RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 19 कला एवं स्थापत्य are part of RBSE Solutions for Class 7 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 19 कला एवं स्थापत्य.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 7 |
Subject | Social Science |
Chapter | Chapter 19 |
Chapter Name | कला एवं स्थापत्य |
Number of Questions Solved | 43 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 19 कला एवं स्थापत्य
पातुगत प्रश्न एवं उनके उत्तर
गतिविधि प्रश्न
प्रश्न 1.
राजस्थान में इनके अलावा और भी दुर्ग हैं, उनके बारे में जानकारी इकट्ठी करके लिखिए।(पृष्ठ 151)
या
राजस्थान के किलों की सूची बनाएँ। उत्तर-राजस्थान के प्रमुख दुर्ग (किलै) (पृष्ठ 160)
उत्तर
क् सं. |
दुर्ग /किल्ले कानाम | स्थान | निर्माता |
1. | चित्तौड़गढ़ दुर्ग | चित्तौरगड | चित्रांगद मौर्य |
2. | कुम्भलगढ़ दुर्ग | मेवाड़ – मारवाड़ सीमा पर | महाराणा कुम्भा |
3. | रणथम्भीर दुर्ग | सवाई माधोपुर | महेश यकूर |
4. | जालोर दुर्ग | जालोर | परमार शासक धारावर्ष मुंज |
5. | तारागढ़ दुर्ग | बूंदी | राव घरसिह |
6 | महानगर दुर्ग | जोधपुर | राज्ञा पूत |
7. | सोनारगढ़ दुर्ग | जैसलमेर | महाराजारायसिंह |
8. | गागरोन दुर्ग | झालावाड़ | राज्ञा धौलाराय |
9. | जूनागढ़ दुर्ग | यीकानेर | वीरनारायण |
10. | आमेर दुर्ग | जयपुर | पंवार |
11. | सियाणां दुर्ग | सिवाना(बाडमेर) | श्याम सिंह |
12. | इदु को दुर्ग | अजमेर-जयपुर मार्ग पर | राठौड़ सामन्त कमास |
13. | नागौर का दुर्ग | नाग्र | राजा भूपत |
14. | भटनेर दुर्ग | हनुमानगद | महाराणाकुम्भा |
15. | अचलगढ़ दुर्ग | आबु | महाराजा |
16. | बयान दुर्ग | बयाना(भ२तपुर) | विजयपाल |
17. | तारागढ़ | अजमेर | अजयपाल |
18. | किना | अलवर | अलधुराय |
19. | लोहागढ़ दुर्ग | भरतपुर | महाराजासूरजमल |
प्रश्न 2.
राजस्थान के मंदिरों वा अन्य स्थानों पर स्थापित मूर्तियों के चित्रों का संग्रह कीजिए तथा इनके चित्र भी बनाने का प्रयास कीजिए। (पृष्ठ 158)
उत्तर
प्रश्न 3.
अपने आस-पास के मंदिरों की सूची अपने गुरुजी एवं बड़ों की मदद से बनाएँ। (पृष्ठ 160)
उत्तर
मेरे गुरुजी एवं चाचा जी ने मुझे यह बताया कि मेरे आस-पास वराह मंदिर, ब्रह्मा मन्दिर, बैकुण्ठनाथ मंदिर, महादेव मंदिर व रंगजी के मन्दिर स्थित हैं।
प्रश्न 4.
अपने आस-पास हवेलयों एवं छतरियों के चित्रों का संकलन कीजिए। (पृष्ठ 162)
उत्तर
पाठ्य पुसतक के प्रलोत्तर
प्रश्न एक व दो के सही उत्तर चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
पटवों की हवेलियाँ हैं
(अ) जैसलमेर में
(ब) जोधपुर में
(स) जयपुर में
(द) उदयपुर में
उत्तर
(अ) सिरोही में
प्रश्न 2.
देलवाड़ा के जैन मन्दिर हैं
(अ) सिरोही में
(ब) जोधपुर में
(स) जसपुर में
(द) उदयपुर में
उत्तर
(अ) सिरोही में
प्रश्न 3.
