प्रकार मनुष्य को भी आत्मविकास के लिए संयम की आवश्यकता होती है। साहित्य ही मनोविकारों के रहस्य खोलकर सद्वृत्तियों को जगाता है।
सत्य को रसों द्वारा हम जितनी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, ज्ञान और विवेक द्वारा नहीं कर सकते, उसी भाँति जैसे दुलार-पुचकार कर बच्चों को जितनी सफलता से वश में किया जा सकता है, डाँट-फटकार से संभव नहीं। कौन नहीं जानता कि प्रेम से कठोर से कठोर प्रकृति को नरम किया जा सकता है। साहित्य मस्तिष्क की वस्तु नहीं हृदय की वस्तु है। जहाँ ज्ञान और उपदेश असफल होता है, वहाँ साहित्य बाजी मार ले जाता है।
(अ) मनुष्य के मनोविकारों को दूर करने व अच्छी भावना विकसित करने का कार्य कौन करता है?
(ब) साहित्य किस तरह से मनुष्य की चित्त वृत्तियों में परिष्कार लाता है?
प्रश्न 2.
निम्नांकित अपठित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए (उत्तर सीमा 20 से 30 शब्द) [4]
एक स्त्री की दुनिया
कितनी छोटी सी_____
सपने देखना
पति की तरक्की के
पुत्र की पढ़ाई के, नौकरी के
पुत्री के सुखमय जीवन के
उसके तमाम सपनों में
एक भी सपना
उसकी अपनी दुनिया का
नहीं होता।
स्त्री की दुनिया, घड़ी की सुइयों की तरह
सरकती है प्रतिपल
कुछ भी नया नहीं होता यहाँ
पर कितना नयापन और ताजगी
दे जाती है सुबह से मध्याह्न
मध्याह्न से साँझ और साँझ से रात
साक्षी है नाम रूपों के साथ
जुड़े विशेषण।
स्त्री की दुनिया
विशेषण विहीन, केवल संज्ञा रहते हुए
बिता देती है एक पूरा कालखण्ड
लोग जिसे जिंदगी कहते हैं।
(अ) ‘विशेषण विहीन, केवल संज्ञा रहते हुए’- पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
(ब) इस कवितांश का मूलभाव अपने शब्दों में लिखिए।
खण्ड – ख
प्रश्न 3.
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर एक से दो पंक्तियों में दीजिए [2]
(क) राजस्थानी बोलियों के नाम लिखिए।
(ख) लिपि किसे कहते हैं?
प्रश्न 4.
रेखांकित शब्दों का पद परिचय दीजिए [2]
(क) महान् व्यक्ति कभी भी विषम परिस्थितियों में न्याय पथ से विचलित नहीं होते।
(ख) गत रविवार को सुभाष ने बाजार से मिठाई खरीदी।।
प्रश्न 5.
‘नाच न जाने आँगन टेढ़ा’ वाक्य में निहित शब्द-शक्ति का नाम बताइये। [2]
प्रश्न 6.
जो पावै अति उच्च पद, ताको पतन निदान। [2]
ज्यों तपि-तपि मध्याह्न लौं, अस्त होत है भान॥
– उपर्युक्त दोहे में कौनसा अलंकार है और क्यों?
प्रश्न 7.
निम्नलिखित अंग्रेजी शब्दों का अर्थ हिन्दी में लिखिए। [2]
(क) Observer
(ख) Migration
प्रश्न 8.
कार्यालय परियोजना अधिकारी, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, डूंगरपुर की ओर से जिले में संचालित विभागीय आश्रम छात्रावासों एवं खेल छात्रावासों में आवासरत छात्र/छात्राओं हेतु एक वर्ष के लिये जॉब बेसिस आधार पर भोजन बनाने, सफाई व्यवस्था, चौकीदारी एवं चतुर्थ श्रेणी कार्य हेतु मानव श्रम उपलब्ध कराने के लिए पंजीकृत संवेदक/एजेन्सी/फर्म से ई-टेंडरिंग के माध्यम से निविदा आमंत्रित किए जाने का ड्राफ्ट तैयार कीजिए। [2]
प्रश्न 9.
निम्न विषयों में से किसी एक पर लगभग 300 शब्दों में सारगर्भित निबन्ध लिखिए [4]
(क) शहरीकरण की समस्याएँ
(ख) स्वाधीनता दिवस
(ग) राजस्थान में पर्यटन की संभावनाएँ
(घ) परिश्रम ही सफलता की कुंजी है।
खण्ड़ – ग
प्रश्न 10.
