RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण संख्यावाचका शब्दा

Rajasthan Board RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण संख्यावाचका शब्दा

संख्यावाचका – शब्दा
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नोट-एकोनविंशति (19) से नवनवति (99) तक के सभी शब्दों के रूप स्त्रीलिंग एकवचन में ही बनते हैं। इकारान्त शब्दों के रूप ‘मति’ की तरह तथा तकारान्त शब्दों के रूप में सरित् की तरह बनते हैं।

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शत्, सहस्र, लक्ष तथा कोटि संख्यावाची शब्द
शतम् (सी), सहस्रम् (हजार) एवं लक्षम् (लाख) इन तीनों के रूप नपुंसकलिंग में ‘फल’ शब्द के समान चलते हैं। ‘कोटि:’ (एक करोड़) शब्द के रूप स्त्रीलिंग में ‘मति’ शब्द के समान चलते हैं।
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संख्यावाची पद विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं तथा इनमें विशेष्य के अनुसार ही विभक्तिं का प्रयोग होता है। जैसे-
शतम् बालकाः (सौ बालक)।
पञ्चशतम् छात्राः (पाँच सौ छात्र)
सहस्राणि पुस्तकानि (हजार पुस्तकें)
लक्षम् जनाः (एक लाख लोग)
कोटिः जनाः (एक करोड़ लोग)।

अन्य संख्यावाची शब्द
(1) ‘एक’ शब्द [ एक के अर्थ में ]
नोट- ‘एक’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में केवल एकवचन में ही चलते हैं। इसके रूप ‘सर्व’ (सब) शब्द के एकवचन के समान तीनों लिंगों में बनते हैं। संख्यावाची शब्दों में सम्बोधन विभक्ति नहीं होती।
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(2) द्वि’ शब्द [ दो के अर्थ में ]
नोट–‘द्वि’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में केवल द्विवचन में ही चलते हैं। इसके स्त्रीलिंग के एवं नपुंसकलिंग के सभी रूप एक जैसे चलते हैं।
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(3) त्रि’ शब्द [ तीन के अर्थ में ]
नोट-3 से 18 तक की संख्याओं के रूप केवल बहुवचन में ही चलते हैं। ‘त्रि’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में होते हैं।
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(4) चतुर्’ शब्द [ चार के अर्थ में ]
नोट’चतुर्’ शब्द के रूप तीनों लिंगों में केवल बहुवचन में ही चलते हैं।
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(5) पञ्चन् [पाँच], (6) षष् [ छः ], (7) सप्तन् [ सात ]
नोट–पाँच से अठारह तक के शब्द-रूप केवल बहुवचन में होते हैं तथा ये तीनों लिंगों में एक समान चलते हैं।
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(8) अष्टन् [ आठ ], (9) नवन् [ नौ ], (10) दशन [ दस]
नोट–अष्टम् से दशम् तक के केवल बहुवचन में चलते हैं। तथा ये सभी तीनों लिंगों में एक समान चलते हैं।
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विशेष—दशन् शब्द के रूप के समान ही एकादशन् (ग्यारह), द्वादशन् (बारह), त्रयोदशन् (तेरह), चतुर्दशन् (चौदह), पञ्चदशन् (पन्द्रह), षोडशन् (सोलह), सप्तदशन् (सत्रह) और अष्टादशन् (अठारह) शब्दों के रूप चलते हैं।

क्रमवाची शब्द
क्रमवाची शब्द तीनों लिंगों में इस प्रकार प्रयुक्त होते हैं-
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शेष षोडशः, सप्तदशः, अष्टादशः, नवदशः या एकोनविंशः, विंशः, एकविंशः, द्वाविंशः, त्रयोविंशः, चतुर्विशः, पञ्चविशः, षड्विंशः, सप्तविंशः, अष्टाविंशः, एकोनविंशः, त्रिंशः आदि के रूप भी तीनों लिंगों में इसी प्रकार से बनते हैं।

[नोट-नवीन पाठ्यक्रम में निर्धारित 21 से 50 तक क्रमवाची शब्दों के तीनों लिंगों में रूप पाठ संख्या-14 के योग्यता-विस्तार में पूर्व में दिये जा चुके हैं।]

चत्वारिश: पञ्चाशः, षष्टिः, सप्ततिः, अशीतिः, नवतिः आदि संख्यावाची शब्दों में ‘तमप्’ प्रत्यय जोड़ने पर भी क्रमवाची बन जाते हैं। जैसे—षष्टितमः, पञ्चषष्टितमः, विंशतितमः, पञ्चविंशतितमः इत्यादि।