स्तम्भ’अ’ को स्तम्भ ‘ब’ से सुमेलित कीजिएस्तम्भ’अ’
उत्तर
1. (d), 2. (c), 3. (b), 4. (a).
प्रश्न 4.
परकोटा एवं प्राचीर क्या है?
उत्तर
परकोटा दुर्ग की रक्षा के लिए चारों ओर से उठाई गई ऊँची एवं वही दीवार होती हैं। प्राचीर का आशय चारदीवारी
प्रश्न 5.
दुर्ग किसे कहते हैं?
उत्तर
वह स्थान या क्षेत्र जिसके चारों ओर परकोटा या प्राचीर बना होता हैं, उसे दुर्ग कहते हैं।
प्रश्न 6.
चित्तौड़गढ़ के किले का निर्माण किसने करवाया ?
उत्तर
चित्रांगद मौर्य ने चित्तौड़गढ़ के किले का निर्माण करवाया।
प्रश्न 7.
चित्रशैली से क्या तात्पर्य है?
उत्तर
चित्रशैली से तात्पर्य चित्र बनाने के एक विशेष प्रकार के तरीके से हैं।
प्रश्न 8.
पौश्री चित्र शैली की क्या पहचान है?
उत्तर
गरुड़ की सी आगे निकली हुई नाक, पतली आँखें, कोटी टुडडी, रोटी अँगुलियाँ, पतली कमर इत्यादि पोथी चित्र शैली की पहचान हैं।
प्रश्न 9.
राजस्थान की मूर्तिकला की प्रसिद्ध प्रतिमाएँ कौनकौन सी हैं?
उत्तर
राजस्थान की मूर्तिकला की प्रसिद्ध प्रतिमाओं में महेश मृति, अर्धनारीश्वर, उमा महेश्वर, हरिहर च अनुग्रह आदि हैं।
प्रश्न 10.
मारवाड़ के प्रमुख मन्दिर कौन-कौन से हैं?
उत्तर
मारवाड़ के प्रमुख मन्दिरों में देलवाड़ा का जैन मन्दिर (आबूपर्वत-सिरोही), रणकपुर का जैन मन्दिर (पाली), किराडू के मन्दिर (बाड़मेर), ओस्सिया के मन्दिर (जोधपुर) एवं जैसलमेर के जैन मन्दिर आदि सम्मिलित हैं।
प्रश्न 11.
राजस्थानी चित्र शैली से क्या तात्पर्य है।
उत्तर
राजपूताना राज्य में पल्लवित (विकसित) चित्रकला ‘राजस्थानी चित्र-शैली’ के नाम से जानी जाती हैं।
प्रश्न 12.
राजस्थान में जैन मन्दिरों के किसी एक केन्द्र का विवरण लिखें?
उत्तर
देलवाड़ा के जैन मंदिर (आबू पर्वत) 11 वीं से 12 वीं सदी के सोलंकी कला के अद्भुत उदाहरण हैं। सिरोही स्थित आबू पर्वत पर देलवाड़ा में पाँच श्वेताम्बर मंदिर में एक दिगम्बर जैन मंदिर है। यहाँ स्थित विमलवसहि जैन मंदिर का निमाण गुजरात के चालुक्य महाराजा भीमदेव के मंत्री व सेनापति विमलशाह ने करवाया था। लूणबसहि मंदिर का निर्माण चालुक्य राजा वीरधवल के महामंत्री वस्तुपाल व तेजपाल ने 1230-31 ई. में करवाया था। इसके अतिरिक्त चार मंदिरों में भगवान कंधनाथ का दिगम्बर जैन मंदिर, भीमाशाह (पित्ताहर) का मंदिर खरतरवसहि पाश्र्वनाथ मंदिर व भगवान महावीर स्वामी के मंदिर भी है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में किससे राजस्थानी चित्रकला की उत्पत्ति मानी जाती है
(अ) दक्षिणी भारतीय शैली
(ब) उत्तर-पूर्वी भारतीय शैली
(स) पश्चिमी भारतीय शैली
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(स) पश्चिमी भारतीय शैली
प्रश्न 2.