निम्नलिखित पद्यांशों में से किसी एक पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए (उत्तर-सीमा लगभग 80 शब्द) [4]
जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग।
चंदन विष व्यापत नहीं, लपटे रहत भुजंग।।
रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार।
रहिमन फिरि-फिरि पोहिए, टूटे मुक्ताहार।।
अथवा
लाज भरी आँखें थीं मेरी, मन में उमंग रंगीली थी।
तान रसीली थी कानों में, मैं चंचल छैल छबीली थी।।
दिल में एक चुभन-सी थी, यह दुनिया अलबेली थी।
मन में एक पहेली थी मैं सबके बीच अकेली थी।।
मिला खोजती थी जिसको हे बचपन ! ठगा दिया तूने।
अरे जवानी के फैदे में मुझको फैसा दिया तूने।।
माना मैंने युवा काल का जीवन खूब निराला है।
आकांक्षा, पुरुषार्थ, ज्ञान का उदयं मोहने वाला है।।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (उत्तर-सीमा लगभग 80 शब्द) [4]
“देखा तुमने, सच्चाई यह है कि हरेक बात के दो पहलू हैं। जो दोनों को साध कर चलता है वही चतुर है। तुम मेरे पास किसी काम से आते हो, मैं उस पर हाँ कहता हूँ। तुम मुझे कोई सेवा सौंपते हो, मैं हाँ कहता हूँ। तुम मुझसे कुछ माँगते हो, मैं हाँ कहता हूँ। तुम सब मेरी तारीफ करते हो, क्योंकि हाँ सबको प्यारी है, पर मनुष्य का चरित्र हाँ में नहीं, ना में है। हाँ कहना आसान है, पर मनुष्य वह है जो ना कह सके और ना पर टिकी रह सके।”
अथवा
ममता ने मन में कहा-“यहाँ कौन दुर्ग है! यही झोंपड़ी न, जो चाहे ले ले, मुझे तो अपना कर्तव्य करना पड़ेगा।” वह बाहर चली आई और मुगल से बोली-“जाओ भीतर, थके हुए भयभीत पथिक! तुम चाहे कोई हो, मैं तुम्हें आश्रय देती हूँ?”मुगल ने चन्द्रमा के मन्द प्रकाश में वह महिममय मुखमण्डल देखा, उसने मन-ही-मन नमस्कार किया। ममता पास की टूटी हुई दीवारों में चली गई। भीतर थके पथिक ने झोंपड़ी में विश्राम किया।
प्रश्न 12.
‘सफल प्रजातंत्रवाद के लिए आवश्यक बातें’ शीर्षक पाठ में लेखक ने इंग्लैण्ड में सरकार के विपक्ष के नेता को दी जाने वाली सुविधाओं एवं वेतन भत्तों के विषय में क्या बताया है? (उत्तर सीमा 80 शब्द) [4]
अथवा
‘बाजार दर्शन’ पाठ में लेखक ने मन को नियंत्रण में रखने के लिए कौन-कौनसे उपाय बताये हैं? वर्णन कीजिए।
प्रश्न 13.
“कागा काको धन हरै________ जग अपनो करि लेत” दोहे कां भावार्थ लिखिए। दोहे के माध्यम से मनुष्य के किस गुण की ओर संकेत किया है? ( उत्तर सीमा 80 शब्द) [4]
अथवा
भूषण ने शिवाजी की प्रशंसा में वीर-काव्य की रचना क्यों की? उदाहरण सहित समझाइए।
प्रश्न 14.
‘बात सीधी थी पर कविता में निहित संदेश को स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 15.
‘शीतल वाणी में आग’ के होने का क्या अभिप्राय है? (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 16.
व्यापारी द्वारा नया व्यापार शुरू न करने, पंडित का शास्त्रार्थ में भाग न लेने का मूल कारण क्या हो सकता है? (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 17.
कला के संबंध में लेखक ने जो विचार व्यक्त किए हैं, उन्हें स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 18.
कवि ‘सूरदास’ अथवा लेखक ‘धर्मवीर भारती’ का साहित्यिक परिचय दीजिए। (शब्द सीमा 80) [4]
प्रश्न 19.
श्रीकृष्ण के आगमन पर वन के मोर क्या प्रतिक्रिया देते हैं? (उत्तर सीमा 20) [2]
प्रश्न 20.
‘तौलिए’ एकांकी के प्रमुख पात्रों के नाम बताइए। (उत्तर सीमा 20) [2]
खण्ड – घ
प्रश्न 21.
गाँधीजी के माँस नहीं खाने पर पड़ने वाले प्रभावों पर गाँधीजी के दोस्तों के क्या विचार थे? (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 22.
देवनारायण जी द्वारा किये गये प्रमुख कार्य बताइये। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 23.
गौरा के दूध दुहने की समस्या का स्थायी समाधान कैसे निकाला गया? (उत्तर सीमा 40) [2]
अथवा
अजन्ता की गुफाओं की कोई पाँच विशेषताएँ बताइये। (उत्तर सीमा 40)
प्रश्न 24.
सूबेदारनी के चरित्र की विशेषताओं को अंकित कीजिए। (उत्तर सीमा 80 से 100 शब्द) [6]
अथवा
अमृत लाल नागर द्वारा रचित ‘मानस का हंस’ (उपन्यास अंश) पाठ का परिचय प्रस्तुत कीजिए।
खण्ड – ङ
प्रश्न 25.
टेलीविजन के लिये समाचार लेखन की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिये। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 26.
समाचार-पत्रों में संपादकीय के महत्त्व पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 27.
ई मेल से लिये जाने वाले साक्षात्कार के प्रश्नों पर टिप्पणी कीजिए। (उत्तर सीमा 40) [2]
प्रश्न 28.
विज्ञान पत्रकारिता करते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है? (उत्तर सीमा 60) [3]
प्रश्न 29.
डायरी लेखन की शैली पर अपने विचार व्यक्त कीजिए। (उत्तर सीमा 60) [3]
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