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अभ्यासार्थ प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठप्रश्नाः
प्रश्न 1.
‘यौतकं पातकम्’ पाठस्य क्रमः अस्ति
(क) दशमः।
(ख) षष्ठमः
(ग) पंचमः
(घ) नवमः
उत्तर:
(घ) नवमः

प्रश्ना 2.
‘स्वच्छ भारतम्” पाठस्य क्रमास्ति
(क) प्रथमः
(ख) दशमः
(ग) पञ्चदशः
(घ) एकादशः
उत्तर:
(ग) पञ्चदशः

प्रश्ना 3.
‘गीतामृतम्’ पाठस्य क्रमास्ति
(क) पञ्चमः
(ख) सप्तमः
(ग) नवमः।
(घ) द्वादशः
उत्तर:
(क) पञ्चमः

प्रश्ना 4.
‘कर्तव्यपालनम्’ पाठस्य क्रमास्ति
(क) त्रयोदशः
(ख) चतुर्दशः
(ग) पञ्चदशः
(घ) षोडशः
उत्तर:
(घ) षोडशः

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्ना
प्रश्न 1.
उदाहरणानुरूपं क्रमवाची संख्या लिखतइक्कीसवाँ छात्र – एकविंश छात्रः।।
(क) उनतीसवाँ छात्र ………………………………..।
(ख) इकतालीसवाँ छात्र ………………………………..।
उत्तर:
(क) एकोनविंशः छात्रः।
(ख) एकत्वारिंशः छात्रः।

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प्रश्न 2.
उदाहरणानुगुणं क्रमवाची संख्या लिखतइक्कीसवाँ छात्र – एकविंशः छात्रः।।
(क) तीसवाँ छात्र ………………………………..।
(ख) पच्चीसवाँ बालक ………………………………..
उत्तर:
(क) त्रिंशः छात्रः
(ख) पञ्चविंशः छात्रः।

प्रश्न 3.
उदाहरणानुरूपं क्रमवाची संख्या लिखत| यथा-पन्द्रहवाँ पाठ – पञ्चदशः पाठः
उत्तर:
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प्रश्न 4.
मञ्जूषात् अंकानां कृते पदानि चिनुत मञ्जूषा –

अष्टचत्वारिंशत, एकोनविंशतिः, अष्टात्रिंशत्, सप्तविंश

(क) 48 ………………………………..
(ख) 38 ………………………………..
(ग) 27 ………………………………..
(घ) 19 ………………………………..
उत्तर:
(क) 48 = अष्टचत्वारिंशत्
(ख) 38 = अष्टात्रिंशत्
(ग) 27 = सप्तविंश
(घ) 19 = एकोनविंशतिः।

प्रश्न 5.
मञ्जूषात् अंकानां कृते पदानि चिनुत

त्रयोदशः, एकविंशः, त्रिंशः, एकोनपञ्चाशत्

(क) 49 ………………………………..
(ख) 21 ………………………………..
(ग) 30 ………………………………..
(घ) 13 ………………………………..
उत्तर:
(क) 49 = एकोनपञ्चाशत्
(ख) 21 = एकविंशः
(ग) 30 = त्रिंशः
(घ) 13 = त्रयोदशः

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प्रश्न 6.
मञ्जूषात् अंकानां कृते पदानि चिनुत

सप्ततिः, त्रिनवतिः, चतुर्विंशतिः, पञ्चपञ्चाशत्
  1. 24 ………………………………..
  2. 55 ………………………………..
  3. 70 ………………………………..
  4. 93 ………………………………..

उत्तर:

  1. चतुर्विंशतिः।
  2. पञ्चपञ्चाशत् ।
  3. सप्ततिः।
  4. त्रिनवतिः।

प्रश्न 7.
मजूषात् अंकानां कृते पदानि चिनुत

द्वाषष्टिः, पञ्चाशत्, पञ्चनवतिः, सप्तसप्ततिः
  1. 50 ………………………………..
  2. 62 ………………………………..
  3. 77 ………………………………..
  4. 95 ………………………………..

उत्तर:

  1. पञ्चाशत्
  2. द्वाषष्टिः
  3. सप्तसप्ततिः।
  4. पञ्चनवतिः

प्रश्न 8.
मञ्जूषात् अंकानां कृते पदानि चिनुत

एकाशीतिः, षण्णवतिः, सप्तषष्टिः, चतुःपञ्चाशत्
  1. 54 ………………………………..
  2. 67 ………………………………..
  3. 81 ………………………………..
  4. 96 ………………………………..

उत्तर:

  1. चतुःपञ्चाशत्
  2. सप्तषष्टिः।
  3. एकाशीतिः।
  4. षण्णवतिः।
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