यूनेस्को ने वैश्विक विरासत घोषित किया है।
(अ) आगरा के लाल किले को
(ब) दिल्ली के लाल किले को
(स) इन दोनों को
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(अ) आगरा के लाल किले को
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में किसने पाटलिपुत्र के भव्य महलों का उल्लेख किया है।
(अ) मेगस्थनीज ने
(ब) वेनसांग ने
(स) इत्सिंग ने
(द) फायन ने
उत्तर
(अ) मेगस्थनीज ने
प्रश्न 4.
रणथम्भौर क्षेत्र पर चौहान वंशीय राजाओं ने राज्य किया
(अ) 500 वर्षों तक
(ब) 600 वर्षों तक
(स) 700 वर्षों तक
(द) 800 वर्षों तक
उत्तर
(ब) 600 वर्षों तक
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में किसने अपने राज्य में लगभग 32 किलों का निर्माण करवाया?
(अ) महाराणा प्रताप
(ब) वीर अमर सिंह
(स) दुर्गादास
(द) महाराणा कुम्भो
उत्तर
(द) महाराणा कुम्भो
प्रश्न 6.
राजस्थानी चित्रों की विषयवस्तु मुख्यतया आधारित है
(अ) धार्मिक कथाओं पर
(ब) राजनैतिक गतिविधियों पर
(स) सामाजिक क्रिया-कलापों पर
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(अ) धार्मिक कथाओं पर
निम्नलिखित वाक्यों में खाली स्थान पर उपयुक्त शब्द भरिए
1. ………….. मस्जिद के पास दुनिया की मशहूर कुतुबमीनार स्थित हैं।
2. ताजमहल………….. में स्थित है।
3. अंग्रेज सरकार ने ………………… में ही आशाद हिन्द फौज के सेनानियों पर मुकदमा चलाया था।
4. इतिहासकारों का ऐसा मानना है कि……………..सभ्यता से ही ईंटों के भवन बनाने की परम्परा शुरू हुई।
उत्तर
1. कुवत उल-इस्लाम
2. आगरा
3. लाल किले
4. सिंधु-सरस्वती
अति लघुत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पोथी चित्र में किन रंगों का प्रयोग किया जाता था?
उत्तर
पोथी चित्र में लाल, नीले व पीले रंगों का प्रयोग किया जाता था।
प्रश्न 2.
इस्लामिक शैली वाला देश का प्रथम भवन समूह सम्भवतः कहाँ बना?
उत्तर
इस्लामिक शैली वाला देश का प्रथम भवन समूह संभवत: दिल्ली के पास महरौली में बना।
प्रश्न 3.
किस किले को भारत में राज्य सत्ता का द्योतक माना गया है?
उत्तर
दिल्ली के लाल किले को
प्रश्न 4.
राजस्थान के किन्हीं दो प्रसिद्ध दुर्गा के नाम लिखिए
उत्तर
- रणथम्भौर को दुर्ग (सवाई माधोपुर)
- मेहरानगढ़ (जोधपुर)
प्रश्न 5.
‘भारतीय मूर्तिकला का शब्दकोश’ किसे कहा जाता है?
उत्तर
चित्तौड़ में स्थित विजय स्तम्। को’ भारतीय मूर्तिकला का शब्दकोश’ कहा जाता है
प्रश्न 8.
राजपूताना राज्य में विकसित चित्रकला को ‘राजस्थानी चित्र-शैली’ किसने नाम दिया।
उत्तर
रायकृष्ण दास ने।
प्रश्न 7.
देवस्थान विभाग का कार्य क्या होता है?
उत्तर
सरकार द्वारा स्थापित ‘देवस्थान विभाग का कार्य सरकार द्वारा सुरक्षित देवालयों की पूजा-अर्चना कराना है।
लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
पाल शैली की विशेषताओं को लिखिए?
अथवा
पोथी चित्र शैली के बारे में बताए।
उत्तर
पाल शैली की चित्रकला की विषयवस्तु जैन व बोद्ध कथाओं पर आधारित थी। पाल शैली के चित्र ताड़ पत्र व कागज पर बनाए जाते थे। इन चित्रों को पोथी चित्र भी कहा जाता है। गरुड़ सी आगे निकली हुई नाक, पतली आँखें, छोटी बुड्डी, ऐठी अंगुलियाँ, पतली कमर आदि इस शैली की पहचान हैं। इस शैली के चित्रों में लाल, नीले व पीले रंगों का प्रयोग किया जाता था।
प्रश्न 2.
सल्तनत कालीन स्थापत्य की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए
उत्तर
दिल्ली में मुस्लिम सल्तनत को स्थापना का प्रभाव यह रहा कि यहाँ नई प्रकार की स्थापत्य कला ने जन्म लिया। इस समय यहाँ जो मस्जिदें बन उन पर पश्चिम एशिया का प्रभाव था। ऐतिहासिक साक्ष्यों से यह स्पष्ट होता है कि सम्भवतः इस्लामिक शैली वाला देश का सर्वप्रथम बनने वाला भवन समूह दिल्ली के समीप महरौली में बना।
प्रश्न 3.
दिल्ली के लाल किले का महत्व स्पष्ट कीजिए?
उत्तर
मुगल काल में निर्मित दिल्ली के लाल किले को भारत में राज्य सत्ता का प्रतीक माना जाता है। आजाद हिन्द फौज के सैनिकों को प्रेरित करते हुए सुभाष चन्द्र बोस ने लाल विले की प्राचीर से भारतीय झण्डा फहराने की बात कहीं थीं। ब्रिटिश सरकार ने आजाद हिन्द फौज के सेनानियों पर मुकदमा लाल किले में ही चलाया था।
प्रश्न 4.
दुगों की उपयोगिता स्पष्ट कीजिए?
उत्तर
सुरक्षा एवं सामरिक दृष्टि से राजाओं के लिए दुर्गे का अत्यधिक महत्व था। इसके अलावा ये दुर्ग आवास, सैना और सामान्य लोगों के निवास हेतु सर्वथा उत्तम थे। दुर्गों में अनाज के भण्डारण, जलाशय आदि की व्यवस्था होती थी। आपातकालीन स्थिति में दुर्ग में इतनी व्यवस्था होती थी कि कई महीने बिना परेशानी, बिना किसी समस्या के लोग दुर्ग के अन्दर तब तक रह सकते थे जब तक कि दुश्मन की सेना को हरा न दें।
प्रश्न 5.
शासकों द्वारा निर्मित पहाड़ी क्षेत्र के दुर्गों एवं मैदानी क्षेत्र के दुर्गों में क्या अतर होता था?
उत्तर
सुरक्षा के दृष्टिकोण से शासकों द्वारा निर्मित पहाड़ी क्षेत्र के दुर्गों एवं मैदानी क्षेत्र के दुग में मूल अन्तर ग्रह होता था कि पहाड़ी क्षेत्र के दुर्ग के आस-पास अनेक गहरी खाइयाँ बनाई जाती थीं जिनमें पानी भरकर दुश्मनों को रोका जा सकता था जबकि मैदानी क्षेत्र के दुर्गों के चारों ओर चौड़ी खाइयाँ बनाई जाती थीं जिनमें संकरे गार्ग भी होते थे इन छाइयों को नदी अथवा तालाब से जोड़ा जाता था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
राजस्थान की स्थापत्य कला का विस्तार से वर्णन कीजिए?
उत्तर
राजस्थान की स्थापत्य कला के बारे में हमें प्रामाणिक जानकारी सिंधु सभ्यता के उत्खनन और राजस्थान में कालीबंगा
( हनुमानगढ़) और आहाड़ सभ्यता के उत्खनन से मिलती हैं। सिन्धु-सरस्वती सभ्यता के दौरान ईंटों से भवन बनाने की परम्परा से राजस्थान की स्थापत्य कला भी अछूती नहीं रहीं। मौर्य युग के दौरान राजस्थान में लकड़ी से बने भवनों और राजमहलों के निर्माण का प्रमाण मिलता है। राजस्थान की स्थापत्य कला को महत्वपूर्ण बात यह थी कि अनेक इमारतें महँगी एवं खूबसूरत होग से बनाई जाती थी ताकि यह स्पष्ट हो कि इमारत में रहने वाला तथा उसे बनाने वाला महान व्यक्ति धा। आगे चलकर स्थापत्य के स्वरूप में बदलाव आया। इस बदलाव को हम अग़लखित रूप में देख सकते हैं
- नगरीय स्थापत्य
- दुर्ग निर्माण
- स्तूप
- मन्दिर
- पुर अथवा नगर और
- ग्रामीण स्थापत्य
प्रश्न 2.
राजस्थान के मन्दिरों के बारे में विस्तार से समझाइए?
उत्तर
ऐतिहासिक प्रमाणों से यह बात स्पष्ट होती है कि मन्दिरों का विकास गुप्तकाल में हुआ जबकि शिश्वर मन्दिरों के निर्माण की शुरुआत उत्तर गुप्त काल में हुई। आगे चलकर इन मन्दिरों का विकास गुर्जर-प्रतिहार, गुहिल, चन्देल, राई, परमार, सोलंकी, चालुक्य व पाल शासकों के समय में होता रहा। राजस्थान में मध्य काल में कई महत्वपूर्ण मन्दिरों का निर्माण हुआ। इन मन्दिरों का निर्माण महाराजाओं, रानियों, जागीरदारों आदि द्वारा समय-समय पर करवाया जाता था। सम्पूर्ण राजस्थान के मन्दिरों को हम मेवाड़ क्षेत्र, मारवाड़ क्षेत्र, शेखावटी-जयपुर क्षेत्र आदि में विभक्त कर, समई सकते हैं। ये मन्दिर राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए
(क) मुगलकालीन स्थापत्य
(ख) राजस्थान की चित्रकला
उत्तर
(क) मुगलकालीन स्थापत्य – मुगल शासकों द्वारा बनवाई गई इमारतों, मकबरों, मस्जिदों आदि पर मध्य एवं पश्चिमी एशिया की स्थापत्य कला का बहुत प्रभाव था। मुगल स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना दिल्ली में स्थित हुमायूँ का मकबरा और आगरा में स्थित ताजमहल है। मुगल काल में किले विभिन्न दृष्टिकोण से बनाए गए थे जैसेशाहजहाँ द्वारा निर्मित दिल्ली का लाल किला निवास करने के लिए उपयुक्त था, युद्ध अथवा सैन्य दृष्टि से इसका कोई महत्व नहीं था। जबकि आगरा में बना लाल किला सामरिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण था।
(ख) राजस्थान की चित्रकला- राजस्थान की चित्रकला को राजस्थानी चित्र शैली के नाम से जानते हैं। भारत में मुगल साम्राज्य के पतन के बाद उसके संरक्षण में रह रहे चित्रकार इ. र उधर भटकने को मजबूर हुए। परिणामस्वरूप उन्हें अन्य राजाओं/शासकों को शरण लेनी पड़ी। इस प्रकार ये चित्रकार राजस्थान में भी आ गए, जिसका प्रभाव राजस्थानी चित्रकला पर पड़ा। वस्तुत: मुगल चित्रकारों ने स्थानीय चित्रकारों के साथ काम करके एक नई शैली को जन्म दिया जो स्थानीय विशेषताओं के कारण स्वतन्त्र शैली के रूप में विकसित हुई। इस प्रकार राजस्थानी चित्रकला का विकास हुआ।
प्रश्न 4.
राजस्थान की मूर्तिकला को विस्तारपूर्वक समझाइए?
उत्तर
राजस्थान की मूर्तिकला गुप्तयुगीन मूर्तिकला की परम्परा के प्रभावों से प्रभावित रही। चूंकि राजस्थान में वैष्णव, शैव, शाक्त आदि धमों के साथ-साथ जैन धर्म को भी राजाओं का संरक्षण प्राप्त था। ऐसी स्थिति में इन धर्मों से सम्बन्धित देवी-देवताओं की मूर्तियों का पर्याप्त संख्या में निमाण हुआ। मूर्ति निर्माण में यद्यपि सभी यशों का कुछ न कुछ योगदान रहा किन्तु प्रतिहार वंश का योगदान सवाधिक रहा। राजस्थान में निर्मित मूर्तियों में कालान्तर में भारतीय प्रतिमा विज्ञान के नियमों का पालन किया गया है। राजस्थानी मूर्तियों की प्रधान विशेषताएँ आभूषण, परिधान एवं कैश विन्यास युक्त मूर्तियों का निर्माण है।
प्रश्न 5.
राजस्थान के किन्हीं चार प्रमुख दुर्गा का उल्लेख कीजिए?
उत्तर
वैसे भी राजस्थान में अनेकानेक दुर्ग हैं किन्तु चार प्रमुख दुर्गा का विवरण निम्नलिखित है
- तारागढ़ दुर्ग – बूंदी स्थित इस दुर्ग का निर्माण राव बरसिंह ने करवाया था। दुर्ग के चारों ओर दृढ़ दीवार का निर्माण किया गया है। दिल्ली सल्तनत एवं मुगल बादशाहों द्वारा समय-समय पर आक्रमण करके इसे नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया किन्तु हाड़ा राजाओं ने सदैव इसको रक्षा की।
- रणथम्भौर का दुर्ग- इस दुर्ग के समान दुर्गम और अभय दुर्ग संभवत: देश में दूसरा नहीं हैं। वर्तमान समय में यह दुर्गाथम्भौर वाघ परियोजना’ के दायरे में आ गया है।
- जालोर का दुर्ग- इस दुर्ग का निर्माण परमार राजाओं ने करवाया था। दुर्ग पर मुस्लिम पीर मलिक शाह की मस्जिद स्थित है। यह दुर्ग प्राचीरों के कुछ भाग को लेकर अब भी अच्छी स्थिति में है।
- चित्तौड़गढ़ का दुर्ग- इस दुर्ग का निर्माण मौर्य वंशी शासक चित्रांगद मौर्य द्वारा करवाया गया। सिसोदिया शासकों द्वारा इसके निर्माण में और अभिवृद्धि की गई।
प्रश्न 6.
निम्नलिग्नाित का ध्यात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए
(क) राजस्थान की हवेलियाँ
(ख) राजस्थान की छतरियाँ
उत्तर
(क) राजस्थान की हवेलिया- राजधान में निर्मित हवेलियाँ ऐसी विशाल एवं भव्य इमारतें हैं जो समृद्ध शासको व्यक्तियों द्वारा बनवाई गई। राजस्थान के शेखावाटी के श्रेष्ठ ने अपने-अपने गाँव में विशाल हवेलिय बनवाने को परम्परा डाल दी। रामगढ़, नवलगढ़ और मुकुन्दगढ़ आदि की हवेलियाँ, हवेली शती स्थापत्य के उत्तम उदाहरण हैं। पत्थर की ली और कटाई के कारण जैसलमेर की सालमसिंह की हवेली, नथमल की हवेली और पटवों की इली सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध हैं।
(ख) राजस्थान की छतरिया- राजस्थान के राजाओं तथा श्रेष्ठ यगों की याद में बनाए गए विशिष्ट स्मारकों को स्तरियाँ कहते हैं। मंस तो राजस्थान में अनेकानेक तरियों का निर्माण हुआ है किन्तु शेखावटी की छतरियाँ अपनी निर्माण कला के कारण अत्यन्त आकर्षक हैं। रामगोपाल पोद्दार की छतरी तो पूरे शेखावटी सम्भाग में सबसे बड़ी छतरी मानी जाती हैं। इसी तरह अलवर की छतरियाँ और मंडोर की छतरियाँ अपनी अनुपम इटावा के कारण इतिहास को निधि हैं।
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